प्यार की झूठी कसमें

लेखिका- किरण बाला

‘‘तुम्हारी कसम, मैं तुम से दिल से प्यार करता हूं. तुम्हारे बगैर एक पल भी नहीं रह सकता. यकीन न हो तो तुम्हारे कहने पर अपनी जान भी दे सकता हूं.’’

विशाल और नेहा के बीच कुछ समय से अफेयर चल रहा था. पहले वे लुकछिप कर मिलते थे. फिर उन के बीच फिजिकल रिलेशन भी बनने लगे. नेहा ने कईर् बार उस से कहा कि यदि तुम मुझ से प्यार करते हो तो घर आ कर मेरे पापा या भैया से बात क्यों नहीं करते?

विशाल यह कह कर बात टाल देता कि शीघ्र ही वह आ कर उस के परिजनों से बात करेगा. इसी बीच उसे पता चला कि विशाल ने किसी अन्य लड़की से सगाई कर ली.

नेहा के पैरोंतले जमीन खिसक गई. जो विशाल कल तक प्यार की कसमें खाते नहीं थकता था, वह उसे इस तरह धोखा दे देगा, यह उस ने सपने में भी न सोचा था.

विशाल को फोन कर नेहा ने व्यंग्य किया, ‘‘सगाई की बहुतबहुत बधाई.’’

‘‘नेहा, तुम मेरी मजबूरी समझो. पेरैंट्स के दबाव की वजह से मुझे रिश्ता स्वीकारना पड़ा. मुझे माफ कर देना.’’ ऐसा कह कर विशाल ने पल्ला  झाड़ लिया.

प्रेमी द्वारा प्यार की  झूठी कसमें खाने और फिर उस के मुकर जाने से नेहा का प्यार पर से विश्वास उठ गया.

यह तो एक उदाहरण मात्र है. विशाल की भांति ऐसे कई लड़के हैं जो प्रेम का नाटक करने में माहिर हैं और  झूठी कसमें खा कर लड़की के जज्बातों से खेलते हैं. उन के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और जब वे प्रैग्नैंट हो जाती हैं तो उन का अबौर्शन करा देते हैं या उन की कोख में पल रहे बच्चे को अपना मानने से इनकार कर देते हैं. उन से शादी करना तो दूर, दूध में मक्खी की भांति उन्हें बाहर निकाल फेंकते हैं.

आमतौर पर लड़कियां भोली होती हैं. वे अपने प्रेमियों पर भरोसा कर लेती हैं. जब प्रेमी प्यार की कसमें खाता है तो उस पर अविश्वास करने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता. लेकिन जब प्रेमी के मन में पहले से ही दुर्भावना हो तो उसे प्रेमिका को धोखा देते देर नहीं लगती. वक्त पर वह पाला बदल लेता है और प्रेमिका देखती रह जाती है.

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उन प्रेमियों की कमी नहीं है जो आसमान से चांदतारे तोड़ कर लाने की कसमें खाते हैं, लेकिन क्या आज तक कोई भी प्रेमी अपनी यह कसम पूरी कर सका है?

प्रेमिका को रिझाने के लिए या अपने प्यार का यकीन दिलाने के लिए प्रेमी अपनी जान देने की बात करते हैं, लेकिन क्या प्रेमियों ने अपनी जान दे कर अपनी कसम को पूरा किया है? जाहिर है ये कसमें छलावा मात्र हैं.

जो सच्चे प्रेमी होते हैं वे किसी तरह की कसमें नहीं खाते और न ही उन्हें इस की जरूरत होती है. ये तो उन कथित प्रेमियों के हथकंडे हैं जो लड़कियों को एक भोग वस्तु सम झते हैं, इस से ज्यादा कुछ नहीं. इसलिए उन का शारीरिक और मानसिक शोषण करने में उन्हें जरा भी लाजशर्म नहीं आती.

आप का प्रेमी सच्चा है या  झूठा, इस का परीक्षण आप कई स्तरों पर कर सकती हैं. जो सच्चा प्यार करता है वह कभी भी आप से शरीर की मांग नहीं करेगा. अन्य शब्दों में, शारीरिक संबंध के लिए न तो बाध्य करेगा, न इस के लिए उकसाएगा. बल्कि यदि आप आगे हो कर इस की पहल करती हैं तो वह सख्ती से रोकेगा. उस की नजर में शादी के पूर्व शारीरिक संबंध बनाना ठीक नहीं.

सच्चा प्रेमी शारीरिक संबंधों के लिए शादी तक इंतजार करेगा. इस के विपरीत, प्रेम का नाटक करने वाला येनकेन प्रकारेण आप से शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करेगा. शादी करने का वादा कर के संबंध बनाने हेतु विवश कर देगा. वह तरहतरह की झूठी कसमें खा कर आप को यकीन दिला देगा ताकि आप शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने के लिए सहमति दे दें. लेकिन वह आप से शादी कभी करेगा ही नहीं. उस का इरादा तो शुरू से ही धोखा देना होता है.

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सच्चा प्रेमी सुखदुख में साथ देने की कसमें खाता नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर हाजिर होता है. जबकि  झूठे प्रेमी विपत्ति की घड़ी का बहाना बना कर कन्नी काट लेते हैं क्योंकि उन्हें उस के सुखदुख से कोई वास्ता नहीं होता.

हर लड़की को इस बात की सम झ होनी चाहिए कि वह सच्चे और  झूठे प्रेमी में अंतर कर सके. कसमें तो होती ही तोड़ने के लिए हैं. इसलिए उन पर यकीन न करें. एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि शादी से पूर्व अपना शरीर उस के हवाले न करें. सच्चा प्रेमी आप के कहने पर आप के परिजनों से मिलेगा. जबकि  झूठा प्रेमी परिजनों से मिलने का वादा तो करेगा लेकिन मिलेगा कभी नहीं. इसलिए सावधान रहें,  झूठे प्रेमी और उन की  झूठी कसमों से.

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