जानिए तनुश्री के आरोपों पर शक्ति कपूर ने क्या कहा

आशिक बनाया आपने, भागम भाग जैसी फिल्मों से खासा नाम कमाने वाली एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने कुछ दिनों पहले मीटू कैंपेन के तहत बड़े खुलासे किए थे. तनुश्री ने आलोक नाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनके इस आरोप के बाद कई महिलाओं ने सोशल मीडिया के जरिए उनपर हुए उत्पीड़न की दास्तां कही जिससे कई बड़े नाम शर्मसार हुए. इसी बीच एक सवाल जवाब में एक्टर शक्ति कपूर ने इस मुद्दे पर चुटकी ले ली. इस मुद्दे पर एक पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए शक्ति ने कहा कि दस साल पहले जब यह घटना हुई उस समय वह बच्चे थे.

आपको बता दें कि तनुश्री दत्ता ने आरोप लगाया था कि नाना पाटेकर ने 2008 में एक फिल्म में दौरान उनके साथ बदसलूकी की थी. तनुश्री ने कहा था कि नाना पाटेकर ने फिल्म के एक गाने की शूटिंग के दौरान उनके साख दुर्व्यवहार किया. उन्होंने आगे ये भी कहा कि किसी ने उन्हें कुछ भी नहीं कहा. उन्हें लोगों का मौन समर्थन हासिल था.

इस विवाद पर पत्रकारों से बात करते हुए शक्ति कपूर ने कहा कि, मैं कल अमेरिका से आया हूं तो मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं है. अगर मैं कुछ कहूं तो यह गलत होगा. आप मुझे बताओ कि क्या हुआ.” जब एक पत्रकार ने उन्हें इस मामले के बारे में बताया तो अभिनेता ने कहा, “मुझे नहीं पता दस साल पहले क्या हुआ, उस समय मैं बच्चा था.

#MeToo: हिरानी पर लगे आरोप पर बौलीवुड स्टार्स ने क्या कहा

हाल ही में बौलीवुड के फेमस डायरेक्टर राजकुमार हिरानी पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगा. राजकुमार की एक फीमेल असिस्टेंट ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. पीड़िता का आरोप है कि हिरानी ने उसके साथ करीब 6 महीने तक शोषण किया. इस आरोप से बौलीवुड के बहुत से लोग हैरान हैं. कई कलाकार हिरानी के सपोर्ट में भी आ गए हैं. आइए जानते हैं कि वो कौन से एक्टर्स हैं जो राजू के सपोर्ट में खड़े हैं और उन्होंने क्या कहा.

राजकुमार हिरानी के समर्थन में फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर आए. बोनी ने कहा कि राजकुमार बहुत ही अच्छे इंसान हैं, वो ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते. बोनी ने आगे कहा कि, मुझे इस आरोप पर विश्वास नहीं है। वह ऐसा कभी नहीं कर सकता, कभी भी नहीं.

एक्टर इमरान हाशमी ने कहा कि, यह सिर्फ आरोप हैं और जब तक यह आरोप साबित नहीं हो जाते हैं तब तक इस पर कुछ भी कहना सही नहीं होगा.

मुन्ना भाई सीरीज में हिरानी के साथ काम कर चुके अरशद वारशी का कहना है कि, एक इंसान और एक व्यक्तित्व के तौर पर राजू कैसे हैं तो मैं यही कहूंगा कि वे एक अद्भुत और सभ्य व्यक्ति हैं. मेरे लिए भी बाकी लोगों की तरह यह खबर शौकिंग है.

आलोक नाथ पर हैरेसमेंट का आरोप लगाने वाली विंटा नंदा ने इस प्रकरण पर खेद जताया है. विनता ने राजकुमार हिरानी के वकील आनंद देसाई के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा कि #MeToo का यह नया आरोप काफी परेशान करने वाला है. महिलाएं किस पर भरोसा करें?

क्या है राजकुमार हिरानी की प्रतिक्रिया

इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राजू ने खुद जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि कि जब दो महीने पहले मुझे इन आरोपों के बारे में बताया गया तो मैं शौक्ड रह गया. मैंने कहा कि किसी भी समिति या कानूनी संस्था से मामले की जांच कराई जानी चाहिए. लेकिन शिकायतकर्ता ने मीडिया में जाने का विकल्प चुना. उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ता के साथ कहता हूं कि ये सारे आरोप झूठे हैं और मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इन्हें फैलाया गया है.

#MeToo: नाना-तनुश्री मामले में आया नया मोड़, ये एक्ट्रेस देगी गवाही

मीटू मामले में नाना पाटेकर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल तनुश्री और नाना पाटेकर के मामले में मुंबई पुलिस ने नोटिस भेजकर बौलीवुड एक्ट्रेस डेजी शाह को बुलाया है. डेजी का बयान दर्ज करने के लिए उन्हें बुलाया गया है. ओशिवार थाने की ओर से कहा गया है कि जब ये घटना घटी उस वक्त सेट पर डेजी शाह भी मौजूद थी. डेजी उस गाने की असिस्टेंट कोरियोग्राफर थी. वो गणेश आचार्य के साथ गाने में काम कर रही थी.

daisy shah to testimony

सदमे में थी तनुश्री

इस मामले में मीडिया से बात करते हुए डेजी ने बताया था कि, ‘मैंने तनुश्री के साथ 3 दिन तक गाने की प्रैक्टिस की थी. शुरुआती दो दिन बहुत अच्छे बीते किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई. तीसरे दिन कुछ हुआ था, लेकिन क्या ये मुझे ठीक से नहीं पता और न ही मैं इसके बारे में कुछ भी जानती हूं.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘इसके बाद तनुश्री ने 4 घंटे तक खुद को वैनिटी में बंद कर लिया था. उन्हें सेट से निकालने में भी दिक्कत हुई.’

दर्ज है नाना के खिलाफ मामला

आपको बता दें कि मीटू अभियान के तहत तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे. इस मामले में मुंबई ओशिवारा थाने में FIR दर्ज कराई गई थी. अपनी शिकायत में तनुश्री ने नाना के अलावा कोरियोग्राफर गणेश आचार्य और प्रोड्यूसर सामी सिद्दीकी, डायरेक्टर राकेश सारंग और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) के कुछ कार्यकर्ताओं के भी नाम लिए हैं. तनुश्री ने आईपीसी की धारा 354A और 509 के तहत केस दर्ज किया है.

‘मीटू’: ढीली पैंटों का टूटा नाड़ा

कहने को तो ‘मी टू’ मामूली से 2 शब्द हैं, लेकिन इन्हीं 2 शब्दों के जरीए औरतों ने अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानी बेबाकी के साथ सुना दी है.

इस मूवमैंट का मकसद है कि हर वह शख्स जो कभी यौन उत्पीड़न या छेड़खानी का शिकार हुआ है, वह ‘मी टू’ के साथ अपनी स्टोरी शेयर करे. लाखों लोग इस कैंपेन का हिस्सा बन रहे हैं और उन्होंने आगे बढ़ कर सोशल मीडिया पर आपबीती सुनाई है.

पिछले कई सालों से फिल्मों से गायब रही ‘मिस इंडिया’ रह चुकी फिल्म हीरोइन तनुश्री दत्ता ने फिल्म कलाकार नाना पाटेकर पर कई आरोप लगा दिए. उन्होंने बताया कि किस तरह 10 साल पहले एक फिल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था.

इस खुलासे ने तो मानो जैसे पीड़ित औरतों को हिम्मत देने का काम किया क्योंकि बहुत सी औरतों या लड़कियों ने ऐसे छिपे आरोपियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अब धड़ल्ले से लिखना शुरू कर दिया है.

बौलीवुड हो या राजनीति, मीडिया हो या आम आदमी ‘मी टू’ मुहिम की लिस्ट में रोजाना कई लोगों के नाम जुड़ रहे हैं. अब तक 100 से भी ज्यादा मामले सोशल मीडिया पर आ चुके हैं. इन मामलों में साजिद खान, एमजे अकबर, सुभाष घई, नाना पाटेकर, चेतन भगत, आलोकनाथ, कैलाश खेर जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं.

मीटू’ के साथ निकले बोल

अगर हम सोशल मीडिया पर नजर डालें तो ज्यादातर आरोप कई सालों बाद लगाए जा रहे हैं. सोचने वाली बात यह है कि अगर किसी लड़की या औरत के साथ छेड़खानी हुई थी तो उन्होंने उस वक्त शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई थी? उन में अचानक जो यह हिम्मत देखने को मिल रही है, क्या वह दिखावा तो नहीं है? ऐसे कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में घूम रहे हैं.

हमारे देश का कानून सब के लिए बराबर है लेकिन बात जब औरतों की इज्जत की आती है तो बराबरी नाम का यह नकाब कहीं गिरा हुआ नजर आता है.

जी हां, हमारे देश में रेप के ऐसे कई अनगिनत मामले हैं जिन्हें आज तक दर्ज भी नहीं किया गया है. पीडि़त औरतों को मना किया जाता है, धमकियां दी जाती हैं. वे हिम्मत भी करती हैं तो उन्हें रोक दिया जाता है.

लेकिन आज ‘मी टू’ मुहिम ने देशभर में औरतों को अपने हक की लड़ाई को जीतने की प्रेरणा दी है.

प्रिया रमानी, विंता नंदा, फ्लोरा सैनी, नताशा हेमरजानी ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर ‘मी टू’ का इस्तेमाल कर के अपने साथ हुए यौन शोषण को बखूबी बिना किसी डर के लोगों तक पहुंचाया है.

‘मी टू’ मुहिम का ही असर है कि अब तक बौलीवुड के कई नामचीन लोग नप चुके हैं. नाना पाटेकर को फिल्म ‘हाउसफुल 4’ से निकाल दिया गया. यही हश्र इस फिल्म के डायरैक्टर साजिद खान का हुआ. गायक कैलाश खेर को दीवाली के एक प्रोग्राम में पहले न्योता दिया गया, फिर मना कर दिया. म्यूजिक डायरैक्टर अनु मलिक को चल रहे एक टैलीविजन शो से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

इस के बाद भी मर्दों द्वारा अपने ऊपर जुल्म ढहाने के औरतों के किस्सों में कोई कमी नहीं आई है. अब तो डौली बिंद्रा ने राधे मां को ही कठघरे में खड़ा कर दिया कि कैसे राधे मां ने चंडीगढ़ में एक आला पुलिस अफसर के आवास पर उन का यौन शोषण कराया.

डौली बिंद्रा ने इस बारे में एक ट्वीट करते हुए बताया कि साल 2015 में राधे मां और उन के भक्तों ने उन्हें चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस के एक आला अफसर के आवास पर यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया था.

इसी तरह बौलीवुड की हीरोइन शमा सिकंदर ने बताया, ‘‘अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में जब मैं महज 14 साल की थी, तब एक डायरैक्टर ने मेरी जांघ पर हाथ रखा था. मैं ने उसी समय मना किया और उन्हें दूर कर दिया.

‘‘तो उस ने मुझ से कहा, ‘तुम्हें क्या लगता है, तुम स्टार बन जाओगी. यहां कोई नहीं छोड़ेगा तुम्हें. अगर कोई डायरैक्टर नहीं, तो कोई ऐक्टर या प्रोड्यूसर तुम्हारा शोषण करेगा. तुम उस के बिना यहां नहीं बढ़ सकतीं.’’’

‘मी टू’ की यह आग उत्तर भारत की फिल्म इंडस्टी से दक्षिण भारत के टौलीवुड की ओर बढ़ चली है. वहां की एक कन्नड़ हीरोइन श्रुति हरिहरन ने अपने फेसबुक पोस्ट पर ‘मी टू’ मुहिम की तारीफ करते हुए साल 2016 में हीरो अर्जुन सरजा द्वारा गलत तरीके और गैरपेशेवर हरकत करने का आरोप लगाया है.

हालांकि इस बात पर अर्जुन नाराज हो गए और उन्होंने श्रुति हरिहरन पर 5 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा ठोंक दिया.

इस मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष डाक्टर साई अनामिका का कहना है, ‘‘मैं औरतों की इस हिम्मत को सलाम करती हूं. हमारे समाज में औरतों को खिलौना समझा जाता है लेकिन खुशी की बात यह है कि यह खिलौना अब टूटने वालों में से नहीं है.’’

डाक्टर साई अनामिका ने एमजे अकबर पर निशाना साधते हुए कहा कि इस आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. यह औरतों के हक की लड़ाई है. इसे आंदोलन के नजरिए से ही देखा जाना चाहिए.

हमारे समाज में जब किसी लड़की या औरत के साथ कुछ गलत होता है तो उसे चुप रहने को बोला जाता है. उस वक्त न समाज साथ देता है, न कानून. ऐसे में एक पीडि़ता खुद को अकेला, बेबस, कमजोर समझने लगती है. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि वह अपने साथ हुए अपराध को भूल जाए. वह रास्ता ढूंढ़ती है इंसाफ पाने का और अब वह रास्ता उसे मिल गया है. ‘मी टू’ मुहिम की वजह से अब न चाहते हुए भी हमारे समाज, कानून और मीडिया को इन मुद्दों पर नजर डालनी ही पड़ेगी.

एम्स की स्टूडैंट स्वाति पुरोहित का कहना है, ‘‘मैडिकल स्टूडैंट्स को अकसर ऐसे हालात का सामना करना पड़ता है जब वे यौन शोषण का शिकार तो हो जाती हैं लेकिन अपने साथ हुए इस अत्याचार को कैंपस की चारदीवारी में ही बंद कर देती हैं. अगर शिकायत दर्ज कराई गई तो कैरियर चौपट हो सकता है. यही वजह है कि ऐसी तमाम लड़कियां अपने साथ हुए शोषण को अपने अंदर ही दफन कर लेती हैं. लेकिन ‘मी टू’ द्वारा हम अपनी बात कानून व समाज तक आसानी से पहुंचा सकती हैं.’’

क्या बदलाव आएगा

इसे डर कहें या बदलाव, इस से औरतों को सुकून तो मिल ही रहा है. ‘मी टू’ मुहिम ने मर्दों को डर के साए में रहना तो सिखा ही दिया है. कल तक जो लोग औरतों के करीब आने का जुगाड़ ढूंढ़ते थे, ‘मी टू’ ने उस जुगाड़ का ही खात्मा कर दिया है.

मैट्रो ट्रेन में अकसर भीड़ होती है और इस भीड़ में कुछ मर्दों की पैंट ढीली हो ही जाती है लेकिन अब इन ढीली पैंट वाले मर्दों ने भी ऐक्सट्रा नाड़ा खरीद लिया है. अब वे चार कदम दूरी बना कर चलना पसंद करते हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफैसर साधना सिंह का कहना है, ‘‘पहले हमारे समाज में लड़कियां बोलने की हिम्मत नहीं रखती थीं. अगर इतने सालों बाद भी उन में हिम्मत देखने को मिल रही है तो सिर्फ ‘मी टू’ मुहिम की वजह से. जिन लोगों का कहना है कि इतने सालों बाद ये इलजाम क्यों? उन के लिए मैं कहना चाहूंगी कि औरतों को हमेशा एक उम्मीद और एक सही दिशा की जरूरत होती है और आज वह दिशा उन्हें ‘मी टू’ के रूप में मिल गई है.

‘‘किसी पर आरोप लगाने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है. लड़कियां सिर्फ कैरियर बनाने की वजह से ही चुप नहीं रहतीं. इस के अलावा भी कई वजहें होती हैं जो उन्हें चुप रहने को मजबूर कर देती हैं.

‘‘जहां तक औरतों के झूठ बोलने की बात है तो आलोकनाथ के बारे में तो सब जानते हैं कि नशे की हालत में वे इनसान भी नहीं रहते. ऐसे में उन पर लगाया गया इलजाम झूठ कैसे हो सकता है?

‘‘मेरा मानना है कि 100 में से 98 फीसदी औरतें झूठ नहीं बोल सकतीं. ‘मी टू’ मुहिम एक अच्छी पहल है. इसे एक आंदोलन के रूप में देखा जाना चाहिए.’’

हमारे देश में बलात्कार जैसे मुद्दे हर रोज पुलिस चौकी में आते हैं लेकिन इन को बाहर से ही रफादफा कर दिया जाता है. कानून पूंजीवादियों का गुलाम बनता जा रहा है और इस गुलामी की सजा पीडि़तों को सहनी पड़ रही है.

‘मी टू’ मुहिम का आने वाले दिनों में क्या रूप देखने को मिलेगा, यह तो अभी नहीं कहा जा सकता, पर इतना तो पक्का है कि जो लोग औरतों और लड़कियों को वर्कप्लेस पर अपनी बपौती समझते थे, वे अब थोड़ा डर कर रहेंगे.

मी टू’ पर कौन क्या बोला

‘मी टू’ अभियान महिलाओं का समर्थन करता है लेकिन उन्हें इस का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. उन्हें इस का सही माने में इस्तेमाल करना चाहिए.

रजनीकांत, फिल्म कलाकार.

मैं ‘मी टू’ अभियान के तहत यौन उत्पीड़न की अपनी कहानियों को साझा करने वाली महिलाओं के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा हूं क्योंकि मैं उन की इस पीड़ा को बखूबी समझता हूं. मैं ने कई साल पहले उत्पीड़न का सामना किया था, लेकिन वह यौन प्राकृतिक नहीं था.

सैफ अली खान, फिल्म कलाकार.

महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ करने वालों को सबक तो सिखाना ही चाहिए. काम पर जाने वाली महिलाओं को उन के काम की जगह पर पूरा सम्मान मिलना ही चाहिए. अगर कोई इस का उल्लंघन करता है या उस के सम्मान में बाधा पहुंचाता है तो उसे सबक सिखाना चाहिए.

लता मंगेशकर, गायिका.

महिलाओं के साथ इज्जत और गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए. मुझे खुशी है कि ऐसा नहीं करने वालों के लिए अब जगह खत्म हो रही है.

राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष.

आखिर क्या है ‘मी टू’?

‘मी टू’ एक ऐसी मारक मुहिम है, जिस के जरीए औरतें और लड़कियां वर्कप्लेस पर अपने साथ हुए यौन शोषण का सोशल मीडिया पर खुलासा कर रही हैं. इस में उन के द्वारा बताया जा रहा है कि कैसे उन को मर्दों से असुरक्षा महसूस हुई या उन्हें बेइज्जत होना पड़ा या फिर शारीरिक या मानसिक तौर पर प्रताडि़त होना पड़ा.

दरअसल, ‘मी टू’ मुहिम की शुरुआत हौलीवुड से हुई है. साल 2006 में अमेरिकी सिविल राइट्स ऐक्टिविस्ट तराना बर्क ने पहली बार इस की शुरुआत की थी. उन के खुलासे के 11 साल बाद 2017 में यह सोशल मीडिया में वायरल हुआ.

अमेरिकी अखबार ‘न्ययौर्क टाइम्स’ ने हौलीवुड के दिग्गज प्रोड्यूसर हार्वी वाइंस्टीन को ले कर खुलासे किए थे. इस के बाद उन्हें कंपनी छोड़नी पड़ी थी. एक तरह से उन का कैरियर ही बरबाद हो गया. इस के बाद से ही यह सिलसिला शुरू हो गया था.

भारत में इस की शुरुआत तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर लगाए गए यौन शोषण के आरोप से हुई और धीरेधीरे यह बात इस कदर बढ़ गई कि इस ने ‘मी टू’ मुहिम का रूप ले लिया. इस के बाद साजिद खान, विकास बहल, रजत कपूर, अनु मलिक, आलोकनाथ, चेतन भगत, अभिजीत भट्टाचार्य, कैलाश खेर और मोदी सरकार में मंत्री एमजे अकबर पर ‘मी टू’ द्वारा कई औरतों ने यौन शोषण का आरोप लगाया.

राय आप की: क्या ‘मी टू’ मुहिम से औरतों को अपनी बात बेबाकी से रखने की हिम्मत मिली है? अपनी राय मोबाइल फोन नंबर 08826099608 पर whatsapp करें और सरस सलिल पाठक ग्रुप में शामिल हों.

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