सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफैशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सैक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वैजाइनल हिस्से में लाली और जलन की वजह से डाक्टर के पास जाना पड़ा.

‘‘डाक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है.’’

गायत्री आगे बताती हैं, ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं सही मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उन के बौयफ्रैंड को कुछ ब्लड टैस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वह सब से आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम कारगर नहीं है.

सैक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं, “ज्यादातर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इंफैक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सैक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे आगे कहते हैं, ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इंफैक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इंफैक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिन से आप सैक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उस का चैकअप जरूर कराएं.

“यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चैकअप कराने को कहें और उस की रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि यह थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ यह कहती हैं रश्मि बंसल, जो 2 साल तक लिवइन रिश्तों में थीं.

‘‘यदि वह आप को सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’

इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

क्या है जेंडर इक्वैलिटी और ज्यादा सेक्स का संबंध

औस्टेलियाई महिलाओं के औसतन 11 सेक्स पार्टनर्स होते हैं और अमेरिकी महिलाओं के 4. भारतीय महिलाओं का एक ही सेक्स पार्टनर होता है. ये आंकड़े फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के रौय बौमीस्टर के अध्ययन को सही साबित करते हैं. उनका अध्ययन, सेक्शुअल इकोनौमिक्स : ए रिसर्च बेस्ड थ्योरी औफ सेक्शुअल इंटरैक्शन और व्हाय दि मैन बायज डिनर, कहता है कि ऐसे देश, जहां लैंगिक समानता (जेंडर इक्वैलिटी) का स्तर ऊंचा है, वहां महिलाओं के एक से अधिक सेक्शुअल पार्टनर्स बनते हैं.

वे जनरल औफ सोशल साइकोलौजी सर्वेइंग में प्रकाशित उस रिसर्च की ओर ध्यान दिलाते हैं, जिसमें 37 देशों के 3 लाख लोगों पर सर्वे करने के बाद पाया गया था कि जिन देशों में लैंगिक समानता का स्तर ऊंचा है, वहां महिलाएं कैशुअल सेक्स में ज्यादा लिप्त थीं. हमने जानने की कोशिश की कि भारतीय महिलाओं के संदर्भ में इसका क्या औचित्य है?

सेक्स, आपूर्ति व मांग से अछूता नहीं है

इस असमानता के पीछे कई सांस्कृतिक और आर्थिक कारण हैं. रौय की थ्योरी कहती है कि (औसतन) महिलाओं की तुलना में पुरुषों में सेक्स की चाहत ज्यादा होती है और रिश्तों में सेक्स तभी संभव है, जब महिला यह चाहे. यहां भी आपूर्ति और मांग का नियम लागू होता है. जिस लिंग का अभाव होता है, उसके पास शक्ति होती है. ‘‘यदि महिलाओं के पास खुद पैसे कमाने के ज्यादा अवसर नहीं हैं तो वे सेक्स को बहुत मूल्यवान बनाए रखना चाहेंगी, क्योंकि सेक्स ही वह मुख्य चीज है, जो वे किसी पुरुष को दे सकती हैं,’’ रौय कहते हैं.

पुरुषों के लिए महिलाओं की सेक्शुएलिटी की बहुत अहमियत होती है; एक पुरुष जिसे किसी महिला से सेक्स की जरूरत है, उसे इसके बदले में उस महिला को कोई मूल्यवान चीज देनी होगी, जैसे-विवाह का प्रस्ताव. ‘‘ऐसे देश, जहां महिलाओं की दशा अच्छी नहीं है, महिलाएं सेक्स पर अंकुश रखती हैं, ताकि इसका मूल्य ऊंचा रहे और पुरुष सेक्स पाने के लिए ताउम्र प्रतिबद्घता का वचन दें,’’ रौय कहते हैं. ‘‘और पुरुष सेक्स के लिए कुछ भी कर सकते हैं.’’

साइकोलौजिस्ट की राय में

साइकोलौजिस्ट डा. छवि खन्ना रौय के निष्कर्षों से पूरी तरह सहमत हैं. ‘‘अध्ययन बताते हैं कि जहां लैंगिक समानता का स्तर ऊंचा है, वहां महिलाएं वर्जनाओं को तोड़ती हैं और वहां के सामाजिक नियम भी सेक्शुअल गतिविधियों को प्रतिबंधित नहीं करते. ऐसे समाज में महिलाएं कैशुअल सेक्स में लिप्त भी रहती हैं और उन्हें सेक्स संबंधों का पहला अनुभव भी अपेक्षाकृत कम उम्र में हो जाता है,’’ यह बताते हुए वे कहती हैं, ‘‘लैंगिक समानता से महिलाओं को अपनी सेक्शुएलिटी को अपनी इच्छा के अनुसार व्यक्त करने का अवसर मिलता है.’’

आम लोगों की राय में

इन्वेस्टमेंट बैंकर, प्रिया नायर, 28, कहती हैं कि मेरी परवरिश ऐसे परिवार में हुई है, जहां महिलाओं को बिल्कुल बराबरी के अधिकार मिलते हैं. उन्हें हमेशा से पता था कि उनकी इच्छाओं को उतना ही महत्व मिलेगा, जितना किसी पुरुष की इच्छा को मिलता. ‘‘इस अध्ययन के बारे में जानकर मुझे लगता है कि, क्योंकि मैं आत्मनिर्भर और बुद्घिमान हूं इसलिए मेरे पास पुरुष को देने के लिए सेक्स के अलावा भी बहुत कुछ है,’’ वे कहती हैं. ‘‘इसका ये भी मतलब है कि मैं इतनी आत्मविश्वासी और खुले विचारों की हूं कि किसी पुरुष को ये बता सकती हूं कि मैं क्या चाहती हूं.’’

वहीं मीडिया कंसल्टेंट, पुरंजय मेहता, 26, का मानना है कि भारत के संदर्भ में ये अध्ययन केवल शहरों के लिए सही है. ‘‘जब महिलाएं आत्मविश्वास के साथ अपनी सेक्शुएलिटी का अन्वेषण करती हैं, तब उनके ज्यादा सेक्शुअल पार्टनर्स बनते हैं. ऐसा छोटे कस्बों की युवतियों के साथ नहीं होता, क्योंकि उन्हें अब भी पारंपरिक, लैंगिक असमानता वाले मूल्यों के साथ परवरिश मिलती है.’’

वहीं साइकोलौजिस्ट डा. सोनाली गुप्ता रोहित की बातों से सहमत हैं. ‘‘यह सच है कि शहरों में लैंगिक समानता ज्यादा होती है और महिलाएं जो पाना चाहती हैं, खुलकर उसे पाने का प्रयास करती हैं,’’ वे कहती हैं. ‘‘मैं उनके एक से अधिक सेक्शुअल पार्टनर्स होने के बारे में तो नहीं कह सकती, पर ये जरूर कह सकती हूं कि ऐसी महिलाओं के साथ सेक्स एक आनंददायक प्रक्रिया होती है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या चाहिए.’’

क्या आप जानते हैं कि लोग Kiss क्यों करते हैं?

Kiss एक सबसे आम रोमांटिक बर्ताव है. दरअसल एक रिसर्च के अनुसार यह दुनिया भर की 90 प्रतिशत संस्कृतियों का हिस्सा है. इसलिए आप शोधकर्ताओं से अपेक्षा कर सकते हैं कि वो इससे जुड़े तथ्यों का गहन अध्ययन करें कि आखिर क्यों सभी मनुष्य Kiss करते हैं. लेकिन है इसका उलटा, चुंबनों के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसके बारे में हम अभी भी अनिभज्ञ हैं.

अमेरिका के एक शोधकर्ता समूह ने तय किया कि अब यह जानने का समय आ गया गई कि क्यों इंसान एक दुसरे के मुंह में मुंह डाल कर ये अजीब सी क्रिया करते हैं. वो इसके पीछे की वजह और जरूरत जानना चाहते थे. वो ये भी जानना चाहते थे कि Kiss के मामले में महिला और पुरुष एक दूसरे से किस तरह अलग हैं, और क्या उम्र, आपके व्यक्तित्व और रिश्ते में होने न होने का इस रूमानी बर्ताव पर कोई प्रभाव पड़ता है.

मैं खुद को नहीं रोक सका

अंततः उन्होंने 18 से 74 वर्ष की उम्र के 461 लोगों को एक प्रश्नावली भरने को कहा जिसका नाम था ‘वाई किस’? कारणों की सूची को दो भागों में विभाजित किया गया. पहले वो लोग थे, जिनके लिए ये एक महत्वकांशा का मुद्दा था और इसका रोमांस से कोई लेना देना नहीं था.

‘इनके कारण कुछ ऐसे थे, ‘मुझे ऑफिस में प्रमोशन चाहिए था’ या ‘मुझे अपने मां बाप के आदेश की अवहेलना करनी थी’. ये वो श्रेणी थी जिसमे Kiss के पीछे कोई खास वजह या महत्वकांक्षा थी, जो कि सकारात्मक नहीं थी जैसे कि, “मुझे उसको मज़ा चखाना है”.

दूसरी श्रेणी ‘शारीरिक संबंध’ वाली थी. इनमे ‘मूड बनाने के लिए’ से लेकर ‘उसे निर्वस्त्र देख कर मुझसे काबू नहीं हुआ जैसे कारण थे.

मजा और लगाव

हिस्सा लेने वाले अधिकतर लोगों ने 16 की उम्र से पहले अपनी पहली रोमांटिक किस अनुभव कर ली थी. वयस्क उम्र आने तक वो लगभग 20 लोगों के साथ Kiss कर चुके थे. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें Kiss ‘बहुत’ पसंद है.

तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी कि Kiss का सबसे लोकप्रिय और आम कारण ‘शारीरिक संबंध’ वाली श्रेणी था. और इस कारण में महिला और पुरुष, दोनों का पहलू एक जैसा था.

मनचाही ची

वो कौन है जो Kiss रोमांटिक कारण के लिए नहीं बल्कि कुछ पाने के लिए करते हैं, महिला या पुरुष? पुरुष! उन्होंने Kiss के ऐसे कारणों के बारे में बताया जिनका रोमांस से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं था. जैसे कि,’ मैं चाहता था कि मेरा इस व्यक्ति से पीछा छूट जाये’ या ‘मैं अपनी धाक जमाना चाहता था’.

पुरुष इस तरह के कारणों को लेकर Kiss के प्रति उत्साहित क्यों रहते हैं? यदि अंदाजा लगाया जाये तो शायद इसका संबां पुरुषों के इस बात को समाज के सामने सिद्ध करने से हो सकता है कि वो शारीरिक संबंधों की शुरुआत को नियंत्रित करते हैं.

Kiss के पांच मुख्य शारीरिक संबंध कारण

  1. मैं इस व्यक्ति को उसके प्रति, अपना लगाव दिखाना चाहता था.
  2. इससे अच्छा महसूस होता है
  3. मैं प्रेम प्रदर्शित करना चाहता था.
  4. वो बेहद आकर्षक था.
  5. मैं उस व्यक्ति के साथ जुड़ाव रखना चाहता था.

Kiss के पांच मुख्य उपलब्धि सम्बंधित कारण

  1. मैं चाहता था कि लोग मुझ पर ध्यान दें
  2. मैं अपने बारे में बेहतर महसूस करना चाहता था
  3. मुझे यह करने के लिए बाध्य महसूस हुआ
  4. मैं शक्तिशाली महसूस करना चाहता था
  5. मैं अपनी Kiss क्षमताओं के बारे में उत्सुक था

जब बहन लगे बहकने तो क्या करें

बहन जब मरजी से किसी से प्यार करने लगती है, तो ज्यादातर भाई हैवान बन जाते हैं. विरले ही भाई ऐसे होंगे, जिन्होंने अपनी बहन के जज्बात समझते हुए उस की मुहब्बत को शादी में तबदील करने की पहल की होगी…

बि हार में पटना सिटी का गायघाट आएदिन होने वाली आपराधिक वारदात के लिए बदनाम है. ऐसी ही एक वारदात ज्यूडिशियल एकेडमी के नजदीक

26 अप्रैल, 2023 की रात को हुई, जिस में उस वक्त सनाका खिंच गया था, जब फिल्मी स्टाइल में एक नौजवान ने दूसरे नौजवान पर कट्टे से गोली दागते हुए उस की हत्या कर दी. जब तक लोग समझ पाते कि आखिर हुआ क्या है, तब तक अपराधी हवा में फायर करते हुए भाग खड़े हुए.

अफरातफरी मची और कुछ लोग हिम्मत करते हुए उस घायल नौजवान के पास पहुंचे और उसे नजदीक के एनएमसीएच अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान नौजवान ने दम तोड़ दिया.

पुलिस आई और जांच शुरू हुई, तो मामला इश्कबाजी का निकला. बाद में यह कहानी सामने आई : मरने वाले 22 साला नौजवान का नाम राजा कुमार था, जो गुड़ की मंडी मालसलामी का रहने वाला था और मारने वाले का नाम अभिषेक कुमार था. वे दोनों दोस्त तो नहीं थे, लेकिन एकदूसरे को जानते जरूर थे.

कुछ दिन पहले ही अभिषेक को भनक लगी थी कि राजा का चक्कर उस की बहन से चल रहा है. इस बाबत उस ने कई बार राजा को समझाया भी था कि वह उस की बहन से मिलनाजुलना छोड़ दे, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा.

समझाया तो अभिषेक ने अपनी बहन अर्चना (बदला हुआ नाम) को भी था, लेकिन राजा से उस का मिलनाजुलना बंद नहीं हो रहा था, इसलिए वह कुसूरवार राजा को ही मानता था और चाहता था कि वही मान जाए, फिर चाहे इस के लिए उंगली टेढ़ी भी करनी पड़े, तो बात हर्ज की नहीं, क्योंकि सवाल आखिर घर की इज्जत का था.

लेकिन राजा कहां मानने वाला था, जिसे यह एहसास था कि जब प्यार किया है, तो हजार रुकावटें भी आएंगी, जिन से डरने या भागने के बजाय उन का मुकाबला करना है.

मालसलामी का ही रहने वाला अभिषेक और राजा हमउम्र थे. लिहाजा, राजा को उम्मीद थी कि कभी आमनेसामने बैठ कर बात होगी, तो अभिषेक उस के जज्बात समझते हुए राजी हो जाएगा, क्योंकि अर्चना भी उसे चाहती थी.

वारदात के दिन अभिषेक ने राजा को चाय पीने के लिए ज्यूडिशियल अकेडमी के नजदीक के होटल पर बुलाया, तो

वह झट से राजी हो गया. उसे उम्मीद थी कि वह गुस्साए अभिषेक को मनाने में कामयाब हो जाएगा. लेकिन उसे क्या मालूम था कि अभिषेक कुछ और ही ठाने बैठा था.

रात को राजा अपने एक दोस्त सरवन को साथ ले कर होटल पर पहुंचा तो वहां मौत उस का इंतजार कर रही थी. अभिषेक ने कब कहां से आ कर उस पर गोलियां दागते हुए अपने घर की इज्जत का बदला ले लिया, यह उसे पता भी नहीं चला.

सरवन ने एक पहचान वाले संजीव कुमार की मदद से राजा को अस्पताल पहुंचाया और फिर पुलिस को राजा और अर्चना की लवस्टोरी के बारे में बताया, तो पुलिस ने अभिषेक को हिरासत में ले लिया, जिस ने अपना जुर्म कबूल करते हुए हत्या करने की वजह बता दी. विलेन बनते भाई यह कोई पहला या आखिरी मामला नहीं था, जिस में किसी भाई ने बहन के प्यार का खात्मा यों जानलेवा तरीके से न किया हो. यह रोग हर धर्म, जाति और तबके में बराबरी से है.

इसी साल फरवरी के महीने में मेरठ, उत्तर प्रदेश के लिसाड़ी इलाके में मैडिकल स्टोर चलाने वाले 24 साला साजिद सैफी की दिनदहाड़े हत्या उस की माशूका आयशा के भाइयों ने कर दी थी. साजिद और आयशा पड़ोसी थे और एकदूसरे से बेपनाह मुहब्बत करने लगे थे. यह मामला किसी से छिपा भी नहीं रह गया था. साजिद के घर वाले तो उस की जिद देखते हुए आयशा को घर की बहू बनाने को तैयार हो गए थे, लेकिन आयशा के घर वालों को किसी गैरजाति के नौजवान को दामाद बनाना गवारा न था.

साजिद ने कुछ महीने पहले ही बीफार्मा का कोर्स कर के अपना मैडिकल स्टोर खोला था और आयशा के साथ शादी कर अपने प्यार का जहां बनाने के सपने देखता था. वह दिनरात मेहनत भी कर रहा था.

जब लाख कोशिशों के बाद भी आयशा के घर वाले तैयार नहीं हुए, तो साजिद के घर वालों ने उस की शादी की बात दूसरी जगहों पर चलानी शुरू कर दी थी. वे अपने बेटे को उदास और परेशान नहीं देख पा रहे थे. हालांकि, इस से साजिद टैंशन में था, क्योंकि उस के दिलोदिमाग में तो आयशा गहरे तक बस चुकी थी.

11 फरवरी, 2023 की रात साजिद दुकान बंद करने की सोच ही रहा था कि तभी मोटरसाइकिल से 3 लोग नीचे उतरे. सभी के चेहरे कपड़े से ढके हुए थे. उन्होंने उस पर ताबड़तोड़ 5 गोलियां दाग दीं. साजिद गिर पड़ा, तो उन में से 2 नकाबपोशों ने उसे हिलाडुला कर उस के मरने की तसल्ली भी की. आसपास के लोग कुछ समझ पाते, इस के पहले ही वे तीनों लोग हवा में हथियार लहराते हुए भाग निकले. फिर वही हुआ, जो राजा के मामले में हुआ था कि तरहतरह की बातें, कानून व्यवस्था को कोसना, पोस्टमार्टम, पुलिस में रिपोर्ट, जांच और गवाही, लेकिन मुद्दे की बात हमेशा की तरह गायब है कि क्यों भाइयों से अपनी बहनों का प्यार करना बरदाश्त नहीं होता?

साजिद की मौत के बाद मेरठ में खूब हंगामा हुआ, लेकिन वह सियासी ज्यादा था सामाजिक कम. सैफी परिवार से हर किसी को हमदर्दी थी, क्योंकि साजिद बहुत होनहार और लायक होने के साथसाथ हंसमुख और हैंडसम भी था, जिस की मुहब्बत माशूका के भाइयों रिजवान और फुरकान को रास नहीं आई, तो उन्होंने उस का कत्ल ही कर दिया. इन लोगों ने पहले आयशा को भी

खूब समझायाबुझाया और मारापीटा भी था, लेकिन वह भी झुकने को तैयार नहीं हुई थी. बराबरी का दर्जा क्यों नहीं इन दोनों ही मामलों के आरोपियों की तकलीफ यह थी कि वे अपनी बहनों को नादान समझ रहे थे, साथ ही इस बात पर भी तिलमिलाए हुए थे कि आखिर उस की जुर्रत कैसे हुई किसी से प्यार करने की, जिस से इज्जत पर आंच आती है यानी दिक्कत यह मान लेने की है कि बहनें घर के कामकाज करें, पक्षी की तरह घर के पिंजरे में बंद रहें और हर सहीगलत फैसले को सिर झुका कर मान लें, तो ही सही माने में अच्छी लड़की हैं.

बहनों को अपनी मरजी से जीने और रहने देने का हक हमारे समाज में कभी नहीं मिला. उन की आजादी पर अंकुश लगाने को मर्द शान की बात समझते हैं. यह बात बुनियादी तौर पर सिखाई धर्म ने ही है कि औरत को बचपन में पिता और भाई के, जवानी में पति के और बुढ़ापे में बेटे के कंट्रोल में रहना चाहिए.

बहनभाई के रिश्ते को सब से प्यारा रिश्ता माना गया है. दोनों साथ हंसतेखेलते एकदूसरे का दुखदर्द समझते हुए बड़े होते हैं और जिंदगीभर इन खट्टीमीठी यादों को सीने से लगाए हुए जीते हैं.

शादी के बाद बहन अपनी ससुराल चली जाती है, तो उस की सब से ज्यादा फिक्र भाई ही करता है, लेकिन बहन जब मरजी से किसी से प्यार करने लगती है, तो यही भाई हैवान बन जाते हैं.

बिरले ही भाई ऐसे होंगे, जिन्होंने अपनी बहन के जज्बात समझते हुए उस की मुहब्बत को शादी में तबदील करने की पहल की होगी, क्योंकि उन के लिए जाति, समाज और धर्म से ज्यादा अहम बहन थी.

जिस तरह लड़कों को न केवल प्यार, बल्कि एक उम्र के बाद अपनी जिंदगी से जुड़े तमाम फैसले लेने का हक मिल जाता है, वैसा ही हक लड़कियों को भी मिलना चाहिए, नहीं तो साजिद और राजा जैसे बेकुसूर नौजवान मारे जाते रहेंगे और आयशा और अर्चना जैसी लड़कियां जिंदगीभर अपने भाइयों को कोसती रहेंगी, जो अब जेल में पड़े सड़ रहे हैं. मिला उन्हें भी कुछ नहीं है, सिवा इस झूठी शान और तसल्ली के कि उन्होंने घर की इज्जत बचा ली.

पर अगर यह इज्जत बहन के अरमानों की कब्र है तो यह इज्जत नहीं, बल्कि मर्दों के दबदबे वाले समाज की खोखली बुनियाद है, जिस का दरकना शुरू हो गया है. लेकिन यह बहुत ही छोटे पैमाने पर है.

जिस दिन लोग बेटियों को बेटों के बराबर का दर्जा और हक देने लगेंगे, उस दिन बेटियों को भी अपने इनसान होने का एहसास होगा और वे घर, समाज और देश की तरक्की में अहम रोल निभाएंगी, पर इस के लिए खुले दिल से पहल भाइयों को भी करनी पड़ेगी. उन्हें यह समझना होगा कि बहन को भी अपनी मरजी से रहने, खानेपीने, पहनने और प्यार करने का हक है.

मैं अपनी बहन की बेटी से प्यार करता हूं. अब उस की शादी की बात चल रही है, हमें क्या करना चाहिए?

सवाल
मैं 25 साल का हूं और 21 साल की लड़की से 9 सालों से प्यार करता हूं. वह लड़की मेरी फुफेरी बहन की बेटी है. अब उस की शादी की बात चल रही है. समाज के डर से हम लोग किसी से कुछ बता भी नहीं सकते. हमें क्या करना चाहिए?

जवाब
रिश्ते में वह लड़की आप की भांजी हुई. लिहाजा, आप को भी मामा का ही रिश्ता निभाना चाहिए. बात चूंकि गलत है, इसीलिए आप को समाज का डर लगता है. अब आप भांजी की शादी होने दें और अपनी गलत भावनाओं को कुचल दें. वक्त आने पर आप को बाहर की सही लड़की जरूर मिलेगी.

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एक ओर जहां दुनिया को कामसूत्र जैसा कामशास्त्र ग्रंथ देने वाले भारत में वर्तमान में प्यार करने वालों पर पाबंदी लगाने के प्रयास शुरू हो गए हैं, वहीं न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी में प्यार की क्लास लगाई जा रही है और यह क्लास एक अंडरग्रैजुएट कोर्स के अंतर्गत होती है. डाक्टर मेगन पाई प्यार की इस क्लास का संचालन करती हैं. डाक्टर मेगन ने ही प्यार के इस कोर्स को तैयार किया है. आप को जान कर हैरानी होगी कि कोर्स शुरू होने के साथसाथ बेहद लोकप्रिय भी हो रहा है और सिर्फ पिछले 2 साल में ही इस कोर्स में छात्रों की संख्या तीनगुना हो गई है.

प्यार की इस क्लास का नाम लव ऐक्चुअली रखा गया है जिस में पहला सैमेस्टर मुख्य रूप से लोगों के प्यार के साथ कैसे अनुभव रहे हैं, इस के आधार पर होता है. कोर्स 2 डायरैक्शन में आगे बढ़ता है, हौरिजैंटल और वर्टिकल. हौरिजैंटल ट्रैजेक्ट्री में जहां कोर्स आप की पूरी लाइफ के दौरान होने वाले अलगअलग तरह के प्यार के रिश्तों पर बात करता है वहीं वर्टिकल ट्रैजेक्ट्री स्टूडैंट से शुरू हो कर फैमिली लव के बारे में बात करता है. कोर्स न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी के चाइल्ड ऐंड ऐडोलोसैंट मैंटल हैल्थ स्टडी डिपार्टमैंट के तहत चलाया जाता है. इस डिपार्टमैंट के तहत इस तरह के और भी कई कोर्स चलाए जाते हैं, जिन में हैप्पीनैस और स्लीप से जुड़े कोर्स भी शामिल हैं.

प्यार के अलगअलग प्रकारों के बारे में  मेगन का कहना है कि इस कोर्स के अंतर्गत हम मातापिता और नवजात के प्यार, दोस्ती, खुद से प्यार, अपने पैशन के प्रति प्यार, मैटर और स्टूडैंट के बीच प्यार के बारे में बात करते हैं.

प्यार की इस क्लास का एक बड़ा हिस्सा स्टूडैंट्स को विस्तार से बताता  है कि आखिर लव यानी प्यार का आइडिया क्या है और इस कौंसैप्ट के अंदर क्या छिपा है. यहां रोमांटिक लव को भी समय दिया जाता है.

प्यार और रोमांस की एक ऐसी ही अन्य क्लास चीन की तियानजिन यूनिवर्सिटी में भी लगती है जहां बाकायदा थ्योरी के साथ रोमांस की प्रैक्टिकल तकनीक भी बताई जाती है. थ्योरी इन लव ऐंड डेटिंग नाम से चलने वाले इस कोर्स का मकसद स्टूडैंट्स को रिलेशनशिप में स्ट्रौंग करना है. इस यूनिवर्सिटी में विषय कोई और नहीं सिर्फ और सिर्फ प्यार और रोमांस का होता है. यहां युवकों को पर्सनैलिटी अपग्रेड, युवतियों से बात करने का तरीका, रोमांस करने और क्लास में स्टूडैंट्स को अपोजिट रोमांस को अपनी तरफ आकर्षित करने और अपोजिट सैक्स के साथ कम्युनिकेशन बिल्ड करने के तरीके भी बताए जाते हैं.

प्यार और रोमांस की इस क्लास में यह भी सिखाया जाता है कि प्रपोजल ठुकराए जाने पर किस तरह का व्यवहार किया जाए. साथ ही रोमांटिक रिलेशनशिप से जुड़ी कुछ लीगल प्रौब्लम्स के बारे में जानकारी दी जाती है.

प्यार और रोमांस के इस कोर्स में इंसान को दूसरों से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना भी सिखाया जाता है. हिंसा और नफरत के इस दौर में प्यार पर आधारित इस क्लास की दरअसल पूरे विश्व को जरूरत है.

क्या आपको पता है, सेक्स के ये हेल्थ बेनिफिट

कश्वी, 27, लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं. कश्वी को पुणे में रह रहे अपने बौयफ्रेंड से मिलने का मौका हर वीकऐंड तो नहीं मिलता, लेकिन जब भी वह उससे मिलने पुणे जाती हैं, उसके बाद वाले दिनों में वह खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव और खुश पाती हैं. क्या यह उनके साथ बिताए गए अच्छे समय की वजह से होता है? “बिल्कुल यही वजह है,” उसका कहना है,“लेकिन इसकी वजह सेक्स भी है. यह इतना सुकूनदेह है कि मैं बिना किसी ग्लानि के कह सकती हूं कि मुझे इसकी जरूरत है.”

प्लास वन में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि दो सप्ताह तक प्रतिदिन इंटरकोर्स करने पर हिप्पोकैम्पस में सेल का विकास बढ़ जाता है. यह दिमाग का वह हिस्सा है, जो तनाव को नियंत्रण में रखता है. अतः आप जब किसी दोस्त को तनाव में या बौस को चिड़चिड़ा व्यवहार करते हुए देख मजाक में कहती हैं कि इन्हें एक मदभरी रात की जरूरत है तो असल में आप बिल्कुल सही कह रही होती हैं.

कितना सुकूनदेह है

“अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में प्रोफेशनल और निजी समस्याओं का सामना करते-करते चिड़चिड़ापन और थकावट होना लाजमी है,” कहती हैं कश्वी. वे आगे कहती हैं,“मेरा बौयफ्रेंड शौन* और मैं या तो एक-दूसरे पर गुस्सा उतार सकते हैं या फिर सेहतमंद ढंग से इसे निपटा सकते हैं, जो कि हम करते हैं. और इसके बाद मुझे एहसास होता है कि सारी चीजों पर मेरा नियंत्रण है.”

केईएम हौस्पिटल व सेठ गोवर्धनदास सुंदरदास मेडिकल कौलेज, मुंबई के सेक्शुअल डिपार्टमेंट के हेड व चर्चित सेक्सोलौजिस्ट डौक्टर प्रकाश कोठारी के अनुसार, “नियमित रूप से इंटरकोर्स करने से सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और कौर्टिसोल (वह हार्मोन जो आमतौर पर तनाव बढ़ने पर रिलीज़ होता है) का स्तर कम होता है. जो लोग ज्यादा सेक्स करते हैं वे चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते समय कम तनाव में आते हैं.”

सही तरीके से करना

“सेक्स पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग ढंग से काम करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी. “अक्सर पुरुष यह समझ ही नहीं पाते कि पार्टनर को तृप्ति मिली भी है या नहीं, वहीं ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत ज़्यादा है, जो ऑर्गैज़्म को पहचान ही नहीं पातीं. यह निराशा को जन्म देता है.” वे आगे जोड़ते हैं, “इसे करने का एक सेहतमंद रास्ता यह है कि इंटरकोर्स से पहले, उस वक्त या उसके बाद बातचीत करते रहना. सेक्स या किसी अन्य प्रकार का स्पर्श जैसे चुंबन या दुलार करने से ऑक्सिटोसिन यानी ‘प्यार का हार्मोन’ रिलीज होता है. यही है जो आपको सेक्स के तुरंत बाद लिपटने के लिए उत्सुक करता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

कश्वी और शौन दोनों एक-दूसरे को बताते हैं कि दरअसल, क्या चाहिएः गंदी बातों से लेकर ढेर सारे दुलार तक. “यदि आप फीडबैक दें या स्वीकार नहीं कर सकते तो आपको ऐक्ट के समय बहुत सतर्क रहना होगा,” कहती हैं वे.

रिलैक्स महसूस करें

हालांकि एक तनावभरे दिन के बाद सेक्स के बजाय टीवी देखते हुए या सोते हुए समय बिताना ज्यादा महत्वपूर्ण लग सकता है, पर दरअसल सेक्स आपको ज्यादा सुकून देगा. रात को समय न हो तो सुबह या लंच के समय सेक्स करें, इससे आप अपने दिन को और अच्छी तरह बिता सकती हैं और यहां तक कि आपको रात में गहरी नींद भी आएगी. “जब महिला ऑर्गैज़्म पाती है तो उनका शरीर प्रोलैक्टिन हार्मोन रिलीज़ करता है, जो उन्हें रिलैक्स करता है और नींद लाने में सहायक होता है,” कहते हैं डॉ कोठारी.

लेकिन ऐसे दिनों में जब आप बहुत ही थकी हुई हों तो अपने थके हुए दिमाग और शरीर को आप कैसे मनाएंगी? शौन और कश्वी रिलैक्सिंग रिचुअल्स जैसे एक साथ नहाना या फिर मसाज करते हुए सेक्स की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं.

जानें, इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा!

अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

वे सुरक्षित नहीं महसूस करते:

यदि आप लगातार किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं तो समझिए कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है. वफादारी के पनपने के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच प्यार और भरोसे का सतत प्रवाह बना रहे. ‘‘वैवाहिक रिश्तों में इन भावनाओं का होना अनमोल है और बहुत जरूरी भी. इससे सुनिश्चित होता है कि पति-पत्नी खुश और संतुष्ट हैं,’’ यह कहना है कोलकाता के साइकियाट्रिस्ट व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ सिलादित्य रे का.

उनके पास बातचीत के लिए कुछ नहीं है:

जब मेरे पति की और मेरी मुलाक़ात हुई थी, तब हम दोनों हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करते थे,’’ यह बताते हुए रिलेशनशिप एग्जेक्यूटिव प्रिया नायर, 29, कहती हैं,‘‘कुछ समय बाद मैंने वह इंडस्ट्री छोड़ दी और जनसंपर्क के क्षेत्र में आ गई. सालभर बाद तो हमारे पास एक-दूसरे से जुड़ने और बातचीत के लिए कोई साझा मुद्दा ही नहीं बचा था. थोड़े समय बाद हम दोनों को कुछ ऐसी गतिविधियों की जरूरत महसूस होने लगी, जिनका आनंद हम साथ-साथ उठा सकें. फिर हमने दौड़ने की अपनी रुचि पर ध्यान देना शुरू किया. हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते, साथ-साथ मैराथन की तैयारी करते और इस बारे में चर्चा करते. इससे हमारी सेहत में भी सुधार आया और परस्पर रिश्ते में भी.’’

वे नाराज हैं, पर इसे छुपा रहे हैं:

यदि आपके बीच लड़ाई के दौरान अक्सर वे आपको ‘इमोशनल’ और आप उन्हें ‘संवेदनहीन’ कहती हैं तो साफ है कि आप दोनों एक-दूसरे की बात नहीं सुन रहे हैं. ऐसी टिप्पणियों से बचें और आरोप लगाने के बजाय एक-दूसरे से अपने एहसासात बांटें.

डॉ रे सलाह देते हैं,‘‘यदि उनकी किसी बात से आप आहत हो रही हैं तो उन्हें बताएं, पर इसका तरीका सही रखें. नकारात्मक भावनात्मक आवेग को बाहर निकालने का सेहतमंद रास्ता ढूंढ़ें. ये आपके वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है.’’

उनके संकेतों को नजरअंदाज़ किया जा रहा है:

हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना आप दोनों के लिए ज़रूरी है. आपको शायद ये अच्छा नहीं लगता हो कि आपके पति अब भी अपनी पूर्व-प्रेमिका से बातचीत करते हैं, पर वे इस बारे में आपको अक्सर संकेत देते रहते हैं.

डॉ रे कहते हैं कि इस तरह की सांकेतिक सीमाओं को समझना चाहिए और इनका आदर भी करना चाहिए. यदि आप इन अनकहे नियमों को तोड़ते हैं तो आपका साथी अपनी वफादारी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू कर सकता है और बेवफाई की संभावना बढ़ जाती है.

अपने व्यवहार में खुलापन लाइए. यदि आपको कोई आकर्षक लगता है तो इस बारे में बात कीजिए, क्योंकि यदि आप छिपाएंगी तो आपके इरादों को नेक नहीं कहा जा सकता.

उन्हें सेक्स की जरूरत है:

‘‘यदि आपके सेक्शुअल संबंध सेहतमंद नहीं है तो जाहिर है, आपका साथी यह सुख कहीं और से पाने का प्रयास करेगा,’’ कहना है डा. रे का. अपने सेक्स जीवन पर ध्यान दीजिए और यदि ये आपके, आपके साथी के या फिर आप दोनों के लिए संतुष्टिदायक नहीं है तो इस समस्या का समाधान ढूंढि़ए. इस मामले में मूक दर्शक मत बनिए, बल्कि किसी काउंसलर की मदद लीजिए.

सेक्स समस्याएं: महिला और पुरुष को झेलनी पड़ती हैं ये परेशानियां

स्वस्थ सेक्स का आपकी जीवनशैली से गहरा रिश्ता होता है. आज के समय में तनाव भरी जीवनशैली के कारण सेक्स समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. अगर आप तनाव में हैं तो जाहिर है आप सेक्स का आनंद नही ले सकते और इसका आपके रिश्तों पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगता है.

वैसे भारत में सेक्स समस्या बढ़ने की मुख्य वजह है लोगों में सेक्स के प्रति जागरूकता की कमी. लोग डॉक्टर व काउंसलर से सेक्स समस्याओं के बारे में खुल कर बात करने में संकोच करते हैं. महिलाओं और पुरुषों में कुछ सामान्य सेक्स समस्याएं होती हैं जिनसे लोग आमतौर पर ग्रस्त रहते हैं.

-यहां हम आपको बता रहे हैं सेक्स संबंधी 10 समस्याएं.

1. पुरुषों की सेक्स समस्याएं

  • पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही semen (वीर्य) निकल जाना आदि पुरूषों में आम सेक्स समस्याएं हैं.
  • पुरूषों का स्त्री के सामने आते ही घबरा जाना, semen निकल जाना इत्यादि सेक्स समस्याओं के तहत ही आता है. इस समस्या की वजह से अक़्सर पुरूष स्त्री से दूर-दूर भागने लगते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने की कोशिश करते हैं.
  • पुरुष के semen में शुक्राणु होते हैं. ये शुक्राणु ही गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं. semen में इन शुक्राणुओं की संख्या कम होने से महिला गर्भवति नहीं हो पाती. शुक्राणु की कमी को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं जो पुरूषों में होने वाली एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • कई पुरूषों के semen में शुक्राणुओं ही नहीं होते, इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है. इस समस्या के होने पर पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं. यह भी पुरूषों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • पुरूषों में उम्र के बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का स्तर कम हो जाता है और इसके कारण सेक्स इच्छा में कमी भी हो जाती है.

2. महिलाओं की सेक्स समस्याएं

  • महिलाओं को सबसे अधिक शिकायत यौनेच्छा की कमी होती है. कई महिलाओं की सेक्स करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं होती. उनकी सेक्स भावना बिल्कुल खत्म हो चुकी होती है जो कि एक गंभीर सेक्स समस्या है. कई बार ये स्थिति मेनोपोज के बाद आती है लेकिन कई महिलाओं में मेनोपोज से पहले ही सेक्स के प्रति इच्छा ख़त्म हो जाती है.
  • योनि से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज युवावस्था की महिलाओं के लिए भी आम समस्या हो गई है. सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी यानी ल्यूकोरिया कहा जाता है.
  • कई कारणों से महिलाओं को योनि में itching (खुजली) होने लगती है. इसके कई कारण होते हैं जैसे इन्फेक्शन, ठीक से सफाई न होना, रोज़ाना कब्ज रहना. इसके अलवा संभोग करने वाले व्यक्ति के यौनांगों में इन्फेक्शन से भी ये समस्या हो जाती है.
  • कई बार प्यूबिक हेयर्स की ठीक से सफाई न करने से उसमें मौजूद कीटाणु योनि मार्ग में चले जाते हैं जिससे योनि गर्भाशय संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसीलिये यौनांगों की ठीक तरह से सफाई बेहद ज़रुरी है.
  • कई बार स्तनों में दर्द होने पर लड़कियां इसे आम बीमारी समझ कर लापरवा‍ही करती हैं लेकिन ये दर्द बढ़कर स्तन कैंसर का रूप भी ले सकता है. इसीलिए किसी भी तरह के बड़े ख़तरे को टालने के लिए जरूरी है डॉक्टर की सही समय पर सलाह लेना.

प्यार में जरूरी है किसिंग

संसार भर के सारे चिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और दार्शनिकों का यह मानना है कि एक प्यारभरा किस दिल को फिर से जवान बना देता है और 2 लोगों के बीच की दूरियों को मिटा देता है. प्यार  में मिठास घोलनी है तो किस करना भी जरूरी है. यदि किसी उदास मन को एक पल का स्नेहिल प्यारभरा किस दिया जाए तो यह उस की मनोदशा को भी सुधार सकता है. एक अध्ययन में कहा गया है, जो युगल नियमित रूप से एकदूसरे को प्यार से किस कर अपना प्रेम जाहिर करते हैं. वे औरों से अधिक आत्मविश्वास से भरे रहते हैं. इस के अलावा स्वास्थ्य की दृष्टि से भी किस का बहुत महत्त्व है. चुंबन युवा होने का प्रतीक है, इसी कारण प्यार को सशक्त बनाने में इस की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है.

यों किसिंग करना तो एक क्षणिक घटना है पर इस का स्रोत कोई निरंतर बहता प्रेम  झरना है जो 2 जीवों के साथ  झर झर कर बह रहा है. कुछ पलों के बाद जब किस करने का यह दस्तूर पूरा हो जाता है तब भी वह प्रेम तो वहां रह ही जाता है जैसे हवा कभी खिले फूल को छू कर गुजर जाती है तो आगे जाने पर भी उस की बदलीबदली महक में वह फूल देर तक रहता है. किस करने के बाद भी जो बचा रह जाएगा वह है अनुभूति. यह एहसास सर्वव्यापी है.

प्रेम को सम झने के लिए जरूरी है किस को सम झना. भंवरे का हौले से फूल को छू लेना, हवा का समंदर की सतह चूम कर लहर पैदा करना, बूंद का धरा को अभिवादन और धरा का बूंद को अपने आंचल में जगह देना यह सब इतने सुंदर प्रतीक हैं कि प्रेमिल नजरें रखने वाले इन्हें न केवल देख सकते बल्कि महसूस भी कर सकते हैं.

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कुछ सैकंड ही सही, लवेबल किस के लेनदेन के दौरान जब आप की आंखें बंद होती हैं तो उस अंधकार में आप के सभी अनुभव और ज्यादा गहरे हो जाते हैं क्योंकि बंद आंखों से यह संपूर्ण अनुभव और बढ़ जाता है. आंखें बंद कर के जोड़े खुद के ज्यादा करीब आ जाते हैं. बंद आंखों से एकाग्रता बढ़ जाती है, दूसरी चीजों में ध्यान नहीं बंटता. खुली आंखों की अपेक्षा बंद आंखों में आप अपने प्रेमी की आंतरिक ऊर्जा के थोड़े ज्यादा नजदीक होते हैं. व्यक्ति अगर लिप किस करता है तो निश्चित है कि अब उस से आगे भी वह जाएगा. तो किस एक शुरुआत होती है और आंखें बंद कर दोनों व्यक्ति आगे का इमेजिनेशन कर रहे होते हैं. अगर आंखें बंद न हों तो यह कन्फर्म है कि उस पल का कोई मजा नहीं ले सकता.

किसिंग केवल प्रेम करने की कला नहीं, बल्कि यह विशुद्ध विज्ञान भी है. एक किस के दौरान शरीर की लगभग डेढ़ सौ मांसपेशियां सक्रिय होती हैं. तो, किस एक तरह का व्यायाम भी है. इस संदर्भ में कितने ही शोध हुए हैं. उन में ये बातें सामने आईं कि जिन के दांपत्य जीवन में नियमित किस की जगह होती है वे दूसरों के मुकाबले ज्यादा खुश व सेहतमंद रहते हैं. ऐसे प्रेमी जोड़े तनाव से भी बचे रहते हैं. यह तो सिद्ध हो चुका है कि किस करने से दिमाग में तनाव के लिए जिम्मेदार कोरटिसोल हार्मोन कम होता है और सिरोटोनिन का स्तर बढ़ता है. यह थकान को दूर करता है. यों किस का मतलब समर्पण है, फिर भी इस के कई दूसरे फायदे भी हैं :

1. मिलती है आंतरिक खुशी

प्यार में किस करने से रक्तप्रवाह अच्छा हो जाता है. साथ ही, यह अच्छा महसूस कराने वाले हार्मोन इंडोर्फिन को बढ़ाता है. इस से प्रेमी कुछ ही पलों के बाद अच्छा महसूस करने लगते हैं. यह एक स्ट्रैस बस्टर है. अपने पार्टनर को बांहों में भरें और उन्हें प्यार से किस करें, देखिए आप का तनाव कैसे गायब होता है.

2. स्वस्थ रहने के लिए जरूरी

यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इस से आप का शरीर आसानी से संक्रमण की चपेट में नहीं आता. किस करने से दांतों में होने वाली कैविटी भी धीरेधीरे ठीक हो जाती है क्योंकि किस के दौरान मुंह की लार तेजी से बनती है जो दांतों की कैविटी को ठीक करती है.

3. प्यार के हार्मोन को बढ़ाए   

किस करने से शरीर में प्यार के लिए जरूरी माने जाने वाला हार्मोन औक्सिटोसिन के स्तर में इजाफा होता है. इस के अलावा इस से शरीर में होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है. किस के दौरान आप के मुंह में बनने वाली लार से दर्द को कम करने वाली एनस्थिटिक मिलती है. वहीं आप को आनंद प्रदान करने वाला डोपेमाइन तत्त्व भी सक्रिय हो जाता है.

4. रिश्ते में नजदीकियां

किस प्यार करने वालों को एकदूसरे के करीब लाती है और आपसी नजदीकियां बढ़ने लगती हैं. यह दोनों के रिश्ते को भी बहुत गहरा व मजबूत बनाता है और दोनों के बीच की हर तरह की दूरी को कम करता है.

हिंदी फिल्मों में तो किस करना छाया हुआ है. मिसाल के तौर पर, गीतों के ये मुखड़े कि-

‘‘तेरे चुंबन में च्यवनप्राश है…’’

‘‘जुम्मा चुम्मा दे दे…’’

‘‘होंठों से छू लो तुम…’’

‘‘छू लेने दो नाजुक होंठों को…’’

‘‘एक चुम्मा तू हम को उधार दे दे…’’

सौ फीसदी सच ही है कि हर किस अश्लील नहीं होता. यह प्रेम प्रदर्शित करने का  खूबसूरत माध्यम है. कई बार तो सार्वजनिक रूप से लिया गया स्नेहिल किस भी अशिष्ट नहीं होता.

5. सहज किस एक अनोखी खुशी

किसी अच्छी और सुहाती सी बात पर अचानक गाल या माथे पर लिया और दिया किस माहौल को खुशनुमा बना देता है.

6. परंपरा के लिए किया गया किस

संसारभर के अनगिनत आदिवासी समाजों में ऐसी प्रथा है जहां पर युवक को सब के सामने अपनी मंगेतर को किस करना होता है. अगर यह अभद्रता होती तो अनगिनत कबीले इस को आज तक क्यों निभाते? बस्तर के आदिवासी इलाके में जा कर देखिए और जानिए कि युवकयुवतियों में किस एक अभिव्यक्ति है. वहां अश्लील और ओछापन कहीं नहीं दिखता. बस, एक स्नेहिल अभिवादन किस के माध्यम से प्रकट किया जाता है.

7. भावनात्मक लगाव

किसी रिश्ते की शुरुआत करने के लिए आप माथे पर एक किस कर सकते हैं. किसी से दोस्ती होने पर ही इस तरह से प्रेम अभिव्यक्त किया जाता है. यह किस सच्चे रिश्ते के प्रति प्रेमी जोड़ों की अच्छी भावनाओं को दिखाता है.

8. हाथों पर किस

साथी के हाथ की हथेली के पीछे वाले हिस्से पर किस करना बेहद ही खास होता है. यह आपसी रिश्ते में छिपी इंटीमेसी को दिखाता है.

9. गालों पर किस 

गालों पर किसिंग मतलब है कि सामने वाला आप से बेहद प्यार करता है. अभिभावक भी अपने बच्चों को इस तरह से किस कर के अपने स्नेह की अंतरंगता व रिश्तों की गर्माहट को दिखाते हैं. पतिपत्नी के बीच यह किस रोमांस को बढ़ा देता है.

10. बंद आंखों पर किस

एकदूसरे की बंद आंखों पर किसिंग असुरक्षा से मुक्ति दिला कर सच्चा भरोसा उत्पन्न करता है. अपने प्यार को जताने का यह एक बेहद ही कारगर तरीका है. मां भी तो अकसर अपने बच्चों के सो जाने पर उन को इस तरह चूमा करती है.

11. प्यार जाहिर करने का बेहतरीन तरीका

जिंदगी रिचार्ज करता हुआ किस  कहता है कि मुबारक हो प्यार और जुड़ाव. किस करना जरूरी है क्योंकि इस से प्यार करने वालों का रिश्ता मजबूत होता है. किस केवल दो होंठों का ही मिलन नहीं बल्कि यह दो दिलों का मिलन है.

उम्र के हर पड़ाव पर लें सेक्स का मजा

शादी के बाद सेक्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको एक दूसरे के घर पर छिप-छिपकर अजीबोगरीब समय पर जाने की या खामोशी से और्गेज्म पाने की जरूरत नहीं होती. हालांकि छुपकर किए जानेवाले सेक्स से रोमांचक कुछ और हो ही नहीं सकता, लेकिन कई बार सेक्स करने का मन होने पर उचित जगह की कमी अच्छे हार्मोन्स को व्यर्थ कर सकती है. यदि आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने के लिए लोगों की मदद पर आश्रित हैं तो यहां हम बता रहे हैं कि एक खुशनुमा शादी के बाद किन चीजों की उम्मीद करें.

1. शादी की रात

आपने न अपनी शादी में सफेद गाउन पहना और ऐसा भी नहीं है कि आप पहली बार सेक्स करने जा रही हैं. लेकिन तब भी शादी की रात तो शादी की रात होती है. यह बतौर पति-पत्नी आपकी पहली रात है और इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने पति के शरीर के हर निशान, तिल और टैटू से परिचित हैं. शादी का सर्टिफिकेट पाने के बाद बतौर विवाहित जोड़ा सेक्स करने का अपना अलग मजा होता है. हर पुरुष की कल्पना होती है, अपनी दुल्हन के साथ उसके सफेद गाउन या लाल रंग की साड़ी में सेक्स करना. चाहे आप शादी के दिन कितनी ही थकी हुई क्यों न हो, आप अपने जोश पर काबू नहीं पा सकती हैं.

2. हनीमून

क्या क्रुगर नेशनल पार्क, दक्षिण अफ्रीका के पास किसी टेंट में मिशनरी मुद्रा में संबंध बनाना भी अलहदा हो सकता है? शर्तिया अलग होगा. लेकिन हम आपको नोट्स बनाने के लिए नहीं कह रहे हैं. बस कुछ खुशनुमा हार्मोन्स जो आपके दिमाग पर छाए हुए हैं उन्हें अपना काम करने दें. टूर गाइड की बकबक के बीच कुछ किस चुरा लें, टूर ग्रुप से अलग हो जाएं, अफ्रीका की धूप में कुछ यादें बनाएं और सुनसान जगहों की तलाश कर वहां प्यार की नई दास्तां लिखें.

3. हमने एक दिन सेक्स नहीं किया

आपकी रोजमर्रा की जिंदगी अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन एक दिन औफिस के लिए कैब पकड़ते वक्त अचानक ही आपने महसूस किया कि आपने आज सेक्स नहीं किया. आप ख़ुद से वादा करती हैं कि आगे से ऐसा कभी नहीं होगा और पिछली रात की भूल को सुधारने के लिए औफिस के लंच समय का इस्तेमाल करती हैं. अपने पति को फोन करती हैं और दोपहर के रोमांस के लिए किसी करीब होटल में एक कमरा बुक करती हैं.

4. जब हो व्यस्तता

यह वह समय है जब आपकी टु-डू लिस्ट कुछ इस तरह की होती है: प्रिया का संगीत, सास को एयरपोर्ट छोड़ना, टपकते हुए बेसिन के नल को ठीक कराना, सेक्स, छुट्टियों के लिए टिकट्स बुक करना. आपने एक निश्चित दिनचर्या बना ली है, जिसमें सेक्स के लिए एक निश्चित समय, जैसे-सप्ताह में दो बार या दिन में एक बार तय कर लिया है! आपको मालूम होता है कि आप वास्तव में कब सेक्स करनेवाली हैं.

5. प्रेग्नेंसी के दौरान

सेक्स करना कोई भूलता नहीं. निस्संदेह गर्भवती महिलाएं भी नहीं. हो सकता है आप मां बननेवाली हों, लेकिन अचानक ही आपके हार्मोन्स आपको पुराने रोमांचपूर्ण दिनों को फिर से जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. आपके पति नहीं समझ पाते कि अचानक आपको क्या हो गया है, लेकिन वे आपकी सेक्स करने की इच्छा से इतने खुश हैं कि वे आपको हमेशा गर्भवती रखना चाहते हैं. वे फुटबौल भी नहीं देख रहे, केवल एक नादान मुस्कान के साथ यहां-वहां घूम रहे हैं. क्रुगर की यादों में.

6. जब ढर्रे पर चले दिनचर्या

सुबह उठते ही आप अपने मुंह पर कुछ गीला महसूस करती हैं और आपको पता लगता है कि आप जो सोच रही हैं यह वह नहीं है. आपके कुत्ते को आपका सुबह का चेहरा पसंद आया और उसने खुद को आपके दो बच्चों, सॉफ़्ट टौय और मखमली चादर के बीच फिट बिठा लिया है. आपके पति जो कुछ ही देर पहले आपसे एक हाथ दूर लेटे थे, अब हौल के काउच पर खर्राटे ले रहे हैं. आपके बच्चे इस बात का सबूत हैं कि आप दोनों के बीच कभी गर्मजोशीभरा सेक्स हुआ करता था. लेकिन आप बहुत ज्यादा निश्चिंत नहीं हो सकतीं.

7. नीरसता को कहें अलविदा

रूखे दिन काफी लंबे खिंच गए हैं और आपने इसे खत्म करने का निश्चय कर लिया है. आप औफिस के प्रसाधन गृह में जाती हैं और अपने फोन पर एनएसफडब्ल्यू (नौट सेफ फौर वर्क) पेज पर जाती हैं और अपनी कल्पनाओं के लिए जल्दी-जल्दी देखती हैं. क्या आप केवल ट्रेंच कोट और हील्स में अपने पति के औफिस अचानक मिलने के लिए पहुंच सकती हैं? या उनके घर आने के बाद सरप्राइज की योजना बना सकती हैं? या दोनों? अपने बच्चों को उस दोस्त के यहां सोने के लिए कहें, जिसपर आपकी मदद उधार हो, तुरंत सलून जाएं, नई लॉन्जरी, खाने की अपनी पसंदीदा चीजें खरीदें. हम मानते हैं कि नीरस दिनों के बाद सेक्स करना आपातकालीन जरूरत है. क्या आपका बहाना समय की कमी है? या शरीर में आए बदलाव आपको हतोत्सिहित कर रहे हैं? विश्वास करें, आप अब भी तैयार हैं. इन सभी कारणों को भूल जाएं और इस दूरी को मिटाने के लिए सेक्स के लिए तैयार हो जाएं. सेक्स के बाद साथ में लिपटकर सोने का मजा ही कुछ और होता है.

8. अब भी वक्त है

जब आप दोनों ही सही फौर्म में हों तो आपको क्रोशिया पकड़ने और उन्हें क्रौसवर्ड हल करके समय बिताने की तरूरत क्या है? यदि आपको यह करना ही है तो उनके साथ नटखट क्रौसवर्ड खेलें और रोमांचपूर्ण अंदाज में क्रोशिया थामें. उम्र के चौथे, पांचवे और छठें दशक में रसिक न होने का कोई कारण नहीं है. खुद को आजाद छोड़ दें, रोकने की कोशिश न करें.

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