सोरायसिस से रहें सावधान

कई बार आप ने देखा होगा कि कुछ लोगों की कुहनी, घुटने या सिर के पीछे लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. ये चकत्ते थोड़े उभरे होते हैं. इस जगह की चमड़ी मोटी और खुरदुरी दिखती है. सामान्य रूप से ये सोरायसिस नामक बीमारी के लक्षण होते हैं.

सोरायसिस चमड़ी से जुड़ी एक बीमारी है. इस में खुजली होने के साथसाथ, पपड़ीदार चमड़ी के अलावा चकत्ते दिखाई देते हैं. आमतौर पर ये चकत्ते घुटने, कुहनी, धड़ और सिर पर सब से ज्यादा होते हैं. जिन लोगों को डायबिटीज, दिल की बीमारी, मोटापा और डिप्रैशन है, उन्हें सोरायसिस होने का खतरा ज्यादा होता है.

इम्यूनिटी सिस्टम और आनुवंशिक वजह से यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. इस का असर शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है, इसलिए इस के लक्षणों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है.

होता यह है कि शरीर में खुजली और चमड़ी पर चकत्ते देख कर लोग इन को नजरअंदाज कर देते हैं. यह गलती न करें. सावधान हो जाएं और तुरंत डाक्टर के पास जाएं, क्योंकि ये ही सोरायसिस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं.

अगर घर में किसी को सोरायसिस की शिकायत रह चुकी है तो खास सावधानी बरतने की जरूरत है. स्किन पर अगर खुरदुरापन है, चमड़ी मोटी लगे या उस पर चकत्ते हों, तो माहिर डाक्टर से जांच करा लेनी चाहिए. इस बीमारी का सब से ज्यादा असर कुहनी के बाहरी हिस्से और घुटने पर देखने को मिलता है.

लखनऊ की स्किन स्पैशलिस्ट डाक्टर प्रियंका सिंह बताती हैं, “सोरायसिस को संक्रामक बीमारी नहीं माना जाता है. यह बीमारी स्विमिंग पूल में नहाने, किसी सोरायसिस पीड़ित के साथ संपर्क में आने और किसी सोरायसिस पीड़ित के साथ शारीरिक संबंध बनाने से नहीं फैलती है, इसलिए ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है.”

सोरायसिस के प्रकार

सोरायसिस बीमारी के कई प्रकार हैं. प्लाक सोरायसिस सब से आम है. सोरायसिस से पीड़ित लोगों में से तकरीबन 80 फीसदी से 90 फीसदी को प्लाक सोरायसिस होता है. उलटा सोरायसिस में चमड़ी पर सिलवटें दिखाई देती हैं. यह छोटे, लाल, बूंद के आकार के पपड़ीदार धब्बों जैसा दिखता है. यह अकसर बच्चों और नौजवानों में होता है. कुछ में टुकड़े के ऊपर छोटे, मवाद से भरे थक्के होते हैं. कई बार सोरोयसिस चमड़ी के झड़ने की वजह बनता है.

सोरायसिस में चेहरे और खोपड़ी पर एक चिकने, पीले रंग के धब्बे के साथ जगह दिखाई देती है. यह हाथ के नाखूनों के अंदर गड्ढे और पैर की उंगलियों में भी होता है.

सोरायसिस के चलते चमड़ी में खुजली, चमड़ी का फटना, सूखी चमड़ी, चमड़ी में दर्द, नाखून का उखड़ना, फटना और जोड़ों का दर्द भी होता है. अगर इस के साथसाथ दर्द, सूजन और बुखार लगे तो यह संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में डाक्टर के पास जाना चाहिए.

सोरायसिस का इलाज

इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कई ऐसे उपचार जरूर हैं, जो इस के लक्षणों और चमड़ी के चकत्तों को कम कर सकते हैं. इस के इलाज के लिए डाक्टर से बात करने की जरूरत होती है.

सोरायसिस से बचाव के लिए शरीर को साफसुथरा रखें और खुद का ध्यान रखे. सेहत से भरपूर भोजन और दिनचर्या, तनाव से दूर रह कर इस बीमारी से बचा जा सकता है.

धूम्रपान और का सेवन न केवल सोरायसिस का खतरा बढ़ाता है, बल्कि बीमारी को भी खतरनाक बनाता है. सोरायसिस का इलाज करने के लिए स्टेरौयड, क्रीम, रूखी चमड़ी के लिए मौइस्चराइजर या एंटीसैप्टिक क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

मैडिकेटेड लोशन या शैंपू, विटामिन डी 3, विटामिन ए या रैटिनोइड क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. चमड़ी पर छोटे दाने ठीक करने के लिए क्रीम या मलहम का इस्तेमाल कर सकते हैं. पर साथ ही याद रखें कि बिना डाक्टरी सलाह के दवा कभी न लें.

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