लक्ष्मी आठ दिसंबर से शुरू हो रहे तीसरे आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग दो के दौरान यूएई और अमरीका के बीच शारजाह में खेले जाने वाले वनडे मैच में बतौर मैच रेफ़री उतर कर इतिहास रचेंगी. आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग दो इस साल अगस्त में शुरू हुआ था और जनवरी 2022 तक चलेगा. इस दौरान इसमें कुल 126 मैच खेले जाएंगे.
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इसकी शीर्ष तीन टीमें आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वालिफायर 2022 में खेलेंगी. इसी के आधार पर भारत में 2023 में खेले जाने वाले वाले विश्व कप के लिए आईसीसी क्वालीफायर टीम का चयन होना है. आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ मैच रेफरी में नियुक्ति के बाद यह लक्ष्मी की इस साल दूसरी महत्वपूर्ण उपलब्धि है. 51 वर्षीय लक्ष्मी 2008-09 के घरेलू महिला क्रिकेट में पहली बार मैच रेफरी बनी थीं.
अब तक लक्ष्मी महिलाओं के तीन अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों, महिलाओं के सात टी-20 इंटरनेशनल और पुरुषों के सोलह टी-20 इंटरनेशनल में बतौर मैच रेफरी उतर चुकी हैं.
एक इंटरव्यू में जीएस लक्ष्मी ने कहा कि उन्होंने कभी क्रिकेटर बनने के बारे में नहीं सोचा था. उन्होंने कहा, “अपनी पढ़ाई के जरिए मैं कॉलेज में एडमिशन पाने में असफल रही थी. तब प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई अन्य प्रतिभा है. मैं अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेल रखी थी. मेरे इस कौशल को देखा गया. मुझमें गेंदबाजी की प्रतिभा थी. इसकी बदौलत मुझे कॉलेज में एडमिशन मिल गया.” 18 सालों तक घरेलू क्रिकेट खेली लक्ष्मी ने बताया कि इसके बाद वो क्रिकेट की कोचिंग देने लगीं. फिर राज्य स्तरीय टीम की सेलेक्टर बनीं.
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इस दौरान बीसीसीआई महिलाओं को मैच अधिकारी के रूप में क्रिकेट से जोड़ने का नया प्रावधान लेकर आई. लक्ष्मी उन पांच सदस्यों में से थी जिन्हें बीसीसीआई की तरफ से चयन किया गया.
लक्ष्मी ने कहा, “बतौर मैच रेफ़री चुना जाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है. भारत में एक क्रिकेटर और मैच रेफ़री के रूप में मेरा लंबा करियर रहा है. उम्मीद है कि मैं एक खिलाड़ी और मैच अधिकारी के रूप में अपने अनुभव का यहां अच्छा उपयोग करूंगी.”
आंध्र प्रदेश में जन्मीं लक्ष्मी बिहार के जमशेदपुर में बड़ी हुईं. वहां उनके पिता कार्यरत थे. बतौर तेज गेंदबाज वे रेलवे के लिए खेलीं. गेंदबाज़ी में आउट स्विंग पर उनकी अच्छी पकड़ थी. 1999 में इंग्लैंड के दौरे पर भारतीय टीम की सदस्य भी रह चुकी हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए उन्हें खेलने का मौका कभी नहीं मिला.