भोजपुरी सिनेमा के 60 साल का सुनहरा सफर

भले ही भोजपुरी फिल्मों पर तरहतरह के आरोप लगते रहे हों, पर यह भी सच है कि भोजपुरी सिनेमा में बन रही फिल्में रिलीज होने के पहले ही चर्चा में आ जाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्में तकरीबन 35 करोड़ लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं.

भोजपुरी सिनेमा को यह मुकाम यूं ही नहीं मिला है, बल्कि इसकी शुरुआत 60 साल पहले भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से हो गई थी. भोजपुरी में बनी यह पहली फिल्म इतनी सुपरडुपर हिट रही थी कि इस फिल्म को देखने के लिए लोग बैलगाडि़यों पर लद कर सिनेमाघरों तक पहुंचे थे.

भोजपुरी सिनेमा का दौर

यह भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर था, जिस ने इस फिल्म के रिलीज के साथ ही सुनहरे युग की शुरुआत कर दी थी.

इस फिल्म को तब के राष्ट्रपति  डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से बनाया गया था. वे चाहते थे कि दूसरी भाषाओं की तरह भोजपुरी में भी फिल्म बने. जब उन्होंने इस की इच्छा आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे नजीर हुसैन से जाहिर की, तो उन्होंने विधवा पुनर्विवाह पर आधारित भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ की पटकथा लिखी.

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इस के बाद आरा के रहने वाले कारोबारी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी ने इस फिल्म में अपना पैसा लगाने का ऐलान किया. फिर इस फिल्म को बनाने का काम शुरू हो गया.

फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के डायरैक्शन का काम कुंदन कुमार ने किया था, तो इस में गाने को आवाज देने का काम लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे मशहूर गायकों ने किया था. फिल्म के गाने मशहूर गीतकार शैलेंद्र और भिखारी ठाकुर ने लिखे थे. इसी के साथ फिल्म में म्यूजिक देने का काम संगीतकार आनंदमिलिंद के पिता चित्रगुप्त ने किया था.

फिल्म में लीड रोल हिंदी फिल्मों की मशहूर हीरोइन कुमकुम ने किया था, जो भोजपुरी फिल्मों की पहली हीरोइन  बनी थीं.

इस के अलावा कुमकुम के अपोजिट असीम कुमार हीरो थे. फिल्म में विलेन का किरदार बिहार के रहने वाले रामायण तिवारी ने निभाई थी. इस फिल्म में पद्मा खन्ना, हेलेन, लीला मिश्रा, टुनटुन वगैरह भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे.

यह फिल्म 22 फरवरी, 1963 को पटना के वीणा सिनेमा में रिलीज हुई थी, जिस ने कामयाबी के इतने ज्यादा रिकौर्ड तोड़े कि महीनों तक दर्शकों की लाइन ही नहीं टूटी.

इस फिल्म के बाद भोजपुरी में दूसरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’ आई थी. यह फिल्म भी साल 1963 में ही रिलीज हुई थी, जिस का डायरैक्शन कुंदन कुमार ने किया था और निर्माता रामायण तिवारी रहे थे. फिल्म में मुख्य भूमिका असीम कुमार, नसीर हुसैन और कुमकुम ने निभाई थी.

इस फिल्म के बाद फिल्म ‘बिदेसिया’ बनी थी, जिस के हीरो सुजीत कुमार और हीरोइन बेबी नाज थीं. साल 1964-65 में एसएन त्रिपाठी के डायरैक्शन में बनी यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही थी. इस के बाद भोजपुरी में कुछ छिटपुट फिल्में बनीं, जो बहुत ज्यादा नहीं चल पाईं और यही भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर खत्म सा हो गया. इस के बाद 10 साल तक भोजपुरी सिनेमा में सन्नाटा सा छाया रहा था.

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ऐसे टूटा सन्नाटा

10 साल के सूखे के बाद भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर की शुरुआत नजीर हुसैन ने फिर से कर दी और उन्होंने उस समय की सब से बड़ी हिट फिल्म ‘बलम परदेसीया’ बनाई, जिस में मुख्य भूमिका राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना ने निभाई थी.

बौलीवुड के जानेमाने म्यूजिक डायरैक्टर नदीमश्रवण ने भोजपुरी फिल्म ‘दंगल’ से अपने म्यूजिक कैरियर की शुरुआत की थी.

यह फिल्म साल 1977 में रिलीज  हुई थी. इस फिल्म में सुजीत कुमार  और प्रेमा नारायण समेत उस वक्त के कई भोजपुरी फिल्म कलाकारों ने काम  किया था.

यह फिल्म उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह थे. इस फिल्म में म्यूजिक देने के बाद नदीमश्रवण बौलीवुड में छा गए थे.

इस के बाद भोजपुरी में कई सुपरहिट फिल्में बनी थीं, जिन में साल 1980 में बनी भोजपुरी फिल्म ‘धरती मैया’ से भोजपुरी के सुपरस्टार कुणाल सिंह की ऐंट्री हुई.

इस फिल्म में राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना के साथ गौरी खुराना प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. इस के बाद ‘गंगा किनारे मोरा गांव’, ‘बसुरिया बाजे गंगा तीर’, ‘दूल्हा गंगा पार के’, ‘माई’ जैसी ब्लौकबस्टर फिल्में आई थीं.

भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर में इन फिल्मों के अलावा दर्जनों फिल्में बनी थीं, लेकिन यह फिल्में चल नहीं पाईं और धीरेधीरे 90 का दशक आतेआते भोजपुरी सिनेमा सन्नाटे में चला गया.

बुलंदियों का तीसरा दौर

भोजपुरी सिनेमा के लिए साल 2000 का दशक बदलाव का दौर रहा. इस दौर ने भोजपुरी फिल्मों के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया. रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे भोजपुरी के कई सुपरस्टार इस दौर ने दिए, बल्कि भोजपुरी सिनेमा से पूरी तरह से कट चुके दर्शकों को जोड़ने का काम भी किया.

इस दौर की पहली फिल्म साल 2000 में आई, जिस का नाम था ‘सईयां हमार’, जिस में मुख्य भूमिका में रवि किशन थे. इस फिल्म में बृजेश त्रिपाठी मुख्य विलेन की भूमिका में नजर आए थे.

साल 2004 में मनोज तिवारी की फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ बनी थी, जिस ने कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए थे.

इस के बाद रवि किशन के लीड रोल में ही ‘सईयां से कर द मिलनवा हे राम’ और ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’ फिल्में बनी थीं, जो साल 2005 की सब से बड़ी हिट फिल्में रही थीं.

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इस दौर की बड़ी हिट फिल्मों में ‘गंगा जइसन माई हमार’, ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, ‘देहाती बाबू’, ‘धरतीपुत्र’, ‘दीवाना’, ‘लगल रहा हे राजाजी’, ‘देवरा बड़ा सतावेला’ वगैरह शामिल रहीं.

इन्होंने दी बड़ी पहचान

साल 2010 के बाद का दशक गायक से नायक बने कई ऐक्टरों के नाम रहा, जिस में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, पवन सिंह, खेसारीलाल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. इन ऐक्टरों ने पिछले 10 सालों में सैकड़ों हिट फिल्में दी हैं. आज इन्हीं ऐक्टरों से भोजपुरी सिनेमा की पहचान है.

वहीं अगर ऐक्ट्रैस की बात की जाए, तो रानी चटर्जी, नगमा, आम्रपाली दुबे, काजल राघवानी जैसे कई नाम हैं, जिन के करोड़ों दीवाने हैं. भोजपुरी सिनेमा में कई हिट डायरैक्टरों के नाम है, जिन में राजकुमार आर. पांडेय, संजय श्रीवास्तव, पराग पाटिल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. वहीं निगेटिव रोल में संजय पांडेय, अवधेश मिश्र, देव सिंह, सुशील सिंह, कौमेडी में संजय महानंद, धामा वर्मा, लोटा तिवारी जैसे सैकड़ों नाम  शामिल हैं.

आज के दौर में भोजपुरी में बन रही फिल्मों और दर्शकों की तादाद के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भोजपुरी आज दूसरी फिल्मों की अपेक्षा टौप पर है.

बनाया नया मुकाम

भोजपुरी फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इस पर अश्लीलता फैलाने के आरोप भी लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों की तरफ से नहीं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा को न देखने वालों की तरफ से लगाए जाते रहे हैं, जबकि आज की भोजपुरी फिल्में भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के मूड को देखते हुए ही बन रही हैं.

भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के हिसाब से जो भी फिल्में बन रही हैं, उतना हंसीमजाक भोजपुरी बैल्ट में आम  बात है.

दी कड़ी टक्कर

भोजपुरी सिनेमा के तीसरे दौर में बहुतकुछ बदल चुका है, जहां भोजपुरी की फिल्मों के कंटैंट पर अच्छाखासा ध्यान दिया जाने लगा है, वहीं इस में इस्तेमाल होने वाली टैक्नोलौजी में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है.

इस दौर में आई फिल्मों में ‘निरहुआ रिकशावाला’, ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’, ‘विवाह’, ‘कसम पैदा करने वाले की 2’, ‘दोस्ताना’, ‘जुगजुग जिया हो ललनवा’ जैसी सैकड़ों फिल्मों ने भोजपुरी फिल्मों के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने का बड़ा काम किया है.

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा का यह दौर बुलंदियों का दौर है, जहां कम बजट में अच्छी फिल्में बन रही हैं.

पोपुलैरिटी को देख कर बौलीवुड के नामचीन कलाकारों ने किया काम

भोजपुरी के तीसरे दौर में फिल्मों की पोपुलैरिटी और दर्शकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए बौलीवुड के कई नामचीन कलाकार खुद को काम करने से रोक नहीं पाए.

साल 2013 में आई भोजपुरी फिल्म ‘देशपरदेश’ में धर्मेंद्र प्रमुख भूमिका में नजर आए थे. इसी के साथ भोजपुरी फिल्म ‘गंगा’ में रवि किशन और मनोज तिवारी के साथ अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी नजर आए तो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ की फिल्म ‘गंगा देवी’ में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने काम कर के भोजपुरी सिनेमा की अहमियत को और भी बढ़ा दिया था.

इस के अलावा फिल्म ‘धरती कहे पुकार के’ में अजय देवगन, ‘बाबुल प्यारे’ में राज बब्बर, ‘भोले शंकर’ में मिथुन चक्रवर्ती, ‘हम हई खलनायक’ में जैकी श्रौफ, ‘एगो चुम्मा दे दा राजाजी’ में भाग्यश्री जैसे नामचीन कलाकारों ने काम किया. आज भी रजा मुराद, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर जैसे दर्जनों बौलीवुड कलाकार लगातार काम कर रहे हैं.

नेताओं ने बड़ा आयोजन बताया

28फरवरी, 2021 की शाम ‘अयोध्या महोत्सव’ को एक नया रंग देने वाली थी. खूबसूरत गुलाबी पंडाल में भारी तादाद में जमा हुए दर्शक अपने चहेते भोजपुरी कलाकारों को देखने के लिए उतावले हो रहे थे. जैसेजैसे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड 2020’ खुद को आकार दे रहा था, वैसेवैसे भीड़ का जोश बढ़ता जा रहा था.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरीश द्विवेदी थे, जो लगातार 2 बार से बस्ती, उत्तर प्रदेश से सांसद हैं. भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है. फेम इंडियाएशिया पोस्ट द्वारा किए गए सर्वे 2020 में वे देश के 25 बेहतरीन सांसदों में चुने गए थे. इतना ही नहीं, वे उत्तर प्रदेश यूनिट के भारतीय जनता युवा मोरचा के अध्यक्ष रहे हैं.

अपने स्वागत भाषण में सांसद हरीश द्विवेदी ने अवार्ड मिलने वाले सभी भोजपुरी कलाकारों को अग्रिम बधाई दी और कहा कि ‘सरस सलिल’ और दिल्ली प्रैस की दूसरी पत्रिकाएं उन्होंने खूब पढ़ी हैं और ‘सरस सलिल’ द्वारा भोजपुरी फिल्मों के कलाकारों और दूसरे लोगों को अवार्ड देना तारीफ का काम है. इस से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का दायरा बढ़ेगा और भविष्य में उसे काफी फायदा भी होगा.

इतना ही नहीं, सांसद हरीश द्विवेदी ने इस कार्यक्रम को काफी समय तक देखने का लुत्फ लिया और कलाकारों को अपने हाथों से अवार्ड दे कर उन्हें सम्मानित भी किया.

बिहार की लौरिया विधानसभा से  3 बार के विधायक विनय बिहारी ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी. नेता होने से पहले विनय बिहारी का नाम भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के तौर पर भी याद किया जाता है.

जब साल 1990 से साल 2000 तक भोजपुरी सिनेमा अपने बुरे दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने ही अपने गीतों से भोजपुरी कला जगत को जिंदा रखा था.

विनय बिहारी ने ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’, ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’, ‘कन्यादान’ समेत 300 फिल्मों में बतौर गीतकार और 50 से ज्यादा फिल्मों में पटकथा लेखक, कहानीकार और संवाद लेखक का काम किया है.

विनय बिहारी इस कार्यक्रम से बेहद खुश दिखे और कहा कि उन्होंने इतने बड़े लैवल पर भोजपुरी का कोई अवार्ड शो नहीं देखा है. इस तरह के सम्मान से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है. ऐसे कार्यक्रम जनता और कलाकारों के बीच पुल बांधने का काम करते हैं.

इस कार्यक्रम में उत्तर भारत के ही नहीं, बल्कि नेपाल के नेता भी आए थे. वहां से विधायक सहसराम यादव, पूर्व मंत्री दान बहादुर चौधरी और मेयर बजरंगी चौधरी ने भी शिरकत की थी.

उन नेताओं ने बताया कि नेपाल के तराई वाले इलाकों में जिसे मधेश इलाका भी कहा जाता है, हिंंदीभाषी लोग ज्यादा रहते हैं. वे ‘सरस सलिल’ पत्रिका पढ़ते हैं और भोजपुरी और हिंदी फिल्मों को बड़े चाव से देखते हैं. वहां भोजपुरी गाने भी सुने जाते हैं और कलाकारों को खूब पसंद किया जाता है.

विधायक सहसराम यादव ने नेपाल से बुलाए गए नेताओं की तरफ से ‘सरस सलिल’ का शुक्रिया अदा किया और इच्छा जाहिर कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे.

इस कार्यक्रम में नेता ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे. बुंदेलखंड में ‘जलयोद्धा’ के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय को इस कार्यक्रम में विशेष सम्मान दिया गया था. उन्होंने मेंड़बंदी जैसे पारंपरिक तरीके को अपना कर पानी की जो बचत की है, वह एक सराहनीय काम है.

‘जलयोद्धा’ उमाशंकर पांडेय दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं के हमेशा से मुरीद रहे हैं. उन्होंने इस अवार्ड शो को एक शानदार कदम बताया और उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन लोगों और भोजपुरी कलाकारों को एकदूसरे से जोड़ते हैं. अपने चहेते कलाकारों को सामने से देखने में जनता को जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

– सुनील 

अयोध्या में ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’, जुटेंगी फिल्मी हस्तियां

देश में सब से ज्यादा प्रसार और पढ़ी जाने वाली दिल्ली प्रैस की पत्रिका ‘सरस सलिल’ द्वारा इस साल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दूसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ का आयोजन 28 फरवरी, 2021 को किया जा रहा है.

इस अवार्ड शो में भोजपुरी के जानेमाने कलाकार न केवल शिरकत करेंगे, बल्कि रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी देंगे. भोजपुरी सिनेमा में शानदार प्रदर्शन करने वाली फिल्मों और कलाकारों को यह अवार्ड दिया जाता है.

बीते साल इस अवार्ड शो का आयोजन उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में किया गया था, जिस में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की जानीमानी हस्तियों ने हिस्सा लिया था.

इस साल यह अवार्ड शो साल 2020 में आई भोजपुरी फिल्मों के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाएगा, जिस में फिल्मों के अलावा कलाकारों और तमाम तकनीशियनों को अलगअलग कैटेगरी में अवार्ड दिया जाएगा.

दूसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में जिन फिल्मों का नौमिनेशन किया जा रहा है, उस में बैस्ट कैटेगरी का फैसला ऐक्सपर्ट की ज्यूरी कर रही है.

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इन की रहेगी मुख्य भूमिका

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में मुख्य भूमिका अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव निभा रहे हैं. उन्होंने इस आयोजन को कामयाब बनाने में सभी जरूरी संसाधनों को मुहैया कराने के साथ ही कलाकारों के ठहरने और सुरक्षा संबंधी सारी व्यवस्थाएं भी अपनी तरफ से की हैं.

फिल्म हीरो शुभम तिवारी और हीरोइन डाक्टर माही खान इस कार्यक्रम के एंकरिंग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. भोजपुरी गायक और हीरो विवेक पांडेय इस अवार्ड शो में सहसंयोजक की भूमिका में हैं. वे दूसरे तमाम भोजपुरी कलाकारों के साथ समन्वय करने के साथसाथ उन्हें निमंत्रण देने की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं.

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कलाकारों ने की तारीफ

जानेमाने भोजपुरी सुपर स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने इस सिलसिले में कहा कि वे ‘सरस सलिल’ पत्रिका के आज भी नियमित पाठक हैं. उन्होंने इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं.

फिल्म डायरैक्टर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस साल का ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ ऐतिहासिक साबित होगा. ‘सरस सलिल’ पत्रिका द्वारा भोजपुरी सिनेमा के लिए किया जाने वाला यह प्रयास बेहद ही सराहनीय है.

नवोदित भोजपुरी कलाकार विमल पांडेय ने कहा कि बीते साल ‘सरस सलिल’ ने भोजपुरी सिनेमा के लिए जो शुरुआत की थी, वह अपने एक नए मुकाम की तरफ बढ़ रही है.

फिल्म डायरैक्टर पराग पाटिल ने इस आयोजन के सफलता की कामना की. फिल्म निर्माता किशोर यादव ने इस अवार्ड को ले कर कहा कि ‘सरस सलिल’ पत्रिका ने भोजपुरी सिनेमा को आगे बढ़ाने में अपने लेखों और इंटरव्यू के जरीए एक अलग ही भूमिका निभाई है.

इस के अलावा शुभकामनाएं देने वालों में राज प्रेमी, यश मिश्रा, देव सिंह, पूनम दुबे, सोनालिका प्रसाद, गुंजन पंत, अनूप अरोड़ा, राहुल श्रीवास्तव, लोटा तिवारी, धामा वर्मा, कृष्णा कुमार, बालेश्वर सिंह, समर्थ चतुर्वेदी, संजना राज, शैलेंद्र श्रीवास्तव, सुप्रिया प्रियदर्शनी, कनक पांडेय, सीपी भट्ट, संजना सिल्क, रविशंकर मिश्र, प्रिंस सिंह राजपूत, देवी कुमार, रूपा सिंह, कनक यादव, वीरू यादव, अरुण राज समेत सैकड़ों भोजपुरी कलाकार शामिल हैं.

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रंगारंग नाइट में होगा धमाल

इस अवार्ड शो में जहां एक तरफ भोजपुरी फिल्मों और फिल्मी हस्तियों को अवार्ड दिया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ 28 फरवरी की शाम 6 बजे से डांस, गाने और कौमेडी नाइट्स से भी धमाल मचेगा.

इस अवार्ड शो में दर्शकों की ऐंट्री फ्री होगी, लेकिन इस के लिए उन्हें अपने साथ निमंत्रणपत्र जरूर लाना होगा.

Saras Salil Bhojpuri Cine Award: भोजपुरी एक्टर देव सिंह बनें ‘बेस्ट पौपुलर विलेन औफ द ईयर’

भोजपुरी सिनेमा में अपने दमदार रोल और संवाद अदायगी से अलग पहचान बनाने वाले देव सिंह को सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड-2020 में बेस्ट पॉपुलर विलेन ऑफ़ द ईयर से नवाजा गया. यह अवॉर्ड उन्हें बॉलीवुड भोजपुरी और छोटे पर्दे के जानेमाने अभिनेता राजप्रेमी के हाथों मिला.

इन फिल्मों के लिए मिला अवॉर्ड…

अवॉर्ड की ज्यूरी नें देव सिंह की फिल्म स्पेशल एनकाउंटर, राजतिलक, छलिया और कुली फिल्मों में उनके द्वारा किये गए यादगार रोल के लिए इस अवॉर्ड के लिए चुना. ज्यूरी वर्ष 2020 में प्रदर्शित 40 फिल्मों में भोजपुरी के लीड विलेन की फिल्मों को शामिल किया गया था लेकिन ज्यूरी द्वारा इस कैटेगरी के लिए देव सिंह को सबसे ज्यादा अंक मिले.

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जिन फिल्मों के आधार पर देव सिंह को यह अवॉर्ड मिला उसमें फिल्म स्पेशल एनकाउंटर में देव सिंह नें बाबा राघवेंद्र का कैरेक्टर निभाया है. फिल्म में देव सिंह का कैरेक्टर “बाबा राघवेंद्र” हर समय पुजारी के भेष में रहता है जिसका बहुत आतंक है. बाबा राघवेंद्र अपने इलाके के थाने में आने वाले हर ईमानदार पुलिस वाले की हत्या करवा देता है. इसलिए उससे निपटने वहां स्पेशल टास्क फोर्स जाती है. जिसे राकेश मिश्र भी जॉइन करते हैं. राकेश इस फिल्म में अपने परिवार और प्यार को खो देने के बाद दोषियों से बदला लेने की कहानी दिखाया गया है.

स्पेशल एनकाउंटर का निर्माण अमन फ़िल्म सिने विजन के बैनर तले किया गया है. फिल्म का निर्देशन अरुण राज नें किया है निर्माता गणेश गुप्ता और नंदलाल यादव हैं. फिल्म का छायांकन आर आर प्रिंस का है. फिल्म की मुख्य भूमिका में राकेश मिश्रा, देव सिंह गणेश गुप्ता, ऋतु सिंह, अनूप अरोरा सीमा सिंह है

वहीं ज्यूरी ने फिल्म राजतिलक में भी देव सिंह ने विलेन के रूप में सबसे ज्यादा नम्बर दिए. ज्यूरी ने उनकी फिल्म छलिया में निभाये गए भ्रष्ट पुलिस अफसर के रोल को भी सराहा. इन फिल्मों में विलेन के रूप में उनकी दमदार एक्टिंग के आधार पर बेस्ट पॉपुलर विलेन ऑफ़ द ईयर-2020 की कैटेगरी के लिए उनके नाम को चुना गया. अवॉर्ड मिलने के बाद देव सिंह नें सरस सलिल को धन्यवाद देते हुए इस पहल की सराहना की.

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देव सिंह नें जिन फिल्मों में निगेटिव रोल में यादगार फिल्में की हैं उनमें मैं सेहरा बांध के आऊंगा में बबुआ जी का रोल, डमरू में विधायक जी, राजतिलक के कॉट्रेक्टर, रब्बा इश्क ना होवे का शंकर सिंह, राजा जानी का विक्रम, स्पेशल एनकाउंटर का राघवेन्द्र का रोल यादगार रहा है जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है. रिलीज हो चुकी फिल्मों में मैं सेहरा बांध के आऊंगा, भाई जी, बजरंग, इंडियन मदर, मोकामा जीरो किलोमीटर, जिगर, लागी नहीं छूटे रामा,  रब्बा इश्क न होवे,  डमरू, पवन राजा , राजा जानी, संघर्ष,  निरहुआ चलल ससुराल 2,  पत्थर के सनम,  राज तिलक,  लल्लू की लैला,  स्पेशल इनकाउंटर,  कुली नंबर, जिद्दी, है. जब की जो अभी रिलीज होने वाली हैं उनमें प्रतिबन्ध, यारा तेरी यारी, जय शम्भू, नाम बदनाम, हीरो हैंडसम, विजेता, मजनुआ, पगलू, छलिया प्रमुख हैं.

Saras Salil Bhojpuri Cine Award: धामा वर्मा बने बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर औफ द ईयर

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में आयोजित सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड के पहले सीजन में विभिन्न श्रेणियों में भोजपुरी अभिनताओं को सम्मानित किया गया. 20 फरवरी 2020 को बादशाह टावर में आयोजित हुए इस अवॉर्ड समारोह में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर ऑफ़ द ईयर-2020 का अवॉर्ड जाने माने चरित्र अभिनेता धामा वर्मा को दिया गया.

यह अवॉर्ड उन्हें वर्ष 2019 में प्रदर्शित हुई फिल्म क्रैक फाइटर और बब्बर में किये गये यादगार अभिनय के लिए दिया गया. इस फिल्म में उन्होंने दर्शकों पर अपने अभिनय के जरिये अमिट छाप छोड़ने में कामयाबी पाई थी. अवार्ड के लिए नामित ज्यूरी नें इनकी दोनों फिल्मों में किये अभिनय के आधार पर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर ऑफ़ द ईयर-2020 के लिए चुना.

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गौतम घोष के निर्देशन में बनी फिल्म पतंग से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले धामा का उस फिल्म में उल्लेखनीय रोल रहा था. इस फिल्म में धामा के साथ मुख्य भूमिका में शबाना आजमी, ओमपुरी, मोहन अगासे और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गज कलाकारों की पूरी टीम थी. उन्होंने पहली फिल्म में ही अमिट छाप छोड़ने में सफलता पाई थी.

इसके बाद उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अभिनय की तरफ रुख किया और कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं कर दर्शको के दिल में आसानी से जगह बनाने में कामयाबी पाई. उनकी प्रमुख भोजपुरी फिल्मों में राजा भोजपुरीया, निरहुआ चलल ससुराल, हमार वियाह तोहरे से होई, श्रीमान् ड्राइबर बाबु, कानून हमरा मुट्ठी में, प्रेम के रोग भईल, दाग, लड़ाई ल अखियां ऐ लौन्डे राजा, आज के करण अर्जुन, लोफर, जान तेरे नाम और सस्ता जिनगी मंहगा सेनुर में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है. वर्ष 2020 में उनकी दमदार भूमिकाओं में दर्जनों फ़िल्में प्रदर्शन को तैयार हैं.

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सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड के दौरान स्टेज पर अवॉर्ड मिलने के बाद धामा वर्मा नें कहा की उनके अभिनय के करियर में यह पहला बड़ा अवॉर्ड है. उन्होंने कहा की इस अवॉर्ड के मिलने से मेरा हौसला बढ़ा है मेरी कोशिश रहेगी की मै दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरूं.

उन्होंने सरस सलिल पत्रिका में प्रकाशित होने वाले लेखों की भी जम कर तारीफ़ की और कहा की सरस सलिल नें समाज को नई दिशा देनें का काम किया है इस तेवर को सरस सलिल को ऐसे ही बनाए रखना होगा.

सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड: शुभम तिवारी नें ‘बेस्ट एक्टर इन सोशल इश्यू’ कैटेगरी में मारी बाजी

सरस सलिल द्वारा भोजपुरी सिनेमा के लिए शुरू किये गए भोजपुरी सिने अवार्ड के पहले संस्करण में जिन अभिनेताओं और फिल्मों को पुरस्कृत किया गया उन नामों में शामिल सुपरस्टार शुभम तिवारी को सामाजिक मुद्दों पर फिल्मों में अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर इन सोसल इश्यू का अवार्ड दिया गया.

भोजपुरी सिने अवार्ड शो में पहुंचे शुभम तिवारी ने स्टेज से पर पहुंच कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. उन्होंने अपने एक्टिंग से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी. शुभम तिवारी ने बौलीवुड कलाकारों की मिमिक्री कर लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया. उन्होंने गोविंदा, सनी देओल, नाना पाटेकर, अमिताभ बच्चन, सुनील शेट्टी, परेश रावल, सहित कई कलाकारों की नकल उतारी.

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इस दौरान जब मंच से ज्यूरी द्वारा शुभम तिवारी का नाम बेस्ट एक्टर ‘इन सोसल इश्यू अवार्ड’ के लिए पुकारा गया तो दर्शकों की तालियां थमने का नाम नहीं ले रहीं थी. उन्हें यह अवार्ड फिल्म ‘बलमा डेरिंगबाज’ में ससक्त अभिनय के लिए दिया गया. यह फिल्म दिसंबर 2019 में प्रदर्शित हुई थी जिसे दर्शकों नें खूब सराहा था. इस फिल्म में शुभम तिवारी के अपोजिट सोनालिका कुमारी की जोड़ी को खूब पसंद किया गया था.

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फिल्म का निर्माण एस एस सिने वर्ल्ड के बैनर तले किया गया था. फिल्म में शुभम तिवारी और सोनालिका कुमारी के आलावा अयाज खान, बालेश्वर सिंह , पंकज चंद्रा , बबलू खान आरती भर्गवा, नीलम सिंह परवेज हासमी स्वीटी सिंह, सहित अमियकर प्रकाश ठाकुर, जावेद हाशमी, मोहम्मद अली, संजय सिंह, पवन कुमार, श्वेता तिवारी, दिव्या शर्मा,  बेबी सिंह ने अभिनय किया है. फिल्म का निर्देशन जावेद हासमी और निर्माता शरद पाटिल हैं फिल्म का छायांकन जे शाहिल का और संगीतकार के. रत्नेश मिश्रा तथा गीतकार आज़ाद सिंह, अमिताभ रंजन, धनंजय भट्ट व श्याम देहाती हैं. यह फिल्म पारिवारिक मुद्दों पर आधारित रही जिसमें मार-धाड़ के साथ गीत-संगीत एक्शन का भी तड़का देखने को मिला था.

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भोजपुरी और बौलीवुड फिल्मों के स्टार रविकिशन के साथ ‘कानून हमरा मुट्ठी में’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले शुभम तिवारी अब तक दर्जनों फिल्मों में लीड रोल में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके हैं. उन्होंने ‘तू ही मोर बलमा’, ‘भैया हमार दयावान’,’मल्ल युद्ध’, ‘कलुआ भईल सयान’, ‘प्रतिघात’, ‘अंतिम तांडव’, ‘लड़ब मरते दम तक’ , ‘सन्यासी बलमा’, ‘प्रशासन’, ‘बहुरानी’ , ‘इलाहाबाद से इस्लामाबाद’, सहित कई हिट फिल्में की हैं उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री भी ले रखी है.

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अवार्ड शो के दौरान उन्होंने कहा की, “सरस सलिल आम लोगों की आवाज है जिसके जरिये लोग अपनी बात लोगों तक पहुंचाते हैं, ऐसे में सरस सलिल ने भोजपुरी सिने अवार्ड की शुरुआत कर ऐतिहासिक पहल की है. इस पहल से भोजपुरी सिने जगत को वैश्विक लेवल पर पहचान मिलेगी. उन्होंने कहा की सरस सलिल उत्तर प्रदेश और बिहार में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पत्रिकाओं में शुमार हैं. ऐसे में सरस सलिल पत्रिका के जरिये भोजपुरी आम दर्शकों तक पहुंचनें में सफल होगा.” उन्होंने आने वाले वर्षों में सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड को राष्ट्रीय लैवल पर आयोजित किये जाने की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं.

बेस्ट सोसल इश्यू अवार्ड के लिए नामित फिल्म बलमा डेरिंगबाज का ट्रेलर लिंक –

बहुरानी फिल्म का ट्रेलर लिंक –

प्रशासन फिल्म का ट्रेलर लिंक –

इलाहाबाद से इस्लामाबाद ट्रेलर लिंक –

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