Bhojpuri Hot Actresses: ये हैं भोजपुरी सिनेमा की सब से हौट ऐक्ट्रैसेस

Bhojpuri Hot Actresses: भोजपुरी सिनेमा और भोजपुरी फिल्मों के चाहने वालों की संख्या लाखोंकरोड़ों मे है. ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को भोजपुरी सिनेमा काफी पसंद आता है और इस का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि भोजपुरी ऐक्ट्रैसेस दिखने में काफी हौट होती हैं और परदे पर भी उन का अंदाज काफी बोल्ड रहता है. देखा जाए तो भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अब बोल्ड सीन पहले के मुकाबले काफी कम देखने को मिलते हैं लेकिन आज भी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग भोजपुरी स्टार्स के दीवाने हैं.

आज हम आप को बताएंगे उन हसीनाओं के बारे में जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अपने हुस्न से तबाही मचा रखी है.

नम्रता मल्ला (Namrita Malla)

नम्रता मल्ला भोजपुरी सिनेमा का जानामाना नाम हैं और इन्होंने तो अपनी अदाओं से लाखों लोगों को दीवाना बना रखा है. नम्रता मल्ला सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं और आएदिन अपनी हौटनैस से फैंस को अपनी तरफ आकर्षित करती रहती हैं. नम्रता मल्ला ऐक्ट्रैस होने के साथसाथ एक अच्छी डांसर भी हैं और अपने हौट अंदाज में डांस कर वे किसी को भी अपना दीवाना बना सकती हैं.

मोनालिसा (Monalisa)

 

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भोजपुरी इंडस्ट्री की बात हो और मोनालिसा का नाम न आए ऐसा हो नहीं सकता. मोनालिसा को भोजपुरी इंडस्ट्री की क्वीन कहा जाता है. मोनालिसा भी सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती हैं और अपने बोल्ड फोटोशूट्स फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं. मोनालिसा ने न सिर्फ भोजपुरी फिल्मों में काम किया है, बल्कि उन्होंने हिंदी सीरियल्स में भी काम कर अपनी पहचान बनाई है.

रानी चटर्जी (rani Chatterjee)

भोजपुरी सिनेमा की रानी मुखर्जी कहे जाने वाली ऐक्ट्रैस रानी चटर्जी की फैन फौलोइंग के तो क्या ही कहने. रानी चटर्जी ने भोजपुरी फिल्मों में एक से एक बोल्ड सीन दिए हैं. और तो और वे अपनी फिटनैस का भी काफी खयाल रखती हैं. रानी चटर्जी के चार्म की तो दुनिया दीवानी है और लुक्स के साथसाथ उन की ऐक्टिंग भी फैंस को काफी पसंद आती है.

अक्षरा सिंह (Akshara Singh)

 

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भोजपुरी इंडस्ट्री की जानीमानी ऐक्ट्रैस अक्षरा सिंह की एक झलक पाने के लिए उन के फैंस हर समय बेकरार रहते हैं. अक्षरा सिंह ने भोजपुरी फिल्मों में ऐक्टर पवन सिंह के साथ काफी बार बोल्ड सीन किए हैं. अक्षरा सिंह दिखने में भी काफी हौट हैं और उन के फिगर के तो क्या ही कहने. अक्षरा सिंह अकसर सोशल मीडिया पर अपने बोल्ड फोटोशूट्स और वीडियोज फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं, जिन्हें फैंस भी जम कर पसंद करते हैं.

Saras Salil Bhojpuri Cine Awards: अरविंद अकेला और अंजना सिंह बने बेस्ट एक्टर-एक्ट्रेस

Saras Salil Bhojpuri Cine Awards 2025, लखनऊ, 10 अप्रैल 2025 : भोजपुरी सिनेमा की जगमगाती दुनिया के सितारों और परदे के पीछे के कलाकारों को सम्मानित करने के लिए सरस सलिल के छठे भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025 का भव्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया. सभी लोगों के लिए यह एक यादगार शाम रही, जहां भोजपुरी फिल्म स्टार्स, मेकर्स और क्रू सभी ने इंडस्ट्री में अपने अद्भुत योगदान का जश्न मनाया.

अरविंद अकेला ‘कल्लू’ को उनकी फिल्म कसमे वादे के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला और फिल्म बड़की दीदी के लिए अंजना सिंह को बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब मिला. वहीं फिल्म हिंदुस्तानी के लिए विजय कुमार यादव और फिल्म सूर्यवंशम के लिए निशांत उज्ज्वल को बेस्ट फिल्म का अवार्ड को दिया गया. रजनीश मिश्र को फिल्म सूर्यवंशम के लिए बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला. इन पुरस्कारों का स्वागत जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस साल की फिल्मों के पीछे की कहानियों और प्रतिभा की सच्ची सराहना के साथ किया गया.

इस अवार्ड नाइट के दौरान केवल विजेताओं ने ही ध्यान आकर्षित नहीं किया, बल्कि बृजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश; संदीप बंसल, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के सदस्य; प्रभुनाथ राय, सदस्य, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज; मुकेश बहादुर सिंह, अध्यक्ष, इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, लखनऊ; पवन सिंह चौहान, अध्यक्ष, एसआर ग्रुप ऑफ एजुकेशन और सदस्य, विधानसभा परिषद; राजेश राय, सदस्य सूचना विभाग; सुरेंद्र सिंह राजपूत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस; और अनीता सहगल, एंकर और अभिनेत्री ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम स्थल की शोभा बढ़ाई.

भोजपुरी सिने अवार्ड की बात जो सबसे अलग थी, वह थी काम पर ध्यान केंद्रित करना, खासकर बैकस्टेज का काम जिस पर अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता। एडिटर्स, सेट डिजाइनर्स, लाइटिंग क्रू, लेखकों और बैकग्राउंड स्कोर कलाकारों को भी मंच पर वास्तविक सराहना मिली.

इस साल के पुरस्कारों में 50 से ज़्यादा श्रेणियां शामिल थीं, जिनमें एक्टिंग, डायरेक्टिंग, राइटिंग, म्यूजिक, प्रोडक्शन डिजाइन, एडिटिंग और कई अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. मुख्य पुरस्कारों के अलावा, विशेष सम्मान भी प्रदान किए गए, जिसमें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड विजय खरे को दिया गया, जिनका भोजपुरी सिनेमा पर दशकों तक प्रभाव रहा है.

इस अवसर पर बोलते हुए दिल्ली प्रेस के एडिटर इन चीफ और पब्लिशर परेश नाथ ने कहा, “हमें भोजपुरी सिनेमा को इतना बेहतरीन बनाने वाले लोगों को सम्मानित करने पर गर्व है. ये पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिभा का प्रतिबिंब हैं. अपने पसंदीदा कलाकारों और फिल्मों का जश्न मनाने के लिए पूरे समुदाय को एक साथ आते देखना बहुत खुशी की बात होती है.”

सरस सलिल के बारे में

सरस सलिल भारत की अग्रणी हिंदी पत्रिकाओं में से एक है, जिसे दिल्ली प्रेस द्वारा प्रकाशित किया जाता है. यह अपने बेहतर लेखों के लिए जानी जाती है, जिनमें सिनेमा, लाइफस्टाइल, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों सहित कई विषयों को शामिल किया जाता है. भारत और उसके बाहर के पाठकों के साथ सरस सलिल भोजपुरी सिनेमा पर विशेष ध्यान देने के साथ अलग-अलग रीजनल फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उनका जश्न मनाने में सबसे आगे रही है. अपने पुरस्कारों के माध्यम से, सरस सलिल प्रतिभा, कड़ी मेहनत और रचनात्मकता के लिए मान्यता का प्रतीक बनी हुई है, जो दर्शकों का मनोरंजन करने और उन्हें प्रेरित करने वाली फिल्में बनाने में जाता है.

विजेताओं की पूरी सूची और कार्यक्रम से जुड़ी सभी जानकारी लिए सरस सलिल भोजुपुरी सिने अवार्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.

Saras Salil Bhojpuri Cine Awards 2025: यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भोजपुरी सितारों की जमकर की तारीफ़

Saras Salil Bhojpuri Cine Awards 2025

लखनऊ : 10 अप्रैल, 2025 की शाम को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दिल्ली प्रेस की पत्रिका सरस सलिल द्वारा छठे सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड शो का आयोजन कराया गया, जिसमें भोजपुरी फिल्मों के कलाकारों, फिल्मकारों, निर्देशकों और टेक्नीशियनों को वर्ष 2024 में प्रदर्शित फिल्मों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में अवार्ड दिए गए.

दर्शकों से भरे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भोजपुरी कलाकारों के अलावा उत्तर प्रदेश की कई बड़ी हस्तियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जिनमें ब्रजेश पाठक, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश, दिनेश प्रताप सिह, कृषि राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, संदीप बंसल, अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, प्रभुनाथ राय, अध्यक्ष, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज, मुकेश बहादुर सिंह, चेयरमैन, इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, लखनऊ, पवन सिंह चौहान, चेयरमैन, एसआर ग्रुप ऑफ एजुकेशन और सदस्य, विधानसभा परिषद, राजेश राय, सूचना विभाग, श्वेता सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा, अवध प्रांत, डाक्टर नीरज बोरा, सदस्य, विधानसभा, उत्तर प्रदेश, आनंद शेखर सिंह, चेयरमैन, बाबू सुंदर सिंह ग्रुप ऑफ एजुकेशन, लखनऊ, सुरेंद्र सिंह राजपूत, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस, अनीता सहगल, एंकर एवं फिल्म अभिनेत्री, श्री पंकज त्रिपाठी, ग्रिप म्यूजिक आदि शामिल थे.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सभी विजेता कलाकारों को अवार्ड जीतने की बधाई दी. उन्होंने दिल्ली प्रेस की पत्रिकाओं खासकर सरस सलिल की समाज के प्रति उस की जिम्मेदारी को सराहा.

दिल्ली प्रेस के संपादक और प्रकाशक परेश नाथ ने दिल्ली प्रेस के इतिहास पर प्रकाश डाला कि किस तरह यहां से प्रकाशित होने वाली पत्रिकाएं हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं और सफलतापूर्वक अपनी बात सब के सामने रखती हैं.

इस अवार्ड नाइट में भोजपुरी के नामचीन कलाकार रहे विजय खरे को (मरणोपरांत) लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया. अंजना सिंह को फिल्म बड़की दीदी के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला. अरविंद अकेला कल्लू को फिल्म कसमे वादे के लिए बेस्ट पॉपुलर एक्टर का अवार्ड मिला.

अनूप अरोड़ा को फिल्म सूर्यवंशम के लिए बेस्ट कैरेक्टर एक्टर क्रिटिक, आर्यन बाबू को फिल्म बड़ी मां छोटी मां के लिए बेस्ट चाइल्ड एक्टर, स्वास्तिक राय को फिल्म जया के लिए बेस्ट चाइल्ड एक्ट्रेस, विमल पांडेय को फिल्म हमार बड़की माई के लिए बेस्ट एक्टर जूरी, पल्लवी गिरि को फिल्म छठ मईया गोदिया भर दी हमार के लिए बेस्ट एक्ट्रेस जूरी, देव सिंह को फिल्म भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना के लिए बेस्ट एक्टर फैमिली वेलयूज, संजय पांडेय को फिल्म भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना के लिए बेस्ट एक्टर नेगेटिव रोल, के. के. गोस्वामी को फिल्म राजाराम के लिए बेस्ट कैरेक्टर एक्टर जूरी दिया गया.

सरस सलिल ने Bhojpuri Cine Awards के छठे संस्करण की घोषणा की

Bhojpuri Cine Awards: लखनऊ, 28 मार्च 2025: भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली हिंदी पत्रिकाओं में से एक सरस सलिल, 10 अप्रैल 2025 को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025 के छठे संस्करण का आयोजन लखनऊ में करेगी. भोजपुरी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए इस भव्य समारोह का आयोजन होने जा रहा है.

सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड्स एक ऐसा खास कार्यक्रम बन गया है, जहां फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं, टेक्निशियन और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के अन्य सदस्यों के बेहतरीन काम को सराहा और सम्मानित किया जाता है. इस साल के पुरस्कार समारोह में 50 से ज़्यादा कैटेगरी में भोजपुरी सिनेमा में अवार्ड दिए जाएंगें, जिसमें एक्टिंग, डायरेक्टिंग, संगीत, सिनेमा और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों को पुरूस्कृत किया जाएगा. इसके अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष और महिला) शामिल हैं.

इस अवसर पर भोजपुरी सिनेमा के कुछ सबसे बड़े नाम शामिल होंगे, जिनमें दिनेश यादव निरहुआ, अरविंद अकेला कल्लू, आम्रपाली दुबे, अंजना सिंह, संजय पांडे, केके गोस्वामी, समर सिंह, रक्षा गुप्ता, यामिनी सिंह, देव सिंह, विमल पांडे, सीपी भट्ट, विनोद मिश्रा, शुभम तिवारी, पल्लवी गिरी, राधा सिंह, माही खान, ऋचा दीक्षित और विद्या सिंह शामिल हैं. उनकी मौजूदगी भोजपुरी सिनेमा के इस भव्य उत्सव की शोभा को बढ़ाएगी.

ये पुरस्कार न केवल भोजपुरी सिनेमा के सितारों को बल्कि पर्दे के पीछे के उन नायकों को भी पहचान दिलाने का मंच प्रदान करते हैं जो फिल्मों को सफल बनाते हैं. निर्माता और निर्देशक से लेकर टेक्निशियन, कोरियोग्राफर और साउंड इंजीनियर तक, फिल्म की सफलता में योगदान देने वाले हर व्यक्ति को पहचाना और सम्मानित किया जाता है.

परेश नाथ, दिल्ली प्रेस के एडिटर-इन-चीफ और पब्लिशर ने कहा, “सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है; यह भोजपुरी सिनेमा को आकार देने वाले जुनून और रचनात्मकता को पुरूस्कृत करता है. हमें इंडस्ट्री के विकास और सफलता में योगदान देने वाली अविश्वसनीय प्रतिभा को पहचानने और सम्मानित करने पर गर्व है. इस साल का आयोजन और भी शानदार होगा, जिसमें उन सितारों और गुमनाम नायकों को सराहा जाएगा जो सिनेमा को एक बेहतरीन कला के रूप में लोगों के सामने लेकर आते हैं.”

पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया बहुत ही सावधानीपूर्वक होती है. इस साल के पुरस्कारों के लिए 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच रिलीज़ होने वाली सभी फ़िल्में शामिल हैं. इंडस्ट्री के विशेषज्ञों, आलोचकों और सिनेमा जगत की प्रमुख हस्तियों का एक पैनल नामांकितों का मूल्यांकन करेगा और प्रत्येक श्रेणी से विजेताओं का चयन करेगा.

पुरस्कार समारोह में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री, साथ ही सहायक कलाकारों के लिए पुरस्कार दिए जाएंगे. इसके अलावा, सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग जैसे तकनीकी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले और संगीत जैसे रचनात्मक पुरस्कार भी शामिल होंगे. इनके अलावा, लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, उभरती प्रतिभा और साल की सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी फिल्म जैसी खास श्रेणियां भी होंगी, जिसमें इंडस्ट्री के दिग्गजों और नए कलाकारों की उपलब्धियों को सम्मानित किया जाएगा.

सरस सलिल अवार्ड्स के बारे में अधिक जानने और नए समाचारों से अपडेट रहने के लिए, उनकी आधिकारिक वेबसाइट सरस सलिल पुरस्कार पर जाएं.

सरस सलिल के बारे में

सरस सलिल भारत की अग्रणी हिंदी पत्रिकाओं में से एक है, जिसे दिल्ली प्रेस द्वारा प्रकाशित किया जाता है. यह अपनी बेहतर लेख के लिए जानी जाती है, जिसमें सिनेमा, लाइफस्टाइल, संस्कृति और सामाजिक मुद्दों सहित कई विषयों को शामिल किया जाता है. भारत और उसके बाहर के पाठकों के साथ, सरस सलिल भोजपुरी सिनेमा पर विशेष ध्यान देने के साथ अलग-अलग रीजनल फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और उनका जश्न मनाने में सबसे आगे रहा है. अपने पुरस्कारों के माध्यम से, सरस सलिल प्रतिभा, कड़ी मेहनत और रचनात्मकता के लिए मान्यता का प्रतीक बना हुआ है, जो दर्शकों का मनोरंजन करने और उन्हें प्रेरित करने वाली फिल्में बनाने में जाता है.

मीडिया जानकारी के लिए

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Bhojpuri Interview: भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं – अवधेश मिश्रा

Bhojpuri Interview: भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने वाले कई ऐसे चेहरे हैं, जिन को परदे पर देख कर डर लगने लगता है. उन्हीं एक्टरों में से एक हैं अवधेश मिश्र, जो रविकिशन के बाद भोजपुरी के ऐसे ऐक्टर है, जिन्होंने भोजपुरी के साथसाथ तमिल सिनेमा और बौलीवुड में भी अपने दमदार रोल से दर्शकों के ऊपर अमिट छाप छोड़ी है.

अवधेश मिश्रा खलनायक के रूप में जितनी बार भी परदे पर नजर आते हैं, दर्शकों का रोमांच उतना ज्यादा बढ़ता जाता है. भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने में उन का कोई सानी नहीं है. उन की खलनायकी से दर्शक स्क्रीन के सामने जोश में भर उठते हैं. भोजपुरिया बैल्ट में विलेन के रूप में अवधेश मिश्र की तुलना बौलीवुड के अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे ऐक्टरों से की जाती है. उन्होंने साल 2014 में तमिल फिल्म ‘पूजाई’ और साल 2015 में बौलीवुड फिल्म ‘डर्टी पौलिटिक्स’ में लीड विलेन के रूप में दर्शकों का मन मोह लिया था. उन के फिल्मी सफर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

भोजपुरी फिल्मों में आप का शुरुआती सफर कैसा रहा?

जब मैं ने सिनेमा इंडस्ट्री में कदम रखा, तो शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. लेकिन उस बुरे वक्त में मेरी पत्नी ने हाथ थाम कर मेरा मनोबल बढ़ाया. फिर समय ने पलटी ली और मुझे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सहित तमिल और हिंदी फिल्मों में लीड विलेन के तौर पर काम मिलना शुरू हुआ.

आज भोजपुरी सिनेमा केवल टैलीविजन और यूट्यूब तक ही सिमट कर रह गया है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी में पहले जब फिल्में बनती थीं, तो सिनेमाहाल में रिलीज होती थीं. आजकल भोजपुरी में फिल्में ही नहीं, बल्कि टैली फिल्में बन रही हैं, जो टैलीविजन पर प्रसारित और रिलीज होती हैं. इस की 80 फीसदी औडियंस औरतें हैं. जब किसी खास औडियंस को ध्यान में रख कर एक ही ढर्रे पर फिल्में बनेंगी, तो ये फिल्में सिनेमाहाल तक नहीं जा पाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से काफी पीछे छूट गई है.

आप ने दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से भोजपुरी के पिछड़ने की बात कही है. भोजपुरी फिल्में कहां पीछे छूट रही है?

भोजपुरी फिल्में साउथ और बौलीवुड की फिल्मों से बहुत पीछे छूट चुकी हैं. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री में माहिर डायरैक्टर और कलाकार होते हैं, वहां सिनेमा को बहुत ऊंचा दर्जा दिया जाता है, जबकि भोजपुरी सिनेमा को नाम और पैसा कमाने का जरीया मान लिया गया है. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री के लोग सिनेमा के लिए कुछ भी कर सकते हैं, जबकि भोजपुरी वाले खुद के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

आप भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री को किस मुकाम पर देख पा रहे हैं?

पहली बात तो यह कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री नाम की कोई चीज बची ही नहीं है, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे फिल्म इंडस्ट्री से अलबम इंडस्ट्री बना दिया है.

क्या वजह है कि भोजपुरी फिल्मों के मूल दर्शक भोजपुरी सिनेमा से कटते जा रहे हैं?

यहां के सिंगर्स ने भोजपुरी सिनेमा को दर्शक की जगह श्रोता बना दिया है. इसलिए भोजपुरी के लिए अच्छा सोचने और करने वालों को फिर से भोजपुरी सिनेमा के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी. मैं ने भोजपुरी सिनेमा के जीवनकाल में एक भोजपुरी कलाकार, निर्माता और निर्देशक के तौर पर बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन अब लड़ाई और भी गंभीर है.

पिछले कुछ सालों से सासबहू वाले एकजैसे टाइटिल की बाढ़ सी आ गई है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी फिल्मों का टाइटिल जो है, भोजपुरिया बैल्ट की औरतों को देख कर तय किया जा रहा है. भोजपुरिया बैल्ट में सास, बहू, ननद, भौजाई वगैरह के रिश्ते में खटास और कुंठा बढ़ती जा रही है. समाज जिस कुंठा से घिरा हुआ है, भोजपुरी में उसी कुंठा को टारगेट कर के फिल्में बन रही हैं.

महिला दर्शक फिल्मों के कैरेक्टर की जगह खुद को रख कर देखती हैं, इसलिए सासबहू वाली फिल्में ज्यादा पसंद की जा रही हैं. मेरा मानना है कि भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं.

जब फिल्में सिनेमाहाल में रिलीज नहीं हो रही हैं, तो इन की कामयाबी का पैमाना कैसे मापा जाता है?

भोजपुरी फिल्मों की कामयाबी का पैमाना आजकल टैलीविजन के पैमाने पर निर्भर है, जिसे हम टीआरपी और जीआरपी के नाम से जानते हैं. लेकिन फिल्में कामयाबी मापने का यह पैमाना मु?ो मजाक जैसा लगता है.

आप की तुलना अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज विलेन से की जाती है. यह सुन कर आप को कैसा लगता है?

मेरी तुलना जब भी अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे कलाकारों से होती है, तो दुख होता है. क्योंकि यहां एक घटिया से घटिया अलबम भी मिलियन में देखा जाता है और अच्छे विषय, अच्छे कलाकारों व तकनीकी के साथ बनी फिल्म को दर्शक ही नहीं मिलते हैं. टीआरपी, जीआरपी और मिलियन के जमाने में सब मजाक लगने लगा है. इसलिए मेरा मानना है कि मैं अवधेश मिश्र ही रहूं और उसी रूप में मेरी पहचान हो.

उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग न होने की कोई खास वजह?

पिछले कई सालों से बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग थम सी गई गई है. फिल्मकार बिहार सरकार के असहयोगी रवैए के चलते बिहार का रुख नहीं करते हैं, जबकि बिहार में सब से ज्यादा भोजपुरी फिल्में देखी जाती हैं.

हाल ही में भोजपुरी जगत के कुछ लोगों ने बिहार सरकार से मुलाकात की थी. आशा है, जल्दी ही बिहार में फिर से भोजपुरी शूटिंग की शुरुआत होगी. फिल्म प्रोत्साहन के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार बहुत अच्छी है.

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में आप किस को दोषी मानते हैं?

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में केवल दोषी आजकल के सिंगर्स हैं, जिन्होंने भोजपुरी को बहुत पीछे धकेल दिया है.

Saras Salil Bhojpuri Cine Award : सितारों की सजेगी महफिल

Saras Salil Bhojpuri Cine Award : भोजपुरी फिल्में तकरीबन 35 करोड़ लोगों द्वारा देखी जाती हैं. यह आबादी केवल उत्तर प्रदेश और बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भोजपुरिया बैल्ट के लोग दिल्ली, गुजरात, महराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा समेत देश के कोनेकोने में फैले हुए हैं.

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में हर साल सैकड़ों फिल्में बनती हैं और रिलीज होती हैं, जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिलता है. लेकिन दूसरी फिल्म इंडस्ट्रीज की तरह भोजपुरी सिनेमा के लिए फिल्म फेयर या राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की तर्ज पर कोई अवार्ड नहीं होता था, जिस से भोजपुरी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और फिल्म निर्माण से जुड़े टैक्निशियंस का हौसला बढ़ाया जा सके.

ऐसे में देश के सब से बड़े प्रकाशन समूह दिल्ली प्रैस से प्रकाशित पत्रिका ‘सरस सलिल’ द्वारा साल 2020 में पहली बार ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की शुरुआत की गई थी, जो देखते ही देखते भोजपुरी सिनेमा के लिए दिए जाने वाले सब से बड़े पुरस्कार के रूप में अपनी पहचान बना चुका है.

अभी तक ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के 5 संस्करणों का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जिस में 2 बार उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में और 3 बार अयोध्या में आयोजन हुआ है.

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की तुलना भोजपुरी के औस्कर और भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से की जाती है, इसलिए भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हर किसी का सपना रहता है कि उसे एक बार ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में पुरस्कार जरूर मिले.

सोशल मीडिया पर छाया

तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में ‘बैस्ट ऐक्टर’ का अवार्ड मिलने के बाद भोजपुरिया बैल्ट के लोगों को अपनी ऐक्टिंग से कायल बना चुके भोजपुरी सुपरस्टार अरविंद अकेला कल्लू ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘कहा जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है और पुरस्कार हमेशा कलाकार का मनोबल बढ़ाता है. अपने अभिनय जीवन के 11 साल गुजारने के बाद मु झे कल रात फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ नायक 2021’ का अवार्ड मिला.

‘यह अवार्ड मैं अपने पिता के उस संघर्ष को समर्पित करता हूं, जिस के कारण आज मैं हूं. मेरे साथ मेरी इस फिल्म को 12 अवार्ड मिलने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई है. पूरी टीम को बधाई. हमारी मेहनत रंग लाई.

‘मैं उन तमाम निर्माताओं और निर्देशकों का आभारी हूं, जिन के कारण मेरी अभिनय यात्रा सतत चलती रही है और आगे भी उन का प्यार और आशीर्वाद बना रहे.

‘मैं ‘सरस सलिल’ का आभारी हूं, जिस के कारण मु झे यह सुखद अनुभूति हुई. मेरे तमाम दर्शकों को दिल
से प्रणाम. अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें.’

अरविंद अकेला कल्लू की इस पोस्ट को लाखों लोगों के लाइक्स मिले थे.

तीसरे अवार्ड शो में दिए गए अवार्डों को ले कर ‘बताशा चाचा’ के नाम से मशहूर ऐक्टर और कौमेडियन मनोज सिंह टाइगर ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर के कहा था कि इस वीडियो को बनाने के पीछे का खास मकसद है. कुछ ऐक्सप्रैशंस देखे, कुछ वीडियो देखे, विनोद मिश्राजी का, कल्लू का, सुनील मां झी और तमाम सारे कलाकारों को स्टेज पर बोलते हुए देखा.

‘सरस सलिल’ का अवार्ड फंक्शन जो बस्ती में हुआ, बड़ी खुशी हुई कि यार, ये भी टैलेंटेड हैं. कल्लू 11 साल से सिनेमा कर रहा है और यह बात मेरे दिमाग में ही नहीं आई कि 11 साल से उस बच्चे को अवार्ड ही नहीं दिया गया. एक ऐक्टर के तौर पर क्या उस ने कोई काम ही नहीं किया था कि उसे पुरस्कार मिले?

विनोद मिश्रा इतने उच्च कोटि के कलाकार हैं, इतने सालों में उन्हें कभी मंच पर बुलाया ही नहीं गया था अवार्ड के लिए. यह सोचने वाली बात है. ‘सरस सलिल’ ने ऐसे कलाकारों को बुला कर अवार्ड दिए, इस से मुझे दिल से खुशी मिली है.

मनोज सिंह टाइगर के इस वीडियो को फेसबुक पर लाखों लोगों नें देखा और सराहा था.

जानेमाने ऐक्टर संजय पांडेय ने पिछले संस्करणों में अवार्ड मिलने पर अपनी फेसबुक वाल पर लिखा था कि कल मैं ‘सरस सलिल’ के अवार्ड शो में था. अच्छा लगा. बहुत कमियां भी थीं, बहुत खूबियां भी थीं.

आसान होता है किसी व्यक्ति विशेष या आयोजन पर टिप्पणी करना. सिर्फ शब्द ही फेंकने हैं और एक लंबी बहस शुरू हो जाती है. उस में पैसा नहीं लगता, पर फिर भी अगर हम उन कमियों की ओर इशारा न करें तो वे और बढ़ेंगी.

इस बात की मैं तारीफ करूंगा कि ‘सरस सलिल’ में इस बार कुछ अवार्ड ऐसे थे, जो काबिलेतारीफ थे, जैसे इतनी फिल्में करने के बाद कल्लूजी को अवार्ड देना. जो खुशी उन के चेहरे पर दिख रही थी, वह अद्भुत थी और वे इस के हकदार भी थे. और एक कलाकार, जिन का मैं बहुत बड़ा फैन हूं, वे हैं विनोद मिश्रा.

उन्होंने जो मंच पर कहा, वह लाइन तो कमाल थी. हिल गया मैं सुन कर. आप से सा झा कर रहा हूं. हमारी श्रीमतीजी हम से हमेशा कहती रहीं कि एजी, सब के अवार्ड मिलेला, आप के काहे नईखे मिलत. राउर कौनो जुगाड़ नईखे का ओईजा. ता देख ला हो आज हमरो जुगाड़ लाग गईल, ता ला हे वंदना मिश्रा तोरे पगला के भी आज अवार्ड मिल गईल.

अरे सुन रही हो, आज मु झे भी अवार्ड मिल गया. आंखें भर आईं उन की ये बातें मंच पर सुन कर, आईना दिखा दिया उन्होंने, फिर भी अगर बात सम झ में न आए तो अफसोस.

अवार्ड चयन की प्रक्रिया

‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के लिए ‘सरस सलिल’ पत्रिका की तरफ से अवार्ड के लिए नौमिनेशन आमंत्रित किए जाते हैं, जिस में 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच प्रदर्शित फिल्मों को शामिल किया जाता है.

इस में सालभर के भीतर रिलीज भोजपुरी फिल्मों के आधार पर लीड ऐक्टर्स, ऐक्ट्रैसेज, सपोर्टिंग ऐक्टर्स समेत फिल्मों में काम करने वाले टैक्निशियंस से जुड़ी दर्जनों कैटेगरी शामिल होती हैं.

आवेदन की अंतिम तिथि तक ‘सरस सलिल’ पत्रिका द्वारा आवेदन के लिए जारी आधिकारिक ईमेल आईडी पर फिल्मों के नामांकन विभिन्न कैटेगरी में भेजने होते हैं.

इन प्राप्त आवेदनों के आधार पर अवार्ड की जूरी टीम द्वारा की गई स्क्रीनिंग अलगअलग कैटेगरी के अवार्डों के लिए नामों को फाइनल करती है और चयनित अवार्ड की घोषणा अवार्ड सैरेमनी के दिन मंच पर की जाती है.

इन को मिला सम्मान

पिछले 5 संस्करणों में जिन भोजपुरी हीरोहीरोइनों के साथ फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों को विभिन्न कैटेगरी में अवार्ड प्रदान किया गया है, उन में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, अरविंद अकेला कल्लू, समर सिंह, विमल पांडेय, गुंजन सिंह, आम्रपाली दुबे, रितु सिंह, अंजना सिंह, रक्षा गुप्ता, अनारा गुप्ता, श्रुति राव, पल्लवी गिरी, पाखी हेगड़े, यामिनी सिंह, कनक पांडेय, संजना सिल्क, मधु सिंह राजपूत, निशा सिंह, कनक यादव, संजय पांडेय, देव सिंह, अनूप अरोरा, बृजेश त्रिपाठी, सीपी भट्ट, प्रियंका सिंह, अंतरा सिंह ‘प्रियंका’, कविता यादव, अलका झा, संजोली पांडेय, ममता राऊत, अनुपमा यादव, ओम झा, विनय बिहारी, राज प्रेमी, संतोष श्रीवास्तव, शुभम तिवारी, देवेंद्र तिवारी, आरआर सिंह, बृजेश त्रिपाठी, प्रिंस सिंह राजपूत, मनोज सिंह ‘टाइगर’, आरके गोस्वामी, रोहित सिंह ‘मटरू’, लोटा तिवारी, धामा वर्मा, रजनीश मिश्र, संजय कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार आर. पांडेय, पराग आर. पाटिल खास थे.

पिछले 5 अवार्ड शो के दौरान बैस्ट फिल्म डायरैक्टर, बैस्ट आर्ट डायरैक्टर, बैस्ट फिल्म प्रोड्यूसर, बैस्ट फिल्म स्टोरी राइटर, बैस्ट म्यूजिक डायरैक्टर, बैस्ट कोरियोग्राफर जैसी तकरीबन 50 कैटेगिरी में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े 200 से ज्यादा लोगों को अवार्ड दिए जा चुके हैं.

जल्द करें नौमिनेशन

छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के लिए नौमिनेशन के लिए अंतिम तिथि की घोषणा की जा चुकी है, जिस में 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच कोई भी भोजपुरी फिल्म जो सिनेमाघर या टैलीविजन पर पहली बार रिलीज की गई है, का नामांकन 15 मार्च, 2025 तक भेजा जा सकता है.

ऐतिहासिक होगा अवार्ड शो

इस बार छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के आडिटोरियम में किया जाएगा, जो अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में आयोजित होने जा रहा है.

इस अवार्ड सैरेमनी में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े ऐक्टरों को आमंत्रण भेजे जाने शुरू किए जा चुके हैं.

इन में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, खेसारीलाल यादव, पवन सिंह, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, अरविंद अकेला कल्लू, यश मिश्रा, रितेश पांडेय, समर सिंह, विमल पांडे, विक्रांत सिंह, संजय पांडेय, देव सिंह जैसे नाम शामिल हैं.

इस के अलावा हीरोइनों में आम्रपाली दुबे, मेघाश्री, अक्षरा सिंह, रानी चटर्जी, अंजना सिंह, रक्षा गुप्ता, मनी भट्टाचार्य, काजल राघवानी, यामिनी सिंह, संचिता बनर्जी, गुंजन पंत, रिचा दीक्षित आदि को भी आमंत्रण भेजा जा रहा है.

रंगारंग होगा कार्यक्रम

लखनऊ में होने जा रहे छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में दर्शक अपने पसंदीदा कलाकारों की लाइव पेशकश का लुत्फ उठाएंगे. इस अवार्ड सैरेमनी के लिए कोई भी प्रवेश टिकट या प्रवेश शुल्क नहीं होगा.

पिछले कई सालों से इस अवार्ड शो से जुड़े भोजपुरी गायक व कलाकार विवेक पांडेय इस बार भी इस आयोजन को कामयाब बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

भव्य होगा छठा ‘Saras Salil Bhojpuri Cine Award’, लखनऊ में होगा रंगारंग आयोजन

Saras Salil Bhojpuri Cine Award : दिल्ली प्रेस की देश चर्चित पत्रिका ‘सरस सलिल’ द्वारा प्रत्येक वर्ष ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड’ का आयोजन किया जाता है. इस साल ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड’ का छठा साल होगा.

इस आयोजन के संदर्भ में प्रेस क्लब बस्ती में आयोजित प्रेस वार्ता में दिल्ली प्रेस के दिल्ली कार्यालय से आए भानु प्रकाश राणा ने बताया कि इस बार के अवॉर्ड समारोह में भोजपुरी के सभी बड़े और चर्चित एक्टर और एक्ट्रेस के साथसाथ चरित्र अभिनेताओं, फिल्मों से जुड़े टेक्नीशियंस को निर्धारित कैटेगिरी में जूरी के निर्णय के आधार पर सम्मानित किया जाएगा. इस के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया चालू है. भोजपुरी फिल्म निर्माता साल 2024 में रिलीज हुई अपनी फिल्मों का नॉमिनेशन भेज सकते हैं.

‘ढेला बाबा’ के नाम से विख्यात भोजपुरी फिल्मों के चर्चित अभिनेता और कॉमेडियन सीपी भट्ट ने कहा कि वे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड’ के सभी एडिशन से जुड़े रहे हैं. इस बार भी वे अपने चुलबुले अंदाज में दर्शकों को गुदगुदाने आएंगे. उन्होंने बताया कि वे इस बार एंकरिंग टीम का हिस्सा भी रहेंगे.

भोजपुरी गायक और अभिनेता के साथसाथ ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड’ के आयोजन से जुड़े विवेक पांडेय ने बताया कि इस अवॉर्ड समारोह में भोजपुरी के सभी जानेमाने सिंगर शिरकत कर रहे हैं.

आयोजन से जुड़े समाजसेवी नितेश शर्मा ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा. अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि आयोजन में सुरक्षा के मद्देनजर सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियां भी मुस्तैदी से जिम्मेदारी संभालेंगी. भोजपुरी गायक अमरेश पाण्डेय अमृत नें भी तैयारिओं को लेकर अपनी बात रखा.

अंत में इस समारोह से जुड़े बृहस्पति कुमार पांडेय ने बताया कि ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवॉर्ड‘ का पहला और तीसरा आयोजन बस्ती में हुआ था. बाकी सालों में यह आयोजन अयोध्या में किया गया था, जिस में भोजपुरी के टॉप हीरो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, अरविंद अकेला ‘कल्लू’, समर सिंह, विमल पांडेय के अलावा गुंजन सिंह, आम्रपाली दुबे, रितु सिंह, अंजना सिंह, रक्षा गुप्ता, अनारा गुप्ता, श्रुति राव, पल्लवी गिरी, पाखी हेगड़े, कनक यादव, कनक पांडेय, संजना सिल्क, मधु सिंह राजपूत, निशा सिंह, यामिनी सिंह जैसी हीरोइनों ने भी शिरकत की थी.

बृहस्पति कुमार पांडेय ने यह भी बताया कि भोजपुरी फिल्मों में विलेन के तौर पर अपनी छाप छोड़ रहे संजय पांडेय, देव सिंह, सुशील सिंह, अनूप अरोरा, बृजेश त्रिपाठी, सीपी भट्ट, सिंगर प्रियंका सिंह, अंतरा सिंह, प्रियंका, कविता यादव, अलका झा, संजोली पांडेय, ममता राउत, अनुपमा यादव, कॉमेडियन मनोज सिंह टाइगर, केके गोस्वामी, आरके गोस्वामी, रोहित सिंह मटरू, सीपी भट्ट, लोटा तिवारी, धामा वर्मा जैसे नामचीन एक्टर और एक्ट्रेस के साथसाथ तमाम भोजपुरी फिल्म टेक्नीशियंस भी शामिल होते रहे हैं. इस बार का आयोजन और ज्यादा भव्य और रंगारंग होगा.

मलयालम एक्टर निविन पौली जैसे कई स्टार्स पर लग चुके है रेप के आरोप

इन दिनों मलयालम एक्टर सुर्खियों में छाए हुए है. एक्टर विवादों में घिरते नजर आ रहे है. इस एक्टर का नाम निविन पौली (Nivin Pauly) है. इन रेप के आरोपों के बाद एक्टर ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है. एक्टर ने लंबा चौड़ा पोस्ट भी लिखा है और सभी आरोपे के बेबुनियाद बताया है. इसके साथ ही ये भी कहा कि वे इससे कानूनी तरीके से निपटेंगे.

 

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निविन पौली

जिस महिला ने एक्टर पर आरोप लगाया उसकी उम्र 40 साल की है. पीड़ित महिला के अनुसार उसके साथ ये घटना दुबई में एक साल पहले हुई थी. पीड़िता का ये आरोप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद निविन पौली ने भी चुप्पी तोड़ी है और अपनी सफाई दी है.

महिला के इन आरोपों के बाद निविन पौली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा. इस पोस्ट में एक्टर ने सभी एलीगेशन से पल्ला झाड़ा है. एक्टर ने लिखा – ‘मुझे एक झूठी न्यूज रिपोर्ट मिली है. जिसमें एक लड़की ने मुझ पर आरोप लगाया है. कि मैनें उसके साथ गलत व्यहवार किया है. ये पूरी तरह से झूठी खबर है. मैं इन आरोपों को झूठा और निराधार साबित करने करे लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हूं. जिम्मेदार लोगों की तरह सभी जरूरी कदम उठाऊंगा. आपकी चिंता के लिए शुक्रिया. बाकी मामले को कानूनी तौर पर निपटाएंगे.’

पुनीत सिंह

ये पहला दफा नहीं जब किसी महिला ने एक्टर पर आरोप लगाया है. ऐसा भोजपुरी इंडस्ट्री में भी देखने को मिलता है. भोजपुरी फिल्मों की जानीं मानी एक्ट्रेस प्रियांशु सिंह ने करीबी दोस्त और को-स्टार पुनीत सिंह पर आरोप लगाया था. प्रियांशु सिंह ने दावा किया है कि पुनीत सिंह ने उन्हे शादी की झांसा देकर फंसाया और फिर रेप किया. Films

एक्ट्रेस ने लेटेस्ट इंटरव्यू में आपबीती सुनाई है, और कहा है कि वह पिछले दो साल से यह सब झेलती आ रही हैं. (Priyanshu Singh) ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में बताया कि पुनीत सिंह बार-बार उनसे कहते रहे कि हमारी शादी होगी. फिर शराब पिलाकर उनके साथ फिजिकल हुए और अगले दिन माफी मांग ली. एक्ट्रेस ने कहा कि जब उन्होंने पुनीत सिंह से कहा कि वह पुलिस के पास जाएंगी तो उन्होंने कह दिया कि शादी के लिए परिवार से बात की है. जिसके बाद दोनों एक दूसरे पर आरोप लगते रहे.

मनोज पांडे

भोजपुरी के कलाकार मनोज पांडे भी रेप आरोपो में फंस चुके है. उनको पुलिस हिरासत में भी ले लिया गया था. एक लड़की ने एक्टर मनोज पांडे के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था.

मनोज पांडे फिल्म इंडस्ट्री में काम दिलाने का वादा कर उनके साथ दोस्ती करता था. पीड़िता ने मनोज पांडे पर जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया था. मनोज पांडे भोजपुरी फिल्मों के मशहूर निर्माता- निर्देशक राजकुमार आर पांडेय का भाई है. उसने ‘लहरिया लूट राजा जी’ और ‘खून भरी मांग’ जैसी फिल्मों में काम किया है.

मधुकर भंडारकर

सेशन कोर्ट ने डायरेक्टर मधुर भंडारकर को मारने की साजिश रचने के आरोप में मौडल प्रीति जैन को दोषी माना था. कोर्ट ने इस कौन्सपिरेसी में 2 और आरोपियों को दोषी बताया था. जैन को हत्या की साजिश रचने के लिए 3 साल के कारावास की सजा मिली थी.

साजिद खान

साजिद खान पर उनकी एक्स असिस्टेंट डायरेक्टर और एक्ट्रेस सलोनी चोपड़ा ने सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है. सलोनी के मुताबिक साजिद ने उनसे बिकिनी फोटोज मांगी थी. कई बार गलत जगह छुआ और भद्दे कमेंट्स किए थे. सलोनी के बाद दो महिलाएं सामने आई हैं और साजिद के सेक्सुअल हैरेसमेंट की कहानी सुनाई थी. साजिद पर कुल 3 महिलाओं ने रेप के आरोप लगाएं थे. एक आरोप उनकी सीनियर जर्नलिस्ट ने लगाएं थे तो, दूसरा एक मौडल ने लगाया था.

भोजपुरी सिनेमा के 60 साल का सुनहरा सफर

भले ही भोजपुरी फिल्मों पर तरहतरह के आरोप लगते रहे हों, पर यह भी सच है कि भोजपुरी सिनेमा में बन रही फिल्में रिलीज होने के पहले ही चर्चा में आ जाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्में तकरीबन 35 करोड़ लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं.

भोजपुरी सिनेमा को यह मुकाम यूं ही नहीं मिला है, बल्कि इसकी शुरुआत 60 साल पहले भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से हो गई थी. भोजपुरी में बनी यह पहली फिल्म इतनी सुपरडुपर हिट रही थी कि इस फिल्म को देखने के लिए लोग बैलगाडि़यों पर लद कर सिनेमाघरों तक पहुंचे थे.

भोजपुरी सिनेमा का दौर

यह भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर था, जिस ने इस फिल्म के रिलीज के साथ ही सुनहरे युग की शुरुआत कर दी थी.

इस फिल्म को तब के राष्ट्रपति  डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से बनाया गया था. वे चाहते थे कि दूसरी भाषाओं की तरह भोजपुरी में भी फिल्म बने. जब उन्होंने इस की इच्छा आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे नजीर हुसैन से जाहिर की, तो उन्होंने विधवा पुनर्विवाह पर आधारित भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ की पटकथा लिखी.

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इस के बाद आरा के रहने वाले कारोबारी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी ने इस फिल्म में अपना पैसा लगाने का ऐलान किया. फिर इस फिल्म को बनाने का काम शुरू हो गया.

फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के डायरैक्शन का काम कुंदन कुमार ने किया था, तो इस में गाने को आवाज देने का काम लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे मशहूर गायकों ने किया था. फिल्म के गाने मशहूर गीतकार शैलेंद्र और भिखारी ठाकुर ने लिखे थे. इसी के साथ फिल्म में म्यूजिक देने का काम संगीतकार आनंदमिलिंद के पिता चित्रगुप्त ने किया था.

फिल्म में लीड रोल हिंदी फिल्मों की मशहूर हीरोइन कुमकुम ने किया था, जो भोजपुरी फिल्मों की पहली हीरोइन  बनी थीं.

इस के अलावा कुमकुम के अपोजिट असीम कुमार हीरो थे. फिल्म में विलेन का किरदार बिहार के रहने वाले रामायण तिवारी ने निभाई थी. इस फिल्म में पद्मा खन्ना, हेलेन, लीला मिश्रा, टुनटुन वगैरह भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे.

यह फिल्म 22 फरवरी, 1963 को पटना के वीणा सिनेमा में रिलीज हुई थी, जिस ने कामयाबी के इतने ज्यादा रिकौर्ड तोड़े कि महीनों तक दर्शकों की लाइन ही नहीं टूटी.

इस फिल्म के बाद भोजपुरी में दूसरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’ आई थी. यह फिल्म भी साल 1963 में ही रिलीज हुई थी, जिस का डायरैक्शन कुंदन कुमार ने किया था और निर्माता रामायण तिवारी रहे थे. फिल्म में मुख्य भूमिका असीम कुमार, नसीर हुसैन और कुमकुम ने निभाई थी.

इस फिल्म के बाद फिल्म ‘बिदेसिया’ बनी थी, जिस के हीरो सुजीत कुमार और हीरोइन बेबी नाज थीं. साल 1964-65 में एसएन त्रिपाठी के डायरैक्शन में बनी यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही थी. इस के बाद भोजपुरी में कुछ छिटपुट फिल्में बनीं, जो बहुत ज्यादा नहीं चल पाईं और यही भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर खत्म सा हो गया. इस के बाद 10 साल तक भोजपुरी सिनेमा में सन्नाटा सा छाया रहा था.

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ऐसे टूटा सन्नाटा

10 साल के सूखे के बाद भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर की शुरुआत नजीर हुसैन ने फिर से कर दी और उन्होंने उस समय की सब से बड़ी हिट फिल्म ‘बलम परदेसीया’ बनाई, जिस में मुख्य भूमिका राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना ने निभाई थी.

बौलीवुड के जानेमाने म्यूजिक डायरैक्टर नदीमश्रवण ने भोजपुरी फिल्म ‘दंगल’ से अपने म्यूजिक कैरियर की शुरुआत की थी.

यह फिल्म साल 1977 में रिलीज  हुई थी. इस फिल्म में सुजीत कुमार  और प्रेमा नारायण समेत उस वक्त के कई भोजपुरी फिल्म कलाकारों ने काम  किया था.

यह फिल्म उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह थे. इस फिल्म में म्यूजिक देने के बाद नदीमश्रवण बौलीवुड में छा गए थे.

इस के बाद भोजपुरी में कई सुपरहिट फिल्में बनी थीं, जिन में साल 1980 में बनी भोजपुरी फिल्म ‘धरती मैया’ से भोजपुरी के सुपरस्टार कुणाल सिंह की ऐंट्री हुई.

इस फिल्म में राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना के साथ गौरी खुराना प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. इस के बाद ‘गंगा किनारे मोरा गांव’, ‘बसुरिया बाजे गंगा तीर’, ‘दूल्हा गंगा पार के’, ‘माई’ जैसी ब्लौकबस्टर फिल्में आई थीं.

भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर में इन फिल्मों के अलावा दर्जनों फिल्में बनी थीं, लेकिन यह फिल्में चल नहीं पाईं और धीरेधीरे 90 का दशक आतेआते भोजपुरी सिनेमा सन्नाटे में चला गया.

बुलंदियों का तीसरा दौर

भोजपुरी सिनेमा के लिए साल 2000 का दशक बदलाव का दौर रहा. इस दौर ने भोजपुरी फिल्मों के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया. रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे भोजपुरी के कई सुपरस्टार इस दौर ने दिए, बल्कि भोजपुरी सिनेमा से पूरी तरह से कट चुके दर्शकों को जोड़ने का काम भी किया.

इस दौर की पहली फिल्म साल 2000 में आई, जिस का नाम था ‘सईयां हमार’, जिस में मुख्य भूमिका में रवि किशन थे. इस फिल्म में बृजेश त्रिपाठी मुख्य विलेन की भूमिका में नजर आए थे.

साल 2004 में मनोज तिवारी की फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ बनी थी, जिस ने कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए थे.

इस के बाद रवि किशन के लीड रोल में ही ‘सईयां से कर द मिलनवा हे राम’ और ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’ फिल्में बनी थीं, जो साल 2005 की सब से बड़ी हिट फिल्में रही थीं.

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इस दौर की बड़ी हिट फिल्मों में ‘गंगा जइसन माई हमार’, ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, ‘देहाती बाबू’, ‘धरतीपुत्र’, ‘दीवाना’, ‘लगल रहा हे राजाजी’, ‘देवरा बड़ा सतावेला’ वगैरह शामिल रहीं.

इन्होंने दी बड़ी पहचान

साल 2010 के बाद का दशक गायक से नायक बने कई ऐक्टरों के नाम रहा, जिस में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, पवन सिंह, खेसारीलाल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. इन ऐक्टरों ने पिछले 10 सालों में सैकड़ों हिट फिल्में दी हैं. आज इन्हीं ऐक्टरों से भोजपुरी सिनेमा की पहचान है.

वहीं अगर ऐक्ट्रैस की बात की जाए, तो रानी चटर्जी, नगमा, आम्रपाली दुबे, काजल राघवानी जैसे कई नाम हैं, जिन के करोड़ों दीवाने हैं. भोजपुरी सिनेमा में कई हिट डायरैक्टरों के नाम है, जिन में राजकुमार आर. पांडेय, संजय श्रीवास्तव, पराग पाटिल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. वहीं निगेटिव रोल में संजय पांडेय, अवधेश मिश्र, देव सिंह, सुशील सिंह, कौमेडी में संजय महानंद, धामा वर्मा, लोटा तिवारी जैसे सैकड़ों नाम  शामिल हैं.

आज के दौर में भोजपुरी में बन रही फिल्मों और दर्शकों की तादाद के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भोजपुरी आज दूसरी फिल्मों की अपेक्षा टौप पर है.

बनाया नया मुकाम

भोजपुरी फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इस पर अश्लीलता फैलाने के आरोप भी लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों की तरफ से नहीं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा को न देखने वालों की तरफ से लगाए जाते रहे हैं, जबकि आज की भोजपुरी फिल्में भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के मूड को देखते हुए ही बन रही हैं.

भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के हिसाब से जो भी फिल्में बन रही हैं, उतना हंसीमजाक भोजपुरी बैल्ट में आम  बात है.

दी कड़ी टक्कर

भोजपुरी सिनेमा के तीसरे दौर में बहुतकुछ बदल चुका है, जहां भोजपुरी की फिल्मों के कंटैंट पर अच्छाखासा ध्यान दिया जाने लगा है, वहीं इस में इस्तेमाल होने वाली टैक्नोलौजी में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है.

इस दौर में आई फिल्मों में ‘निरहुआ रिकशावाला’, ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’, ‘विवाह’, ‘कसम पैदा करने वाले की 2’, ‘दोस्ताना’, ‘जुगजुग जिया हो ललनवा’ जैसी सैकड़ों फिल्मों ने भोजपुरी फिल्मों के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने का बड़ा काम किया है.

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा का यह दौर बुलंदियों का दौर है, जहां कम बजट में अच्छी फिल्में बन रही हैं.

पोपुलैरिटी को देख कर बौलीवुड के नामचीन कलाकारों ने किया काम

भोजपुरी के तीसरे दौर में फिल्मों की पोपुलैरिटी और दर्शकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए बौलीवुड के कई नामचीन कलाकार खुद को काम करने से रोक नहीं पाए.

साल 2013 में आई भोजपुरी फिल्म ‘देशपरदेश’ में धर्मेंद्र प्रमुख भूमिका में नजर आए थे. इसी के साथ भोजपुरी फिल्म ‘गंगा’ में रवि किशन और मनोज तिवारी के साथ अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी नजर आए तो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ की फिल्म ‘गंगा देवी’ में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने काम कर के भोजपुरी सिनेमा की अहमियत को और भी बढ़ा दिया था.

इस के अलावा फिल्म ‘धरती कहे पुकार के’ में अजय देवगन, ‘बाबुल प्यारे’ में राज बब्बर, ‘भोले शंकर’ में मिथुन चक्रवर्ती, ‘हम हई खलनायक’ में जैकी श्रौफ, ‘एगो चुम्मा दे दा राजाजी’ में भाग्यश्री जैसे नामचीन कलाकारों ने काम किया. आज भी रजा मुराद, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर जैसे दर्जनों बौलीवुड कलाकार लगातार काम कर रहे हैं.

नेताओं ने बड़ा आयोजन बताया

28फरवरी, 2021 की शाम ‘अयोध्या महोत्सव’ को एक नया रंग देने वाली थी. खूबसूरत गुलाबी पंडाल में भारी तादाद में जमा हुए दर्शक अपने चहेते भोजपुरी कलाकारों को देखने के लिए उतावले हो रहे थे. जैसेजैसे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड 2020’ खुद को आकार दे रहा था, वैसेवैसे भीड़ का जोश बढ़ता जा रहा था.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरीश द्विवेदी थे, जो लगातार 2 बार से बस्ती, उत्तर प्रदेश से सांसद हैं. भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है. फेम इंडियाएशिया पोस्ट द्वारा किए गए सर्वे 2020 में वे देश के 25 बेहतरीन सांसदों में चुने गए थे. इतना ही नहीं, वे उत्तर प्रदेश यूनिट के भारतीय जनता युवा मोरचा के अध्यक्ष रहे हैं.

अपने स्वागत भाषण में सांसद हरीश द्विवेदी ने अवार्ड मिलने वाले सभी भोजपुरी कलाकारों को अग्रिम बधाई दी और कहा कि ‘सरस सलिल’ और दिल्ली प्रैस की दूसरी पत्रिकाएं उन्होंने खूब पढ़ी हैं और ‘सरस सलिल’ द्वारा भोजपुरी फिल्मों के कलाकारों और दूसरे लोगों को अवार्ड देना तारीफ का काम है. इस से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का दायरा बढ़ेगा और भविष्य में उसे काफी फायदा भी होगा.

इतना ही नहीं, सांसद हरीश द्विवेदी ने इस कार्यक्रम को काफी समय तक देखने का लुत्फ लिया और कलाकारों को अपने हाथों से अवार्ड दे कर उन्हें सम्मानित भी किया.

बिहार की लौरिया विधानसभा से  3 बार के विधायक विनय बिहारी ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी. नेता होने से पहले विनय बिहारी का नाम भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के तौर पर भी याद किया जाता है.

जब साल 1990 से साल 2000 तक भोजपुरी सिनेमा अपने बुरे दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने ही अपने गीतों से भोजपुरी कला जगत को जिंदा रखा था.

विनय बिहारी ने ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’, ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’, ‘कन्यादान’ समेत 300 फिल्मों में बतौर गीतकार और 50 से ज्यादा फिल्मों में पटकथा लेखक, कहानीकार और संवाद लेखक का काम किया है.

विनय बिहारी इस कार्यक्रम से बेहद खुश दिखे और कहा कि उन्होंने इतने बड़े लैवल पर भोजपुरी का कोई अवार्ड शो नहीं देखा है. इस तरह के सम्मान से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है. ऐसे कार्यक्रम जनता और कलाकारों के बीच पुल बांधने का काम करते हैं.

इस कार्यक्रम में उत्तर भारत के ही नहीं, बल्कि नेपाल के नेता भी आए थे. वहां से विधायक सहसराम यादव, पूर्व मंत्री दान बहादुर चौधरी और मेयर बजरंगी चौधरी ने भी शिरकत की थी.

उन नेताओं ने बताया कि नेपाल के तराई वाले इलाकों में जिसे मधेश इलाका भी कहा जाता है, हिंंदीभाषी लोग ज्यादा रहते हैं. वे ‘सरस सलिल’ पत्रिका पढ़ते हैं और भोजपुरी और हिंदी फिल्मों को बड़े चाव से देखते हैं. वहां भोजपुरी गाने भी सुने जाते हैं और कलाकारों को खूब पसंद किया जाता है.

विधायक सहसराम यादव ने नेपाल से बुलाए गए नेताओं की तरफ से ‘सरस सलिल’ का शुक्रिया अदा किया और इच्छा जाहिर कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे.

इस कार्यक्रम में नेता ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे. बुंदेलखंड में ‘जलयोद्धा’ के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय को इस कार्यक्रम में विशेष सम्मान दिया गया था. उन्होंने मेंड़बंदी जैसे पारंपरिक तरीके को अपना कर पानी की जो बचत की है, वह एक सराहनीय काम है.

‘जलयोद्धा’ उमाशंकर पांडेय दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं के हमेशा से मुरीद रहे हैं. उन्होंने इस अवार्ड शो को एक शानदार कदम बताया और उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन लोगों और भोजपुरी कलाकारों को एकदूसरे से जोड़ते हैं. अपने चहेते कलाकारों को सामने से देखने में जनता को जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

– सुनील 

भोजपुरी फिल्मों में धमाकेदार खलनायक के रूप में एंट्री मारने को तैय्यार हैं ये एक्टर, पढ़ें खबर

भोजपुरी सिनेमा के रुपहले परदे पर आए दिन नई नई प्रतिभाएं आती रहती हैं. अब बतौर खलनायक अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने आ रहे हैं उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद के मूल निवासी नवोदित अभिनेता खलनायक माधव राय. माधव राय को बचपन से फिल्मो में अभिनय करने का भूत सवार रहा है, मगर उनके माता पिता की शर्त थी कि, पहले अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपने आप को स्थापित करो, फिर फिल्म में काम करो.

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माधव राय ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया और अपनी पढ़ाई पूरी कर घर परिवार को सेटल कर और अपनी सारी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए अब बतौर खलनायक भोजपुरी सिनेमा में सक्रिय हो गए हैं. अहम बात यह है कि बतौर खलनायक माधव राय ने सिर्फ एक नहीं बल्कि चार भोजपुरी भाषा की फिल्में अनुबंधित की हैं, जिनमें से दो की शूटिंग शुरू हो चुकी है.

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कोरोना काल के अनलॉक की प्रक्रिया में जहां भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग शुरू हो चुकी है, वहीं माधव राय भी खलनायक के रूप में शूटिंग करते नजर आने लगे हैं. इन दिनों वह रेड आई मूवी क्रिएशन बैनर के तले बन रही भोजपुरी फिल्म ‘‘रूप मेरे प्यार’’ की शूटिंग गोरखपुर के विभिन्न क्षेत्रों में कर रहे हैं. फिल्म निर्देशक दिलीप जान के निर्देशन में बन रही स्वस्थ मनोरंजनपूर्ण व संपूर्ण पारिवारिक यह फिल्म हर वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है, ताकि पूरे परिवार के लोग एक साथ बैठकर यह फिल्म देख सकें.

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फिल्म निर्माता गिरीश्वर दुबे द्वारा निर्मित की जा रही यह फिल्म बड़े पैमाने पर काफी महंगे बजट के साथ बनाई जा रही है. फिल्म की सह निर्माता दीपिका दुबे, कथा पटकथा व संवाद संजय महतो, संगीतकार कृष्णा बेदर्दी व अनुज तिवारी, कैमरामैन जोगिंदर सिंह हुंदल पाजी हैं. फिल्म के अन्य कलाकार हैं- प्रमोद प्रेमी यादव, गुरु दूबे, मणि भट्टाचार्य और आकांक्षा दूबे, माधव राय,अयाज खान और हीरालाल यादव नजर आएंगे. इस फिल्म को लेकर माधव राय काफी उत्साहित हैं. उनका लुक व किरदार काफी अलग है, जोकि दर्शकों को दिल पर अमिट छाप छोड़ने वाला है.

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