टॉप 10 जुदाई से जुड़ी हिंदी कहानियां – जुदाई का दर्द

Top 10 Judai Stories in Hindi  अगर आपको भी है पसंद ऐसी कहानियां जिसमें जुदाई का दर्द भरा सीन हो तो यहां पढ़े जुदाई की प्रेम और फैमिली कहानियां हिंदी में. जिन्हे पढ़कर आप अपना मनोरंजन कर सकती है साथ ही इन कहानियों को अपनी नीजि जिंदगी से जोड़ सकती है.Top 10 Judai Stories in Hindi 

1. सागर से मुझ को मिलना नहीं है : कहानी अल्हड़ गंगा की

गंगा गांव की एक भोलीभाली और बेहद खूबसूरत लड़की थी. उस की मासूम खूबसूरती को वैसे तो शब्दों में ढालना बहुत ही मुश्किल है, पर यह समझ लीजिए कि गंगा को देख कर ऐसा लगता था, जैसे खेतों की हरियाली उसी पर छाई हुई है…

अल्हड़, मस्त गंगा पूरे गांव में घूमतीफिरती… कभी गन्ना चूसते हुए, तो कभी बकरी के बच्चे को पकड़ने के लिए… गांवभर के मुस्टंडे आंखें

भरभर कर उसे देखा करते और ठंडी आहें भरते थे, पर गंगा किसी को घास नहीं डालती थी.

गांव के सरपंच के बेटे की शादी का मौका था… सरपंच के घर खूब रौनक थी… दूरदराज के गांवों से भी ढेरों मेहमान आए थे.

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2. अधूरे जवाब: क्या अपने प्यार के बारे में बता पाएगी आकांक्षा?Breakup Story

कैफे की गैलरी में एक कोने में बैठे अभय का मन उदास था. उस के भीतर विचारों का चक्रवात उठ रहा था. वह खुद की बनाई कैद से आजाद होना चाहता था. इसी कैद से मुक्ति के लिए वह किसी का इंतजार कर रहा था. मगर क्या हो यदि जिस का अभय इंतजार कर रहा था वह आए ही न? उस ने वादा तो किया था वह आएगी. वह वादे तोड़ती नहीं है…

3 साल पहले आकांक्षा और अभय एक ही इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ते थे. आकांक्षा भी अभय के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी, और यह बात असाधारण न हो कर भी असाधारण इसलिए थी क्योंकि वह उस बैच में इकलौती लड़की थी. हालांकि, अभय और आकांक्षा की आपस में कभी हायहैलो से ज्यादा बात नहीं हुई लेकिन अभय बात बढ़ाना चाहता था, बस, कभी हिम्मत नहीं कर पाया.

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3. मिस्टर बेचारा : क्या पूरा हो पाया चंद्रम का प्यारBreakup Story

दरवाजा खुला. जिस ने दरवाजा खोला, उसे देख कर चंद्रम हैरान रह गया. वह अपने आने की वजह भूल गया. वह उसे ही देखता रह गया.

वह नींद में उठ कर आई थी. आंखों में नींद की खुमारी थी. उस के ब्लाउज से उभार दिख रहे थे. साड़ी का पल्लू नीचे गिरा जा रहा था.

उस का पल्लू हाथ में था. साड़ी फिसल गई. इस से उस की नाभि दिखने लगी. उस की पतली कमर मानो रस से भरी थी.

थोड़ी देर में चंद्रम संभल गया, मगर आंखों के सामने खुली पड़ी खूबसूरती को देखे बिना कैसे छोड़ेगा? उस की उम्र 25 साल से ऊपर थी. वह कुंआरा था. उस के दिल में गुदगुदी सी पैदा हुई.

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4. लाइफ पार्टनर- अवनि की अनोखी दुविधाBreakup Story

अवनि की शादी को लगभग चार महीने बीत चुके थे, परंतु अवनि अब तक अभिजीत को ना मन से और ना ही‌ तन‌ से‌ स्वीकार कर पाई थी. अभिजीत ने भी इतने दिनों में ना कभी पति होने का अधिकार जताया और ना ही अवनि को पाने की चेष्टा की. दोंनो एक ही छत में ऐसे रहते जैसे रूम पार्टनर .

अवनि की परवरिश मुंबई जैसे महानगर में खुले माहौल में हुई थी.वह स्वतंत्र उन्मुक्त मार्डन विचारों वाली आज की वर्किंग वुमन (working woman) थी. वो चाहती थी कि उसकी शादी उस लड़के से हो जिससे वो प्यार करे.अवनि शादी से पहले प्यार के बंधन में बंधना चाहती थी और फिर उसके बाद शादी के बंधन में, लेकिन ऐसा हो ना सका.

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5. अधूरी प्यास: नव्या पर लगा हवस का चसकाBreakup Story

चढ़ती हुई बेल… कैसी दीवानी होती है… नयानया जोबन, अल्हड़पन, बदहवास सी, बस अपनी मस्ती में सरसराती हुई छुईमुई सी हिलोरें लेती है… जिस का सहारा मिल गया, उसी से लिपट जाती है.ऐसा ही तो नव्या के साथ हो रहा था. अभीअभी जवानी की दहलीज पर कदम रखा था मानो एक नशा सा चढ़ने लगा था. एक खुमारी सी…

आईने में खुद को कईकई बार देखना, उभरते अंगों को देख कर मुसकराना और अकेले में उभारों को हलके से छूना और मस्त हो जाना. नहीं संभाल पा रही थी वह अपनी भावनाओं को, अब तो बस वह समा जाना चाहती थी किसी की मजबूत बांहों में, जहां उस के हर अंग पर पा सके वह किसी का चुंबन और सैक्स की गहराई का मजा ले सके.‘‘नव्या, यह क्या तू हर समय आईने के सामने खड़ी रहती है… स्कूल नहीं जाना है क्या? इम्तिहान सिर पर हैं…’’

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6. अकेलापन: क्यों दर्द झेल रही थी सरोजBreakup Story

राजेश पिछले शनिवार को अपने घर गए थे लेकिन तेज बुखार के कारण वह सोमवार को वापस नहीं लौटे. आज का पूरा दिन उन्होंने मेरे साथ गुजारने का वादा किया था. अपने जन्मदिन पर उन से न मिल कर मेरा मन सचमुच बहुत दुखी होता.

राजेश को अपने प्रेमी के रूप में स्वीकार किए मुझे करीब 2 साल बीत चुके हैं. उन के दोनों बेटों सोनू और मोनू व पत्नी सरोज से आज मैं पहली बार मिलूंगी.

राजेश के घर जाने से एक दिन पहले हमारे बीच जो वार्तालाप हुआ था वह रास्ते भर मेरे जेहन में गूंजता रहा.

‘मैं शादी कर के घर बसाना चाहती हूं…मां बनना चाहती हूं,’ उन की बांहों के घेरे में कैद होने के बाद मैं ने भावुक स्वर में अपने दिल की इच्छा उन से जाहिर की थी.

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7. टूटती और जुड़ती डोर- रिश्तों का बंधनBreakup Story

रक्षाबंधन का दिन था, इसलिए आज सांवरी को अपने छोटे भाई राहुल की बहुत याद आ रही थी. उस का चाय का ठेला लगाने का बिलकुल भी मन नहीं था, लेकिन फिर भी वह अपनी यादों को परे रख कर बेमन से अपना ठेला सजा रही थी. चूल्हा, गैस का छोटा सिलैंडर, दूध का भगौना, चायपत्ती व शक्कर का डब्बा, चाय के साथ खाने के लिए समोसा वगैरह… और भी न जाने क्याक्या.

सुबह के 5 बज चुके थे, इसीलिए सांवरी जल्दीजल्दी अपना ठेला तैयार कर रही थी, क्योंकि अगर वह अपना ठेला ले कर जल्दी नहीं पहुंची तो कोई दूसरा उस की जगह पर अपना ठेला खड़ा कर लेगा और फिर उसे ठेला ले कर इधरउधर भटकना पड़ेगा.

दूसरी बड़ी वजह यह भी थी कि सुबहसुबह सांवरी की चाय की बिक्री अच्छी हो जाती थी, क्योंकि सुबहसुबह चौराहे पर काम पर जाने वाले मजदूरों की अच्छीखासी भीड़ रहती थी और

वहीं से लोगों को काम करवाने के लिए मजदूर भी मिल जाते थे. उन में बहुत से ऐसे मजदूर भी थे, जो सांवरी की हर रोज चाय जरूर पीते थे, जिस से उस की कुछ आमदनी भी हो जाती थी.

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8. कितने अजनबी- क्या भाईबहन के मतभेद खत्म हो पाए?Breakup Story

हम 4 एक ही छत के नीचे रहने वाले लोग एकदूसरे से इतने अजनबी कि अपनेअपने खोल में सिमटे हुए हैं.

मैं रश्मि हूं. इस घर की सब से बड़ी बेटी. मैं ने अपने जीवन के 35 वसंत देख डाले हैं. मेरे जीवन में सब कुछ सामान्य गति से ही चलता रहता यदि आज उन्होंने जीवन के इस ठहरे पानी में कंकड़ न डाला होता.

मैं सोचती हूं, क्या मिलता है लोगों को इस तरह दूसरे को परेशान करने में. मैं ने तो आज तक कभी यह जानने की जरूरत नहीं समझी कि पड़ोसी क्या कर रहे हैं. पड़ोसी तो दूर अपनी सगी भाभी क्या कर रही हैं, यह तक जानने की कोशिश नहीं की लेकिन आज मेरे मिनटमिनट का हिसाब रखा जा रहा है. मेरा कुसूर क्या है? केवल यही न कि मैं अविवाहिता हूं. क्या यह इतना बड़ा गुनाह है कि मेरे बारे में बातचीत करते हुए सब निर्मम हो जाते हैं.

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9. फुलमतिया : जब सौतन से हुआ सामनाBreakup Story

शाम के 5 बज रहे थे. मेरी सास के श्राद्ध में आए सभी मेहमान खाना खा चुके थे. ननदें भी एकएक कर के विदा हो चुकी थीं.

सासू मां की मौत के बाद के इन 13 दिनों तक तो मु झे किसी की तरफ देखने का मौका ही नहीं मिला, पर आज सारा घर सासू मां के बगैर बहुत खाली लग रहा था.

मेरे पति शायद अपने दफ्तर के कुछ कागजात ले कर बैठे थे और बेटा अगले महीने होने वाले इम्तिहान की तैयारी कर रहा था. रसोई में थोड़ा काम बाकी था, जो बसंती कर रही थी.

मैं सासू मां के कमरे में आ कर थोड़ा सुस्ताने के लिए उन के पलंग पर बैठी ही थी कि फुलमतिया की आवाज सुनाई दी, ‘‘मेमसाहब, मैं जाऊं?’’

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10. लावारिस : सुनयना की चाहBreakup Story

‘‘तुम्हें गोली लेने को कहा था,’’ प्रमोद ने शिकायत भरे लहजे में कहा.

‘‘मैं ने जानबूझ कर नहीं ली,’’ सुनयना ने कहा.

‘‘पागल हो गई हो,’’ अपने कपड़े पहन चुके और बालों में कंघी करते हुए प्रमोद ने कहा.

‘‘बच्चा जिंदगी में खुशियां लाता है, घर में चहलपहल हो जाती है और बुढ़ापे का सहारा भी बनता है,’’ सुनयना ने प्रमोद को सम झाया.

‘‘बंद करो अपनी बकवास. मैं तुम से बच्चा कैसे चाह सकता हूं. मेरी तो सोशल लाइफ ही खत्म हो जाएगी,’’ गुस्से से चिल्लाते हुए प्रमोद ने कहा.

‘‘तो आप को खुद ध्यान रखना चाहिए था. मैं ने आप से कंडोम का इस्तेमाल करने को कहा था.’’

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