नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार की परतें प्याज के छिलके की तरह उच्चतम न्यायालय में उघरने लगी हैं. पेगासस जासूसी मामले में देश की उच्चतम न्यायालय में जो कुछ हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि जो तथ्य सामने आ रहे यह एक उदाहरण है जो बताता है कि "नोटबंदी" से लेकर "काले धन" और सारी नीतियों पर मोदी सरकार का "सच" क्या है.
सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया है. इसमें कहा गया है कि पेगासस जासूसी मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी करेगी. इसे 8 हफ्ते में रिपोर्ट देनी है. कोर्ट में दायर याचिकाओं में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी. उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इसपर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि लोगों की "विवेकहीन जासूसी" बिल्कुल मंजूर नहीं है.
जैसा कि सभी जानते हैं पेगासस मामले में मोदी सरकार जांच कतई नहीं चाहती और विपक्ष खासतौर पर राहुल गांधी और देश की बौद्धिक वर्ग के महत्वपूर्ण लोग चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए.
ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी कांड: कड़वाहट से भर गया ‘चीनी का कटोरा’
यही कारण है कि राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं और पेगासस पर जांच चाहते हैं सारे तथ्य सार्वजनिक होना चाहिए वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार चाहती है कि "राष्ट्रीय सुरक्षा" की आड़ पर पेगासस मामला बंद कर दिया जाए. यही रस्साकशी विगत कई माह से देश में चल रही है. जिसका पटाक्षेप उच्चतम न्यायालय ने यह कर कर दिया है कि हर मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ कर आप अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते और इस पर कोई हम समझौता नहीं करना चाहते.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप