दंपति के बीच शक की फांस यदि समय रहते निकाली न जाए तो वह खतरनाक नासूर बन जाती है. श्यामशरण के साथ भी ऐसा ही हुआ. काश! वह अपनी पत्नी आरती के ऊपर बने शक को अपराध में न बदलता तो शायद...