सौजन्य- मनोहर कहानियां
उस दिन मई 2021 की 18 तारीख थी. रात के 8 बज रहे थे. बिधनू थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह इलाके में गश्त पर निकलने वाले थे, तभी उन के मोबाइल फोन पर काल आई. उन्होंने काल रिसीव की तो फोनकर्ता ने चौंकाने वाली सूचना दी. उस ने बताया कि करसुई पुल के पास जो हनुमान मंदिर है, वहां एक महिला की लाश पड़ी है. उस की हत्या गोली मार कर की गई है.
चूंकि मामला महिला की हत्या का था, अत: थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह ने गश्त पर जाने के बजाय उस जगह जाना जरूरी समझा जहां महिला की लाश पड़े होने की उन्हें सूचना मिली थी. इस से पहले उन्होंने घटना की खबर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी.
फिर पुलिस बल के साथ घटनास्थल की ओर रवाना हो लिए. थाना बिधनू से करसुई नहर पुल की दूरी करीब 3 किलोमीटर थी. इसलिए पुलिस को वहां पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा.
घटनास्थल पर उस समय कुछ लोग खड़े थे. उन्होंने महिला की लाश का मुआयना किया. मृतक महिला की उम्र 35 साल के आसपास थी. गोली मार कर उस की हत्या की गई थी. पीठ पर 2 तथा सीने पर एक गोली दागी गई थी.
महिला जींस व कमीज पहने थी. उस की मांग में सिंदूर तथा पैरों में बिछिया थे. स्पष्ट था कि वह विवाहित थी. शव के पास ही सड़क किनारे उस की स्कूटी लुड़की पड़ी थी, जिस का नंबर यूपी78 जीएफ 3398 था. वहीं पर मृतका का पर्स व मोबाइल फोन पड़ा था, जिसे पुलिस ने सुरक्षित कर लिया.
थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह अभी निरीक्षण कर ही रहे थे कि सूचना पा कर एसएसपी प्रीतिंदर सिंह, एसपी (आउटर) अष्टभुजा प्रसाद सिंह तथा डीएसपी विकास पांडेय घटनास्थल पर आ गए. पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और वहां मौजूद कुछ लोगों से पूछताछ की.
वहां मौजूद एक युवक ने पुलिस को बताया कि वह मंदिर में हनुमानजी के दर्शन करने आया था. तभी उसे फायर की आवाज सुनाई दी. वह वहां पहुंचा तो महिला मृत पड़ी थी. उस ने 2 हत्यारों को मोटरसाइकिल से भागते हुए देखा था. दोनों हेलमेट लगाए थे. उस ने ही पुलिस को सूचना दी थी.
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अब तक महिला के शव को अनेक लोग देख चुके थे, लेकिन कोई उसे पहचान न सका था. तब पुलिस ने मौके की काररवाई पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए लाला लाजपतराय अस्पताल भिजवा दिया. महिला की स्कूटी भी थाने भिजवा दी.
घटनास्थल से मृत महिला का पर्स व मोबाइल फोन बरामद हुआ था. इस मोबाइल फोन को थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह ने खंगाला तो उस में उस के पिता का फोन नंबर सेव था. थानाप्रभारी ने उस नंबर पर बात की तो पता चला कि वह नंबर बिरला नगर ग्वालियर के रहने वाले अनिल कुमार शर्मा का है. उन्होंने अनिल से पूछा कि जिस मोबाइल नंबर से वह बात कर रहे हैं, वह किस का है?
‘‘यह नंबर मेरी बेटी आरती शर्मा का है. लेकिन आप कौन है? मेरी बेटी का मोबाइल फोन आप के पास कैसे आया?’’ अनिल शर्मा ने घबराते हुए पूछा.
‘‘देखो शर्माजी, मैं कानपुर नगर के थाना बिधनू से इंसपेक्टर विनोद कुमार सिंह बोल रहा हूं. एक महिला के शव के पास से मुझे यह मोबाइल फोन मिला था. आप जल्दी से थाना बिधनू आ जाइए. तब शव की शिनाख्त भी हो सकेगी.’’
19 मई की सुबह 8 बजे अनिल कुमार शर्मा अपने साढू मनोज के साथ थाना विधनू पहुंच गए. इस के बाद थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह उन्हें पोस्टमार्टम हाउस ले गए. यहां महिला की लाश देख कर अनिल शर्मा फफक कर रो पड़े. उन्होंने बताया कि लाश उन की बेटी आरती की है.
थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह ने अनिल कुमार शर्मा को धैर्य बंधाया और फिर पूछताछ की. अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने कई साल पहले आरती की शादी हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर कस्बा निवासी श्यामशरण शर्मा के साथ की थी.
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लेकिन दामाद और बेटी में पटरी नहीं खाती थी सो दोनों के बीच अकसर झगड़ा होता था. श्यामशरण को शक था कि आरती का किसी के साथ चक्कर चल रहा है. इसी को ले कर वह आरती को प्रताडि़त करता था.
अनिल शर्मा ने नामजद लिखाई रिपोर्ट
अनबन होने पर आरती मायके में रहने लगी थी. दिसंबर 2020 में दोनों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया था. लेकिन असफल रहा. समझौते के दौरान ही दोनों झगड़ा करने लगे थे. उसी समय गुस्से में श्यामशरण ने आरती का सिर फोड़ दिया था. लोकलाज के कारण हम ने दामाद के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई थी.
इस झगड़े के बाद आरती कानपुर के नौबस्ता थाना अंतर्गत सागरपुरी, गल्लामंडी में किराए का मकान ले कर रहने लगी थी. जिस मकान में वह रहती थी, उसी में उस ने एक आइसक्रीम फैक्ट्री शुरू कर दी थी. शादियों के सीजन में आइसक्रीम की डिमांड खूब हो रही थी.
आरती पति से अलग जरूर रहती थी, लेकिन पति श्यामशरण उस पर निगरानी रखता था. फोन पर वह उसे धमकाता भी था. अनिल ने आरोप लगाया कि उस की बेटी आरती की हत्या उस के पति श्यामशरण तथा जेठ रामशरण ने की है.
थानाप्रभारी विनोद कुमार सिंह ने अनिल कुमार शर्मा की तरफ से भादंवि धारा 302 आईपीसी के तहत श्यामशरण शर्मा व रामशरण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली और जांच में जुट गए.
इधर महिला उद्यमी आरती हत्याकांड की खबर अखबारों में छपी तो आईजी (कानपुर जोन) मोहित अग्रवाल तथा एडीजी भानु भास्कर ने मामले को गंभीरता से लिया और घटनास्थल का निरीक्षण कर मृतका के पिता अनिल शर्मा से पारिवारिक जानकारी हासिल की.
इस के बाद उन्होंने एसपी (आउटर) अष्टभुजा प्रसाद की देखरेख में पुलिस टीम गठित कर दी. केस का खुलासा करने वाली टीम को 50 हजार रुपए का पुरस्कार भी घोषित कर दिया.
गठित पुलिस टीम ने 3 बिंदुओं पर जांच शुरू की. पहली अवैध संबंधों की, दूसरी पति से अनबन तथा तीसरी व्यापारिक प्रतिस्पर्धा.
टीम ने सब से पहले आरती शर्मा के पति श्यामशरण तथा जेठ रामशरण को भरुआ सुमेरपुर कस्बा में स्थित उन के घर से उठाया फिर दोनों को बिधनू थाने ला कर पूछताछ की. लेकिन दोनों ने जुबान नहीं खोली.
पुलिस टीम ने आरती शर्मा के मोबाइल फोन को खंगाला तो उस में एक ऐसा वीडियो मिला, जिस में वह दोस्तों के साथ ड्रिंक कर रही थी और अश्लील हंसीमजाक कर रही थी.
टीम को समझते देर नहीं लगी कि आरती रंगीनमिजाज महिला थी. इसी मोबाइल में एक ऐसा नंबर भी था, जिस पर आरती की घटना से पहले बात हुई थी. इस नंबर को खंगाला गया तो पता चला कि यह नंबर प्रतापगढ़ के भौलपुर गांव निवासी जितेंद्र का है.
पुलिस टीम ने जितेंद्र को उस के गांव से हिरासत में ले लिया और बिधनू थाने लाई. यहां उस से कड़ाई से पूछताछ हुई तो उस ने बताया कि उस का मोबाइल खो गया था. किसी ने गलत इस्तेमाल किया है. पुलिस को भी लगा कि जितेंद्र निर्दोष है, अत: उसे थाने से जाने दिया.
पुलिस टीम को पक्का यकीन था कि आरती की हत्या का रहस्य उस के पति के पेट में ही छिपा है. अत: टीम ने श्यामशरण शर्मा से कड़ाई से पूछताछ की. पुलिस की सख्ती से श्यामशरण टूट गया. उस ने बताया कि आरती की हत्या उस ने शूटरों से कराई थी. मौत का सौदा उस ने 3 लाख 20 हजार रुपए में किया था, जिस में से 1 लाख 40 हजार शूटरों के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे.
श्यामशरण ने शूटरों के नाम शाहरुख खान निवासी इमलिया बाड़ा कस्बा भरुआ सुमेरपुर तथा नईम उर्फ भोलू निवासी ईदगाह कस्बा भरुआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर बताया.
20 मई, 2021 को पुलिस टीम ने भरुआ सुमेरपुर थाना पुलिस की मदद से शाहरुख खान के घर पर छापा मारा. लेकिन वह घर से फरार था. दबाव बनाने के लिए पुलिस ने उस की पत्नी रूबी, मां परवीन खातून तथा बहन रुखसार को हिरासत में ले लिया.
आरोपियों के घरवालों से की पूछताछ
इस के बाद पुलिस ने ईदगाह निवासी नईम उर्फ भोलू के घर छापा मारा. वह भी घर से फरार था. पुलिस ने भोलू की मां शमीम, बहन रोजी तथा एक अन्य को हिरासत में ले लिया.
सभी को थाना बिधनू लाया गया. दबाव बना कर पुलिस अधिकारियों के समक्ष उन से पूछताछ की गई और शाहरुख तथा नईम के ठिकानों की जानकारी जुटाई गई. पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
23 मई को थानाप्रभारी वी.पी. सिंह को खबरी के जरिए पता चला कि शाहरुख खान अपनी पत्नी रूबी से मिलने घर आया है. इस पर उन्होंने दबिश दे कर शाहरुख को उस के घर से दबोच लिया और थाने ले आए. इस के बाद उन्होंने उसे बिधनू पुलिस को सौंप दिया.
अगले भाग में पढ़ें- आरती दोस्तों के साथ करती थी मौजमस्ती