विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार नौजवानों को ठगने का सिलसिला लगातार जारी है. बिहार की राजधानी पटना समेत गांवदेहात के इलाकों तक  में ठगी करने वाले एजेंटों ने जाल फैला रखा है. जीवीएम मैन पावर नामक कंपनी पिछले कई महीनों से पटना में लोगों को विदेश भेजने के नाम पर 12,000 से 17,000 रुपए और पासपोर्ट भी जमा कर रही थी.

जांच के दौरान यह पता चला कि इस कंपनी का कहीं कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. इस कंपनी ने पटना के अलावा विशाखापट्टनम और गुडगांव में भी औफिस खोल रखा था. पटना के नियोजन भवन में बने इमिग्रेशन औफिस में इस कंपनी के खिलाफ 100 लोग शिकायत दर्ज करा चुके हैं. बिहार और झारखंड के तकरीबन 300 नौजवानों ने विदेश जाने के नाम पर पैसे और पासपोर्ट दिए.

औरंगाबाद जिले के मुसलिमाबाद के बाशिंदे 35 साल के मोहम्मद अरमान ने बताया, ‘‘मुझे गांव के ही एक लड़के ने इस कंपनी के बारे में बताया था. मैं ने कंपनी के औफिस जा कर बात की. उस ने 17,000 रुपए की मांग की और पासपोर्ट जमा कर लिया.  ‘‘मुझे औफिस स्टाफ द्वारा बताया गया कि अबुधाबी की एडनाक और नैशनल पैट्रोलियम कौंट्रैक्टिंग कंपनी में काम मिलेगा. मैं ने दोबारा औफिस में जा कर पैसे जमा कर दिए.  ‘‘एक महीने के अंदर उस ने वीजा आने का आश्वासन दिया.

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बोला कि और लड़के जाना चाहते हैं तो उन लोगों को भी लेते आइएगा. 20 दिनों के बाद जब औफिस गए तो मालूम हुआ कि वे लोग यहां से फरार हो गए हैं.’’ यह कंपनी बिहार और झारखंड के 300 से ज्यादा नौजवानों से पैसा और पासपोर्ट ले कर फरार हो चुकी है. एक साल के अंदर इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. जालसाजी करने वाले लोगों को सजा नहीं मिल पा रही है. इस की वजह से उन लोगों का मनोबल बढ़ता जा रहा है.  विदेश में नौकरी के नाम पर झांसा दे कर लोगों को ठगने वालों पर नकेल कस पाना आसान काम नहीं है. ठगी के मामले दब कर रह जा रहे हैं. जो मामले सामने आ रहे हैं, उन में थाने में एफआईआर दर्ज करना मुश्किल हो रहा है.

पटना के विदेश मंत्रालय के दफ्तर के जरीए दर्ज होने वाले मामलों में अभी तक कुछ खास नहीं हो पाया है. पटना में ही ठगी के 4-5 मामले उजागर हो चुके हैं. इन में किसी भी कुसूरवार की गिरफ्तारी या दूसरी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है. ठगी के शिकार नौजवान थाना, कोर्टकचहरी का दरवाजा लगातार खटखटा रहे हैं.  पटना में पृथ्वी इंटरनैशनल और गल्फ इंटरनैशनल के खिलाफ भी मामला दर्ज हो चुका है. इसी तरह बिहार के सिवान, गोपालगंज, मोतिहारी, झारखंड के रांची, जमशेदपुर, कोडरमा में नौकरी के लिए विदेश भेजने के  नाम पर फर्जीवाड़े के मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

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जालसाजी करने वाले पुलिस प्रशासन की पकड़ से दूर हैं. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने जीवीएम कंपनी द्वारा ठगी के शिकार हुए नौजवानों की पूरी डिटेल मांगी है. मंत्री ने आरोपियों पर कार्यवाही किए जाने की बात कही है. फर्जी एजेंटों का जाल बिहार और झारखंड के कई जिलों समेत गांवदेहात के इलाकों में फर्जी एजेंटों का नैटवर्क है. मामला खुले नहीं, इसलिए इश्तिहार जारी करने के बजाय गांवों में एजेंट भेजे जाते हैं. इन के जरीए बेरोजगार नौजवानों को फंसा कर उन से पैसे और पासपोर्ट ले लिया जाता है. क्यों जाते हैं लोग विदेश देश में रोजगार नहीं मिलने और विदेश में ज्यादा पैसे मिलने की वजह से यहां के बेरोजगार नौजवान विदेश में जाना चाहते हैं.

उचित सलाह और सही जानकारी नहीं मिलने की वजह से वे ठगी के शिकार हो जाते हैं.  जालसाजी करने वाले लोगों पर कार्यवाही नहीं हो पाती है, इस की वजह से वे लोग कंपनी का नाम बदल कर अलगअलग जगहों पर औफिस खोल कर बेशुमार पैसे फर्जी ढंग से कमा रहे हैं. भारतीय युवा मंच के अध्यक्ष शहबाज मिनहाज ने बताया कि इस तरह के फर्जी जालसाज गिरोहों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिली तो उन का नैटवर्क और बढ़ता रहेगा और बेरोजगार नौजवान ठगी के शिकार होते रहेंगे.

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