कोरोना वायरस ने 2 साल से दुनिया भर में इंसानों की जान को खतरे में डाल रखा है. अब जानवरों में सब से ताकतवर माने जाने वाले शेरों को भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है. शेर, बाघ ही नहीं दूसरे पशुओं पर भी कोरोना का खतरा मंडराने लगा है.

माना जा रहा है कि संक्रमित इंसानों के जरिए कोरोना वायरस ने शेरों के शरीर में प्रवेश किया. हालांकि अमेरिका के न्यूयार्क स्थित ब्रानोक्स जू में पिछले साल अप्रैल में ही 8 बाघ और शेर कोरोना पौजिटिव मिले थे, लेकिन भारत में पहली बार शेर संक्रमित मिले हैं.

पिछले साल हांगकांग में भी कुत्ते और बिल्लियों में कोरोना संक्रमण का पता चला था. भारत में घरेलू जानवरों में अभी तक कोरोना संक्रमण के कोई मामले सामने नहीं आए हैं.

मई के पहले सप्ताह में हैदराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क में 8  एशियाई शेर कोरोना संक्रमित पाए गए. इन में 4 शेर और 4 शेरनियां थीं. इस जू में काम करने वाले कर्मचारियों को अप्रैल के चौथे सप्ताह में शेरों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे.

इन शेरों की खुराक कम हो गई थी. इस के अलावा उन की नाक भी बहने लगी थी. उन में सर्दी जुकाम जैसे लक्षण नजर आ रहे थे. कर्मचारियों ने जू के अधिकारियों को यह बात बताई. उस समय तक देश में कोरोना की दूसरी लहर का भयावह रूप सामने आ चुका था.

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जू के अधिकारियों ने इन शेरों की कोरोना जांच कराने का फैसला किया. जांच के लिए शेरों को ट्रंकुलाइज यानी बेहोश कर उन के तालू के निचले हिस्से से लार के नमूने लिए   गए. इन नमूनों को जांच के लिए हैदराबाद के सेंटर फौर सेल्युलर एंड मौलिक्यूलर बायोलौजी (सीसीएमबी) भेजा गया.

सीसीएमबी से शेरों की कोरोना जांच रिपोर्ट मई के पहले सप्ताह में हैदराबाद जू के अधिकारियों को मिली. इस में 8 शेरों की आरटीपीसीआर (कोरोना) जांच रिपोर्ट पौजिटिव आई.

एशिया में सब से बड़े जू में शुमार नेहरू जूलोजिकल पार्क हैदराबाद शहर की घनी आबादी वाले इलाके में बना हुआ है और 380 एकड़ में फैला है. सरकार ने कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस हवा के जरिए फैलने की बात कही थी. इस से यह माना गया कि शेरों में कोरोना वायरस ने या तो हवा के जरिए या देखरेख करने वाले किसी संक्रमित कर्मचारी के जरिए प्रवेश किया. नेहरू जूलोजिकल पार्क में कुल 12 एशियाई शेर हैं.

हैदराबाद का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने देश भर में सभी जूलोजिकल पार्क, नैशनल पार्क और टाइगर रिजर्व बंद करने के आदेश दिए. साथ ही वन्यजीव अभयारण्यों को भी अगले आदेशों तक दर्शकों के लिए बंद करने की सलाह दी.

इस के बाद मई के पहले सप्ताह में ही उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थित लायन सफारी के एक शेर में भी कोरोना वायरस मिला. इस की पुष्टि बरेली में इज्जतनगर स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में की गई जांच में हुई. इटावा की लायन सफारी से 14 शेरों के सैंपल जांच के लिए बरेली के आईवीआरआई भेजे गए थे. जांच में एक शेर में कोरोना वायरस पाया गया और एक संदिग्ध माना गया. बाकी 12 शेरों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई.

इस लायन सफारी में 18 शेर और शेरनी हैं. इन में कुछ दिन पहले कोरोना के लक्षण नजर आए थे. इस से पहले हैदराबाद जू के शेरों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी थी. ऐसी हालत में इटावा लायन सफारी प्रशासन ने भी शेरों की कोरोना जांच कराने का निर्णय लिया था. एक शेर की जांच रिपोर्ट पौजिटिव आने के बाद इस सफारी में शेरों की देखभाल में सतर्कता बढ़ा दी गई. इस के साथ ही सभी शेरों को अलगअलग आइसोलेशन में कर दिया गया, ताकि संक्रमण का फैलाव न हो.

मई के दूसरे सप्ताह में ही जयपुर में चिडि़याघर का बब्बर शेर ‘त्रिपुर’ भी कोरोना संक्रमित पाया गया. इस चिडि़याघर में एक सफेद बाघ चीनू और दूसरी शेरनी तारा को कोरोना संदिग्ध माना गया. ये सभी शेर जयपुर में नाहरगढ़ बायोलौजिकल पार्क में बनी लायन सफारी में रह रहे थे. इन शेरों की कोरोना सैंपल की जांच बरेली के आईवीआरआई में कराई गई थी. जयपुर से लायन सफारी के 13 सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए थे.

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलौजिकल पार्क में राजस्थान की पहली लायन सफारी 2018 में शुरू हुई थी. इस पार्क में करीब 36 हैक्टेयर में लायन सफारी बनी हुई है. यहां पहले 4 एशियाई शेर थे. इन में से कैलाश और तेजस नामक शेरों की मौत हो गई थी. अब लायन सफारी में शेरनी तारा और शेर त्रिपुर ही हैं.

सबसे पहले गुजरात के जूनागढ़ से तेजिका नामक शेरनी को जयपुर चिडि़याघर लाया गया था. बाद में उसे लायन सफारी में शिफ्ट कर दिया था. तेजिका ने 3 शावकों को जन्म दिया था. इन के नाम त्रिपुर, तारा और तेजस रखे गए. तेजिका की 3 साल पहले मौत हो गई थी. बाद में पिछले साल उस के बेटे तेजस की भी मौत हो गई. अब भाईबहन त्रिपुर और तारा बचे हैं. इन में तारा को कोरोना संदिग्ध माना गया है.

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संदिग्ध मानी गई शेरनी तारा, सफेद बाघ चीनू और एक पैंथर कृष्णा के सैंपल दोबारा जांच के लिए बरेली भेजे गए. शेर त्रिपुर को दूसरे वन्यजीवों से अलग कर क्वारंटाइन कर दिया गया. पार्क के सभी जानवरों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं दी जा रही हैं.  शेर, बाघ और दूसरे वन्यजीवों के व्यवहार पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है. वन्यजीवों की देखभाल करने वाले केयरटेकरों को भी पीपीई किट मुहैया कराई गई है. इन केयरटेकरों को अब बाघ और शेरों के बाड़े तक जाने के लिए पानी में से निकलना पड़ता है ताकि इन के पैरों के जरिए किसी तरह का इंफेक्शन जानवरों तक न पहुंचे.

मध्य प्रदेश में इंदौर के जू में मांसाहारी वन्यजीवों के साथ विदेशी पक्षियों को भी दवाएं दी जा रही हैं. इन की आंखों को इंफेक्शन से बचाने के लिए दवा डाली जा रही है. पक्षियों के पिंजरों को सैनेटाइज किया गया है.

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इंदौर जू में दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के पक्षी बड़ी संख्या में हैं. इगुआना नाम की दुनिया की सब से बड़ी छिपकली को सुबहशाम हरी सब्जियां दी जा रही हैं. इगुआना छिपकली 3 मीटर तक लंबी और 50 किलोग्राम तक वजनी होती है. यह उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप में पाई जाती है.

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