बंगला फिल्मों की जानीमानी हीरोइन और तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां जैन जल्द ही मां बन जाएंगी, लेकिन उन के पेट में पल रहे बच्चे का पिता कौन है, इस सवाल को ले कर गजब का सस्पैंस बना हुआ है.

महज 30 साल की नुसरत जहां देखने में अभी भी अधखिले गुलाब के फूल सरीखी दिखती हैं, लेकिन हैं वे बहुत बिंदास और बोल्ड जो इस बात की परवाह नहीं करती हैं कि कौन उन के बारे में क्या बक रहा है. अपने होने वाले बच्चे के बारे में आज नहीं तो कल जब भी बोलेंगी, तब एक और धमाका जरूर होगा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चहेती नुसरत जहां ने राजनीति में साल 2019 के लोकसभा  चुनाव में मोदी लहर के बीच वह धमाका कर दिखाया था, जिस की उम्मीद खुद ममता बनर्जी को भी नहीं रही होगी. त्रिकोणीय मुकाबले में उन्होंने वशीरहाट सीट से भाजपा के सत्यानन बसु को साढ़े 3 लाख वोटों से करारी शिकस्त दे कर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा था.

इस के चंद दिनों बाद ही नुसरत जहां ने दूसरा धमाका कोलकाता के जानेमाने रईस कारोबारी निखिल जैन से शादी कर के किया था. यह शादी शाही तरीके से ईसाई और हिंदू रीतिरिवाजों से तुर्की में हुई थी. बाद में कोलकाता में भी शादी का रिसैप्शन हुआ था जिस में फिल्म और राजनीति की कई दिग्गज हस्तियों ने इन दोनों को बधाई और आशीर्वाद दिया था.

ये भी पढ़ें- समस्या: लोन, ईएमआई और टैक्स भरने में छूट मिले

संसद पहुंच कर भी नुसरत जहां ने एक और धमाका किया जब वे मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहन कर पहुंची थीं. इस पर मुसलिम कट्टरपंथियों ने उन के खिलाफ फतवे जारी कर दिए थे, क्योंकि इसलाम में सिंदूर और मंगलसूत्र जैसे सुहाग चिह्न हराम हैं.

शादी की पहली सालगिरह पर 19 जून, 2021 को निखिल और नुसरत दोनों ने सोशल मीडिया के जरीए एकदूसरे के लिए फिल्मों जैसा प्यार जताया था, जिस का लब्बोलुआब यह था कि दोनों एकदूसरे के बिना रह नहीं सकते और आपस में बेइंतिहा मुहब्बत करते हैं.

लेकिन अफसोसजनक तरीके से शादी की दूसरी सालगिरह पर दोनों अलगअलग रहे थे और एक नया फसाद वजूद में आ चुका था. दो लफ्जों में कहें तो ब्रेकअप हो चुका था और बकौल निखिल नुसरत दिसंबर, 2020 को ही ससुराल वालों से लड़झगड़ कर अपने मांबाप के घर चली गई थी. यह लड़ाई और ब्रेकअप पैसों को ले कर थे. निखिल का कहना यह था कि नुसरत सारे पैसे और अहम व जरूरी कागजात अपने साथ ले गई थी, जबकि नुसरत का इलजाम यह था कि निखिल और उस के घर वाले पैसों के लालची हैं.

फिर बच्चा किस का

तंग आकर निखिल ने नुसरत के खिलाफ अदालत का रुख किया. इस के बाद नुसरत के पेट से होने की खबर सामने आई. खुद नुसरत ने अपने बढ़ते पेट की तसवीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं.

इस पर तिलमिलाए निखिल ने दो टूक बयान दे डाला कि नुसरत के पेट में पल रहा बच्चा उन का नहीं है. इस के पहले तलाक के मसले पर यह बयान  दे कर नुसरत ने एक और धमाका कर दिया था कि तलाक की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि तुर्की में हुई शादी भारत में कानूनन जायज नहीं है.

इन बातों का फैसला अदालत करती रहेगी, लेकिन बच्चा किस का है, यह सस्पैंस अभी बना रहेगा. बाल की खाल निकालने वाला मीडिया कभी एक भाजपा नेता से तो कभी एक और बंगला कलाकार यश दास गुप्ता से नुसरत का संबंध जोड़ता रहता है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि नुसरत बच्चे के पिता के बाबत कुछ नहीं बोल रही हैं. इतना जरूर वे इशारों में कह चुकी हैं कि उन की शादी शादी नहीं थी, बल्कि वे निखिल के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रह रही थीं.

इस बात के माने साफ हैं कि एक गैर शादीशुदा औरत अपनी मरजी से किसी के भी बच्चे की मां बनने का हक और आजादी रखती है और इस पर लोगों को बेवजह अपना सिर नहीं दुखाना चाहिए. लेकिन यह बात भी नकारी नहीं जा सकती कि जैसे भी की थी नुसरत ने निखिल से शादी तो की थी और एक साल ब्याहता की तरह ससुराल में रही भी थीं. बाद में खटपट हुई या किसी और से टांका भिड़ा तो उन्होंने ससुराल छोड़ दी.

बच्चा किस का है यह नुसरत ही जानती हैं, लेकिन इस बवंडर से उन की इमेज बिगड़ी है, इस में कोई शक नहीं और हिंदू व मुसलिम कट्टरपंथी खुश हो रहे हैं, इस में भी कोई शक नहीं. निराश वे नौजवान हुए हैं, जो इन दोनों की मिसाल देने लगे थे.

ये भी पढ़ें- दुविधा: जब बेईमानों का साथ देना पड़े!

फर्क क्या है

किसी शादीशुदा औरत के किसी और के बच्चे की मां बनने का यह पहला या आखिरी मामला नहीं था. समाज में नुसरत जैसी औरतों की कमी नहीं है जो कभी मजबूरी में तो कभी मरजी से किसी और के बच्चे की मां बनती हैं. कुछ मामले ढकेमुंदे रह जाते हैं, तो कई पकड़ में भी आ जाते हैं. जो पकड़ में आ जाते हैं उन में दुर्गति औरतों की ही होती है, क्योंकि शौहर कितना भी दरियादिल या चाहने वाला क्यों न हो, यह कभी बरदाश्त नहीं करता कि उस की बीवी किसी और से न केवल जिस्मानी ताल्लुक बनाए, बल्कि उस के बच्चे को जन्म भी दे.

नुसरत सरीखा ही एक मामला पिछले साल दिसंबर में बरेली से सामने आया था जिस में पति का आरोप यह था कि जब उस ने सुहागरात ही नहीं मनाई, तो बच्चा कहां से आ टपका.

प्रेमनगर की रहने वाली कमला (बदला नाम) की शादी नवंबर, 2017 में इज्जतनगर के एक नौजवान शरद (बदला नाम) से हुई थी. कमला के मुताबिक, शौहर और ससुराल वाले पहले दिन से ही उसे दहेज के लिए तंग करने लगे थे, जिस की शिकायत उस ने पुलिस में की थी. बाद में शरद के घर वालों ने उसे जायदाद से बेदखल कर दिया, तो वह उसे ले कर अलग किराए के मकान में रहने लगा.

लेकिन इस से कमला की दुश्वारियां कम नहीं हुईं, क्योंकि शरद शराब के नशे में उस से मारपीट करता था और उस के चालचलन पर भी शक करता था. इसी के चलते वह बच्चे को अपनी औलाद मानने तैयार नहीं था. कमला के सामने यह सवाल मुंह बाए खड़ा है कि अब वह क्या करे.

एक और मामले में तो पति ने पत्नी की हत्या ही कर दी. बीती 28 जून को फिरोजाबाद जिले के जाफरगंज के जगरूप निषाद ने नयागंज थाने में 18 जून को अपनी 26 साला बेटी ज्योति निषाद की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराइ थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही ज्योति मायके में रहने लगी थी.

ज्योति के पति राजेश निषाद को शक था कि वह किसी और से पेट से हो गई है जो सच भी लगता है, क्योंकि दोनों अलगअलग रह रहे थे. पुलिसिया छानबीन में ज्योति की लाश चित्रकूट के सती अनसुइया जंगल से बरामद हुई.

जगरूप के मुताबिक, राजेश ने ज्योति को चुपचाप बुलाया और उस की हत्या कर लाश जंगल में फेक दी. राजेश से पूछताछ में पुलिस को कोई खास कामयाबी अभी तक नहीं मिली थी. जाहिर है कि वह बीवी की बेवफाई की आग में जल रहा था और यह बरदाश्त नहीं कर पा रहा था कि भले ही अलग रहे, लेकिन पेट में किसी और का बच्चा लिए घूमे.

ऐसा ही एक सच्चा किस्सा भोपाल का है जिस में पति लक्ष्मण सिंह (बदला नाम) इस बात से परेशान है कि बीवी पेट से हो आई है, जबकि हमबिस्तरी के दौरान वह हर बार कंडोम का इस्तेमाल करता था.

पेशे से ट्रक ड्राइवर लक्ष्मण को यकीन हो चला है कि जब वह बाहर जाता था तब बीवी ने जरूर किसी और से संबंध बनाए होंगे. पैसों की तंगी के चलते वह अभी बच्चा नहीं चाहता था, जबकि बीवी हर समय बच्चे की रट लगाए रहती थी.

अब मुमकिन है कि उस ने यह इच्छा किसी और से पूरी कर ली हो, इसलिए बारबार कहने पर भी बच्चा गिराने को तैयार तैयार नहीं हो रही है. हैरानपरेशान लक्ष्मण उस से छुटकारा पाना चाहता है.

क्या करें शौहर

बीबी पर शक आम बात है खासतौर से उस सूरत में जब वह खूबसूरत हो, हंसमुख हो और पति से ज्यादा अलग रहती हो. लेकिन इस का यह मतलब कतई नहीं कि ऐसे में उस के पेट में पल रहा बच्चा किसी और का ही होगा, लेकिन कुछ हालात में शक की गुंजाइश तो बनी ही रहती है.

ऐसी हालत में पतियों को चाहिए कि वे ठंडे दिमाग से काम लें. बच्चा खुद का है या किसी और का, इस टैंशन से बचने के लिए प्यार से पत्नी से बात करें. अगर जवाब या सफाई देने में वह आनाकानी करे तो शक दूर करने या उसे यकीन में बदलने के लिए डीएनए टैस्ट करवाएं, लेकिन यह आसान काम नहीं है. इस के लिए किसी बड़े वकील से मशवरा करना चाहिए.

अगर पत्नी सीधेसीधे मान ले कि बच्चा किसी और का ही है, तो सब से बेहतर रास्ता तलाक है. मारपीट या हत्या करने से पति की खुद की जिंदगी भी तबाह हो जाती है, जैसे राजेश की हुई. इस से पति को कुछ हासिल नहीं होता.

यह भी हकीकत है कि कोई भी शौहर पत्नी की यह बेवफाई बरदाश्त नहीं कर पाता और ऐसी हालत में उस की रातों की नींद और दिन का चैन हराम हो जाता है और मारे गुस्से के वह जुर्म कर बैठता है, लेकिन इस से कानून को कोई सरोकार नहीं होता कि यह हत्या या हिंसा की यह मुकम्मल वजह थी कि चूंकि बीवी के पेट में किसी और का बच्चा था, इसलिए गुनाह माफ कर दिया जाए.

ये भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर छोटे कारोबारियों पर टूटा कहर

क्या करें पत्नियां

अगर वाकई पेट में पति का नहीं किसी और का बच्चा है, तो इस सच को पति को बता देना चाहिए. वह माफ कर देगा, इस बात की उम्मीद न के बराबर है, क्योंकि यह है तो उस के साथ धोखा ही. इस गलती को छिपाने के लिए दहेज मांगने का इलजाम नहीं लगाना चाहिए. इस से शौहर दूसरे के बच्चे को अपना नहीं लेगा.

अगर पति को महज शक हो तो पहले इसे प्यार से दूर करना चाहिए. उसे भरोसा दिलाना चाहिए और यह नहीं सोचना चाहिए कि वह चालचलन पर शक करते हुए कोई गुनाह कर रहा है. हां, समझाने पर भी बात न बने तो अलग हो जाने या तलाक लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता.

न केवल शादी के शुरुआती दिनों में, बल्कि बाद में भी मायके में कम से कम रहना चाहिए और गैर मर्दों तो दूर जीजा और देवर जैसे नजदीकी रिश्तों में भी संभल कर रहना चाहिए, जिस से शौहर को शक करने का मौका ही न मिले.

गैर मर्द से अगर संबंध बनाना मजबूरी हो जाए या कोई जबरदस्ती कर जाए तो तुरंत प्रैग्नैंसी टैस्ट करना चाहिए. इस के लिए पेट से हो आने वाली स्ट्रिप का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर जांच में टैस्ट पौजिटिव आए तो बिना देर किए बच्चा गिरवा लेना चाहिए.

यह काम शहर की किसी भी माहिर लेडी डाक्टर से मिल कर आसानी से और जल्दी भी हो जाता है. पति को इस बात की भनक भी नहीं लगने देनी चाहिए.

और अगर प्यार या किसी दूसरी वजह के चलते दूसरे मर्द के बच्चे की मां बनना ही हो, तो सब से पहले पति से अलग हो जाना ही बेहतर होता है, जिस से न उस का खून जले और न खुद डर डर कर जीना पड़े.

नुसरत जहां की बात और है. वह जिस तबके की है और जिस माहौल में है, उस में ये बातें आईगई हो जाती हैं, क्योंकि ऐसी नामी औरतें पैसों या या सामाजिक हिफाजत वगैरह के लिए किसी की मुहताज नहीं रहतीं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...