सवाल

मैं 34 वर्षीय पढ़ीलिखी महिला हूं. पति बिजनैस करते हैं. वे सरल स्वभाव के हैं. ससुराल में कभी किसी चीज की कमी नहीं रही. पर मेरी समस्या थोड़ी अलग है. मेरी शादी 21 साल की उम्र में ही हो गई थी. शादी के 10 सालों तक संतानसुख से वंचित रही थी. दर्जनों डाक्टरों को दिखाया और सासूमां के कहने पर न जाने कहांकहां मन्नतें भी मांगी थीं. अंत में पता चला दोष पति में है.

सासूमां के दबाव में उन के दूर के एक रिश्तेदार, जिन्हें ये लोग गुणी तांत्रिक बताते हैं, से हमारी मुलाकात करवाई गई. तांत्रिक ने बताया कि इन में मां बनने के पर्याप्त अवसर हैं पर ग्रहों की स्थिति सही नहीं है. सासूमां के आग्रह पर तांत्रिक बराबर घर आने लगा. 2-4 दिन रहता फिर चला जाता. इस दौरान मैं तांत्रिक के बहकावे में आ गई और हमारे बीच जिस्मानी संबंध बन गए. धीरेधीरे मुझे खुद भी आनंद आने लगा. तांत्रिक हम उम्र है और जिस्मानी सुख देने में काफी माहिर भी. उस का आनाजाना बेरोकटोक जारी रहा. सासूमां सहित किसी को भी कोई शक नहीं होता. हमारे संबंध और भी मजबूत होते गए. इस बीच मैं गर्भवती हो गई तो ससुराल और मायके वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सब उस तांत्रिक रिश्तेदार की ही कृपा बताते और उस के गुणगान में लगे रहते. संतानप्राप्ति के कुछ महीनों बाद तांत्रिक ने घर आना कम कर दिया.

मैं बराबर फोन करती रही. उस के सामीप्य के लिए तरसती रही. बारबार बुलाने पर वह 2-3 बार आया तो मन को शांति मिली. हमारे फिर से जिस्मानी संबंध बने. इधर 1-2 सालों से वह हमारे घर नहीं आ रहा. मेरे फोन का जवाब भी नहीं देता. मैं चाहती कि घर से बाहर इस रिश्ते को ताउम्र निभाऊंगी पर उस की बेरुखी से मन आहत रहता है. उस ने सिर्फ इतना कहा कि तुम अब अपनी जिंदगी जीओ. इस राज को मैं कभी जाहिर नहीं करूंगा.

मैं पति को नहीं छोड़ सकती, क्योंकि वे मुझे बेहद प्यार करते हैं. उन्होंने कभी मुझ पर शक नहीं किया. पर डरती हूं कि जब बेटा बड़ा होगा और यह राज अगर पति जान लेंगे तो फिर मैं क्या करूंगी? बड़ी उलझन में हूं. क्या पति को सबकुछ सचसच बता दूं? कृपया सलाह दें?

जवाब

शादी के बाद पति से संतान न होना एक बड़ी समस्या है पर आप के पास संतानसुख के लिए और भी बेहतर विकल्प थे. आजकल विज्ञान की तरक्की के चलते तकनीक द्वारा बांझता का दंश झेलने वाली औरतें भी मांएं बन रही हैं.

आप किसी बेसहारे बच्चे को गोद ले कर भी संतानसुख प्राप्त कर सकती थीं. बेहतर होता कि आप खुद व अपनी सासूमां को अंधविश्वास से दूर रखतीं. क्योंकि इस तरह के संबंधों में रिस्क बहुत होता है. वह तांत्रिक आप को कभी भी ब्लैकमेल कर सकता है.

खैर जो होना था वह हो गया. जरूरत है इस गलती के लिए आप को महसूस हो कि आप ने गलती की है और भविष्य में दोबारा ऐसी नादानी नहीं करेंगी. फिलहाल तो उचित यही होगा कि इस राज से परदा न उठने दें.

पति और ससुराल वालों की नजरों में कोई ऐब नहीं है तो दांपत्य को बचाने के लिए इस राज को आप अपने अंदर ही दफन रहने दें. हो सकता है वे इस बारे में जानते हों पर बात मुंह पर न लाते हों पर कुछ को तो यह राज मालूम होगा और कभी भी लीक कर सकता है.

दोषी आप ही नहीं आप की सासूमां और ससुराल के लोग भी हैं जिन्होंने 21वीं सदी में भी अंधविश्वास का लबादा ओढ़े रखा है. उन की सोच आदिम जमाने की है तभी तो वैज्ञानिक युग में भी पूजापाठ, तंत्रमंत्र पर यकीन करते हैं.

यह अच्छी बात है कि तांत्रिक आप की ससुराल वालों का दूर का रिश्तेदार है. शायद इसीलिए वह इस रिश्ते को उजागर नहीं करना चाहता होगा या फिर उस की दुकानदारी बंद न हो जाए, यह सोच कर वह नहीं चाहता होगा कि उस की बदनामी हो. अन्यथा ऐसे धोखेबाज पाखंडी ब्लैकमेल तक करने से गुरेज नहीं करते. आप को दिल पर पत्थर रख कर इस बात को अब हमेशा के लिए दफन करना चाहिए.

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