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सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025
कहानी

Mother’s Day Special: सपने में आई मां

सत्ते. सब उसे इसी नाम से बुलाया करते थे. उसे नहीं मालूम था कि उस का असली नाम सत्येंद्र है. उस ने सब के मुंह से सत्ते ही सुना है. उस के साथ छोटेबड़े 5 लड़के थे, 2 लड़कियां थीं और भाभीचाची थीं.

  • Digital Team
  • ,
  • May 1, 2021
sapne me 1
भाग - 1

सुबह 10 बजे के आसपास वे सब सड़क के नुक्कड़ के पेड़ के नीचे बनी तिरपाल वाली झोंपड़ी में आ जाते थे. वे उस के अंदर रखे फटे और गंदे कपड़े पहनते थे.

sapne me 2
भाग - 2

कंबल तो श्यामा ताई के पास भी खूब आ जाते हैं... रात को खूब मिल जाते हैं. अगले सर्किल पर बने मंदिर पर खूब मिलते हैं. मकर संक्रांति के दिन तो कईकई कंबल मिल जाते हैं.

sapne me 3
भाग - 3

सत्ते ने कहना चाहा, पर लाललाल आंखों से लड़के ने सत्ते को चुप करा दिया और ‘चल ढूंढ़ें’ कहता हुआ बाहर ले गया.

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