तकनीक जितनी ताकतवर होती है, उतनी ही तीखी और तेजतर्रार भी. किसी भी समाज और देश के लिए वहां होने वाले अपराध उस के माथे पर कलंक जैसे होते हैं. अब जब से दुनिया ‘साइबर वर्ल्ड’ के दमघोंटू गुब्बारे में बंद हो कर रह गई है, तब से वहां इस तकनीक से होने वाले अपराध भी बेलगाम होने लगे हैं.
इस कड़ी में साइबर उत्पीड़न सब से आगे और बड़ी मजबूती से इनसानियत को शर्मसार कर रही है. आमतौर पर यह उत्पीड़न समाज के उस हिस्से को चोट पहुंचा रहा है जिसे हम बड़ी शान से ‘आधी दुनिया’ का तमगा दे चुके हैं यानी महिला समाज. यही वजह है कि साइबर उत्पीड़न के ऐसेऐसे किस्से हमारे सामने आते हैं कि डर के मारे रोंगटे तक खड़े हो जाते हैं.
हाल ही में दिल्ली के दक्षिणपश्चिमी जिले की साइबर सैल ने सोशल मीडिया पर 50 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को परेशान करने वाले 19 साल के एक लड़के रहीम खान को फरीदाबाद, हरियाणा से पकड़ा. वह इतना शातिर दिमाग था कि महिला के नाम पर फर्जी आईडी बना कर पहले तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लड़कियों और महिलाओं को दोस्ती की रिक्वैस्ट भेजता था, फिर वहां मौजूद उन के फोटो से छेड़छाड़ कर वायरल करने की धमकी देता था. साथ ही, पीड़िता को अपना अश्लील फोटो भेजने को भी कहता था. रहीम खान की इस घटिया हरकत के चलते एक लड़की तो डर की वजह से डिप्रैशन में चली गई थी.
डीसीपी इंगित प्रताप सिंह के मुताबिक, आरके पुरम की एक पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि कोई उसे उस के ही अश्लील फोटो इंस्टाग्राम आईडी के जरीए भेज रहा है. इतना ही नहीं, वह उस से अश्लील फोटो भी मांग रहा था.
ये भी पढ़ें- रोजगार: अटकी भर्तियां, दांव पर करियर
मामले की गंभीरता को देखते हुए इस की जांच साइबर सैल को सौंपी गई. साइबर सैल प्रभारी रमन कुमार सिंह की देखरेख में टीम ने जांच शुरू की और तकनीकी जांच के बाद एसआई नीरज कुमार की टीम ने फरीदाबाद के ऊंचा गांव के रहीम खान को पकड़ लिया.
पुलिस ने रहीम खान के मोबाइल फोन से कई चैट डिटेल, महिलाओं व लड़कियों के वीडियो क्लिप और फोटो बरामद किए.
ऐसे अपराध कोई महीनेसाल में नहीं होते हैं, बल्कि भारत जैसे देश में हर दूसरे सैकंड, एक महिला साइबर उत्पीड़न का शिकार होती है. एक नया शब्द ‘ट्रोलिंग’ तो जैसे आम हो गया है. सोशल मीडिया पर महिलाओं खासकर जवान लड़कियों से गालीगलौज करना, उन्हें धमकी देना, घूरना, बदनाम करना, पीछा करना, बदला लेना और अश्लील बातें करना इसी साइबर उत्पीड़न का ही घिनौना रूप है.
हैरत और शर्म की बात है कि देश में साल 2017 से साल 2019 के बीच धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न और घृणा से जुड़े साइबर अपराध के 93,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 में 21,796, साल 2018 में 27,248 और साल 2019 में 44,546 साइबर अपराध मामले दर्ज किए गए.
जी. किशन रेड्डी ने बताया, “देश में होने वाले साइबर अपराध के पीछे जो विभिन्न मंशा रही हैं, उन में निजी दुश्मनी, धोखाधड़ी, यौन उत्पीड़न, नफरत फैलाना, पायरेसी का विस्तार, सूचनाओं की चोरी आदि शामिल हैं.”
साइबर उत्पीड़न में ज्यादातर मामले प्रेमप्रसंग के होते हैं. अगर किसी लड़की या महिला ने अपने पुरुष साथी से पीछा छुड़ाना चाहा (जब ऐसा युगल शादीशुदा नहीं है) तो तिलमिलाए आशिक ने उसे सोशल मीडिया पर बदनाम करने की धमकी दे डाली. जैसे वह उन के प्रेम दर्शाते फोटो या वीडियो या फिर चैटिंग को वायरल कर देगा. दुनिया को बता देगा कि वह कितनी चरित्रहीन है.
बहुत बार तो बहुत से सिरफिरे एकतरफा आशिक भी तकनीक का गलत इस्तेमाल कर के महिलाओं को ब्लैकमेल करते हैं. घबराई महिलाएं परेशान हो कर मैसेज डिलीट कर देती हैं. पर यह समस्या का हल नहीं है, बल्कि सामने वाले को बढ़ावा देना होता है. होना तो यह चाहिए कि जो महिलाएं ऐसे अपराध या साइबर हमलों का शिकार हुई हैं, उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. पहले अपने परिवार वालों और फिर पुलिस में इस अपराध की शिकायत करनी चाहिए.
सवाल उठता है कि कानून इस में क्या और कितनी मदद कर सकता है? सब से पहले तो यह समझिए कि जब कोई लड़की या महिला के खिलाफ साइबर अपराध होता है, तो कानून का सहारा कैसे लिया जा सकता है? याद रखिए कि कंप्यूटर या मोबाइल फोन आदि का सहारा ले कर किए जाने वाले ऐसे मामले सीधेसीधे एक महिला की इज्जत को चोट पहुंचाने से जुड़े होते हैं. ऐसे अपराधों को भारतीय दंड संहिता की धारा 354, धारा 509 और 292(ए) में डाला जा सकता है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 कहती है कि अगर किसी महिला की लज्जा भंग करने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल किया जाए तो इस धारा के तहत मामला आता है. ऐसे मामलों में अपराधी को कम से कम एक साल से 5 साल की सजा और आर्थिक दंड का भी प्रावधान है.
ये भी पढ़ें- सीमा ढाका: बहादुरी की मिसाल
वहीं धारा 509 के अनुसार अगर कोई शब्द, इशारा, ध्वनि या किसी वस्तु को इस आशय से दिखाया जाए जिस से किसी स्त्री की लज्जा का अनादर होता है या जिस से उस की निजता पर अतिक्रमण होता है तो ऐसी हालत में अपराधी को 3 साल तक जेल या आर्थिक दंड या दोनों ही सजा दी सकती हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी बनाया गया है जिस में बताया गया है कि औनलाइन कैसे सुरक्षित रह सकते हैं. इस पोर्टल पर बच्चों और महिलाओं के साथ हो रहे साइबर अपराध की शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है.
ऐसा करने से बचें
-सोशल मीडिया पर अपने निजी फोटो डालने से बचें. किसी अनजान से चैटिंग करते हुए निजी बातें न करें. वीडियो भी न शेयर करें.
-सोशल मीडिया पर अपनी प्राइवेसी सैटिंग्स को पब्लिक न करें. सैटिंग्स ऐसी ही रखें कि आप के जानपहचान वाले ही आप के फोटो आदि देख सकें.
-सोशल मीडिया पर किसी अनजान को न जोड़ें. एकदम से भरोसा तो कतई न करें. अगर वह कहीं बाहर मिलने के लिए बुलाता है तो सावधान हो जाएं.
-अगर आप किसी समस्या में फंस भी जाएं तो घबराएं नहीं, बल्कि पुलिस को इस की जानकारी दें.
याद रखिए, तकनीक का यह तीखापन कानून और आप की जागरूकता व हिम्मत से ही कुंद किया जा सकता है, इसलिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हुए हमेशा जागरूक रहें.