लेखक-   धीरज कुमार

समय बहुत कीमती होता है. जो समय को भांप गया, सफल हो गया. समय विद्यार्थी जीवन में सफल होने का मौका हरेक को देता है.

रिचा साइंस की स्टूडैंट थी. जब उस का एडमिशन अच्छे कालेज मे हुआ तो वह लगभग रोज ही कालेज जाया करती थी. कालेज में उस की ढेर सारी फ्रैंड्स बन गई थीं. वह रोज नई ड्रैस पहन कर कालेज जाती थी. सहेलियों के साथ वह तरहतरह के वीडियोज बनाती थी, फोटोशूट करती थी, दोस्तों के साथ सैल्फी लेती थी और उन्हें एकदूसरे को शेयर करती  थी. कालेज से घर आते हुए जितने भी रैस्टोरैंट व होटल थे, सभी में वह अलगअलग दिन दोस्तों के साथ डिशेज का स्वाद लेती थी.

परीक्षा में अच्छे मार्क्स के लिए ट्यूशन भी पढ़ रही थी. ट्यूशन से आने के बाद कौपीकिताब एक तरफ रख कर आराम करती थी. इतना कुछ करने के बाद उस के पास एनर्जी नहीं बच पाती थी कि वह घर पर नियमित पढ़ाई कर सके. ट्यूशन व कालेज में पढ़ाई गई बातों को दोहराने का उसे समय नहीं मिल पाता था. थोड़ाबहुत खाली समय मिलने पर मोबाइल से गाने सुनती थी. कुछ समय अपने दोस्तों से मोबाइल पर चैटिंग करती थी. लगभग यही उस की प्रतिदिन की दिनचर्या थी.

चिंता का कारण

जैसे ही परीक्षा का समय आया. वह काफी चिंतित हो गई थी. पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी. वह टैंशन में रहने लगी थी. इसीलिए परीक्षा पास नहीं कर पाई. उस की पढ़ाई अधूरी रह गई थी. जब पढ़ने के दिन थे तो दोस्तों के साथ मौजमस्ती करती रही.  यही कारण था कि पढ़ाई में पिछड़ गई थी. सो, स्वाभाविक था कि परीक्षा में  अच्छे अंक नहीं आ पाएंगे. वह फेल हो चुकी थी.

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इस प्रकार वह 2 साल का कीमती समय बरबाद कर चुकी थी. उस की सारी दोस्त अगली कक्षा में जाने के लिए तैयार थीं. उस की कुछ दोस्त अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे की रणनीति बना रही थीं और उस पर काम कर रही थीं. जबकि, रिचा 2 साल व्यर्थ गए समय के बारे में अफसोस कर रही थी. कुछ दिन तो उस के अंदर इतनी हिम्मत नहीं बच पाई थी कि वह फिर से परीक्षा की तैयारी कर सके. लेकिन जब उस के मातापिता और गुरुजनों ने मार्गदर्शन किया तो वह अपनी गलती सुधारने को तैयार हो गई.

नकारात्मक सोच की उत्पत्ति

रिचा की तरह कम स्टूडैंट्स होते हैं जो असफल होने के बाद सफलता के लिए दोबारा मेहनत कर पाते हैं. कुछ स्टूडैंट्स होते हैं जो असफलता से निराश हो कर बीच में पढ़ाई छोड़ चुके होते हैं. कुछ ऐसे भी स्टूडैंट्स होते हैं जो असफलता से निराश हो कर आत्महत्या तक कर लेते हैं. जबकि, आत्महत्या करना किसी भी समस्या का निदान नहीं है.

समय के सदुपयोग के फायदे

12वीं क्लास में पढ़ने वाली श्रुति दिनरात घर पर पढ़ाई कर रही थी. स्कूल से आने के बाद वह नोट्स का घर पर प्रतिदिन रिवीजन करती थी. दिक्कत होने पर ट्यूशन में डिस्कस करती थी. उसे हर विषय में सैल्फ स्टडी के कारण सभी विषयों के कौन्सैप्ट्स क्लीयर रहते थे.

यही कारण था कि वह परीक्षा में 90 प्लस मार्क्स स्कोर कर पाई थी. वह सभी सब्जैक्ट्स को टाइम मैनेजमैंट के हिसाब से पढ़ती थी.

पढ़ाई के दौरान वह मोबाइल से दूर रहती थी. हां, मोबाइल से अपने कठिन विषयों के वीडियोज, स्पीच आदि जरूर सुनती थी और देखती थी. उस के दोस्तों की संख्या सीमित थी. वह उन्हीं दोस्तों से कनैक्ट रहती थी जिन से पढ़ाईलिखाई में मदद मिल सके. वह हंसते हुए बताती है, ‘‘मैं पढ़ाईलिखाई में रुचि नहीं रखने वाले दोस्तों से जल्द ही किनारा कर लेती हूं. मेरे मोबाइल में उन्हीं फ्रैंड्स के नंबर हैं जो पढ़ाईलिखाई में अच्छी हैं और जो मु?ो भी पढ़नेलिखने में मदद कर पाती हैं. फालतू लोगों के नंबर मैं ब्लौक कर देती हूं.’’

फालतू दोस्तों से नुकसान

एक बात तो स्पष्ट है कि पढ़ाईलिखाई के दौरान फालतू दोस्तों से बातें करना समय बरबाद करना ही है. कुछ पढ़ने वाले स्टूडैंट्स की ये शिकायतें जरूर रहती हैं कि पढ़ाईलिखाई के दौरान दोस्तों का जमावड़ा लक्ष्यप्राप्ति में बाधक होता है. पढ़ाईलिखाई के दौरान दोस्तों की संख्या सीमित होनी चाहिए. कुछ दोस्त पढ़ाईलिखाई के बजाय मौजमस्ती की ओर डायवर्ट करने की कोशिश करते रहते हैं, जिस से पढ़ाई में बाधा पहुंचती है.

अनियमित पढ़ाई से सफलता में देरी

बिहार के औरंगाबाद जिला निवासी सतीश कुमार का कहना है कि वे इंटर लैवल यानी एसएससी परीक्षा की तैयारी कई सालों से कर रहे हैं. लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. उन का कहना है, ‘‘असफलता का मुख्य कारण है प्रतिदिन टाइम मैनेजमैंट के अनुसार पढ़ाई का अभ्यास नहीं कर पाना. मैं विगत 3 सालों से तैयारी कर रहा हूं. अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के कारण पढ़ाईलिखाई नियमित नहीं कर पाता हूं. यही कारण है कि अभी तक मुझे सफलता नहीं मिल पाई है. किसी भी परीक्षा की तैयारी करते समय नियमित पढ़ाई करना जरूरी है. व्यक्तिगत परेशानियों में फंसे रह जाने के कारण पढ़ाईलिखाई बाधित हो जाती है, इसीलिए मुझे अभी तक सफलता नहीं मिली है.’’

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सफलता के लिए टाइम मैनेजमैंट जरूरी

यूपीएससी परीक्षा 2019 के टौपर, हरियाणा के सोनीपत जिले के तेवड़ी गांव के निवासी प्रदीप सिंह का कहना था कि वे सफलता के लिए पूरे सप्ताहभर का टाइम मैनेजमैंट तैयार करते थे. अगर किसी कारण किसी दिन तय की गई पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता था तो अगले दिन उस को भी जरूर पूरा करता था. सप्ताह के अंत तक वे बनाए गए टारगेट को पूरा कर लेते थे. तभी उन्हें इतनी बड़ी सफलता मिली. उन्होंने इस सफलता के लिए नियमित पढ़ाई के महत्त्व को स्वीकार किया.

लक्ष्यप्राप्ति के लिए रोज पढ़ें

किसी भी परीक्षा में टाइम मैनेजमैंट का पूरा ध्यान रखना पड़ता है, इसलिए रोज पढ़ना जरूरी होता है. तभी सफलता की उम्मीद की जा सकती है. अगर आप प्रतिदिन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं तो सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते. सफलता के लिए खुद के पैमाने पर स्टूडैंट्स खुद को तोल लेते हैं. जिस प्रकार से स्टूडैंट्स की तैयारी होती है, उस  के मुताबिक वे सफलता और असफलता का अनुमान खुद ही लगा लेते हैं.

सैल्फ स्टडी के फायदे

कंपीटिशन में सफलता के लिए लगातार अभ्यास की आवश्यकता होती है. नियमित अभ्यास से ही सफलता की उम्मीद की जा सकती है. कोचिंग क्लास में स्टूडैंट्स की प्रौब्लम्स को सौल्व किया  जाता है.

सो, वह सहायक हो सकता है, परंतु उसे सफलता की गारंटी नहीं कहा जा सकता. लेकिन अगर आप सैल्फ स्टडी लगातार कर रहे हैं, तो सफलता की उम्मीद कर सकते हैं.

नियमित पढ़ाई जरूरी

आप किसी प्रकार की पढ़ाई कर रहे हों- चाहे सामान्य डिग्री हासिल करना चाहते हों, किसी  कंपीटिशन की तैयारी कर रहे हों, कोई भाषा सीख रहे हों, कानून की पढ़ाई कर रहे हों, मैनेजमैंट की पढ़ाई कर रहे हों, हर पढ़ाई में जरूरी है कि पढ़ाईलिखाई नियमित हो. नियमित पढ़ाई से ही सफलता हासिल होती है.

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पढ़ाईलिखाई में शौर्टकट नहीं

किसी प्रकार के भी कोर्स को पूरा करने के लिए प्रतिदिन पढ़ना जरूरी है. कोर्स की संरचना इस प्रकार से की जाती है कि नियमित पढ़ाई से ही कोर्स पूरा किया जा सकता है. कुछ लोग सफलता के लिए शौर्टकट फार्मूला अपनाने की नाकाम कोशिश करते हैं. जीवन के अन्य क्षेत्रों में शौर्टकट अपनाया जा सकता है किंतु पढ़ाईलिखाई में यह संभव नहीं है. शौर्टकट तरीके से सफलता हासिल नहीं की जा सकती है.

आज के विद्यार्थी प्रतियोगिता के युग में जी रहे हैं. किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता की तैयारी के लिए टफ कंपीटिशन से गुजरना पड़ता है. आज के कौंपिटिटिव एनवायरमैंट में अनियमित पढ़ाई से सफलता मिलना बहुत ही मुश्किल है. विद्यार्थियों को काफी सोचसम?ा कर और रणनीति बना कर तैयारी करने की जरूरत है. विद्यार्थियों को सफलताप्राप्ति के लिए अपना ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित करना पड़ता है. इसलिए अच्छी तैयारी के लिए अच्छी किताबें, कोचिंग सैंटर, गुरुजनों एवं मातापिता के मार्गदर्शन के साथसाथ नियमित पढ़ाई जरूरी है.

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