छत्तीसगढ़ में आजकल आईएएस और आईपीएस अफसरों की फर्जी “फेसबुक” आईडी बनाकर ठगी की जा रही है और इस जाल में आसपास के परिचित फंसकर लूट जा रहे हैं. ठग कितने शातिर होते हैं और दूर की सोचते हैं यह आज आपको यह रिपोर्ट पढ़कर जानकारी मिलेगी की जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक जैसे वरिष्ठ एवं प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों के नाम पर किस तरह फर्जी फेसबुक आईडी बन जाती है और उनके चिर परिचित समर्थकों को ठग किस तरह ठग रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस जाल में फंसने वाले लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा. वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी ठगों को पकड़वा पाने में अभी तक असफल ही सिद्ध हुए हैं. छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर कोरबा, रायगढ़ व अन्य नगरों के शीर्ष अधिकारी यह बात जगजाहिर कर चुके हैं कि उनके फोटो व आईडी का फर्जी इस्तेमाल किया जा रहा है सावधान..!

रायगढ़ जिलाधीश भीम सिंह ने हाल ही में स्वयं फेसबुक में अपने चिर परिचित सभी को आगाह किया कि उनके नाम से एक फर्जी आईडी अस्तित्व में है! और लोगों को फोन करके 20 20 हजार रुपए मांगे गए हैं उन्होंने लिखा कि सभी सावधान रहें और ठगों के जाल में न फंसे.

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मामले में रायगढ़ के नायब तहसीलदार ने कोतवाली पुलिस से लिखित शिकायत की है. पुलिस ने “अज्ञात  ठग” के खिलाफ 419 व आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. कलेक्टर भीम सिंह ने भी फेसबुक में पोस्ट कर फर्जी आईडी से पैसे मांगने की जानकारी देते हुए सावधान रहने को कहा मगर जानकार बताते हैं कि कब ऊपर हाथ डालना अथवा उन्हें पकड़ पाना पुलिस के लिए बेहद टेढ़ी खीर है.

इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह का कहना है कि इसमें यूपी, बिहार  गैंग के सक्रिय होने की आशंका है. सारा माजरा अंतर प्रांतीय ठगों का है.

पुलिस अधीक्षक बन गया शिकार!

कोरबा जिला में पदस्थ पुलिस अधीक्षक  आईपीएस अभिषेक मीणा की फेसबुक आईडी से हूबहू फर्जी आईडी बनाकर उनकी फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों से जरूरत बताकर रुपए की मांग की जाने लगी. ठगों की हिमाकत देखिए!इसके लिए 10-20 हजार रुपए एकाउंट में ट्रांजेक्शन करवाया जा रहा  था. फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों को जब पुलिस अधीक्षक मीणा द्वारा इस तरह फेसबुक के जरिए पैसे मांगने का पोस्ट देखकर  कई लोगों ने इसकी सत्यता जानने के लिए संपर्क किया. तब  मीणा को इसकी जानकारी हुई और उन्होंने फेसबुक पर फर्जी आईडी की स्क्रीन शॉट के साथ इस संबंध में अपनी ओर से सार्वजनिक सूचना दी.उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा -” किसी ने प्रोफाइल पिक लगातार मेरे नाम पर फेक आईडी बनाई है धोखाधड़ी से सावधान रहना हम कार्रवाई करेंगे.”

दरअसल, छत्तीसगढ़ में ठगों की हिमाकत इस हद तक पहुंच गई है कि गणमान्य लोगों को छोड़कर सीधे आईएएस-आईपीएस की फर्जी आईडी से धोखाधड़ी की जा रही है. फेसबुक की प्रोफाइल से पिक्चर व नाम का इस्तेमाल करके फर्जी आईडी बनाने और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले  सामने आ रहे हैं. शुरुआत में ठगों ने आमजन व व्यापारी वर्ग के फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करते थे लेकिन अब आईएएस-आईपीएस की फर्जी आईडी बना रहे हैं.प्रदेश में इससे पहले कई आईएएस-आईपीएस के फेसबुक पर फर्जी आईडी बनने का मामला सामने आ चुका है.  कोरबा जिले में इससे पहले पाली जनपद सीईओ की फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाने का मामला भी सामने आ चुका है.

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हमारे संवाददाता ने जब अभिषेक मीणा से बात की तो उन्होंने कहा जांच कर आरोपियों को पकड़ा जाएगा  पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने बताया उन्हें काफी लोगों ने मैसेज करके बताया कि आपके नाम से फेसबुक आईडी पर पैसा मांगा जा रहा है, सच है या फेक यह पूछा. तब मुझे इसका पता चला. उन्होंने कहा इसकी जांच की जाएगी. आरोपियों को पकड़ा जाएगा. इस तरह के ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा.

कमिश्नर भी बने, ठगों के शिकार!

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग के संभाग आयुक्त डॉ संजय अलंग विगत समय जब जिलाधीश बिलासपुर हुआ करते थे उनके नाम पर भी ठगों ने एक फर्जी आईडी बना ली थी. जानकार सूत्रों के अनुसार कलेक्टर रहे डॉ. संजय अलंग का फर्जी  फेसबुक अकाउंट फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से हजारों रूपए उगाही करने का मामला सामने आया. जालसाज ने कलेक्टर के नाम का फर्जी फेसबुक अकाउंट  बना बिलासपुर के दो युवकों को पहले तो अपना दोस्त बना लिया.

फिर उनसे रकम वसूल करने का प्रयास करने लगे. अज्ञात आरोपी ने अपना बैंक अकाउंट नंबर भी लोगों को दिया .शिकायत पहुंचने पर संजय अलग  ने साइबर सेल के माध्यम से आईडी ब्लॉक करने व जांच प्रारंभ करवाई. मगर बताया जा रहा है कि अभी तक ठग पुलिस के कानून के जद से बाहर है.

इस संदर्भ में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दरअसल ठगों का मनोविज्ञान यह है कि बड़े नेता और आईएएस आईपीएस अधिकारियों के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर इसलिए ठगी की जाती है की बहुत सारे लोग इन नामों और पदों को देखकर पैसे  दे देते हैं. जबकि होना यह चाहिए कि उन्हें यह समझ होनी चाहिए इतने बड़े अधिकारी भला दस बीस हजार, रूपए किसी से क्यों मांगेंगे? लोग बड़े अधिकारियों से संपर्क बनाने मित्रता साधने के नाम पर फेसबुक की मित्रता आसानी से स्वीकार कर लेते हैं फर्जी आईडी  बनाने वाले  लोगों से रकम की भी मांग कर ठगी का जाल फैलाया गया. है शहर के दो युवकों से आरोपी ठग ने यह कहते हुए 20-20 हजार रुपए की मांग की है कि उन्हें यह पैसा दूसरे दिन वापस कर दिया जाएगा. मगर उनकी सतर्कता काम आई और वे बच गए आपसे भी यही आग्रह है कि किसी भी तरह के पैसे की मांग पर आप 10 बार सोचे.

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