हाल ही में भारत ने चीन के मशहूर एप ‘टिकटौक’ पर बैन लगा दिया है. अब इस से भारत को कितना फायदा होगा या नुकसान, यह हमारा मुद्दा नहीं है, बल्कि हम तो उस बात से चिंतित हैं, जो सदियों से भारतीय समाज को धर्म के नाम पर घोटघोट कर पिलाई गई है खासकर औरतों को कि अगर वे अपने पति की सेवा करेंगी तो घर में बरकत होगी, बरकत ही नहीं छप्पर फाड़ कर रुपया बरसेगा. इस पूरे प्रपंच में धन की देवी लक्ष्मी और विष्णु का उदाहरण दिया जाता है और साथ ही उन छोटे देवता रूपी ग्रहों का सहारा लिया जाता है, जो अगर अपनी चाल टेढ़ी कर दें तो अच्छेखासे इनसान की जिंदगी में कयामत आ जाए.
पहले हम सोशल मीडिया के समुद्र में तैर रहे एक छोटे से वीडियो की चर्चा करेंगे, जो देखने में एकदम आम सा लगेगा, पर वह हमारी बुद्धि को भ्रष्ट करने की पूरी ताकत रखता है. एक मजेदार बात यह कि वह अलगअलग लोगों द्वारा अलगअलग घरों और माहौल में बनाया गया है, पर अंधविश्वास का जहर पूरे असर के साथ हमारे दिमाग में भर देता है.
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वीडियो की शुरुआत कुछ इस तरह होती है कि एक साधारण से कमरे में एक पलंग बिछा है और उस पर एक ठीकठाक रूपरंग की शादीशुदा औरत बैठी अपने पति के पैर दबा रही है.
अगर कमरे की बात करें तो यह एक लोअर मिडिल क्लास परिवार का लगता है, जहां उस औरत के बगल में एक टेबल फैन रखा हुआ है और पलंग भी ज्यादा महंगा नहीं है. वह औरत जिस आदमी के पैर दबा रही है उस का चेहरा नहीं दिखाया गया है, पर जिस तरह से वह औरत उस आदमी के पैर दबा रही है, वह एक ‘राजा बाबू’ टाइप आदमी ज्यादा लग रहा है.
अब आप पूछेंगे कि भाई इस वीडियो में खास क्या है? तो खास यह है कि वीडियो में जिस औरत का प्रवचननुमा ज्ञान सुनाई दे रहा है, वह है असली मुद्दे की जड़.
दरअसल, जब वह औरत अपने पति के पैर दबा रही होती है, तो बैकग्राउंड में किसी औरत की आवाज सुनाई देती है, ‘हरेक पत्नी को अपने पति के पैर रोज दबाने चाहिए. इस का कारण यह है कि मर्दों के घुटनों से ले कर उंगली तक का भाग शनि होता है और स्त्री की कलाई से ले कर उंगली तक का भाग शुक्र होता है. जब शनि का प्रभाव शुक्र पर पड़ता है तो धन की प्राप्ति के योग बनते हैं. आप ने अकसर देखा होगा तसवीरों में कि लक्ष्मीजी विष्णुजी के पैर दबाती हैं.’
इसी तरह का एक और वीडियो परखते हैं. यह सीन भी तकरीबन पहले सीन की तरह ही है, पर किरदारों के साथसाथ माहौल बदल गया है और स्क्रिप्ट के संवाद भी. इस सीन में दिखाई गई खूबसूरत औरत ने किसी सैलून से अपने बाल कलर करा रखे हैं और वह मौडर्न कपड़े पहने हुए है. हाथ पर टैटू बना है और कलाई पर स्मार्ट वाच बंधी है. घर भी अच्छाखासा लग रहा है. पर पलंग के बदले पत्नी सोफे पर बैठी अपने पति के पैर दबा रही है.
लगे हाथ बैकग्राउंड से आती आवाज का भी लुत्फ उठा लेते हैं. औरत बोल रही है, ‘मेरे पति हैं मेरा गुरूर. मुझ को अपनी पलकों पर बैठाते हैं, दिनभर मेहनत कर के कमाते हैं, पर मेरी हर फरमाइश पर दोनों हाथों से लुटाते हैं. शाम को जब थकेहारे घर आते हैं, फिर भी मुझे देख कर मुसकराते हैं.’
इन दोनों वीडियो में पत्नी अपने पति के पैर दबा रही है. वैसे, किसी के पैर दबाने में कोई बुराई नहीं है, पर जिस तरह से औरत को मर्द के पैर दबाते दिखाया गया है, वह बड़ा सवाल खड़ा करता है कि आज के जमाने में जहां औरतें किसी भी तरह से मर्दों से कम नहीं हैं, वहां इस तरह के वीडियो बनाने और दिखाने का मकसद क्या हो सकता है?
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दरअसल, यह सब उन पोंगापंथियों की चाल है, जो नहीं चाहते हैं कि औरतों को वाकई मर्दों के बराबर समझा जाए, इसलिए उन्हें धर्म की चाशनी में डुबो कर ज्ञान दिया जाता है कि पुराणों में जो लिखा है वह ब्रह्मवाक्य है और जब धन की देवी लक्ष्मी अपने नाथ विष्णु के पैर दबा कर पूरी दुनिया के धन की मालकिन बन सकती हैं, तो आप भी अपने पति के पैर दबा कर धन के घर आने का रास्ता तो बना ही सकती हैं.
यहां पर लक्ष्मी और विष्णु का ही उदाहरण ही नहीं लिया गया है, बल्कि 2 ग्रहों शनि और शुक्र का भी मेल मिलाया जाता है. हमारे दिमाग में भर दिया गया है कि शनि और शुक्र जैसे तमाम ग्रह बड़े मूडी होते हैं, उन्होंने जरा सी भी चाल टेढ़ी की नहीं, हमारी शामत आ जाएगी. ऐसा भरम फैला दिया गया है कि औरत को लगे अगर वह अपने हाथों से पति परमेश्वर के पैर नहीं दबाएगी तो लक्ष्मी रूठ जाएगी.
पर ऐसा कैसे हो सकता है? अगर हर पत्नी के हाथों में शुक्र की ताकत और उस के पति के पैरों में शनि का वास है और उन के मेल से घर में धनवर्षा होती है, तो फिर सब को शादी के बाद यही काम करना चाहिए. पति पलंग तोड़े और पत्नी अपने हाथों से उस के पैर दबाए. घर की सारी तंगी दूर हो जाएगी. जब पैसा अंटी में होगा तो कोई क्लेश भी नहीं होगा. हर तरफ खुशहाली का माहौल होगा और हर दिन त्योहार सा मनेगा.
दूसरा वीडियो धर्म के अंधविश्वास को तो बढ़ावा नहीं देता है, पर यह दिखाता है कि पति चाहे कैसा भी हो, अगर वह किसी औरत यानी अपनी पत्नी को पाल रहा है तो उस के पैर ही नहीं दबाने हैं, बल्कि उन्हें अपने सिरमाथे पर लगा कर रखना है, जिस से वह हमेशा आप पर दोनों हाथों से रुपए लुटाता रहे.
इन दोनों वीडियो की गंभीरता इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इन में दिखाई गई औरतें पढ़ीलिखी लग रही हैं और शहर में रहती हैं. पक्का मकान है और दूसरी सुखसुविधाएं भी मौजूद हैं. हो सकता है वे खुद भी कमाई करती हों या फिर गृहिणी ही सही, लेकिन देहाती और अनपढ़ तो कतई नहीं हैं.
जब इस तरह की औरतों को ही औरतों की तरक्की का दुश्मन दिखाया जाए तो समझ लीजिए, मामला आप को उलझाने के लिए बुना गया है. जब से धर्म की हिमायती सरकार इस देश में आई है, सनातन के नाम पर उस हर चीज को खूबसूरती के साथ पेश किया जाने लगा है, जो तर्क की कसौटी पर कहीं नहीं टिकती है. सीधी सी बात है कि आज के महंगाई के जमाने में पत्नी अपने पति के पैर दबा कर या उस के चरण अपने माथे पर लगा कर घर को धनवान या खुशहाल नहीं बना सकती है, पर अगर वह पति की तरह अपने कंधे पर लैपटौप टांग कर किसी मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करती है तो परिवार में दोहरी कमाई का सुख जरूर दे सकती है. अगर वह हाउस वाइफ है तो क्या हुआ, घर को सजासंवार कर रख सकती है, घर का हिसाबकिताब अपने हाथ में ले कर पति की चिंता को आधा कर सकती है.
चलो मान लिया कि पति थकाहारा घर आया है और चाहता है कि कोई उस के पैर दबा कर थकान मिटा दे, तो एक अच्छे जीवनसाथी की तरह उस की यह फरमाइश पूरी करने में कोई हर्ज नहीं है. पर अगर ऐसा ही पत्नी चाहती है तो पति को भी अपनी पत्नी के पैर दबाने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए. इस से शुक्र और शनि जैसे ग्रह नाराज हो जाएंगे, यह तो पता नहीं पर पतिपत्नी का प्यार जरूर बढ़ जाएगा. धनवर्षा न सही प्यार की बारिश जरूर हो जाएगी.