इंसाफ के मंदिर में बैठ जज साहब ने ज्यों ही अपना फैसला सुनाया, एक वकील साहब इतना भड़क गए कि गालीगलौज पर उतर आए. उन्होंने गुस्से में जज साहब से यहां तक कह दिया कि उन्हें कोरोना हो जाए.
भरी अदालत में इस तरह का वाक़िआ शायद ही देखने को मिले, जब वकील ही जज पर इस तरह का लांक्षन लगाए.
वकील ने गुस्से में आ कर जज साहब को ही श्राप दे डाला कि उन का भविष्य अंधकारमय हो जाए और उन्हें कोरोना वायरस लग जाए.
जी हां, यह मामला 7 अप्रैल, 2020 को कलकत्ता हाईकोर्ट का है. वकील के इस 'निकृष्ट आचरण' से नाराज जज ने उस के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की अनुशंसा की है.
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कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अदालत की गरिमा को बनाए रखने में नाकाम और इस गरिमा वाले पेशे के सदस्य के अनुसार आचरण न करने पर वकील विजय अधिकारी को नोटिस भेजे जाने की तारीख के 15 दिनों के भीतर अवमानना नियम के तहत जवाब देने को कहा है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने और पूरे देश में लॉक डाउन हो जाने की वजह से कलकत्ता हाईकोर्ट 15 मार्च से सिर्फ जरूरी मामलों की ही सुनवाई कर रहा है. 25 मार्च से अदालत ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर रहा है.
वकील विजय अधिकारी ने कर्ज अदायगी न करने पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा उस के क्लाइंट की बस नीलामी पर रोक लगाने की याचिका जस्टिस दीपांकर दत्ता की अदालत में दी थी.
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