लोक जनशक्ति पार्टी के ताजातरीन राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने सुर बदलते हुए ऐलान किया कि लोजपा आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और पार्टी 50 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी कर देगी.

इस ऐलान से पहले लोजपा ने झारखंड में राजग के सहयोगी के तौर पर 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन 10 नवंबर को भाजपा ने अपने 52 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी थी.

झारखंड में राजग के एक और सहयोगी दल आल झारखंड स्टूडैंट यूनियन ने बिना भाजपा से चर्चा किए 12 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया था.

वैसे, भाजपा को जिद पर न अड़े रहने की कला अच्छी तरह आती है. यदि दक्षिणा कम मिले तो वह कम से भी काम चला लेती है.

हवा में उड़ते विजय रूपाणी

अहमदाबाद. जहां एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त सफर करवा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ गुजरात की भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और दूसरे वीवीआईपी लोगों की यात्रा के लिए तकरीबन 191 करोड़ रुपए का हवाईजहाज खरीदा है.

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इस हवाईजहाज में एकसाथ 12 लोग सफर कर सकते हैं और इस की फ्लाइंग रेंज तकरीबन 7 हजार किलोमीटर है. इसे कनाडा के क्यूबेक इलाके की बोम्बार्डियर कंपनी ने बनाया है.

191 करोड़ रुपए कोई मामूली रकम नहीं है. अगर इसे जनता की भलाई के लिए खर्च किया जाता तो ज्यादा बेहतर रहता. जब पुजारियों के लिए अरबोंखरबों रुपए के मंदिर बन सकते हैं तो पुजारियों के रखवाले मुख्यमंत्री के लिए यह बड़ी रकम नहीं है, चाहे मेहनतमजदूरी करने वालों की जेब से जाए.

‘आप’ ने किया हमला

नई दिल्ली. विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. उस ने आरोप लगाया है कि भाजपा दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले लोगों को धोखा दे रही है. उस का कच्ची कालोनी में रहने वाले लोगों को रजिस्ट्री देने का कोई इरादा नहीं है, जबकि मनोज तिवारी मानते हैं कि ‘आप’ गुमराह कर रही है.

इस मसले पर आप नेताओं संजय सिंह और गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार का यह ऐलान पुरानी सरकारों के वादों की तरह ही छलावा साबित होता नजर आ रहा है, जबकि पिछले 4 साल में दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने कच्ची कालोनियों को पक्का करने के लिए केंद्र सरकार पर खूब दबाव बनाया है और केंद्र को प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन कच्ची कालोनियों में रजिस्ट्री करने का भाजपा का कोई इरादा ही नहीं है.

रजिस्ट्री कार्यालय गरीब पिछड़ों को मुफ्त में पक्के मकान की पक्की रजिस्ट्री कभी देगा, यह भूल जाएं. हर मामले में बीसियों अड़चनें लगा कर दोष आधे पढ़ेलिखे बैकवर्डों और दलितों पर मढ़ दिया जाएगा कि कागज पूरे नहीं.

दिया सुप्रीम फैसला

बैंगलुरु. मामला कर्नाटक का है, पर फैसला दिल्ली में हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सैक्युलर के 17 अयोग्य विधायकों को राहत देते हुए उन्हें 5 दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है.

बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. इस के बाद विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहने पर कुमारस्वामी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था. नतीजतन, भाजपा के बीएस येदियुरप्पा की अगुआई में राज्य में नई सरकार बनी थी.

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इस नए फैसले से भाजपा की चुनौतियां बढ़ गई हैं. येदियुरप्पा सरकार को सत्ता में बने रहने के लिए 17 में से 15 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में हर हाल में 6 सीटें जीतना जरूरी हो गया है, चाहे 15 बागी विधायक उस के पाले में आ गए हैं.

अक्तूबर में हुए उपचुनावों में आमतौर पर दलबदलुओं की हार हुई है. गुजरात तक में अल्पेश ठाकुर हार गया, जो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चला गया था.

ओवैसी के खिलाफ शिकायत

भोपाल. हैदराबाद के तेजतर्रार मुसलिम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी बाबरी मसजिद और राम मंदिर मसले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश दिखे. 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के मंदिर के पक्ष में लिए गए फैसले के बाद उन्होंने कहा था कि यह मेरी निजी राय है कि हमें मसजिद के लिए  5 एकड़ की जमीन के औफर को खारिज कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम जरूर है, लेकिन इनफिलेबल यानी अचूक नहीं है. मेरा सवाल है कि अगर 6 दिसंबर, 1992 को मसजिद न ढहाई जाती तो क्या सुप्रीम कोर्ट का यही फैसला होता?

असदुद्दीन ओवैसी के ऐसे बयान के खिलाफ वकील पवन कुमार यादव ने जहांगीराबाद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि ओवैसी ने अयोध्या मसले पर उकसाने वाला बयान दिया और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की.

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इस शिकायत से ओवैसी का कुछ बिगड़े या न बिगडे़, पर ये वकीलजी जरूर सुर्खियों में आ गए.

जयराम रमेश की चिंता

गुवाहाटी. कांग्रेस के ‘थिंक टैंक’ और दिग्गज नेता जयराम रमेश बड़ी चिंता में हैं और भाजपा सरकार की कारगुजारियों से इतने नाराज हो गए हैं कि उन्होंने 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे ‘प्रवर्तन निदेशालय’, ‘सीबीआई’ और ‘आयकर विभाग’ के ‘त्रिशूल’ का इस्तेमाल अपने विरोधियों पर कर रहे हैं.

जयराम रमेश का मानना है, ‘मोदी और अमित शाह को अपने विरोधियों के खिलाफ नया शस्त्र ‘त्रिशूल’ मिल गया है. उस ‘त्रिशूल की 3 नोकें ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग हैं. वे अपने विरोधियों पर चोट करने के लिए इन्हीं 3 नोकों का इस्तेमाल करते रहते हैं.’

भाजपा ने जयराम रमेश को नेहरू मैमोरियल म्यूजियम ऐंड लाइब्रेरी से निकाल दिया था. तब उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह लाइब्रेरी अब नागपुर मैमोरियल म्यूजियम ऐंड लाइब्रेरी बन गई है.

मच गया बवाल

कोलकाता. ‘बुलबुल’ नाम के चक्रवाती तूफान की मार खाए पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान भी जोर मार रहा है. वहां ममता बनर्जी और अमित शाह के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है. इसी सियासी बवाल में 13 नवंबर को कोलकाता में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच दोबारा तनातनी हो गई. भीड़ को तितरबितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भाजपा नेता रिमझिम मित्रा को हिरासत में ले लिया.

इतना ही नहीं, जब केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो चक्रवात ‘बुलबुल’ से प्रभावित इलाकों का दौरा करने निकले तो तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए.

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