कांग्रेस के कई जिलाध्यक्ष शनिवार, 12 अक्तूबर को खुल कर दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको के समर्थन में आ गए. इन जिलाध्यक्षों ने उन नेताओं के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है, जिन्होंने पीसी चाको को पद से हटाने की मांग की थी.

इस से पहले शुक्रवार, 11 अक्तूबर को शीला दीक्षित की कैबिनेट में रहे मंगतराम सिंघल, रमाकांत गोस्वामी, किरण वालिया, पूर्व पार्षद जितेंद्र कोचर और रोहित मनचंदा ने पीसी चाको को हटाने की मांग की थी. यह खबर भी आई थी कि शीला दीक्षित के बेटे और सांसद रह चुके संदीप दीक्षित ने शीला दीक्षित की मौत के लिए पीसी चाको को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हीं को चिट्ठी लिखी थी.

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अखिलेश दिखे रंग में

लखनऊ. काफी दिनों से उत्तर प्रदेश की राजनीति से दूर रहे और अपनों में उलझे अखिलेश यादव ने हाल  में सरकारी बंगले में तथाकथित तोड़फोड़ को ले कर चल रही खबरों को उन्हें बदनाम करने की सरकारी साजिश करार देते हुए 13 अक्तूबर को कहा कि हाल के उपचुनावों में मिली हार और विपक्षी दलों के गठबंधन से परेशान भाजपा ने यह हरकत की है.

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘सरकार मुझे बताए कि मैं कौन सी सरकारी चीज अपने साथ ले गया. मैं ने जो चीजें अपने पैसे से लगवाई थीं, वे मैं ले गया… भाजपा यह इसलिए कर रही है क्योंकि वह गोरखपुर और फूलपुर की हार स्वीकार नहीं कर पा रही थी. वह यह समझ ले कि इस बेइज्जती के लिए जनता उसे सबक सिखाएगी.’’

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मोदी को घेरा

चेन्नई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्र किनारे कचरा साफ करने वाले एक वीडियो पर रविवार, 13 अक्तूबर को कांग्रेस ने सवाल उठाया कि यहां उन के दौरे से पहले पूरे इलाके को साफ कर दिया था, तो क्या यह ‘नाटक’ था?

दरअसल, नरेंद्र मोदी 11 और 12 अक्तूबर को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्त्ता के लिए चेन्नई से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर तटीय शहर मामल्लापुरम आए थे. 12 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन की सुबह की सैर के दौरान समुद्र तट से प्लास्टिक और दूसरी तरह का कूड़ा बीनते देखा गया था. इस शूट में बहुत से कैमरामैन थे और शायद पहले सुरक्षा वालों ने जांचा था कि कहीं कोई बम तो नहीं है. उन सब ने सफाई की थी, ऐसा समाचार सरकार ने जारी नहीं किया.

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मंत्री पर फेंकी स्याही

पटना. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे 15 अक्तूबर को पटना मैडिकल कालेज ऐंड हौस्पिटल में डेंगू पीडि़तों का हाल जानने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान एक शख्स ने अचानक उन के ऊपर स्याही फेंक दी और मौके से फरार हो गया.

इस बारे में अश्विनी चौबे ने कहा, ‘‘सारे मीडिया पर स्याही फेंकी गई, उस के छींटे मुझे लगे. यह स्याही जनता पर, लोकतंत्र पर और लोकतंत्र के स्तंभ पर फेंकी गई है. ऐसे लोग निंदनीय हैं, उन की कड़ी बुराई होनी चाहिए.’’

बता दें कि अश्विनी चौबे कई विवादित बयानों को ले कर चर्चा में रहे हैं. पटना में भारी बारिश को उन्होंने हथिया नक्षत्र से जोड़ा था. इस के साथ ही एक पुलिस वाले को भी उन्होंने वरदी उतरवाने की धमकी दी थी.

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राहुल का बयान

सूरत. कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि के एक मामले में 10 अक्तूबर को सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए और उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में वे कुसूरवार नहीं हैं. यह मामला राहुल गांधी की तथाकथित टिप्पणी ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है’ से जुड़ा है.

सूरत (पश्चिम) से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला दर्ज करवाया था. अदालत ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या वे इन आरोपों को स्वीकार करते हैं, तो उन्होंने कहा कि वे बेकुसूर हैं.

याद रहे कि कर्नाटक में 13 अप्रैल को कोलार में अपनी एक प्रचार रैली के दौरान राहुल ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी… आखिर इन सभी का उपनाम मोदी क्यों है? सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?’’

यह मुकदमा किसी आरोपित मोदी ने दायर नहीं किया और पहली नजर में मामला बनता ही नहीं है.

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उबल गए कमलनाथ

झाबुआ. मध्य प्रदेश? के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 9 अक्तूबर को राज्य की झाबुआ विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के समर्थन में हुए एक रोड शो में हिस्सा लिया था और उस के बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया था.

तब कमलनाथ ने कहा था, ‘‘भाजपा ने जो काम 15 सालों में नहीं किए, वे काम कांग्रेस की सरकार 15 महीने में कर दिखाएगी… भाजपा का काम सिर्फ झूठ बोलना है. इन का तो मुंह बहुत चलता है. सिर्फ बोलते जाएंगे, गुमराह करते जाएंगे… कहेंगे कि हिंदू धर्म खतरे में है और आगे कुछ नहीं बताएंगे. यह इन की ध्यान मोड़ने की राजनीति है. वे सचाई से आप का ध्यान मोड़ना चाहते हैं.’’

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पूनिया का प्रलाप

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ‘भाजपा अल्पसंख्यक मोरचा’ की तरफ से देश के राष्ट्रपति रह चुके डा. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि मुसलिमों को ले कर कांग्रेस का नजरिया हमेशा सिर्फ वोट बैंक ही रहा है, जबकि भाजपा ‘सब का साथ, सब का विकास’ पर यकीन करती है.

सतीश पूनिया यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने 55 सालों तक लूट और झूठ की ही राजनीति की है, जबकि भाजपा ने अटल बिहारी वापजेयी के काल से ले कर मोदी सरकार-2 तक अल्पसंख्यकों की तरक्की के लिए अनेक काम कर उन का भरोसा मजबूत किया है.

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नड्डा का नया शिगूफा

शिमला. भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद जगत प्रकाश नड्डा 9 अक्तूबर को पहली बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गृह जिले मंडी में गए थे. वहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह प्यार और अपनापन उन्हें ताकत देता है. अमित शाह की अगुआई में भाजपा भारत की सब से बड़ी पार्टी बनी है और अब वे यह तय करेंगे कि भाजपा दुनिया की सब से बेहतरीन पार्टी बने. पार्टी के पास नए भारत का नजरिया है और वह हिम्मत भरे फैसले लेने से नहीं डरती.

दामोदर राउत का इस्तीफा

भुवनेश्वर. भाजपा के एक बड़े कद के नेता दामोदर राउत ने पार्टी में अपनी अनदेखी के चलते 16 अक्तूबर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वे इसी साल मार्च महीने में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) से निकाले जाने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे. बीजापुर उपचुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों में उन का नाम शामिल नहीं किया गया था, इस बात से वे बड़े दुखी थे.

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बीजापुर उपचुनाव से पहले विधायक रह चुके अशोक कुमार पाणिग्रही भी भाजपा छोड़ चुके थे.

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