छत्तीसगढ़

अमित जोगी हर दूसरे-तीसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चैलेंज करते थे कि ‘मुझे गिरफ्तार किया जाए, मुझे गिरफ्तार किया जाए’. भूपेश बघेल ने उन की यह मंशा 3 सितंबर को पूरी कर ही दी.

अपने ही धुर विरोधी रहे अजीत जोगी पर भूपेश बघेल की ‘टेढ़ी’ नजर है, इसे सभी जानते हैं, मगर भूपेश बघेल उतने तल्ख नहीं हुए, जितने भाजपा की मंडली पर रहे हैं. शायद इस की वजह अजीत जोगी का विशाल कद और पहले के खट्टेमीठे संबंध रहे हैं.

अमित जोगी अपने पिता अजीत जोगी की बनाई राजनीतिक धरोहर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी की कमान संभालने के बाद धुआंधार ढंग से भूपेश बघेल पर हमले कर रहे थे.

30 अगस्त को थाने पहुंच कर उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा था और कहा था कि उन के पिता को जाति के मामले पर रंजिश के चलते फंसाया गया है.

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भूपेश बघेल के इशारे पर अमित जोगी को भी गिरफ्त में ले लिया गया. सब से अहम बात यह है कि जिस तरह ‘महाभारत’ में कृष्ण ने शिशुपाल को 100 गलतियां करने तक की छूट दे रखी थी, उस के बाद उसे मारने के लिए सुदर्शन चक्र चलाया था, यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ है. जब अमित जोगी के चैलेंज की हद हुई तो गिरफ्तारी हो गई…

मगर जरा रुकिए… छत्तीसगढ़ की राजनीति का यह घटनाक्रम एक ‘चैलेंजर गेम’ में भी बदल सकता है. कैसे… आगे देखते हैं…

भूपेश की घेराबंदी

इस में कोई दो राय नहीं है कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के राजनीतिक परिवारों में अपनी अहम जगह रखते हैं और शुरू से प्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहे हैं. ये वे शख्सीयत हैं जो कभी चुप नहीं रहते, हमेशा जद्दोजेहद करते रहते है.

ऐसे में खास बात यह है कि अमित जोगी का यह कदम भूपेश बघेल को घेरना है और यह संदेश देना भी है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल बेदर्दी के साथ अपने राजनीतिक विरोधियों को निबटा रहे हैं.

एक बड़ा सच यह भी है कि जिस मामले में अमित जोगी को गिरफ्त में लिया गया है, वह चुनाव में उन की दोहरी नागरिकता को छिपाने का है और साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दरमियान दी गई शपथ का है.

मजे की बात यह है कि तब अमित जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार थे और भाजपा उम्मीदवार समीरा पैकरा ने यह शिकायत की थी. यही वजह है कि भाजपा के बड़े नेता डाक्टर रमन सिंह, धर्मजीत कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी इस मामले पर खामोश हैं.

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यह है चाहत

अमित  जोगी अपनी पार्टी को जनता के बीच ले जा कर राजनीतिक हालात बदलना चाहते हैं. उन्होंने एक दफा कहा था कि जगनमोहन रेड्डी जब 15 साल तक जद्दोजेहद कर के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो यह एक अच्छा उदाहरण है. जगनमोहन रेड्डी को एक तरह से अपना आदर्श बना कर अमित जोगी छत्तीसगढ़ की राजनीति में पेंगें भर रहे हैं.

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