इस मामले में और ज्यादा विवाद तो तब बढ़ा जब 23 जुलाई को राज्य की महिला विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा, ‘‘आप को समझना चाहिए कि शौचालय के अंदर एक दीवार है. उस के एक तरफ सीट रखी है और दूसरी तरफ खाना पक रहा है. इस में क्या समस्या है?

‘‘हमारे घरों के कमरों में भी अटैच्ड लैट्रिनबाथरूम होते हैं. क्या हम लोग या हमारे घर आने वाले मेहमान हमारे घर का खाना खाने से इनकार कर देते हैं कि आप के घर में अटैच्ड लैट्रिनबाथरूम है?’’

गहलोत की खरीखरी

जयपुर. 23 जुलाई को कांग्रेस के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नाटक के नाटक पर कहा, ‘‘यह घटनाक्रम लंबे समय से चल रहा है. पूरा देश देख रहा है कि किस तरह मोदीजी को भारी बहुमत मिला लेकिन

आम जनता को उम्मीद नहीं थी कि जीतने के बावजूद राजग सरकार इस तरह की हरकत करेगी…

‘‘कर्नाटक में आप तमाशा देख ही रहे हैं. जोकुछ हो रहा है वह जनता के जेहन में बैठ रहा है और आने वाले वक्त में उन्हें यह भारी पड़ेगा. इन की खुद की पार्टी में बगावत होगी, यह मैं कह सकता हूं…

‘‘ये लोग लोकतंत्र को खत्म करने का खेल खेल रहे हैं. इन का बस चले तो हिंदुस्तान भर में यही काम करेंगे. और कोई काम तो है नहीं इन के पास. देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, नौजवानों में गुस्सा पैदा हो रहा है, किसान खुदकुशी कर रहे हैं, इन्हें उस की चिंता नहीं है.’’

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नेता के भाई की धोखाधड़ी

देहरादून. 23 जुलाई को उत्तराखंड के बड़े कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय के छोटे भाई

सचिन पर ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में जून महीने में एक बिल्डर द्वारा की गई शिकायत पर जांच के आदेश दिए थे. बिल्डर मुकेश जोशी ने मुख्यमंत्री से मिल कर अपने बिजनैस पार्टनर रह चुके सचिन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एसएम होस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड नाम के बिजनैस जौइंट वैंचर में उन के 50 फीसदी शेयर उन के फर्जी दस्तखत कर अपनी पत्नी के नाम कर दिए थे.

मुकेश जोशी ने सचिन पर ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाते हुए उन के बड़े भाई किशोर उपाध्याय की राजनीतिक हैसियत को देखते हुए अपनी जान के खतरे का डर भी जताया था. किशोर उपाध्याय उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं.

दिल्ली की मोदी से नई मांग

नई दिल्ली. अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय करों में दिल्ली की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग को ले कर शहर के विकास के लिए केंद्र सरकार से पैसे से मदद मांगी है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 25 जुलाई को 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह से मुलाकात की, उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार बाकी राज्यों को पैसा देती है, उसी तरह से केंद्रीय करों में दिल्ली को उस की वाजिब हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

मीडिया के साथ बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार को दिल्ली तकरीबन पौने

2 लाख करोड़ रुपए इनकम टैक्स जमा कर के देती है, उस में से दिल्ली को यहां के विकास के लिए केवल 325 करोड़ रुपए ही वापस मिलते हैं. सालों से इतना ही पैसा दिया जाता रहा है. बाकी राज्यों की तरह दिल्ली के नगरनिगमों को भी पैसा दिया जाना चाहिए.

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बैकफुट पर आजम खां

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और सांसद आजम खां ने 24 जुलाई को लोकसभा में भाजपा की

एक सांसद रमा देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिस के बाद उन्हें लेने के देने पड़ गए. उन की इतनी किरकिरी हुई कि रमा देवी को अपनी बहन जैसा बताना पड़ा.

लेकिन देश की महिला नेताओं को आजम खां का ऐसा कहना रास नहीं आया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, भाजपा नेता जया प्रदा समेत कई दिग्गज नेताओं द्वारा आजम खां के कथन की निंदा की गई.

इतना ही नहीं, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी आजम खां की टिप्पणी को अशोभनीय बताते हुए उन्हें सभी औरतों से माफी मांगने को कहा. बाद में आजम खां ने माफी भी मांगी.

झटके पर लगा झटका

मुंबई. लगता है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है. 24 जुलाई को उस की मुंबई इकाई के प्रमुख और महाराष्ट्र के मंत्री रह चुके सचिन अहिर शिव सेना में शामिल हो गए थे और बाद में सुनने में आया कि इस दल की महाराष्ट्र महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं नैशनलिस्ट महिला महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष पद और एनसीपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं.’’

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने से राकांपा का महाराष्ट्र में जनाधार खतरे में दिखाई पड़ने लगा है. नेता पार्टी न छोड़ें, इस के लिए ठाणे में राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हवन कराया, पर लगता है, वह भी काम नहीं आया.

रिकौर्ड घंटे चली बैठक

गांधीनगर. गुजरात की 14वीं विधानसभा ने एक दिन की सब से लंबी बैठक के साल 1993 के अपने ही रिकौर्ड को तोड़ दिया. 26 और 27 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही 17 घंटे और 40 मिनट तक चली थी. यह 26 जुलाई की सुबह 10 बजे शुरू हुई थी और अगले दिन के तड़के 3 बज कर 40 मिनट पर खत्म हुई थी.

शनिवार, 27 जुलाई को जारी की गई एक प्रैस रिलीज के मुताबिक, ‘चौथे सैशन का आखिरी दिन गुजरात विधानसभा के लिए ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस की कार्यवाही 17 घंटे और 40 मिनट तक चली और इस से 6 जनवरी, 1993 का रिकौर्ड टूट गया.’

6 जनवरी, 1993 को विधानसभा की कार्यवाही

12 घंटे और 8 मिनट तक चली थी. इस सिलसिले में विधानसभा अध्यक्ष के ऐलान के बाद विधायकों और अफसरों ने इस ‘ऐतिहासिक घटना’ पर खुशी मनाई.

पूर्व विधायक की चिंता

श्रीनगर. जम्मूकश्मीर के विधायक रह चुके शेख अब्दुल राशिद ने रविवार, 28 जुलाई को केंद्र सरकार पर लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाया और यह अपील की कि केंद्र कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए.

अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल राशिद ने कहा कि भाजपा वाली केंद्र सरकार को राज्य में ‘प्रयोग’ करना बंद करना चाहिए और यहां अतिरिक्त बलों की तैनाती को ले कर अफवाहों पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने केंद्र को अनुच्छेद 35ए या अनुच्छेद 350 के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ आगाह भी किया.

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राजद में फिर टूट

पटना. केंद्रीय मंत्री रह चुके मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने रविवार, 28 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) की सदस्यता ले ली.

राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद के बड़े नेता माने जाने वाले मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने हालिया लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने से नाराज हो कर राजद से नाता तोड़ लिया था.

मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने कहा कि जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में हो रहे न्याय के साथ विकास, खासकर बिहार के अल्पसंख्यकों के लिए सरकार द्वारा जितनी भी जनोपयोगी योजनाएं बनाई और चलाई गई हैं, इस से पहले किसी भी पार्टी की सरकार द्वारा ऐसा नहीं हुआ है.

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