लेखक- सुनील शर्मा
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रानीगंज इलाके में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई. इन में से 4 लोग तो एक ही परिवार से बताए गए हैं.
ये मौतें रामनगर थानाक्षेत्र के अलगअलग गांव में हुईं. गांव वालों का कहना है कि इन लोगों ने सोमवार 27 मई की रात रानीगंज कसबे में देशी शराब की दुकान से शराब खरीद कर पी थी. थोड़ी देर के बाद जब सभी को पेट दर्द व उलटी की शिकायत हुई तो उन्हें स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया.
शराब पीने के बाद उन लोगों को दिखना भी बंद हो गया था. मामला बिगड़ता दिखा तो उन सब को वहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया, जिन में से 4 की जिला अस्पताल में ही मौत हो गई.
इतना ही नहीं, इलाज के दौरान मंगलवार, 28 मई की सुबह तक कुल 12 लोगों की मौत हो गई थी. कइयों की हालत नाजुक बनी हुई थी.
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इस सिलसिले में राज्य के आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के 4 अफसरों और 8 पुलिस वालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि कुसुरवारों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे.
दूसरी तरफ गांव वालों का आरोप है कि दानवीर सिंह नाम के एक आदमी की नकली शराब बनाने की एक गैरकानूनी फैक्टरी है. यह नकली शराब उस की सरकारी ठेके वाली दुकान पर बेची जाती है.
पहले भी लील चुकी है नकली शराब
यह कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह की जहरीली शराब ने लोगों को अपना शिकार बनाया है. इसी साल के फरवरी महीने में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 4 जिलों में जहरीली शराब पीने से 112 लोगों की मौत हुई थी. सूत्रों की मानें तो शराब माफिया ने उस शराब में स्प्रिट या चूहा मारने की दवा मिलाई थी.
फरवरी महीने में ही असम में भी जहरीली शराब के सेवन के चलते 143 लोगों की मौत हुई थी. तब गैरकानूनी शराब की बिक्री और उसे बनाने के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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सवाल उठता है कि अगर सरकार कुसूरवार लोगों पर कड़ी कार्यवाही करती है तो फिर मौत बेचने का यह धंधा बंद क्यों नहीं हो जाता है? दिक्कत यह है कि इस तरह की शारब बनाने और बेचने वालों का नेटवर्क इतना मजबूत होता है कि वे कोई हादसा होने के बाद कुछ दिन तो चुप रहते हैं, पर बाद में फिर इस नशीले धंधे की भट्ठियों को सुलगा देते हैं. पुलिस और आबकारी महकमे की मिलीभगत से यह धंधा दोबारा फलनेफूलने लगता है, जिस का बुरा अंत फिर किसी की मौत से होता है.
बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में, जहां शराबबंदी की जा चुकी है, से भी जहरीली शराब पी कर लोगों द्वारा अपनी जान गंवाने की खबरें आती रहती हैं तो आप समझ सकते हैं कि नशे का यह गैरकानूनी कारोबार देशभर में अपनी कितनी मजबूत जड़ें जमा चुका है.