दिल्ली सरकार ने ‘सरकार आपके द्वार’ योजना को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि योजना को रोकने से जनता को असुविधा होगी.

जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार जो फैसले कर रही है, उन्हें रोका जा रहा है. सरकार की डोर स्टेप योजना को एक दिन पहलेही एलजी ने दोबार विचार करने के लिए सरकार को वापस भेजा है. दिल्ली सरकार एलजी के फैसले का विश्लेषण कर रही है और उसके बाद आगे की योजना बनाई जाएगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को एलजी के फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन दिल्ली की जनता के पक्ष में बनाई गई योजना को लागू नहीं होने दिया जा रहा. उन्होंने एलजी की आपत्ति और सरकार का उस पर जवाब दिया.

उधर, भाजपा ने कहा कि दिल्ली वालों को वक्त पर सरकारी सेवाएं देने के लिए सख्ती के साथ प्रावधानों को लागू किया जाए. देरी करने वालों पर जुर्माना लगाया जाए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को यह मांग की. उन्होंने कहा कि इस संबंध में दिल्ली (समयबद्ध सेवा प्रद्धानार्थ नागरिक अधिकार) संशोधन बिल, 2017 नवंबर में विधानसभा से अनुमोदन के उपरांत राष्ट्रपति को स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

स्वीकृति के उपरान्त इसे ऑनलाइन प्रणाली सेवा से लिंक किया जाना चाहिए. जब तक स्वीकृति नहीं प्राप्त होती तब तक ऑनलाइन सेवाओं को ही और अधिक व्यापक और मजबूत बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘डोर स्टेप सर्विस’ से सरकार और नागरिक, दोनों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. एक ओर सरकार को प्रशिक्षण और इनसेंटिव पर बढ़ी राशि व्यय करनी होगी, वहीं दूसरी ओर नागरिकों को भी भारी फीस देनी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार यह मान बैठी है कि इस सेवा के लिए प्रत्येक नागरिक को 50 रुपये व्यय करने होंगे तो यह बहुत बड़ी गलतफहमी है.

एलजी की आपत्ति

– डोर स्टेप योजना की जगह डिजिटिलिकरण होना चाहिए.

– जो 40 योजनाएं बताई गई हैं, उनमे से 35 डिजिटल हैं.

– डिजिटल सिस्टम में गैप को दूर करना चाहिए.

– सरकार को सुविधा केंद्र खोलने के बारे में सोचना चाहिए.

– यह योजना सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती है. इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा.

– आम लोगों के दस्तावेज के दुरुपयोग का खतरा है. प्रमाण पत्र मिलने में देरी होगी.

सरकार का जवाब

– डिजिटल योजना से आगे बढ़ने की जरूरत है. यह उसी दिशा में है.

– एलजी खुद मानते हैं कि 40 में से 35 योजनएं पहले से ही डिजिटल योजना में हैं.

– 25 लाख लोगों को सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटना पड़ता है. ये गैप ठीक करने के लिए ही तो हम ये प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं.

– सुविधा केंद्र लगाने का प्रयोग जीवन केंद्र के नाम से सफल नहीं रहा.

– सेफ्टी-सिक्योरिटी पर खतरा कैसे हो सकता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...