सब्जियों के उत्पादन में बेहिसाब रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल के कारण सब्जियां सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो रही हैं. लेकिन समस्या यह भी है कि बिना रासायनिक खादों व कीटनाशकों के इस्तेमाल वाली सब्जियां बाजार में या तो मिलती नहीं हैं या कई गुनी महंगी मिलती हैं. इस समस्या का एकमात्र हल यह है कि घर व आसपास की खाली जगह में किचन गार्डन लगा कर जैविक सब्जियां खुद उगाई जाएं.

अपने मकान के आसपास खाली पड़ी जमीन या खाली स्थानों पर गमले लगा कर उन में किचन गार्डन तैयार किया जा सकता है. किचन गार्डन तैयार करने के लिए बेल वाली सब्जियों की बोआई गमलों में की जा सकती है, जबकि पत्ती वाली व जड़युक्त सब्जियों की बोआई खाली जमीन पर कर सकते हैं.

किचन गार्डन बनाने के लिए खाली जमीन के एक किनारे पर खाद का गड्ढा बनाना होगा, जिस में घर का प्लास्टिकमुक्त कचरा व पौधों के अवशेष डालने होंगे. इस से बढि़या जैविक खाद बन जाएगी.

किचन गार्डन के लिए तैयार की गई क्यारियों में खुदाई कर के मिट्टी को कई बार पलट देना चाहिए और उस के बाद उस में कंपोस्ट खाद डाल कर मिला देनी चाहिए. क्यारियों के बीच मिट्टी की चौड़ी मेंड़ बना दें ताकि पानी एक क्यारी से दूसरी क्यारी में न जा सके. इन क्यारियों में लगाने के लिए पहले सब्जियों के पौध तैयार करें और उन्हें 15 दिनों बाद इन क्यारियों में लगा दें. सिंचाई जहां तक हो सके स्प्रिंकलर से करें. इसी प्रकार गमलों में बेलदार सब्जियों के पौधों की बोआई करने से पहले उन में कंपोस्ट खाद मिट्टी में मिला कर भर दें.

यदि सब्जियों में कोई रोग या कीटजनक समस्या पैदा होती है, तो उस का जैविक इलाज करें. जो पौधे रोगग्रस्त हो गए हों, उन्हें किचन गार्डन से हटा दें. जहां तक हो सके समयसमय पर सिंचाई करें और पौधों के आसपास उगने वाले खरपतवार हटा दें. तय अंतराल के बाद निराईगुड़ाई करते रहें.

किचन गार्डन से खरीफ के मौसम में लोबिया, तुरई, भिंडी, अरवी, करेला, लौकी, ग्वार, मिर्च, टमाटर, कद्दू, बैगन व पालक वगैरह सब्जियां हासिल की जा सकती हैं. रबी के मौसम सितंबर से नवंबर तक किचन गार्डन में आलू, मेथी, मिर्च, टमाटर, बैगन, प्याज, लहसुन, धनिया, पालक, गोभी, गाजर व मटर जैसी सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है. इसी तरह जायद में फरवरी व मार्च में भिंडी व कद्दूवर्गीय सब्जियां हासिल की जा सकती हैं. यदि घर के आसपास खाली जगह ज्यादा हो तो उस में केला, पपीता, नीबू, अमरूद व करौंदा आदि के पौधे लगाए जा सकते हैं.

किचन गार्डन से कीटनाशक व रासायनिक खादों से मुक्त सब्जियां परिवार को भरपूर मात्रा में हासिल होंगी, वहीं इन सब्जियों से भरपूर विटामिन, खनिजलवण व कार्बोहाइड्रेट भी मिलते रहेंगे. पोषण वैज्ञानिकों के अनुसार एक व्यक्ति को संतुलित भोजन के रूप में रोजाना 85 ग्राम फल और 300 ग्राम सब्जियों की जरूरत होती है, जिस में 125 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियां और 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां व 75 ग्राम अन्य सब्जियां होना जरूरी है. लेकिन मौजूदा वक्त में इस मात्रा में लोगों को सब्जियां मिल नहीं पा रहीं, जिस से उन के शरीर में कुपोषण के कारण रोगों के आक्रमण की संभावना बनी रहती है. इस का हल किचन गार्डन से काफी हद तक किया जा सकता है.

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