हरियाणा के जींद जिले के गांव बरौली में एक अजब घटना हुई. एक आदमी को अपनी बीवी पर शक हो गया कि उस के किसी गैरमर्द से ताल्लुकात हैं और गुस्से में उस ने सरेआम पड़ोसियों के सामने उसे कुल्हाड़ी से मारना शुरू कर दिया. आमतौर पर ऐसे मामलों में पड़ोसी आगे आते हैं और चाहे औरत गुनाहगार क्यों न हो, उसे बचाते जरूर हैं. पर यहां जो मौजूद था, उस ने फटाक से मोबाइल निकाला और वीडियो बनाना शुरू कर दिया और मिनटों में वीडियो सैकड़ों के हाथ पहुंच गया, पर कोई हाथ उस औरत को बचाने नहीं आया.
लहूलुहान औरत को अब अस्पताल पहुंचा दिया है और पति को जेल में. पर यह इशारा करता है कि देश में एकदूसरे का खयाल रखने की भावना मरने लगी है. लोग अब मारनेपीटने की खबरों के इतने आदी हो गए हैं कि आंखों के सामने किसी बेचारी औरत को पिटते देख कर भी हाथ में सिर्फ मोबाइल ले कर खड़े रहते हैं. मर्द की मर्दानगी औरतों को पीटने में नहीं, किसी भी जुल्म में जुल्म करने वाले को रोकने में होती है, पर लगता है कि देश में नामर्दी मोबाइल की स्क्रीन से निकल कर हरेक को डस रही है.
हमारे गांवों में आज भी लठैतों का बोलबाला रहता है. बातबात में मार दूंगा, जमीन में गाड़ दूंगा, चार टुकड़े कर दूंगा जैसे बोल अनजाने में कह दिए जाते हैं. ये बोल मर्द अपने बच्चों को भी सिखाते हैं, बीवियों को भी और आसपास के पड़ोसियों और जानेअनजानों को भी. सड़क पर कोई जरा सी टक्कर मार दे तो मारने की धमकी चालू हो जाती है. खेत में दो कदम चले जाएं तो लाठी निकल आती है.
जब तक गांवों का समाज यह नहीं समझेगा कि यह मारपीट साजिश के तहत गांव वालों को सिखाई जा रही है, वे तरक्की नहीं करेंगे. अमीर और ऊंचे लोग चाहते हैं कि गांव वाला हर समय किसी न किसी मामले में फंसा रहे, पुलिस केस बनते रहें.
पुलिस केस बनेंगे तो ही नेताओं की दाल गलेगी. मामले अदालत में जाएंगे तो ही वकीलों, थानेदारों को पैसा मिलेगा. अगर गांव वालों के पास चार पैसे जमा हो गए तो वे आंख दिखाने लगेंगे, इसलिए एक तरफ उन्हें पूजापाठ में उलझाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ लाठियां चलाने में.
घरवाली को मारपीट कर कोई घर खुश नहीं रह सकता. ऐसी घरवाली मर्द को बिस्तर पर कोई सुख नहीं दे सकती, घर ढंग से नहीं चला सकती, बच्चेबूढ़ों का खयाल नहीं रख सकती. बीवी पर शक करने से पहले खुद को देखना जरूरी है. औरतें जानती हैं कि गांवों में इश्क और मुश्क छिपते नहीं. वे चाहें भी तो ऐसा कुछ नहीं करतीं और कर लें, तो कमजोरी तो मर्द की ही साबित होती है.