मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर के एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को अपने मुखबिरों से सूचना मिली थी कि शहर में सैक्स की आड़ में रईस लोगों को ब्लैकमेल करने का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है. चूंकि मामला बड़े लोगों से जुड़ा था, इसलिए उन्होंने थाना मुरार के थानाप्रभारी रविंद्र सिंह गुर्जर को अपने औफिस में बुला कर इस मामले की जांच कर के तुरंत काररवाई करने का निर्देश दिया. मामला गंभीर और काफी संवेदनशील था, इसलिए जांच की जिम्मेदारी मिलते ही रविंद्र सिंह गुर्जर ने अपने मुखबिरों को सतर्क कर दिया. इस के अलावा खुद भी मामले पर नजर रखे हुए थे. इस का उन्हें मनचाहा परिणाम भी मिला.
24 सितंबर, 2016 को रविंद्र सिंह गुर्जर को एक मुखबिर ने सूचना दी कि सैक्स की आड़ में रईसों को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह ने वार्ड 25 की पार्षद सपना नरवरिया के पति सुजीत नरवरिया को अपने जाल में फांस रखा है. वह आज पिंटो पार्क के पास गिरोह के सरगना की मांग पर मोटी रकम देने आने वाला है.
रविंद्र सिंह गुर्जर ने इस जानकारी से एसपी हरिनारायण चारी मिश्र को अवगत कराया और उन के निर्देश पर अपने नेतृत्व में पुलिस की एक टीम बनाई, जिस में एएसआई एस.एस. सोमवंशी, हवलदार प्रकाश कौरव, जयहिंद, हिम्मत सिंह, मनोज आदि को शामिल किया.
पुलिस टीम मुखबिर द्वारा बताई जगह पर पहुंची तो सुजीत नरवरिया वहां पहले से मौजूद दिखाई दिया. कुछ देर बाद वहां 2 युवक आए तो सुजीत नरवरिया ने जैसे ही अपनी जेब से नोटों की गड्डी निकाल कर उन युवकों के हाथ में रखा, सादे कपड़ों में आई पुलिस टीम ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया.
दोनों युवकों ने खुद को पुलिस वालों से घिरा पाया तो उन के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. पुलिस ने दोनों को दबोच लिया.
दोनों को थाने ला कर पूछताछ की गई तो उन्होंने अपने नाम राम गुर्जर और पंकज कुशवाह बताए. उन्होंने आगे बताया कि उन के इस गैंग की सरगना डौली तोमर और उस का प्रेमी पवन है. पंकज और राम की निशानदेही पर रविंद्र सिंह गुर्जर ने डौली के अलावा गैंग के अन्य 5 युवकों को एक आई20 कार, 2 पिस्टल, एक तमंचा और जीवित कारतूसों के साथ गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में इन लोगों ने देह के जाल में फांस कर रईसों को लूटने की जो कहानी सुनाई, वह इस प्रकार थी—
डौली और पवन के बीच प्यार की शुरुआत शहर की सरहद पर बने एक प्राचीन मंदिर में हुई थी. दोनों अलगअलग जाति के थे. इस के बावजूद उन्होंने तय कर लिया था कि वे जिंदगी भर साथसाथ रहेंगे. दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें जुदा नहीं कर सकेगी.
डौली तोमर के घर वालों को जब किसी तरह पता चला कि वह किसी लड़के के साथ घूमतीफिरती है तो उन्होंने इस बारे में उस से बात की. डौली ने बेझिझक बता दिया कि पवन नाम के जिस लड़के से उस की दोस्ती है, वह बेहद शरीफ है और शादीपार्टी में बिजली सजावट का काम करता है.
जब घर वालों ने पवन की जाति पूछी तो डौली ने कहा कि वह जाटव है. इस पर घर वालों ने दोटूक कह दिया कि वे उस की शादी पवन से हरगिज नहीं कर सकते, साथ ही उन्होंने डौली को हिदायत दी कि वह पवन को भूल जाए. डौली पवन को अपने दिल में बसा चुकी थी. उसे भुलाना उस के लिए इतना आसान नहीं था.
घर वालों की हिदायत को दरकिनार कर उस ने पवन से मेलजोल जारी रखा. घर वालों को जब पता चला कि डौली नहीं मान रही है तो उन्होंने उस से नाता तोड़ लिया. अगले ही दिन डौली ने पवन के साथ कोर्टमैरिज कर ली.
पवन का एक परिचित था अवधेश राणा. उस ने पवन को मोटी रकम कमाने की तरकीब बताई, जो उसे पसंद आ गई. उस ने अपनी पत्नी डौली से उस के बारे में बात की तो वह भी उस का साथ देने को तैयार हो गई. इस के बाद उन्होंने अपना एक गैंग बनाया, जिस में लवली, ललित, लक्ष्मण, राज को भी शामिल कर लिया गया. इस तरह आपत्तिजनक फोटो खींच कर उसे ब्लैकमेल करने वाले गैंग की नींव पड़ गई.
इस गैंग का सरगना अवधेश बड़ी चालाकी से नामीगिरामी मर्द को ढूंढता था. इस के बाद लवली और डौली उस धनाढ्य को किसी भी तरह अपने जाल में फांसती थीं. ये दोनों शिकार को पूरी तरह फांसने के लिए फोन पर खुल कर बातें करती थीं और अपने अश्लील फोटो तक उस के मोबाइल पर वाट्सऐप कर देती थीं. इस के बाद योजना को अंजाम देने के लिए शिकार को अपने बैडरूम में ले आती थीं और उस के कपड़े उतारते ही उस से अर्धनग्न अवस्था में लिपट जाती थीं.
तभी इस गैंग के अन्य सदस्य खुद को पुलिस और पत्रकार बता कर बैडरूम में घुस आते और टीवी न्यूज चैनल का कैमरा और चैनल का माइक लिए आपत्तिजनक स्थिति की वीडियो बना लेते. इस के बाद धमकी दे कर वे शिकार से मोटी रकम ऐंठते थे. इस तरह इन्होंने तमाम लोगों को अपने जाल में फांस कर मोटी रकम ऐंठी थी. अवधेश ने इस बार शहर की एक पार्षद के पति सुजीत नरवरिया को अपना निशाना बनाया. सुजीत नरवरिया ठेकेदारी करता था. कुछ समय पहले ही उस की मुलाकात अवधेश राणा ने जडेरुआ डैम के निकट पानी के टैंकर की ठेकेदारी के संबंध में डौली तोमर से कराई थी. पहली ही मुलाकात में सुजीत डौली से बहुत प्रभावित हुआ था. बाद में दोनों के बीच दोस्ती हो गई. डौली ने उसे भी अपने रूपजाल में फांस लिया.
डौली ने सुजीत नरवरिया को जडेरुआ के निकट बुलाया और बड़े ही सुनियोजित ढंग से अपने और लवली के साथ सुजीत के अर्धनग्न हालत में आपत्तिजनक फोटो खिंचवा लिए. इस के बाद गैंग के अन्य सदस्यों ने खुद को पुलिसकर्मी बता कर सुजीत की जेब से 7 हजार रुपए निकाल लिए.
इस के बाद अवधेश, ललित, लक्ष्मण, राज, पवन और दोनों लड़कियां उसे कार में बैठा कर हाईवे पर ले गई, जहां सुजीत को धमका कर उस से 10 लाख रुपए की मांग की. उसे धमकी दी कि अगर उस ने रुपए नहीं दिए तो उस के खिलाफ रेप का केस दर्ज करा दिया जाएगा. बाद में मामला एक लाख रुपए में तय हो गया. गैंग ने 40 हजार रुपए तो सुजीत से तत्काल एटीम से निकलवा लिए थे, बाकी की रकम बाद में देने को कहा था. 2-3 दिनों बाद तक सुजीत ने पैसे नहीं दिए तो वे बारबार फोन कर के उस के फोटो वायरल करने की धमकी देने लगे. इस पर परेशान हो कर सुजीत नरवरिया ने किसी से यह बात कही तो उस ने यह बात एसपी हरिनारायण चारी मिश्र तक पहुंचा दी.
तब एसपी ने तत्काल इस मामले पर काररवाई करते हुए गैंग के ज्यादातर सदस्यों को पकड़वा लिया. गैंग का सरगना अवधेश राणा और डौली का प्रेमी पवन फरार है. पकड़े गए लोगों को पुलिस ने अदालत में पेश कर के जेल भेज दिया है.