Crime Story, लेखक – महेश कांत शिवा

उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के कांधला कसबे के रहने वाले 26 साला असलम, पिता का नाम आबिद, की बहन की शादी बागपत जनपद के गांव फतेहपुर कुट्ठी धनौरा में हुई थी.

बहन की शादी के बाद असलम का वहां आनाजाना हुआ तो उस की मुलाकात वहीं की ही रहने वाली 24 साल की आसमीन से हो गई. आसमीन असलम की बहन के पास आतीजाती रहती थी. इसी से असलम और आसमीन के बीच इश्क की आंखमिचौली शुरू हो गई.

9 साल पहले दोनों में दोस्ती हुई और कुछ ही समय में यह दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों परिवार वालों से छिपछिपा कर मिलने भी लगे.

एक दिन आसमीन ने असलम से कह ही दिया, ‘‘मैं तुम्हारे बिना अब एकपल भी जिंदा नहीं रह सकती. न जाने तुम ने मुझ पर क्या जादू कर दिया है, हरपल तुम ही तुम नजर आते हो.’’

‘‘ऐसा ही कुछ हाल मेरा भी है जानू. मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. मैं अपने घर वालों को मना लूंगा, तुम भी अपने घर वालों से बात कर के देखो,’’ असलम ने जवाब दिया.

‘‘ठीक है, मैं आज अम्मी से बात कर के देखती हूं. उम्मीद है कि वे मान जाएंगी,’’ आसमीन ने कहा.

उसी दिन आसमीन ने अपने दिल की बात अपनी अम्मी से कह दी, लेकिन उस की अम्मी ने उस के अब्बू से बात करने की बात की.

आसमीन के अब्बू जब काम से वापस लौटे तो अम्मी ने आसमीन और असलम के बीच चल रहे संबंधों की जानकारी दी.

‘‘नहीं, यह हरगिज नहीं हो सकता. अगर ऐसा हुआ तो मैं असलम को मार दूंगा,’’ अचानक से वहां पहुंचे आसमीन के भाई हारून ने भड़कते हुए कहा.

इस के बाद अपने परिवार की नाराजगी की सारी बात आसमीन ने असलम को बता दी.

‘‘अब तो एक ही रास्ता निकलता है कि हम दोनों घर से भाग कर निकाह कर लें. तुम्हारी क्या राय है?’’ असलम ने आसमीन से पूछा.

‘‘जो भी करना है, जल्दी करो. हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है. मेरा निकाह कहीं और कर दिया जाएगा. तुम बस देखते रह जाओगे,’’ आसमीन ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा.

साल 2016 में एक दिन असलम और आसमीन अपनाअपना घर छोड़ कर भाग गए. दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली और कांधला कसबे से बाहर किराए का कमरा ले कर रहने लगे.

दोनों के बीच प्यारभरे संबंध बने तो आसमीन ने असलम की गोद में एक नन्हा सा बच्चा डाल दिया. दोनों हंसीखुशी से रहने लगे.

असलम को जो भी काम मिल जाता, वह उसे कर लेता था. रात को जब असलम काम से वापस लौटता तो अपने बच्चे और आसमीन को देख कर उस की दिनभर की सारी थकान दूर हो जाती थी.

दोनों की जिंदगी हंसीखुशी से बीत रही थी कि 5 साल पहले उन की जिंदगी में एक मोड़ आया. असलम और आसमीन कांधला लौट आए.

कांधला लौटने पर असलम ने अपने घर से दूर महल्ला रायजादगान में एक मकान किराए पर लिया और वहां पर रहने लगा. वहां पर रहतेरहते आसमीन 3 बच्चों की मां बनी. अब वह कुल 4 बच्चों की मां थी, जिन में 2 बेटे और 2 बेटियां थीं.

असलम ने कांधला में ही एक होटल पर नौकरी करना शुरू कर दी. जैसेजैसे परिवार बढ़ा और बच्चे बड़े होने लगे, तो असलम की जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं. घर और बच्चों के स्कूल की फीस का खर्च भी बढ़ रहा था.

होटल से असलम को थोड़ीबहुत ही तनख्वाह मिलती थी, जिस से गुजारा होना मुश्किल हो रहा था. घरखर्च चलाने के लिए उस ने जुआ खेलना शुरू कर दिया. जुए में पैसा हारने की वजह से वह लोगों का कर्जदार भी होता चला गया.

एक फाइनैंसर से असलम ने 20-30 हजार रुपए का कर्ज लिया, लेकिन समय से कर्ज की किस्तें अदा नहीं कर पा रहा था, जिस के चलते फाइनैंसर और उस के आदमी घर आ कर रुपयों का तकादा करने लगे.

रोजाना फाइनैंसर के घर आने से आसमीन भी परेशान हो गई.

असलम के पड़ोस में इंतजार नामक आटोरिकशा ड्राइवर भी रहता था. इंतजार की पत्नी की डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी थी. तकरीबन 6 महीने पहले इंतजार और आसमीन के बीच मुलाकात हुई और प्यार हो गया. इंतजार ने असलम के घर में आनाजाना शुरू कर दिया.

उन दोनों के बीच मोबाइल पर दिनरात घंटों प्यारभरी बातें होने लगीं. ह्वाट्सएप पर भी वे दोनों खूब चैटिंग करने लगे.

असलम के होटल पर जाने के बाद इंतजार अकसर उस के घर पहुंच जाता था. आसमीन और इंतजार में संबंध भी बन गए थे.

इस बात का जब असलम को पता चला तो उस ने एतराज जताया, लेकिन आसमीन नहीं मानी और उस ने इंतजार से बने रिश्ते को जारी रखा.

‘‘आसमीन, जो तुम कर रही हो, वह ठीक नहीं है. मैं ने इंतजार को भी समझाया है, पर वह नहीं मान रहा. कम से कम तुम तो मान जाओ. रोजाना उस का हमारे घर आना, तुम्हारे साथ बैठ कर खाना खाना… क्या कहेंगे महल्ले वाले…’’

आसमीन कुछ नहीं बोली, बस चुपचाप असलम की बातें सुनती रही. वह अब इंतजार के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहती थी, लेकिन असलम इस राह में रोड़ा बन रहा था.

आसमीन के दिमाग में आया कि असलम को बीच रास्ते से हटाना होगा, तभी जा कर वह इंतजार के साथ नई जिंदगी की शुरुआत कर सकती है.

आसमीन ने इंतजार से मिलना जारी रखा. एक दिन उस ने अपने भाई हारून को अपने और इंतजार के रिश्ते के बारे में सारी बात बता दी. यह जानकारी पा कर हारून भी उस के घर पहुंच गया. इंतजार को भी बुला लिया गया.

आसमीन ने अपने भाई से सारे हालात की जानकारी दी, ‘‘असलम जुआ खेलता है. उस ने लोगों का कर्जा सिर पर चढ़ा रखा है. घर के बाहर कोई न कोई अपने पैसे मांगने वाला खड़ा ही रहता है. मैं तो तंग आ गई हूं. वह जो कमाता है, उसे जुए में उड़ा देता है. इस से अच्छा है कि उसे मार ही दो.’’

‘‘असलम तुम्हें ले कर घर से भागा था, जिस से रिश्तेदारों और बिरादरी में हमारी नाक कट गई,’’ हारून ने अपनी बहन से नाराजगी भरे लहजे में कहा.

‘‘मेरी भूल थी भाई. मुझे क्या पता था कि निकाह के बाद वह नकारा हो जाएगा, जुआ खेलने लगेगा,’’ आसमीन ने मायूसी भरे लहजे में कहा.

‘‘ठीक है, कुछ करते हैं,’’ हारून ने आसमीन को दिलासा देते हुए कहा.

9 अगस्त, 2025. शनिवार की शाम को हारून ने असलम को फोन कर के कहा, ‘‘चलो, आज घूमने कैराना चलते हैं, आसमीन भी साथ रहेगी.’’

असलम को शक नहीं हुआ. बीवी साथ थी तो सब सामान्य लगा. वे तीनों कांधला से कैराना की तरफ निकल पड़े. शराब के ठेके से शराब की बोतल ली. रास्ते में एक जगह पर बैठ कर उन दोनों ने शराब पी.

हारून ने कम शराब पी, जबकि असलम को ज्यादा शराब पिला दी, जिस से उसे कुछ होश न रहा.

थोड़ी देर के बाद असलम पूरी तरह से बेहोश हो चुका था. इस के बाद इंतजार अपना आटोरिकशा ले कर वहां पहुंच गया. उन तीनों ने मिल कर असलम को आटोरिकशा में डाला और एक सुनसान जगह ले जा कर मीट काटने वाले चाकू से असलम का गला रेत कर हत्या कर दी.

इस के बाद उन तीनों ने असलम की लाश को कैराना में कांधला रोड पर हाशिम के आम के बाग में फेंक दिया और फरार हो गए.

10 अगस्त, 2025, रविवार की सुबह तकरीबन सवा 9 बजे कैराना कोतवाली पुलिस को आम के बाग में एक लाश पड़ी होने की सूचना मिली. फोरैंसिक टीम को मौके पर बुला कर सुबूत जुटाए गए.

असलम की जेब से मिले आधारकार्ड से उस की पहचान हुई तो पुलिस ने असलम के पिता को भी मौके पर बुला लिया.

एसपी शामली रामसेवक गौतम ने हत्या के खुलासे के लिए एक टीम बनाई और कांधला से ले कर कैराना तक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. सीसीटीवी में एक हरे रंग के आटोरिकशा में आसमीन, हारून और इंतजार असलम को ले जाते हुए नजर आए.

कैराना कोतवाली पुलिस ने बिना देरी किए आटोरिकशा ड्राइवर इंतजार को हिरासत में ले लिया. उस के और आसमीन के फोन की काल डिटेल खंगाली गई. मोबाइल में दोनों की ह्वाट्सएप चैटिंग भी मिली.

इस पर पुलिस का शक गहरा गया. वह अब पूरी तरह से यह मान चुकी थी कि असलम की पत्नी ने ही नाजायज संबंधों के चलते उस की हत्या कराई है.

पुलिस ने आसमीन और उस के भाई हारून को भी गिरफ्तार कर लिया. आसमीन ने पुलिस को बताया कि वह इंतजार से दूसरा निकाह करना चाहती थी, लेकिन असलम राह का रोड़ा बन रहा था.

बाद में आसमीन ने अपना बयान बदलते हुए पुलिस का बताया कि उस ने ऐसे ही कहा दिया था कि असलम को मार डालो, लेकिन इन दोनों (हारून और इंतजार) ने तो सच में ही उस के शौहर को मार डाला.

पुलिस ने 12 घंटे के भीतर वारदात का खुलासा किया और आसमीन, हारून और इंतजार को गिरफ्तार कर लिया. तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. Crime Story

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...