Bollywood: बौलीवुड का खेल निराला है. यहां इनसान बनने कुछ आता है और बन कुछ और ही जाता है. जब कासिम हैदर ‘कासिम’ शौकिया शायरी लिख रहे थे, तब वे ऐक्टर बनने के लिए मुंबई आए थे. शुरुआती जद्दोजेहद के बाद उन्हें मशहूर डायरैक्टर लेख टंडन के टैलीविजन सीरियल ‘कहीं देर न हो जाए’ में ऐक्टिंग करने का मौका मिल गया.
तब कासिम हैदर ‘कासिम’ को लगा कि उन की जद्दोजेहद खत्म हो गई है, पर यह उन की भूल थी. उस के बाद उन्होंने कुछ फिल्में भी मिलीं, लेकिन नैपोटिज्म की मार के आगे वे टिक नहीं पाए. अब तो उन की पहचान म्यूजिक वीडियो तक ही सिमट कर रह गई है. इन दिनों वे म्यूजिक वीडियो ‘हसरत’ के चलते सुर्खियां बटोर रहे हैं.
अपनी जद्दोजेहद और अब तक के सफर के बारे में कासिम हैदर ‘कासिम’ कहते हैं, ‘‘मैं तो पहले लेखक ही था. शेरोशायरी लिखता रहा हूं. पर मेरे एक दोस्त ने मेरे अंदर ऐक्टर बनने की ललक पैदा की और वह मुझे ले कर मुंबई आ गया. शुरुआत में मैं मुंबई में अपने इसी दोस्त के ही पास रहा.
‘‘एक दिन मेरी मुलाकात कासिब जैदी साहब से हो गई. उन्होंने सलाह दी कि ऐक्टर या गीतकार या शायर जिस रूप में जो काम मिले, वह करते जाओ. एक दिन उन्होंने मेरा परिचय शबाब शाबरी साहब से करवा दिया. उन्होंने मेरा लिखा पहला गाना गाया.
‘‘उस गाने की रिकौर्डिंंग के समय मैं भी यह देखने गया था कि रिकौर्डिंंग कैसे होती है. वहीं पर इस गाने का म्यूजिक वीडियो डायरैक्ट करने के लिए एक फिल्म डायरैक्टर भी खड़े हुए थे. उन्होंने मुझ से कहा कि आप का चेहरा अच्छा है. अगर आप इस गाने के वीडियो में ऐक्टिंग करेंगे, तो ज्यादा अच्छा होगा.
‘‘मैं ने उस गाने के वीडियो में ऐक्टिंग की. उस वीडियो को देख कर मशहूर फिल्म डायरैक्टर लेख टंडन ने मुझे सीरियल ‘कहीं देर न हो जाए’ में ऐक्टिंग करने का मौका दिया. लेकिन अफसोस है कि उस के बाद भी मेरे कैरियर को वह रफ्तार न मिल सकी, जैसा मैं ने सोचा था.
‘‘वैसे सीरियल ‘कहीं देर न हो जाए’ के बाद मैं ने 2-3 सीरियलों और भी किए थे. मुझे 2 फिल्में भी मिली थीं, पर वे फिल्में मेरे हाथ से छीन कर नैपोकिड्स को दे दी गईं. मुझे नुकसान यह हुआ कि उस के बाद मेरे पास फिल्मों के औफर आने बंद हो गए.
‘‘जब मेरे हाथ से 2 फिल्में निकल गईं, तो मैं ने सोचा कि एक बार फिर मैं गाना बना कर नाम कमा सकता हूं और मैं ने खुद अपना एक गाना ‘दिल है बेकरार मन…’ बनाया और इस में ऐक्टिंग भी की.
‘‘इस गाने के हिट होने के बाद मेरे पास गीत या शायरी लिखने के औफर आने लगे. पैसे की भी कमी थी, तो मैं ने कुछ गीत और शायरी दूसरों के लिए लिखे, जिस के बदले में मुझे सिर्फ पैसा मिला, पर नाम नहीं.
‘‘मैं सच कह रहा हूं कि कुछ लोगों ने तो मेरे लिखे गाने पर अपना नाम चिपका दिया. मेरे ऐसे गाने कुछ बड़ी कंपनियों में बज रहे हैं, जो हिट हैं.
‘‘आप को यकीन नहीं होगा, पर मैं ने 50 से ज्यादा गीत लिखे हैं. मैं अपने लिखे हुए गानों पर खुद 6-7 म्यूजिक वीडियो बना चुका हूं. मैं अपने नए म्यूजिक अलबम ‘हसरत’ को ले कर काफी जोश में हूं. यह काफी पसंद किया जा रहा है. अब मैं इस का दूसरा पार्ट ले कर आने की तैयारी कर रहा हूं.’’
म्यूजिक अलबम ‘हसरत’ की चर्चा करते हुए कासिम हैदर ‘कासिम’ बताते हैं, ‘‘एक दिन मैं अपने एक दोस्त वसीम के साथ एक दुकान पर चाय पी रहा था, जहां म्यूजिक डायरैक्टर सागर साहब बैठे हुए थे. बात ही बात में सागर साहब ने मुझे एक औडियो सुनाया.
‘‘मैं ने उन से कहा कि मैं आप को एक अच्छा गाना लिखकर देता हूं. फिर मैं ने वहीं पर टिश्यू पेपर ले कर गाना लिखना शुरू किया वह गाना लिखतेलिखते मैं 3 चाय पी गया.
‘‘यह गाना सागर साहब को पसंद आ गया, तो उन्होंने इस पर म्यूजिक अलबम बनाने की सलाह दी. फिर सागर साहब ने मेरे लिखे गाने को अपने म्यूजिक डायरैक्शन में हरमन से गवाया. इस के वीडियो में मैं ने और आयुषी तिवारी ने ऐक्टिंग की है.’’
क्या बौलीवुड में मनचाही कामयाबी न मिल पाने का गम आप को सताता है? इस सवाल पर कासिम हैदर ‘कासिम’ ने कहा, ‘‘अब अनुभवों ने मुझे बहुतकुछ सिखा दिया है. मुझे खुशी है कि शायरी के क्षेत्र का मैं उस्ताद हूं. मेरे शेर पढ़ने वालों की तादाद काफी है.
‘‘मैं ने आंध्र प्रदेश में हैदराबाद, उत्तर प्रदेश में बिजनौर से ले कर बाराबंकी और वाराणसी तक कई शहरों सहित कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात में स्टेज प्रोग्राम किए हैं. विदेशों में भी स्टेज शो किए हैं.’’ Bollywood