Honey Trap : आरोपियों ने अपने अपराध को अंजाम देने के लिए एक शातिर योजना बनाई थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर डाक्टर को अपना निशाना बनाया और उन्हें अपने जाल में फंसाया.
आरोपियों ने डाक्टर को यह यकीन दिलाया कि वे दिल्ली पुलिस में हैं और उन्हें अपनी सेवाओं के लिए पैसे देने होंगे. डाक्टर ने आरोपियों की बातों पर यकीन कर लिया और उन्हें तकरीबन 9 लाख रुपए दे दिए. पर जब डाक्टर को यह एहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की और आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों की पहचान तिलक नगर के बाशिंदे 42 साल के नीरज त्यागी उर्फ धीरज उर्फ धीरू, कराला के रहने वाले 32 साल के आशीष माथुर और खरखौदा, हरियाणा के रहने वाले 30 साल के दीपक उर्फ साजन के रूप में हुई थी.
पुलिस ने आरोपियों के पास से हैड कांस्टेबल की पूरी वरदी और दिल्ली पुलिस के 3 पहचानपत्र, एक कार और 3 मोबाइल फोन बरामद किए.
आरोपी नीरज त्यागी और दीपक उर्फ साजन के खिलाफ पहले से ही बिंदापुर थाने में प्रेमजाल में फंसा कर वसूली करने का मामला दर्ज है.
हनी ट्रैप की शुरुआत का सटीक समय नहीं बताया जा सकता है, क्योंकि यह एक तरह की धोखाधड़ी है, जो अलगअलग रूप में और अलगअलग समयों में हुई है.
हालांकि, यह कहा जा सकता है कि हनी ट्रैप की शुरुआत प्राचीनकाल में हुई थी, जब लोगों को औरतों के बहाने से लुभाने और उन से फायदा उठाने के लिए अलगअलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता था.
दरअसल, आधुनिक समय में हनी ट्रैप की शुरुआत 60 के दशक में हुई थी, जब अमेरिकी और सोवियत जासूसों ने अपने फायदे की जानकारी हासिल करने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करना शुरू किया था.
इंटरनैट और सोशल मीडिया के आने के साथ हनी ट्रैप की शुरुआत और भी आसान हो गई है और अब यह एक आम तरह की धोखाधड़ी बन गई है, जो दुनियाभर के देशों में होती है.
कुछ दिलचस्प बातें
* 60 के दशक में अमेरिकी और सोवियत जासूसों ने हनी ट्रैप का इस्तेमाल करना शुरू किया था.
* 80 के दशक में हनी ट्रैप का इस्तेमाल व्यावसायिक जासूसी में किया जाने लगा था.
* 90 के दशक में इंटरनैट के आने के साथ हनी ट्रैप औनलाइन हो गई और यह और भी आसान हो गई.
हनी ट्रैप की कुछ घटनाएं
मध्य प्रदेश के इंदौर में हनी
ट्रैप का एक मामला सामने आया, जिस में एक औरत ने कई मर्दों को अपने जाल में फंसा कर उन से पैसे ऐंठे. इस मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
इसी तरह दिल्ली में भी हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया था, जिस में एक औरत ने एक मर्द को अपने प्रेमजाल में फंसा कर उसे पैसे देने के लिए मजबूर किया था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी औरत को गिरफ्तार किया था.
मुंबई में हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया, जिस में एक औरत ने कई मर्दों को अपने प्रेमजाल में फंसा कर उन से पैसे ऐंठे. इस मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया.
हनी ट्रैप के प्रकार
औनलाइन हनी ट्रैप : औनलाइन हनी ट्रैप में आरोपी सोशल मीडिया या औनलाइन डेटिंग प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर के पीडि़त को अपने प्रेमजाल में फंसाता है.
औफलाइन हनी ट्रैप : औफलाइन हनी ट्रैप में आरोपी किसी पीडि़त से निजीतौर पर मिलता है और उसे अपने जाल में फंसाता है.
कौरपोरेट हनी ट्रैप : कौरपोरेट हनी ट्रैप में आरोपी किसी कंपनी के शख्स को अपने जाल में फंसाता है और उस से कारोबारी जानकारी हासिल करता है.
हनी ट्रैप के लक्षण
* अगर कोई किसी अनजान शख्स से अचानक मिलता है और उस के साथ बहुत जल्दी गहरे संबंध बनाने की कोशिश करता है, तो यह हनी ट्रैप का एक लक्षण हो सकता है.
* अगर कोई किसी के प्रति बहुत ज्यादा प्यार और आकर्षण दिखाता है, तो यह हनी ट्रैप का एक लक्षण हो सकता है.
* यदि कोई किसी की निजी जानकारी मांगता है, जैसे कि पता, फोन नंबर या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी, तो यह हनी ट्रैप का एक लक्षण हो सकता है.
बचाव के कानूनी उपाय
* अगर आप हनी ट्रैप के शिकार हुए हैं, तो तुरंत ही पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज करें.
* हनी ट्रैप से संबंधित कानूनी सलाह लेने के लिए किसी माहिर वकील से बात करें.
* आप औनलाइन हनी ट्रैप के शिकार हुए हैं, तो साइबर सैल में शिकायत दर्ज करें.
हनी ट्रैप में लड़कियां और लड़के दोनों ही शामिल हो सकते हैं. हालांकि, ज्यादातर मामलों में लड़कियां ही हनी ट्रैप के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो. कुछ मामलों में लड़के भी हनी ट्रैप में शामिल हो सकते हैं.
हनी ट्रैप में शामिल होने वाले के लिए उस के लिंग या उम्र की कोई अहमियत नहीं है. यह एक ऐसी धोखाधड़ी है, जिस में कोई भी शामिल हो सकता है और किसी को भी अपना शिकार बना सकता है. ऐसे शातिर लोग अमीरों को फांसते हैं. वे लड़की को आगे रख कर अपने शिकार को गुमराह करते हैं और उन से फायदा उठाते हैं.