भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजकल जब कुछ कहते हैं, तो आम आदमी सोचने लगता है और खिलखिला कर हंसने लगता है. ताजा उदाहरण 27 अक्तूबर को ‘मन की बात’ का है.

देशभर में विभिन्न माध्यमों से इस का प्रसारण हमेशा की तरह किया गया. लोगों ने गौर से सुना और हैरान होते हुए एकदूसरे की तरफ देखने और हंसने लगे थे. इस का सब से बड़ा उदाहरण यह है कि नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘कोई सरकारी एजेंसी कभी भी पैसे नहीं मांगती.’’

यह तो दुनिया के 8वें अजूबे जैसी बात हो गई कि भारत में एक पटवारी से ले कर के ऊपर तक लेनदेन होता है, भ्रष्टाचार है, यह सारा देश जानता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कोई सरकारी एजेंसी का मुलाजिम या अफसर पैसे नहीं मांगता. भला इसे कौन मानेगा. और इसीलिए जब प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसी बात निकलती है, तो लोग हंसने पर मजबूर हो जाते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिजिटल अरैस्ट’ के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इस से बचने के लिए देशवासियों से ‘रुको, सोचो और ऐक्शन लो’ का मंत्र साझा किया और इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की अपील भी की.

सब से बड़ी बात यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिजिटल अरैस्ट’ से जुड़े एक फरेबी और पीडि़त के बीच बातचीत का वीडियो भी साझा किया और कहा कि कोई भी एजेंसी न तो धमकी देती है, न ही वीडियो काल पर पूछताछ करती है और न ही पैसों की मांग करती है.

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात को कोई बच्चा भी नहीं मानेगा. क्या कोई भी एजेंसी हाथ जोड़ कर बात करती है? क्या रिश्वत नहीं लेती? इसे सारा देश जानता है, मगर शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब तक प्रधानमंत्री रहेंगे, तब तक इस बात को नहीं मानेंगे और जैसे ही पद से हट जाएंगे, तो इन बातों को ले कर वे मुद्दा भी बना सकते हैं.

दरअसल, आकाशवाणी के मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 150वीं ऐतिहासिक कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिजिटल अरैस्ट’ से जुड़े एक फरेबी और पीडि़त के बीच बातचीत का वीडियो सा?ा किया.

मजे की बात तब होती, जब उसे गिरफ्तार कर के कानून सजा देता. मगर, उस का वीडियो सा?ा करने से तो यही संदेश जाता है कि ऐसे लोग आज सरकार के सिर पर बैठ कर नाच रहे हैं.

आज दुनियाभर में इंटरनैट के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के बीच ‘डिजिटल अरैस्ट’ फरेब का एक बड़ा जरीया बनता जा रहा है. इस में किसी शख्स को औनलाइन मीडियम से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के द्वारा ‘अरैस्ट’ हो गया है और उसे जुर्माना देना होगा. कई लोग ऐसे मामलों में ठगी के शिकार हो रहे हैं.

मोदी सरकार मजबूर

यह हैरानी की बात है कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा लगाने वाले साइबर क्राइम के मामले में मजबूर दिखाई देते हैं. देशभर में लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, मगर कानून बेबस लगता है और अपराध करने वाले अपना काम करते चले जा रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बातें कही हैं, उन का निचोड़ यह है कि आप को खुद जागरूक बनना पड़ेगा. आप को अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ेगी. सरकार इस में कुछ नहीं कर सकती.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दर्शकों को बताया कि इस तरह के फरेब करने वाले गिरोह कैसे काम करते हैं और कैसे खतरनाक खेल खेलते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि ‘डिजिटल अरैस्ट’ के शिकार होने वालों में हर तबके और हर उम्र के लोग हैं और वे डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा देते हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई फोन आए, तो आप को डरना नहीं है. कुलमिला कर देश में किस तरह के खराब हालात हैं और कानून और सरकार मजबूत हैं, यह बता दिया.

प्रधानमंत्री ने एक बार फिर वही कहा, जो हर बार दोहराया जाता है. ऐसे मामलों में राष्ट्रीय साइबर हैल्पलाइन 1930 पर डायल करने और साइबर क्राइम डौट जीओजी डौट इन पर रिपोर्ट करने के अलावा परिवार और पुलिस को सूचना देने की सलाह दी.

इस की जगह अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कुछ ऐसा बताते कि सरकार आप की सुरक्षा के लिए पूरी तरह मुस्तैद हो चुकी है, अब आज के बाद देश में एक भी साइबर ठगी नहीं होगी, तो लोग तालियां बजाते, खुले मन से तारीफ करते और ठगे हुए लोगों के दिल में ठंडक पहुंचती.

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