आज हम देश के तीन बड़े नेताओं के बयान का विश्लेषण ले कर आए हैं. इन्हें पढ़समझ कर आप खुद अंदाजा लगाइए कि देश किस दिशा में जा रहा है. एक समय था जब देश के बड़े नेता सोच समझ कर जनता के बीच अपनी भावना व्यक्त करते थे. कहां गया वह समय और कहां जा रहा है हमारा भारत देश. पहला बयान है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का और दूसरा है गृह मंत्री अमित शाह का और तीसरा बयान है अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहिन…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 11 नवंबर, 2024 को आरोप लगाया कि कांग्रेस अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सामूहिक ताकत को तोड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि उन के बीच विभाजन पैदा किया जा सके और उन की आवाज कमजोर की जा सके और अंततः उन के लिए आरक्षण समाप्त किया जा सके.

नरेंद्र मोदी ने ‘नमो एप’ के माध्यम से ‘मेरा बूथ, सब से मजबूत’ कार्यक्रम के तहत झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कहा कि इसलिए मैं चार बार कहता रहता हूं कि एक रहेंगे, तो सेफ (सुरक्षित) रहेंगे. नरेंद्र मोदी ने झारखंड मुक्ति मोरचा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन के पांच साल के शासन की विफलताओं को रेखांकित किया और कहा कि राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए ‘भ्रष्टाचार, माफिया और कुशासन’ से मुक्त कराना होगा.

नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि झारखंड की जनता इस बार विधानसभा चुनाव में बदलाव को संकल्पित है और इस का सब से बड़ा कारण यह है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने राज्य की रोटी, बेटी और माटी पर वार किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड इस बार बदलाव करने को संकल्पित हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ ‘राष्ट्र विरोधी’ अपने निहित स्वार्थ के लिए समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से उन्हें हराने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया. नरेंद्र मोदी ने गुजरात के खेड़ा जिले के चडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर की 200वीं वर्षगाठ पर आयोजित समारोह को डिजिटल तरीके से संबोधित किया.

पिछले पांच साल इन्होंने बड़ीबड़ी बातें कीं, लेकिन आज झारखंड के लोग देख रहे हैं कि इन के ज्यादातर वादे झूठे हैं. भाजपा झारखंड में ‘रोटी, बेटी और माटी’ के मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है. इस के माध्यम से वह आदिवासी अस्मिता का सवाल
उठा कर बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासी महिलाओं का तथाकथित उत्पीड़न, धर्मांतरण, जमीन पर कब्जा और धोखा दे कर विवाह करने तथा इस के परिणामस्वरूप आदिवासियों की संख्या में लगातार कमी आने का मुद्दा उठा रही है .राज्य में झारखंड मुक्ति मोरचा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की गठबंधन सरकार है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने महसूस किया कि लोगों में भ्रष्टाचार और परिवारवाद को ले कर भी भारी गुस्सा है. उन्होंने कहा कि परिवारवादी पार्टियां, भ्रष्टाचारी तो होती ही हैं. साथ ही समाज के प्रतिभाशाली नौजवानों के रास्ते में सब से बड़ी दीवार होती हैं. झामुमो के परिवारवादियों ने कांग्रेस के ‘शाही परिवार’ से ऐसी गंदी चीजें सीखी हैं, जिस में उन्हें कुरसी और खजाना… इन दो चीजों की ही चिंता रहती है. नागरिकों की उन्हें परवाह हो नहीं होती है. उन्होंने कहा कि इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में झामुमो गठबंधन की सत्ता से विदाई तय है.

समीक्षा करते हुए हम कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने जो कुछ कहा है, वह दोतरफा है. यह कैसे भूल जाते हैं कि अगर आप किसी की तरफ एक उंगली उठाते हैं तो चार उंगलियां आप की तरफ भी होती हैं.

गृह मंत्री अमित शाह कहिन…

कांग्रेस को ‘डूबता जहाज’ करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार, 11 नवंबर, 2024 को कहा कि वे (कांग्रेस) चुनाव में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नहीं बचा सकती.

अमित शाह ने रांची जिले के तमार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन ने झारखंड को बरबाद कर दिया. उन्होंने वादा किया कि चुनाव के बाद भाजपा यदि सत्ता में आई तो वह अगले पांच साल में इसे सब से अधिक समृद्ध राज्य बना देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो, कांग्रेस आदिवासियों को महज वोट बैंक समझती हैं, वे उन का सम्मान नहीं करती हैं. उन्होंने दावा किया कि घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की संख्या लगातार घटती जा रही है और ये घुसपैठिए झामुमोनीत (सत्तारूढ़) गठबंधन के वोट बैंक हैं.

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी की चार पीढ़ियां भी जम्मूकश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस नहीं ला सकती हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि झारखंड में अगर भाजपा की सरकार बनती है, तो घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें राज्य से बाहर निकालने के अलावा उन के द्वारा हड़पी गई जमीन को वापस लेने के लिए एक समिति गठित की जाएगी.

गृह मंत्री के रूप में कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से भी प्रहार किया जा सकता है, मगर जिस स्तर पर आ कर चार पीढ़ियां की बात जम्मूकश्मीर विधेयक 370 के संदर्भ में अमित शाह ने कही है, आप ही बताइए कि क्या वह शोभनीय है?

मल्लिकार्जुन खड़गे कहिन…

11 नवंबर, 2024, दिन सोमवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात कहते हुए बड़े बेचारे से लग रहे थे मगर उन्होंने जो कहा बड़ी बेबाकी से और बड़ा सच कहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष को दबाने एवं निर्वाचित सरकारों को गिराने में विश्वास करती है. विधायकों की बकरियों की तरह खरीदफरोख्त की जाती है. उन्होंने नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अडाणी और अंबानी के साथ मिल कर केंद्र सरकार चलाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए कहा कि वे मुंह में राम, बगल में छुरी में विश्वास करते हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदीजी सरकारें गिराने में विश्वास रखते हैं. वे विधायक खरीदते हैं. उन का काम विधायकों को बकरी के जैसे अपने पास रख लेना, पालना और फिर बाद में काट कर खाना है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि मोदी और शाह ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर दिया है, लेकिन हम डरते नहीं हैं. हम ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, अपने प्राणों की आहुति दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी, शाह, अडाणी और अंबानी देश चला रहे हैं, जबकि राहुल गांधी और मैं संविधान और लोकतंत्र को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कटाक्ष किया कि मोदी आदतन झूठे हैं, जो कभी अपने वादे पूरे नहीं करते.

समीक्षा करें तो साफ है कि तीनों ही बयानों को पढ़ने के बाद आप देखेंगे की नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बयान अतिरेकपूर्ण हैं, वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान आत्मरक्षात्मक है. इन तीनों ही बयानों से ऐसा लगता है कि देश एक राजनीतिक संक्रमणकाल से गुजर रहा है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता.

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