बायोग्राफी कैटेगिरी में इस फिल्म को मिला अवार्ड

बायोग्राफी कैटेगिरी में ‘सिंह साहब द राइजिंग’ फिल्म का दबदबा रहा, जिसे कुल 11 अवार्ड मिले. इस में बैस्ट ऐक्टर देव सिंह, बैस्ट ऐक्ट्रैस अंजना सिंह, बैस्ट प्रोड्यूसर गीता सिंह, चंदा सिंह और नीतू सिंह, धीरज पंडित को बैस्ट डायरैक्टर, उदय भगत को बैस्ट कोप्रोड्यूसर, वीना पांडेय को बैस्ट ऐक्ट्रैस इन सपोर्टिंग रोल, शुभम सिंह को बैस्ट स्टोरी, रिया सिंह को बैस्ट ड्रैस डिजाइनर, मुसाफिर जौनपुरी को बैस्ट गीतकार के अवार्ड से नवाजा गया. संतोष पहलवान को बैस्ट सपोर्टिंग ऐक्टर जूरी इन बायोग्राफी अवार्ड फिल्म ‘सिंह साहब द राइजिंग’ के लिए प्रदान किया गया.

इन कैटेगिरी में मिले अवार्ड

‘5वें सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में जिन दूसरी कैटेगिरी में अवार्ड दिए गए, उन में सर्वश्रेष्ठ संदेशपरक फिल्म कैटेगिरी में बैस्ट ऐक्टर कृष्णा कुमार, बैस्ट सपोर्टिंग ऐक्टर संजू सोलंकी, बैस्ट डायरैक्टर सम्राट सिंह, बैस्ट सपोर्टिंग ऐक्टर समर्थ चतुर्वेदी, डैब्यू प्लेबैक सिंगर डा. विकास चतुर्वेदी, बैस्ट कोरियोग्राफर विवेक थापा और बैस्ट म्यूजिक डायरैक्टर का अवार्ड फिल्म डैब्यू के लिए अशोक राव को दिया गया.

कार्यक्रम की होस्ट माही खान को उन की फिल्म ‘पावर औफ किन्नर’ के लिए बैस्ट ऐक्ट्रैस जूरी अवार्ड दिया गया, जबकि अंबरीश सिंह को फिल्म ‘जय मां विंध्यवासिनी’ के लिए बैस्ट राइजिंग स्टार का अवार्ड दिया गया.

चंदन उपाध्याय को बैस्ट डायरैक्टर सामाजिक मुद्दों पर बैस्ट फिल्म श्रेणी में ‘हरहर गंगे’ के लिए प्रदान किया गया. फिल्म ‘क्रांतिकारी 1924’ के लिए रक्षा गुप्ता को बैस्ट पौपुलर ऐक्ट्रैस, अनूप अरोरा को बैस्ट सपोर्टिंग ऐक्टर क्रिटिक, जेसी पांडेय को बैस्ट डायरैक्टर स्पैशल मैंशन, विद्या विष्णु मौर्य को बैस्ट कौस्ट्यूम डिजाइनर, धामा वर्मा को सपोर्टिंग ऐक्टर क्रिटिक (स्पैशल मैंशन) अवार्ड प्रदान किया गया.

saras salil

फिल्म डायरैक्टर संजय श्रीवास्तव को उन की फिल्म ‘चाची नंबर 1’ के लिए बैस्ट डायरैक्टर स्पैशल जूरी अवार्ड से नवाजा गया. लाल बाबू पंडित को ‘फरिश्ता’ फिल्म के डायरैक्शन के लिए स्पैशल जूरी अवार्ड दिया गया, जबकि राजेश गौड़ को लोक कला पुरुष कहरवा विधा और रामा प्रजापति को लोक कला बाधवा विधा में अवार्ड प्रदान किया गया.

नीरज रणधीर को ‘सौरी यार’ फिल्म के डायरैक्शन के लिए जूरी अवार्ड, केके गोस्वामी को बैस्ट ऐवरग्रीन ऐक्टर, बैस्ट ऐक्ट्रैस भोजपुरी अलबम, सागर शान को बैस्ट कोरियोग्राफर इन अलबम, संजोली पांडेय को बैस्ट लोकगायिका, सत्या सावरकर को ‘दाग एगो लांछन’ फिल्म के लिए स्पैशल जूरी अवार्ड प्रदान किया गया.

स्वाति शर्मा को ‘डार्लिंग’ फिल्म के लिए पाश्र्व गायिका जूरी अवार्ड दिया गया, जबकि ‘डार्लिंग’ फिल्म से ही जूरी अवार्ड श्रेणी में प्रदीप के. शर्मा को बैस्ट फिल्म, रोहित सिंह मटरू को बैस्ट कौमेडी, म्यूजिक बीएवी को बैस्ट पाश्र्व संगीत का अवार्ड दिया गया. गायक और हीरो रितेश पांडेय को ‘दाग एगो लांछन’ के लिए बैस्ट ऐक्टर फैमिली वैल्यूज मूवी श्रेणी में अवार्ड प्रदान किया गया.

सीनियर ऐक्टर उदय श्रीवास्तव को ‘अमरप्रीत’ के लिए स्पैशल अवार्ड प्रदान किया गया. अयाज खान को बैस्ट विलेन क्रिटिक, सर्वश्रेष्ठ महिला प्रधान फिल्म श्रेणी में फिल्म ‘अफसर बिटिया’ से श्रुति राव को बैस्ट ऐक्ट्रैस, राकेश त्रिपाठी को बैस्ट कहानी व पटकथा का अवार्ड प्रदान किया गया. ‘आसरा’ फिल्म से सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली फिल्म श्रेणी में कृष्णा विश्वकर्मा को बैस्ट साउंड इंजीनियर व अनंजय रघुराज को बैस्ट डायरैक्टर का अवार्ड प्रदान किया गया.

कुणाल सिंह को मिला लाइफटाइम अचीवमैंट अवार्ड

‘भोजपुरी सिनेमा के अमिताभ बच्चन’ कहे जाने वाले कुणाल सिंह को भोजपुरी सिनेमा में उन के योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमैंट अवार्ड से नवाजा गया. गौरतलब है कि कुणाल सिंह पिछले 4 दशक से भोजपुरी सिनेमा पर राज कर रहे हैं और उन्होंने तकरीबन 300 फिल्मों में काम किया है.

साल 1983 में आई कुणाल सिंह की भोजपुरी फिल्म ‘गंगा किनारे मोरा गांव‘ ने तो इतिहास ही रच दिया था. यह फिल्म वाराणसी के एक थिएटर में लगातार एक साल 4 महीने तक चली थी. यह भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में आज भी एक रिकौर्ड है.

फिल्म प्रोड्यूसर धीरेंद्र मणि त्रिपाठी की मौजूदगी रही खास

फेमस फिल्म प्रोड्यूसर धीरेंद्र मणि त्रिपाठी भी मुंबई से इस अवार्ड शो में शरीक होने आए थे. मूल रूप रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के निवासी धीरेंद्र मणि त्रिपाठी एक कामयाब बिजनेसमैन भी हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सिनेमा की दुनिया में भी उन का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है.

‘सरस सलिल’ के शुरुआती पाठकों में से एक रहे धीरेंद्र मणि त्रिपाठी जिप्सी म्यूजिक और जिप्सी फिल्म्स के बैनर तले कई फिल्मों का निर्माण करते रहे हैं. हाल ही में उन की 2 फिल्मों की शूटिंग भी काफी चर्चा में रही है. ‘संकटमोचन हनुमान’ ऐसी पहली अवधी फिल्म होगी, जिस को पैन इंडिया रिलीज किया जाएगा.

धीरेंद्र मणि त्रिपाठी ने ‘सरस सलिल अवार्ड शो’ में मंच से एक वादा भी किया कि जो भी युवा कलाकार या प्रतिभाशाली डायरैक्टर उन के साथ फिल्म करना चाहते हं,ै तो उन का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया जाएगा.

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