बाइक टैक्सी (Bike Taxi) वाली कंपनी रैपिडो (Repido) अब कैब सर्विस में भी आ गई है. कंपनी का कहना है कि उस की कैब सर्विस दूसरी कैब कंपनियों के मुकाबले काफी सस्ती होगी. रैपिडो कंपनी ने देशभर में एक लाख कारों के साथ अपनी कैब सर्विस की शुरुआत की है. इस से ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी कैब सर्विस देनी वाली कंपनियों पर असर पड़ सकता है.

पर अगर रोजगार की बात करें, तो कोई ड्राइवर किस तरह इन कैब कंपनियों के साथ जुड़ सकता है और कैसे कमाई कर सकता है, यह जानना भी जरूरी है. इसे हम एक कैब ड्राइवर इकबाल खान से हुई बातचीत से भी समझ सकते हैं, जो 47 साल के हैं और उबर व ओला दोनों कैब कंपनियों के साथ जुड़े हुए हैं.

इकबाल खान अपने परिवार के साथ दिल्ली के मयूर विहार फेस 1 के कोटला गांव में रहते हैं. वे पिछले 6 साल से ओला और उबर से जुड़े हैं, साथ ही फरीदाबाद की एक प्राइवेट कंपनी में भी काम करते हैं, जिस में वे गाजियाबाद से उस कंपनी के कर्मचारियों को सुबह फरीदाबाद छोड़ते हैं और शाम को 4 बजे उन्हें कंपनी से वापस गाजियाबाद ले जाते हैं. बाकी समय में वे कैब ड्राइवर के तौर पर सवारियों को लाते और ले जाते हैं.

इकबाल खान ने बताया, “पहले मेरी कोटला गांव में एम्ब्रोयडरी के काम की फैक्टरी थी और अच्छीखासी आमदनी थी, पर बाद में जीएसटी की वजह से हमारे काम पर बुरा असर पड़ा और धीरेधीरे कंपनी बंद हो गई.

“फिर एक दोस्त की सलाह पर मैं ने ड्राइवर के काम में हाथ आजमाया और अब फिर मेरी जिंदगी पटरी पर लौट आई है. जिस कंपनी में मेरी गाड़ी लगी है, वहां से मुझे महीने के 35,000 रुपए मिल जाते हैं और काम सोमवार से शुक्रवार तक रहता है.

“ओला और उबर में मेरी रोजाना की 10-12 राइड लग जाती हैं, जिन से अंदाजन 40 से 50 हजार रुपए महीने की आमदनी हो जाती है. मेरा रोज का सीएनजी गैस का 1,000 रुपए का खर्चा है. अगर कोई ग्राहक हमें कैश में पैसे देता है, तो हम कैब कंपनी को उस का कमीशन (जीएसटी समेत तकरीबन 25-30 फीसदी) दे देते हैं. अगर कोई ग्राहक औनलाइन पेमेंट करता है, तो कंपनी अपना कमीशन काट कर हमारे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर देती है.”

किसी कैब कंपनी से कैसे जुड़ा जाता है और किस तरह के दस्तावेज चाहिए? इस बारे में इकबाल खान ने कहा, “ओला जैसी कैब कंपनी के साथ अगर आप को जुड़ कर काम करना है, तो फिर आप को कुछ दस्तावेज जैसे पैनकार्ड, रद्द किया गया चैक या पासबुक, आधारकार्ड, पते का प्रमाण देना होगा. कार के कागजात के लिए आप को गाड़ी की आरसी, गाड़ी परमिट, गाड़ी के बीमा की जरूरत होगी. साथ ही ड्राइवर का लाइसैंस भी होना चाहिए.

“फिर आप को कैब कंपनी के औफिस जाना होगा. वहां कंपनी की टीम आप को पूरी जानकारी दे देगी. रजिस्ट्रेशन के लिए वह आप के दस्तावेज जांचेगी. कार और ड्राइवर का औडिट होगा. ड्राइवर को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर करार पर दस्तखत होंगे. पुलिस वैरिफिकेशन भी होता है.

“ड्राइवर को एप चलाना आता हो. वैसे, इस की ट्रेनिंग वीडियो द्वारा कंपनी भी देती है. उस के पास एक स्मार्ट फोन होना चाहिए और इंटरनैट सेवा भी.

“इस के अलावा बाद में कंपनी इस बात पर भी ध्यान देती है कि ड्राइवर का अपने ग्राहक के प्रति किस तरह का रवैया है. अगर उस की शिकायतें मिलती हैं, तो कंपनी उसे ‘औफ रोड’ कर देती है. ड्राइवर को कभी भी कोई नशा कर के ड्यूटी पर नहीं रहना चाहिए, उसे बात करने का सभ्य तरीका आना चाहिए और वह ग्राहक के प्रति ईमानदार भी होना चाहिए.

“अभी हाल ही में एक बुजुर्ग गुरुग्राम से मेरी कार में सवार हुए थे. वे दिल्ली के झंडेवाला इलाके में उतरे थे, पर गाड़ी में अपना मोबाइल फोन भूल गए थे. मैं ने गाड़ी में वहीं इंतजार किया, फिर उन का फोन वापस किया.

“यह रोजगार आमदनी का अच्छा जरीया है और आप अपनी सुविधानुसार कैब चला सकते हैं, क्योंकि इस में आप के पास 24 घंटे में से अपने मनमुताबिक काम करने की औप्शन है. जो लोग मेहनत कर के रोजीरोटी कमाना चाहते हैं, उन्हें यह क्षेत्र निराश नहीं करेगा.”

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