प्यार दीवाना होता है, यह बात भरतपुर की फिजिकल टीचर मीरा के जज्बे से जाहिर हुई. अपनी स्टूडेंट और इंटरनैशनल कबड्डी खिलाड़ी कल्पना से प्यार हो जाने के बाद मीरा ने न सिर्फ अपना लिंग चेंज कराया और कल्पना से शादी भी की. अनोखी प्रेम कहानी जिस में सैक्स चेंज से ले कर पारिवारिक असहमति, सामाजिक आपत्तियां, कानूनी दायरा और मैडिकल प्रौब्लम की दीवारों को फांदने में जो दिक्कतें आईं, वे राजस्थान में भरतपुर के एक राजकीय माध्यमिक स्कूल के मैदान में कबड्डी खिलाड़ी कल्पना अपनी फिजिकल टीचर मीरा का इंतजार कर रही थी. सूर्योदय में अभी वक्त था, लेकिन अंधेरा थोड़ा कम होने लगा था.

कल्पना ने एक ही जगह पर छोटेछोटे स्टेप के साथ जंपिंग, जौगिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. कुछ अन्य लड़कियां भी प्रैक्टिस के लिए मैदान में आने लगी थीं. उन के साथ दौड़ की प्रैक्टिस होनी थी. कुछ समय में ही मेन गेट से दौड़ लगाती हुई फिजिकल टीचर मीरा भी आती दिख गई.

वह जैसे ही कल्पना के पास आई, उस ने गुडमार्निंग मैडम कहा. मीरा पहले की तरह बोल पड़ी, ‘‘तुझे कितनी बार कहा है, मुझे मैडम मत बोल…कुछ और बोल लिया कर.’’

‘‘तो सर बोलूं? …हांहां, यही ठीक रहेगा, आप जेंट्स वाले कपड़े पहनती हैं इसलिए.’’ हाजिरजवाब कल्पना बोल पड़ी.

‘‘अरे, तू कुछ भी बोल देती है. मैं तुम्हारी टीचर हूं.’’ मीरा झेंपती हुई बोली.

‘‘एक बात बोल्यूं, बुरा न मानियो मैडमजी …अरे नहीं, सरजी. आप इन कपड़ों में ही जंचते हो. छोरे जैसे लगते हो.’’ कल्पना मजाकिया अंदाज में बोली.

‘‘चलोचलो, बहुत हो गया हंसीमजाक. आज मेरे साथ ग्राउंड के 4 फेरे लगाणी है. नैशनल कबड्डी में जीतना कोई मजाक ना होवे.’’ मीरा बोली.

‘‘जी.’’

‘‘तो फिर चल शुरू हो जा.’’

कुछ समय में दोनों स्कूल मैदान के किनारेकिनारे दौड़ने लगी थीं. पूरे 4 चक्कर के बाद वे आ कर एक जगह बैठ गईं. मीरा सांस लेती हुई बोली, ‘‘तन्ने प्रैक्टिस अच्छी की. दिल कहता है तू जरूर नैशनल चैंपियन बन जावेगी. स्कूल का नाम रौशन होवेगा…’’

‘‘और आप का? आप की बदौलत ही तो मैं इस काबिल बन पाई हूं.’’

‘‘अरे, तेरी भी तो मेहनत है. देख बाकी लड़कियों से तू कितनी जल्दी ट्रेंड हो गई.’’ मीरा बोली.

‘‘कुछ भी कहो, आप एकदम से मर्दों वाली चाल में दौड़ लगाती हो. वह तो मैं दुबलीपतली हूं, इसलिए आप के साथ कदमताल मिला लेती हूं, लेकिन दूसरी मोटी कमर और भारी देह वाली लड़की आप के आगे कहां टिकती हैं.’’

‘‘बात तो तुम सही कह रही हो, मुझे भी कई बार लगता है कि मैं एकदम से मर्द की तरह दौड़ रही हूं…फिर सोचती हूं कि साथ दौड़ने वाली लड़कियों के लिए यह अच्छा ही है. उन की प्रैक्टिस तो अच्छी हो जावेगी.’’

‘‘जी मैडमजी,’’ कल्पना ने जैसे ही बोला मीरा उस की ओर सवालिया निगाह से देखने लगी.

थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोली, ‘‘अरी ओ छोरी, ऐसा कर तू मुझे ग्राउंड में मेरे नाम से ही बुलाया कर. फिर यह मैडम, मैम और सर का झंझट ही खत्म हो जावेगा.’’

‘‘जी.’’

‘‘जी क्या? आज से हम दोनों दोस्त हुए समझी? मैं उम्र में तुझ से बहुत अधिक बड़ी नहीं हूं.’’ मीरा ने कहा.

‘‘यही मन्ने भी लागे!’’

‘‘चल थोड़ी सीढि़यों की जौगिंग भी कर लें,’’ टीचर ने कहा.

‘‘अच्छा मीरा,’’ कल्पना ने अपने फिजिकल टीचर का अलग अंदाज में नाम लिया. …और फिर दोनों साथसाथ जौगिंग करने लगीं.

मीरा और कल्पना के साथ का यह सिलसिला करीब 3 साल पहले शुरू हुआ था. वे स्कूल के ग्राउंड में मिलते थे. फिजिकल ट्रेनिंग के साथसाथ उन की दोस्ती भी मजबूत होती चली गई. एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगने लगा कि उन के दिल में एकदूसरे के प्रति काफी लगाव हो गया है. वे आपस में प्यार करने लगी हैं. समाज की नजर में उन का यह संबंध अप्राकृतिक कहलाता, लोग उन्हें समलैंगिक जोड़ा समझते. उन के सामने पारिवारिक, सामाजिक और कानूनी दीवारें थीं.

कहते हैं न कि प्यार में सब कुछ जायज है. ऐसा ही मीरा और कल्पना के साथ भी हुआ. हमेशा साथ बने रहने के लिए पहला कदम मीरा ने ही उठाया. उस ने अपना जेंडर चेंज करवाने की ही योजना बना ली. इस की जरूरत वह कई सालों से महसूस कर रही थी, लेकिन इस बारे में खुल कर किसी से बातें नहीं कर पा रही थी. परिवार में अपने मातापिता या भाईबहनों से भी नहीं. किंतु जब उस का स्कूल टीचर के रूप में करिअर सुरक्षित हो गया और कल्पना के साथ प्यार परवान चढ़ गया, तब उस ने पहले इस बारे में कल्पना को बताया.

लड़कों की तरह रहना पसंद था मीरा को

मीरा उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे राजस्थान के भरतपुर जिले की डीग तहसील के एक परिवार की 5वीं बेटी थी. उस का जन्म 1994 में एक सुखीसंपन्न परिवार में हुआ था. बहनों में सब से छोटी इस बेटी का नाम रखा गया मीरा देवी. बढ़ती उम्र के साथ पढ़ाईलिखाई जारी रही.

लेकिन मीरा का लड़कों की तरह रहना, कपड़े पहनना और खुद को लड़कों की तरह ही देखना बदस्तूर जारी रहा. वह अपनी फिटनैस पर खूब ध्यान देती थी. इस का अच्छा परिणाम यह मिला कि साल 2018 में 24 साल की उम्र में उस का राजस्थान शिक्षा विभाग में बतौर शारीरिक शिक्षक पद पर चयन हो गया.

उस की पोस्टिंग डीग तहसील के ही नगला मोती के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में हो गई. यहां तक तो सब सामान्य बातें थीं. मीरा की नौकरी शुरू हो गई थी. इसी दौरान मीरा को बारबार इस बात का अहसास होता रहा कि वह वह स्त्री के काबिल नहीं है. यानी उस में पुरुष के गुण मौजूद हैं.

मीरा अपने शरीर को ले कर काफी असहज महसूस कर रही थी. वह अपने शरीर और शारीरिक अंगों को ले कर उलझी सी रहती थी. एक महिला के शरीर में वह बेहद असहज महसूस कर रही थी.

इस बारे में जब उस ने अपनी मां को बताया तो कपड़े की आजादी मिल गई और लड़कों वाले कपड़े पहनने लगी. यहीं से उस के मनमुताबिक रहनेजीने की शुरुआत हो गई. इस बारे में उस ने सब से पहले अपने घर वालों को बताया. पहले तो उस की बातों को घर वालों ने गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन बाद में उस की जिद के चलते डाक्टर की सलाह ली गई.

शादी के लिए किया घर वालों को राजी

मीरा को इस का अहसास काफी पहले किशोरावस्था की उम्र से ही था. जब वह 16 साल की थी, तभी उस ने 2010 में जेंडर चेंज कराने के बारे में पढ़ा था. उन्हीं दिनों उस के मन में विचार आया था कि आने वाले दिनों में अपना सैक्स चेंज करवा लेगी. हालांकि, इस बारे में तब किसी को नहीं बताया था और नौकरी के लिए पढ़ाई करने लगी थी. उस के दिमाग में यह बात उसी वक्त बैठ गई थी कि मौका देख कर घर वालों को जेंडर चेंज के लिए मनाएगी.

समय बीतता रहा और मीरा के मन में सैक्स बदल कर नई जिंदगी पाने की इच्छा भी मजबूत होती चली गई. साल 2018 में नौकरी मिल गई. उस के बाद से मीरा ने गूगल पर सर्च कर सैक्स सर्जरी की तमाम जानकारी जुटा ली. उस की जटिल प्रक्रिया को समझ लिया और डाक्टर से भी सलाह लेनी शुरू कर दी. कई लोगों से भी बात की और फिर उसे परिवार वालों को भी मनाने में सफलता मिल गई.

मीरा का घर डीग में और कल्पना का घर नगला मोती गांव में है. दोनों के परिवार पहले से ही परिचित थे. मीरा जहां पोस्टेड थी, वहीं कल्पना पढ़ा करती थी. इसी बीच उसे अपनी ही स्टूडेंट कल्पना से प्यार हो गया. कल्पना भी उस से बेइंतहा मोहब्बत कर बैठी थी. अपनी मोहब्बत को विवाह मंडप तक ले जाने में सब से बड़ी अड़चन थी उन का समलिंगी होना.

वे इस का बायोलौजिकल समाधान के बारे में तो जानती थीं, लेकिन पारिवारिक और सामाजिक अड़चनों को दूर करना भी किसी समस्या से कम नहीं था. उन्हें सैक्स चेंज के लिए परिवार को भी मानसिक तौर पर तैयार करना था.

एक बार कल्पना ने अपने घर के लोगों से मीरा को मिलवाया. मीरा का घर में एक टीचर होने के नाते खूब आवभगत हुई. तब तक कल्पना के घर वालों को उन के प्रेम संबंध के बारे में नहीं मालूम था. किंतु जब इस बारे में मीरा ने बताते हुए विवाह का प्रस्ताव रखा, तब घर में सभी चौंक गए.

इस का समाधान भी मीरा ने ही उन्हें समझाया और अपना सैक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी करवाने की बात बताई.

इस बारे में मीरा पहले से ही अपने घर वालों को बता चुकी थी. उस ने कल्पना के घर वालों को भी इस बारे में बताया कि वह किस तरह से सैक्स चेंज के बाद एक सामान्य पुरुष की जिंदगी गुजार सकता है.

2 साल तक चली लड़की से लड़का बनने की प्रक्रिया

दोनों परिवारों से इस की सहमति मिलने के बाद साल 2019 में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में मीरा का इलाज शुरू कर दिया गया. उस का इलाज दिसंबर 2021 तक चला. इस दौरान उसे कई तरह की थैरेपी और सर्जरी के दौर से गुजरना पड़ा. कोरोना दौर की असुविधाओं के बावजूद डाक्टरों को इस में सफलता मिलती चली गई.

दिल्ली के निजी संस्थान में जेंडर चेंज के लंबे उपचार में कुल 15 लाख रुपए खर्च हो गए. इस की प्रक्रिया में सब से पहले मनोचिकित्सक से बातचीत की गई. उन के कई सवालों के सटीक जवाब देते हुए मीरा ने उस दौर को पार कर लिया. उस से पूछे गए अहम सवाल थे, ‘‘सैक्स चेंज क्यों करवाना चाहते हो? क्या कारण है? कुछ दबाव है या और कुछ बात है?’’

इस के जवाब में मीरा ने अपने शरीर की असहजता के साथसाथ मोहब्बत की कहानी भी सुनाई. मीरा ने न केवल अपनी स्टूडेंट कल्पना से प्रेम संबंध का खुलासा किया, बल्कि यह भी कहा कि उसे ख़ुद के लिए जीने के साथसाथ प्रेमिका से शादी कर खुशहाल जिंदगी भी गुजारनी है. उस ने मनोचिकित्सक को साफतौर पर कहा कि उसे महिला के शरीर से असुविधा होती है. इस से हर हाल में मुक्ति चाहिए.

मीरा की बातों से आश्वस्त होने के बाद ही मनोचिकित्सक ने सैक्स चेंज की अनुमति दी. वह समझ गए थे कि प्रेम ही वह दवा है, जो मीरा को पुरुष बनने के दौर में मजबूत बनाए रखेगी और वह मानसिक तौर पर खुद को मजबूत बनाए रखेगा.  इस तरह मीरा को मनोचिकित्सक की ओर से मैडिकल ट्रीटमेंट की अगली कड़ी के लिए सर्टिफिकेट मिल गया.

इलाज के अगले दौर की शुरुआत मीरा के हारमोन थैरेपी से हुई. कई दौर की थैरेपी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उस के बौडी पार्ट्स की सर्जरी की गई. इस में 3 तरह की सर्जरी थीं. अलगअलग की जाने वाली सर्जरी में 2 सर्जरी कर पहले मीरा के स्तनों को हटा दिया गया. उस के बाद बारी आई गुप्तांग की. इस की भी 2 बार सर्जरी की गई. एक सर्जरी के तहत जांघ, पेट और हाथ से स्किन ले कर, उस से गुप्तांग बनाए गए. इस सर्जरी के बाद करीब एक साल तक उसे पूरी तरह से रेस्ट करने की हिदायत दी गई.

सर्जरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मीरा ने अपना नाम आरव रख लिया. लंबे इलाज के क्रम में ही उस ने शारीरिक बदलावों को देखा और महसूस किया. जैसेजैसे बदलाव होते गए, वैसेवैसे उस का आत्मविश्वास भी मजबूत होता चला गया. इसी क्रम में चेहरे,  होंठ और आंखों के ऊपरी हिस्से पर भी बदलाव किए गए. इस से मीरा के चेहरे पर बदलाव भी धीरेधीरे दिखने लगा और वह एक युवक की तरह ही नजर आने लगा.

उन बदलावों में लड़की की महीन आवाज में भारीपन था तो विशेष हारमोन थैरेपी से दाढ़ीमूंछ उगने लगी थी. इस से मीरा से आरव बनने के बाद वह पुरुष की तरह सहज महसूस करने लगा. यही उस के आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक भी बना.

लिंग चेंज करा कर मीरा बन गई आरव

सैक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की प्रक्रिया पूरी कर जब 28 साल की युवती मीरा देवी से युवक आरव कुंतल बन सामने आया, तब उस के परिवार की भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उस के मातापिता को मीरा समेत 5 बेटियां थीं. अब उस परिवार में 5 बहनों में एक 4 बहनें और आरव के रूप में एक भाई आ गया था.

उस की पहली प्रतिक्रिया थी, ‘‘मुझे जीना था. मैं वैसा हो गया हूं. मुझे पहले से प्रौब्लम थी. मुझे अपने आप से और अपनी बौडी से परेशानी थी. अब मैं बेहद ख़ुश हूं और परिवार भी बेहद खुश है. भाई नहीं था तो अब जेंडर चेंज के बाद बहनों के लिए भाई की कमी भी दूर हो गई.’’

मीरा को अब भले ही नई पहचान आरव की मिल गई हो, लेकिन स्कूल रिकौर्ड में आज भी वो महिला शारीरिक शिक्षक मीरा देवी ही है. हालांकि सर्जरी के बाद भी आरव को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. नई समस्या मौजूदा नौकरी के कागजात और कागजी काररवाई में नाम बदलने की आ गई है.

हो गई नए जीवन की शुरुआत

और फिर वह समय भी आ गया, जिस का मीरा उर्फ आरव और कल्पना को बड़ी बेसब्री से इंतजार था. बीते साल 4 नंवबर, 2022 को कल्पना के घर शहनाई बज गई. कल्पना संग आरव की शादी की देश भर में चर्चा होने लगी. आरव ने बताया कि कल्पना भी ट्रीटमेंट के दौरान उस के साथ दिल्ली गई थी. दोनों के ही परिवारों ने उन की शादी की बात शुरू की और उन की ही इच्छा से शादी संपन्न हुई.

शादी के बाद आरव की पत्नी कल्पना ने भी मीडिया से कहा, ‘‘मैं सर को पहले से चाहती थी. यदि यह सर्जरी नहीं करवाते तो भी मैं शादी के लिए तैयार हो जाती.’’

आरव और कल्पना बेहद खुश हैं और कबड्डी की राष्ट्रीय खिलाड़ी कल्पना इस साल 2023 में इंटरनैशनल प्रो कबड्डी चैंपियनशिप में भाग लेने की तैयारी में जुट गई है. इस के लिए मैच 22 अक्तूबर से 7 नवंबर 2023 तक  होंगे.

कबड्डी के खेल की दुनिया को मान्यता प्रदान करने के लिए प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) की शुरुआत की गई थी.  अलगअलग टीम के मालिक खिलाडि़यों की नीलामी कर चुके हैं. इस के लिए कल्पना ने अपनी प्रैक्टिस पहले की तरह शुरू कर दी है. उसे दुबई के मैदान में कबड्डी खेलना है.

बहरहाल, अपना लिंग चेंज कराने के बाद आरव अपनी पत्नी कल्पना के साथ हंसीखुशी से रह रहा है.

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