सिनेमा में वैसे तो कई चेहरे हैं, जो दर्शकों में काफी पैठ रखते हैं और उन की फैन फौलोइंग भी काफी तादाद में है, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जो भोजपुरी सिनेमा में चरित्र अभिनेता या चरित्र अभिनेत्री के तौर पर काम करते आ रहे हैं, लेकिन उन की फैन फौलोइंग भोजपुरी के बड़े सुपरस्टारों से कहीं ज्यादा है.

इन्हीं में एक नाम है बिहार के सिवान जिले से ताल्लुक रखने वाली कलाकार रिंकू भारती गोस्वामी का. वे फिल्मों में अकसर भौजी, मामी, बहन के रूप में ही नजर आती रही हैं, लेकिन उन का छरहरा बदन, सोशल मीडिया पर लटकेझटके से भरपूर डांस वाले वीडियो और फिल्म सैट पर हंसीठिठोली उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग ही मुकाम देते हैं.

रिंकू भारती गोस्वामी से एक फिल्म के सैट पर हुई मुलाकात में उन्होंने अपनी जिंदगी के वे सभी राज खोले, जो अभी भी दर्शकों को पता नहीं हैं. पेश हैं, उसी बातचीत के खास अंश : आप एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं और शादी के बाद आप ने अदाकारी की दुनिया में सक्रिय रूप से कदम रखा. यह सफर कैसा रहा? मैं मूल रूप से बिहार के सिवान से ताल्लुक रखती हूं और मेरे पिताजी एक किसान हैं. हम 5 बहनें हैं और हमारी सभी बहनों को पिताजी ने बड़े लाड़प्यार से पाला है. बचपन से ही उन्होंने हमें सभी जरूरी सहूलियतें दीं. इसी दौरान मेरे अंदर ऐक्टिंग करने की ललक जग गई थी. लेकिन कोई ऐसा प्लेटफार्म नहीं मिल रहा था, जिस से मैं ग्लैमर की दुनिया में कदम रखूं, इसलिए मैं अपने इस शौक को डांस और गा कर पूरा कर लेती थी.

इस दौरान मेरी शादी हो गई. मुझे लगा कि शादी के बाद अब मेरा सपना अधूरा ही रह जाएगा, लेकिन मेरी ससुराल ने मेरा बहुत सपोर्ट किया और साल 2013 में मुझे ‘महुआ टीवी’ के ‘भौजी नंबर वन’ नाम के एक शो में आडिशन देने का मौका मिला और इसी से मेरे हौसले ने उड़ान भरनी शुरू कर दी.

इस के बाद मुझे लीड रोल में ‘प्राइम टीवी’ के सीरियल ‘सनसनी’ में काम करने का मौका मिला और यहीं से मैं फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाती गई. क्या आप ने भोजपुरी फिल्मों में आने के लिए थिएटर भी किया? मैं जब सीरियलों में काम कर रही थी, तो मेरे एक साथी ने मुझे फिल्मों मेंकदम जमाने के लिए थिएटर करने की सलाह दी. चूंकि मेरा सपना था फिल्मों में काम करना, इसलिए मैं ने दिल्ली में थिएटर किया और ऐक्टिंग की सभी बारीकियां सीखीं.आप ने मुंबई की तरफ कब रुख किया मैं ने थिएटर से ऐक्टिंग सीखने बाद खुद के रिस्क पर मुंबई जाने का तय कर लिया था, इसलिए मैं खुद के बचाए पैसे ले कर मुंबई चली गई. वहां जा कर मुझे 23 दिनों तक भटकना पड़ा, लेकिन इसी दौरान मुझे बहुत ही चर्चित सीरियल ‘मुसकान’ में काम करने का मौका मिला, जहां लोग मेरी ऐक्टिंग के मुरीद होते गए.

इसी के बाद मुझे पहली भोजपुरी फिल्म मिली, जिस में मुझे सैकंड लीड रोल मिला. इसी के बाद हिंदी फिल्म ‘वनडे’ मिली, जहां से मुझे बहुत हिम्मत मिली. इस के बाद जिन फिल्म मेकरों ने मेरी अदाकारी को देखा और भोजपुरी भाषा पर मेरी पकड़ देखी, तो मेरे पास फिल्मों के जबरदस्त औफर आने लगे. यहीं से मैं ने कामयाबी का स्वाद चखना शुरू किया और आज के दौर में भोजपुरी बैल्ट में बच्चाबच्चा मुझे पहचानता है.

क्या इस कामयाबी को अपना भाग्य मानती हैं या यह सब आप को जद्दोजेहद से मिला? कामयाबी तो भाग्य से मिल ही नहीं सकती है. मेरी कामयाबी के पीछे मेरी जद्दोजेहद है, क्योंकि न ही मेरा कोई गौडफादर है और न ही इस इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए मेरा किसी ने सहयोग किया. यह कामयाबी मुझे केवल मेरे जुनून और जद्दोजेहद के बदौलत ही मिली है.

आप भोजपुरी फिल्मों में कभी भाभी, कभी पुलिस और कभी गंवई लुक में नजर आती रही हैं, फिर भी आप को भोजपुरी में वह पहचान मिली है, जो बड़ीबड़ी हीरोइनों को ही मिल पाई है. यह सब कैसे हो पाया?

इस का सारा क्रेडिट मैं केवल दर्शकों को देना चाहूंगी, क्योंकि जिन को दर्शकों ने नकारा, वे फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमा ही नहीं सकते हैं. मुझे लगता है कि मेरा रोल और अदाकारी दोनों ही मेरे दर्शकों को पसंद आते हैं, इसलिए मुझे दर्शक सिरआंखों पर बैठा कर रखते हैं.

आप जब फिल्म सैट पर होती हैं, तो अकसर बड़े ऐक्टरों के साथ फेसबुक लाइव या वीडियो क्लिप में हंसीठिठोली करती नजर आती हैं. क्या ऐसा भी कभी हुआ, जब इस से किसी ने बुरा भी माना हो?

आप ने सही कहा और देखा भी होगा कि मैं ने खेसारीलाल यादव, सुशील सिंह, देव सिंह जैसे कई कलाकारों के साथ हंसीमजाक, ठिठोली वाले कई वीडियो बनाए हैं, लेकिन इस में सभी लोग मेरे साथ खुल कर मस्ती करते नजर आए होंगे. ऐसे में किसी के बुरा मानने की बात ही नहीं आती है. हां, यह जरूर है कि ऐसे वीडियो के मेरे प्रशंसक बहुत प्यार देते हैं.

आप सोशल मीडिया पर भी किसी सनसनी से कम नहीं हैं. आप की फैन फौलोइंग भी काफी अच्छी है. ऐक्टिंग और सोशल मीडिया पर एकसाथ सक्रियता, यह सब कैसे हो पाता है?

मैं अपनी कामयाबी में एक क्रेडिट सोशल मीडिया को भी देना चाहूंगी, क्योंकि मैं शुरुआती दौर में छोटेछोटे वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डालती थी, जिन्हें मेरे चाहने वालों ने काफी प्यार दिया और आज यह सब

मेरी पहचान में एक बड़ा योगदान बनाए हुए है.मै भोजपुरी में अकसर शौर्ट वीडियो और रील्स बना कर डालती हूं, जिन्हें लाखों व्यूज मिलते रहे हैं, इसलिए मेरा मानना है कि जिस के जरीए आप को कामयाबी मिली है, उस का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए. आप एक किशोर बच्चे की मांहैं, यह आप की फिगर देख कर लगता ही नहीं है. एक कलाकार के तौर पर फिगर को मेंटेन रखना कितना चैलेंजिंग है?

अगर आप ग्लैमर की दुनिया में खासकर फिल्मों में तो आप के लिए अपनी फिगर को फिल्मों के मुताबिक मेंटेन रखना बहुत ही चैलेंजिंग होता है, क्योंकि शूटिंग के दौरान न खाने का कोई समय होता है और न ही सोने का. मेरे जैसी एक कलाकार के लिए तो और भी मुश्किल, जब बेटा ही मेरी कदकाठी का हो चुका हो.

इस सब के बाद भी अगर दर्शक मेरी फिगर को पसंद कर रहे हैं, तो इस के पीछे का राज यह है कि मैं डांस में खूब पसीना बहाती हूं, ऐक्सरसाइज करती हूं. खाना तो ऐसा खाती हूं, जो मेरी सेहत और स्किन का खास खयाल रखे.  शूटिंग से जब भी मुझे फुरसत मिलती है, तो मैं भरपूर नींद भी लेती हूं.

एक कामयाब कलाकार होने के बावजूद आप एक कामयाब हाउसवाइफ भी हैं. ऐसे में हाउसवाइफ के लिए कोई संदेश देना चाहेंगी? भारत एक ऐसा देश है, जहां औरतें पहले अपने परिवार के लिए सोचती हैं और आखिरी में अपने बारे में. यह बहुत जरूरी भी है, लेकिन कई बार इन सब के बीच वे अपनी सेहत और फिगर के प्रति लापरवाह हो जाती हैं, इसलिए मेरा सभी घरेलू औरतों के लिए यही संदेश है कि वे घरपरिवार की जिम्मेदारियों के साथसाथ अपने खानपान, सेहत और फिगर के प्रति जरूर ध्यान दें.

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