मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के रीवा शहर में चैत्र नवरात्र के अवसर पर संकटमोचन हनुमान कथा के आयोजन की तैयारियां जोरशोर से चल रही थीं. पहली अप्रैल से 10 अप्रैल तक चलने वाले इस कार्यक्रम के आयोजक करोड़पति बिल्डर अजीत समदडि़या थे.

समदडि़या ग्रुप मध्य प्रदेश का बड़ा व्यापारिक घराना है, जिस के जबलपुर और रीवा में आलीशान होटल, मौल और आधुनिक ज्वैलरी शोरूम हैं. रीवा में भी समदडि़या ग्रुप के मौल ‘समदडि़या गोल्ड’ का शुभारंभ होना था.

इसी मकसद से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा के पूर्व सांसद और अयोध्या के राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े रामविलास वेदांती के द्वारा हनुमान कथा का वाचन किया जाना था.

इस आयोजन की जिम्मेदारी समदडि़या ग्रुप द्वारा महंत सीताराम दास को सौंपी गई थी. पूरा शहर इस आयोजन के बैनर और होर्डिंग से पटा हुआ था.

महंत सीताराम दास उत्तर प्रदेश के बहराइच में श्रीराम जानकी मंदिर में महंत की गद्दी संभाले हुए हैं. पिछले 2 महीने से रीवा में कई बार आ कर वह स्थानीय नेताओं, अफसरों और कारोबारियों से मिल कर इस आयोजन की तैयारियों में लगे हुए थे.

पहली अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले इस धार्मिक आयोजन के सिलसिले में महंत सीताराम दास 28 मार्च, 2022 को ही रीवा पहुंच गए थे. वह अपने शिष्यों को साथ ले कर हनुमान कथा और यज्ञ की व्यवस्थाओं को देख रहे थे.

रीवा में महंत के खास शिष्य विनोद पांडे ने उन के ठहरने के लिए सर्किट हाउस राजनिवास बुक करवाया था. सर्किट हाउस के एनेक्सी नंबर 4 में महंत ठहरे हुए थे. शाम होते ही महंत शिष्य विनोद से बोला, ‘‘आज कुछ खास इंतजाम नहीं है क्या?’’

विनोद महंत सीताराम दास की रंगीनमिजाजी से वाकिफ था, लिहाजा उस ने जबाब देते हुए कहा, ‘‘ महाराज, आप निश्चिंत रहें, सब इंतजाम हो जाएगा.’’

विनोद पांडे रीवा जिले के हिस्ट्रीशीटर बदमाशों में शुमार था, जिस पर जिले के कई थानों में 40 से अधिक केस दर्ज हैं. कुछ ही समय पहले विनोद पांडे महंत के रसूख का फायदा उठा कर जमानत पर जेल से बाहर आया था, इस वजह से वह महंत की सेवा में कोई कमी नहीं रखना चाहता था.

विनोद पांडे का जिले में दबदबा था, जिस के चलते लोग मदद के लिए उस के पास पहुंचते थे. कुछ दिनों पहले सतना की रहने वाली 17 साल की किशोरी मालती ने विनोद पांडेय को फोन कर के कालेज में दाखिला दिलाने में मदद मांगी थी. वह विनोद को दादा कहती थी.

उसे रीवा के कालेज में एडमिशन लेना था, लेकिन हो नहीं पा रहा था. इस संबंध में विनोद से बात की तो उस ने भरोसा दिलाया और रीवा आ कर मिलने को कहा था.

महंत के रीवा आने से पहले ही विनोद ने उस दिन सुबह उसी लड़की को फोन मिलाते हुए कहा, ‘‘मालती, तुम्हें कालेज में एडमिशन लेना है तो आज ही रीवा आ कर मिल लो.’’

मालती को कालेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन मिलते ही वह खुशी से उछल पड़ी और विनोद पांडे से बोली, ‘‘दादा, मैं आज ही रीवा आ रही हूं.’’

दोपहर 3 बजे बस से जब वह रीवा पहुंची तो विनोद को फोन कर के कहा, ‘‘दादा, मैं रीवा आ गई हूं, कहां पर मिलना है?’’

‘‘मैं राजनिवास में हूं, यहां महंत सीताराम दासजी ठहरे हुए हैं. तुम भी आटो पकड़ कर यहीं आ जाओ.’’ विनोद ने जाल फेंकते हुए कहा.

इस पर मालती बोली, ‘‘दादा, बसस्टैंड से राजनिवास बहुत दूर है, आटो वाले बहुत पैसे मांग रहे हैं. मेरे पास इतने पैसे भी नहीं हैं.’’

इस पर विनोद बोला, ‘‘अच्छा मालती, तुम सैनिक स्कूल के पास मिलो, मैं लड़के को कार से भेज रहा हूं.’’

विनोद पांडे ने अपने साथ रहने वाले लड़के को पैसे और कार ले कर भेज दिया. इस के बाद मालती कार से राजनिवास तक पहुंच गई. विनोद ने सर्किट हाउस में उसे बाबा सीताराम दास और उस के चेले धीरेंद्र मिश्रा से मिलवाया.

विनोद ने मालती से कहा, ‘‘आज यहीं रुक जाओ, सुबह तुम्हारा काम करा दिया जाएगा.’’

जबरदस्ती पिलाई शराब फिर किया दुष्कर्म

राजनिवास के एनेक्सी नंबर 4 में महंत सीताराम दास ने मालती से कालेज में दाखिला दिलाने का भरोसा दिलाया. बातचीत का दौर चल ही रहा था कि बाबा के कुछ चेले कमरे में आ गए.

चेलों ने एक थैली में से शराब की बोतलें निकालीं तो मालती हैरत में पड़ गई. देखते ही देखते सभी शराब पीने लगे. इसी बीच उस की बड़ी बहन का फोन आ गया तो विनोद ने बहन को कहलवा दिया कि आज काम नहीं हो पाया, इसलिए वह गर्ल्स हौस्टल में सहेली के पास रुकी है.

महंत की नजरें मालती के जिस्म पर ही गड़ी हुई थीं और मालती यहां आ कर अपने को असहज महसूस कर रही थी. तभी शराब का पैग मुंह से लगाते हुए महंत मालती से बोला, ‘‘ये भैरवनाथ का प्रसाद है, इसे पी लो तुम्हारे सब बिगड़े काम चुटकियों में बन जाएंगे.’’

जब मालती ने इनकार किया तो उसे भगवान का प्रसाद कह कर जबरदस्ती शराब पिला दी गई. कुछ देर बाद विनोद और दूसरे साथी मालती से यह कह कर चले गए कि ‘‘बाबाजी की सेवा करो, तुम्हारे सारे काम हो जाएंगे.’’

मालती कुछ समझ पाती, इस के पहले ही विनोद पांडे और महंत के चेलों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और एनेक्सी से बाहर निकल गए.

शराब का नशा चढ़ते ही मालती मदहोश हो गई, तभी मौके का फायदा उठा कर राजनिवास के एनेक्सी नंबर 4 में सीताराम दास ने मालती के साथ जबरदस्ती छेड़छाड़ करनी शुरू कर दी.

मालती ने मदहोशी की हालत में भी इस का विरोध करना शुरू किया तो महंत ने पूरी ताकत के साथ उसे पलंग पर गिरा दिया और उस के साथ अपना मुंह काला कर लिया.

दुष्कर्म करने के बाद महंत ने दरवाजा खोलना चाहा तो दरवाजा लौक था. तभी महंत ने मालती के फोन से विनोद को काल कर दरवाजा खुलवाया.

दुष्कर्म करने के बाद आरोपी और उस के साथी उसे नीचे ले आए थे, जहां खाना लगा हुआ था. सभी ने बैठ कर खाना खाया, मालती गुमसुम सी बैठी हुई थी. तभी विनोद पांडे मालती से बोला, ‘‘जो कुछ हुआ, उसे भूल कर एंजौय करो. बाबाजी के रहते तुम्हारा भला ही होगा.’’

मालती का चेहरा फीका पड़ चुका था. उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह क्या करे. महंत ने मालती को भी जबरदस्ती सलाद खिलाया और अपने चेलों से कहा, ‘‘इसे किसी होटल में छोड़ आओ.’’

महंत का आदेश मिलते ही कुछ चेले उसे छोड़ने कार से निकल पड़े. रास्ते में कार रुकवा कर मालती उतर कर भागने लगी. महाराजा होटल के पास उसे उस के 2 परिचित मिल गए. परिचित लोगों ने जैसे ही मालती से पूछा कि कार मे आए लोग कौन थे, महंत के चेले वहां से भाग निकले.

मालती ने परिचितों को अपनी आपबीती सुनाई तो वे ही उसे रीवा के सिविल लाइन थाने ले गए. इस के बाद मालती ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

पुलिस ने महंत सहित अन्य आरोपियों पर भादंवि की धारा 342, 504, 323, 328, 376बी, 506 एवं 5/6 पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज कर लिया. इस बार तो यह बात मीडिया वालों को भी पता चल गई.

टीवी चैनलों पर महंत की दरिंदगी के समाचार ने पूरे विंध्याचल को हिला कर रख दिया. समदडि़या ग्रुप ने पहली अप्रैल से होने वाले आयोजन को तुरंत रद्द कर दिया.

रीवा पुलिस ने महंत के खास चेले विनोद पांडे को गिरफ्तार कर लिया, जबकि महंत अपने साथियों के साथ फरार हो गया था.

कौन है महंत सीताराम दास

नाबालिग लड़की से रेप की घटना के मुख्य आरोपी महंत सीताराम दास के बचपन का नाम समर्थ त्रिपाठी है, जो रीवा जिले की गुढ़ तहसील के गुढ़वा गांव का रहने वाला है. इस ने संत का चोला ओढ़ने के बाद अपने कई नाम रख लिए थे, जिन में विद्यारण्य त्रिपाठी, अंकित त्रिपाठी, के नाम से भी जाना जाता है.

10वीं कक्षा तक गुढ़ तहसील के गणेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करने वाले महंत का स्कूली नाम विद्यारण्य त्रिपाठी है.

बचपन से ही उपद्रव करने की प्रवृत्ति के कारण वह स्कूल में पढ़ाई के दौरान लड़ाईझगड़ा करता था. 12वीं में फेल होने के बाद सन 2016 में विद्यारण्य का दाखिला मिलेनियम कालेज भोपाल में पौलिटेक्निक की पढ़ाई के लिए उस के पिता सच्चिदानंद त्रिपाठी ने करा दिया.

सच्चिदानंद त्रिपाठी की माली हालत ठीक नहीं थी. वह भोपाल में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड है. जबकि महंत की मां भोपाल में टिफिन सेंटर चलाती है. मांबाप एकएक पैसे जोड़ कर अपने एकलौते बेटे के लिए इंजीनियरिंग कराने की कोशिश में लगे थे, परंतु उस की रुचि पढाई में नहीं थी.

वह आए दिन हमउम्र लड़कों के साथ गुंडागर्दी करने लगा और पौलिटेक्निक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. भोपाल में गलत संगत में पड़ कर पढ़ाई के बजाय शराब और सिगरेट के नशे का आदी हो गया. इस की आपराधिक गतिविधियो से मांबाप भी परेशान रहने लगे थे.

आपराधिक मामलों से जुड़े होने के कारण इसे परिवार में भी ज्यादा नहीं पसंद किया जाता था. जब इस की असामाजिक गतिविधियां बढ़ गईं तो पिता ने अपने चाचा संत रामविलास वेदांती से बेटे को अपने साथ रखने का आग्रह किया.

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के पूर्व सदस्य राम विलास वेदांती की पैदाइश रीवा की है. वह अविवाहित हैं. भाजपा के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती सच्चिदानंद के सब से छोटे चाचा हैं.

पारिवारिक होने के चलते उन्होंने इसे अपना लिया. सच्चिदानंद त्रिपाठी के कहने पर संत रामविलास वेदांती द्वारा वर्ष 2018 में गोंडा के किसी मंदिर में विद्यारण्य त्रिपाठी को पुजारी का काम दे दिया, लेकिन अपनी आदत के मुताबिक यह अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आया.

तथाकथित महंत ने उस समय उत्तर प्रदेश के गोंडा में पंचायत चुनाव के दौरान अपने ही एक साथी महंत सम्राट दास पर कातिलाना हमला करवाया था, जिस में वह 6 महीने तक जेल में भी रहा है.

इस के बाद इसे वहां से हटा दिया गया, बाद में बहराइच के वशिष्ठ भवन ट्रस्ट के राम जानकी मंदिर में सेवादार बन कर रहने लगा और अपने आप को वहां का महंत बताने लगा. वह महंत सीताराम के नाम से जाना जाने लगा.

महंत अपने आप को रामविलास वेदांती का नाती बता कर उन के प्रभाव का इस्तेमाल कर बड़ेबड़े अफसरों, राजनेताओं के संपर्क में आ कर लोगों के बीच अपनी धाक जमाने लगा.

हाईप्रोफाइल संतों की मंडली में हो गया शामिल

हाईप्रोफाइल संतों की मंडली में शामिल महंत सीताराम के जिले के प्रभावशाली नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से घनिष्ठ संबंध हो गए थे.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तसवीरों से साफ जाहिर होता है कि रीवा के कमिश्नर और पुलिस कप्तान के साथ विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम बाबा के खास चेलों में गिने जाते हैं. यही वजह है कि सारे नियमकायदों को दरकिनार कर इस ढोंगी को रीवा का सर्किट हाउस अलाट हुआ था.

सर्किट हाउस में आमतौर पर राजकीय मेहमानों और अधिकारियों को रुकने की अनुमति होती है, लेकिन महंत के रसूख और अफसरों से संपर्क के कारण एसडीएम ने उसे सर्किट हाउस अलाट कर दिया.

विंध्य क्षेत्र के प्रतिष्ठित नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम भी महंत सीताराम दास के भक्तों में शामिल थे.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोनों की एक तसवीर सामने आई, जिस में गिरीश गौतम बाबा से आशीर्वाद लेते हुए नजर आ रहे हैं. फोटो में पीछे भारत का झंडा भी दिख रहा है. इस से अनुमान लगाया जा सकता है कि तसवीर किसी सरकारी कार्यक्रम या दफ्तर की हो सकती है.

रीवा के एसपी नवनीत भसीन के साथ भी इस तथाकथित बाबा की कई तसवीरें हैं. एक तसवीर में सीताराम दास एसपी को शाल और श्रीफल दे कर तिलक लगा कर सम्मान करता हुआ दिख रहा है.

दबंग पुलिस अधिकारियों में गिने जाने वाले भसीन पाखंडी बाबा के हाथों सम्मानित हो कर बेहद प्रसन्न हुए थे रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी भी इस बाबा के मुरीद बताए जाते हैं. कमिश्नर की सीताराम दास के साथ कई तसवीरें हैं. एक तसवीर में कमिश्नर भी उसे श्रीफल दे कर सम्मानित करते नजर आ रहे हैं. तसवीर में सुचारी ने मास्क लगा रखा है, जिस से पता चलता है कि यह फोटो कोरोना काल की है और ज्यादा पुरानी नहीं है.

जिले के उद्योगपति और बिल्डर्स भी बाबा के करीबियों में शुमार हैं. जानकारी के मुताबिक सीताराम दास जब भी रीवा आता था, उस से मिलने के लिए इन लोगों की लाइन लगी रहती थी.

इस बार भी वह एक बिल्डर अजीत समदडि़या के बुलावे पर ही रीवा आया था. समदडि़या बिल्डर्स के बनाए एक आलीशान मौल के उद्घाटन के जिस कार्यक्रम के लिए बाबा आया था, उस के लिए बाकायदा निमंत्रण पत्र छपवाए गए थे.

महंत की एक फोटो मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ भी वायरल हुई, जिस में महंत नरोत्तम मिश्रा को भगवत गीता भेंट करता दिख रहा है.

प्रभावशाली लोगों के साथ तसवीर खिंचवाने में माहिर इस ढोंगी महंत के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी रहती थी. बाबा जहां कहीं भी जाता था, उस की सुरक्षा में पुलिस के जवान लगे होते थे. ऐसी कई तसवीरें भी मौजूद हैं, जिन में पुलिसकर्मी आरोपी बाबा के आगेपीछे चलते हुए दिख रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने सभा में लगाई एसपी और कलेक्टर को फटकार

राज निवास में हुई रेप की घटना के तीसरे दिन रीवा के पीटीएस मैदान में राज्य स्तरीय रोजगार दिवस समारोह के आयोजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभा मंच से ही रीवा के कलेक्टर और एसपी को जम कर फटकार लगाई.

उन्होंने कहा, ‘‘बेटी के साथ अगर किसी ने दुराचार किया तो उसे कुचल दिया जाएगा. कहां हैं कलेक्टर और एसपी. ये बुलडोजर कब काम आएंगे. करो इन को जमींदोज. तोड़ दो ऐसे गुंडों को और बदमाशों को, जो बहन और बेटी पर गलत नजर उठा कर देखते हैं.’’

मुख्यमंत्री के कठोर रवैए को देख कर जिले का पुलिस प्रशासन हरकत में आया.

अश्लील तसवीरें हुईं वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल तसवीरें बता रही हैं कि किस तरह भगवा चोला ओढ़ने वाला पाखंडी महंत सीताराम दास बिगड़े काम बनाने के नाम पर लड़कियों की अस्मत से खेल कर रासलीला रचा रहा था. घटना के बाद महंत सीताराम की लड़कियों के साथ कमरे में रंगरलियां मनाने वाली तसवीरें भी वायरल हो गईं.

इन तसवीरों में खुले तौर पर देखा जा सकता है कि महंत अय्याशी का शौकीन है. जिस प्रकार से इन वायरल हो रही तसवीरों में महंत को लड़की के साथ देखा जा रहा है, उस से यह कहना गलत नहीं होगा कि साधु का चोला ओढ़े महंत किसी हैवान से कम नहीं है.

महंत की लड़की के साथ वायरल हो रही यह तसवीर रीवा के किसी होटल की ही है, इस में जो शौपिंग बैग रखा हुआ है वह रीवा के ही एक मौल का है.

इन तसवीरों के वायरल होने के बाद यही कहा जा रहा है कि महंत ने रीवा में अपने स्थानीय चेलों की मदद से अय्याशी का अड्डा बना रखा था और महंत के आपराधिक प्रवृत्ति के स्थानीय चेले ही इस तरह के इंतजाम महंत के लिए बदलबदल कर करते थे. शायद यही वजह है कि महंत का टूर रीवा के लिए जल्दीजल्दी बनता रहता था.

सिंगरौली में नाई की दुकान पर मिला महंत

आसाराम बापू, नारायण साईं, राम रहीम जैसे कई संत धर्म के नाम पर महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ कर चुके हैं, मगर इन घटनाओं से लोग सबक लेने के बजाय पाखंडी धर्मगुरुओं के चंगुल में फंस जाते हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद हरकत में आई रीवा पुलिस ने महंत की गिरफ्तारी के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा दिया.

पुलिस को जांच में पता चला कि घटना के बाद महंत को रीवा से भगाने में ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और उस के भांजे अंशुल मिश्रा की भूमिका रही थी.

महंत से जुड़े लोगों से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले कि संजय मिश्रा ने अपने फार्महाउस पर महंत को छिपाया था और अपनी फौर्च्युनर कार से उसे रीवा से सीधी तक छोड़ा गया था.

पुलिस ने संजय त्रिपाठी और उस के भांजे अंशुल को भोपाल से धर दबोचा और रीवा रेंज के आईजी ने सीधी और सिंगरौली जिले की पुलिस को महंत की घेराबंदी करने के निर्देश दिए.

30 मार्च, 2022 की शाम को सिंगरौली के एसडीपीओ राजीव पाठक को मुखबिर के माध्यम से खबर मिली कि महंत सीताराम दास बैढ़न बस स्टैंड के पास घूम रहा है. राजीव पाठक और टीआई यू.पी. सिंह ने पुलिस टीम के साथ महंत को घेर लिया.

दुष्कर्मी महंत बैढ़न बस स्टैंड पर एक नाई के सैलून पर बैठ कर दाड़ीमूंछ और बाल कटवा कर भेष बदल कर भागने की फिराक में था. सिंगरौली पुलिस ने महंत को गिरफ्तार कर लिया और बाद में उसे रीवा पुलिस के हवाले कर दिया.

महंत और सहयोगियों के ठिकानों पर चले बुलडोजर

31 मार्च की शाम कलेक्टर मनोज पुष्प और एसपी नवनीत भसीन बुलडोजर ले कर नगर परिषद गुढ़ के गांव गुड़वा पहुंचे. प्रशासन ने अपनी काररवाई के दौरान 500 मीटर के दायरे में जैमर लगाया था, जिस से किसी को काररवाई की खबर नहीं लग सके.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कहने पर 24 घंटे के भीतर बाबा की अय्याशी का अड्डा बना मकान जमींदोज कर दिया. महंत सीताराम के जिस निर्माणाधीन मकान को जिला प्रशासन ने ध्वस्त किया, वह 50×30 फीट का था. हालांकि इस मकान में महंत सीताराम दास की फूटी कौड़ी तक नहीं लगी है.

दुष्कर्मी महंत अपने बाप की इकलौती संतान था, जिस के मातापिता भोपाल में रह कर गुजरबसर करते हैं.

इसी तरह दुराचार के आरोपी महंत सीताराम दास महाराज को अपने फार्महाउस में छिपाने वाले संजय त्रिपाठी के भी रेलवे ब्रिज के पास बन रहे शौपिंग मौल को पुलिस ने जमींदोज कर दिया है. संजय त्रिपाठी अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया जा रहा है.

संजय त्रिपाठी को रेपकांड मामले में सहआरोपी बनाया गया है. पुलिस पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि रीवा के राजनिवास सर्किट हाउस में किशोरी के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम देने के बाद महंत सीताराम दास महाराज उर्फ समर्थ त्रिपाठी को फरारी के दौरान संजय त्रिपाठी ने अपने फार्महाउस में शरण दी थी और इस के बाद सीधी तक पहुंचाने में भी मदद की थी.

पूरी काररवाई के दौरान रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प और एसएसपी नवनीत भसीन के निर्देश पर गठित टीम में एडीएम शैलेंद्र सिंह, एसडीएम अनुराग तिवारी, तहसीलदार सौरभ द्विवेदी, गुढ़ थानाप्रभारी आराधना सिंह, गोविंदगढ़ थानाप्रभारी मृगेंद्र सिंह,

सगरा थानाप्रभारी ऋषभ सिंह बघेल, रायपुर कचुर्लियान थानाप्रभारी पुष्पेंद्र सिंह यादव सहित नगर पंचायत गुढ़ का अमला मौजूद रहा.

पुलिस ने महंत को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर ले कर पूछताछ की तो महंत के साधु से शैतान बनने की पूरी कहानी सामने आ गई.

ब्राह्मण समाज के प्रदेश संयोजक अंशुल मिश्रा के कहने पर ही विनोद पांडेय के नाम से सर्किट हाउस में एनेक्सी नंबर 4 को बुक किया गया था. अंशुल मिश्रा संजय त्रिपाठी का भांजा है.

विनोद ने ही महंत सीताराम महाराज के लिए शराब पार्टी का इंतजाम किया था. महंत के साथ रहने वाला मोनू मिश्रा चखना आदि ले कर आया था. वारदात के बाद महंत के चेले मोनू मिश्रा ने रीवा के दुबारी से भितरी तक महंत को कार से छोड़ा था.

इस के बाद तौफीक अंसारी नाम का शख्स अपनी बाइक से महंत को भितरी से सीधी के रामपुर नैकिन तक ले कर गया. तौफीक ने महंत से 10 हजार रुपए ले कर कपड़े दिए, फिर सिंगरौली की बस में बिठा दिया.

महंत सीताराम महाराज का चेला धीरेंद्र मिश्रा महंत के हर गलत काम से शुरू से अंत तक साथ रहा. पुलिस ने रेप कांड के मुख्य आरोपी महंत सीताराम दास महाराज के अलावा विनोद पांडेय, संजय त्रिपाठी, अंशुल मिश्रा, तौफीक अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

कथा लिखे जाने तक मोनू मिश्रा व धीरेंद्र मिश्रा फरार थे, जिन्हें पकड़ने के लिए पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश डाल रही थी.

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया.

रीवा की इस घटना ने तथाकथित धर्मगुरु और संत का चोला ओढ़े पाखंडियों की काली करतूत को उजागर कर दिया है और लोगों को सचेत भी किया है कि वे चमत्कारों के चक्कर में अपनी बहनबेटियों की इज्जत को दांव पर न लगाएं.

—कथा मीडिया रिपोर्ट पर आधारित. कथा में मालती परिवर्तित नाम है…

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