दरअसल, हमें यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि ऐसा हमेशा से होता रहा है मानवीय संवेदना जहां मनुष्य की फितरत है वही धोखा देना भी एक ऐसी फितरत है जो हमेशा से रही है. अब सिर्फ एक सवाल है कि हम इससे कैसे बच सकते हैं क्योंकि इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता नहीं है.

हम स्वयं जागरूक होंगे अपना बचाव करेंगे तो अपने कमाए हुए गाड़े धन की रक्षा कर सकते हैं. अगर हम स्वयं आंखें मूंद लेंगे तो धोखाधड़ी का शिकार होने की संभावना बनी रहेगी.

इस आलेख में हम यह प्रयास कर रहे हैं कि आपको कुछ ऐसी टिप्स दें ताकि आप बैंकिंग धोखा घड़ी से बच सके. इसी संदर्भ में आपको यह जानना भी जरूरी है कि हाल मैं बैंकिंग धोखा घड़ी की घटनाएं बढ़ती चली जा रही हैं. जैसे जैसे नियम कायदे कठोर हो रहे हैं प्रचार-प्रसार हो रहा है उसी स्पीड मैं धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते चले जा रहे हैं.

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चालू वित्त वर्ष (2021-22) की पहली छमाही में विभिन्न बैंकिंग कामकाज में धोखाधड़ी के मामले बढ़कर 4,071 हो गए, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह संख्या 3,499 थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बैंकिंग प्रवृत्ति एवं प्रगति के बारे में  जारी रिपोर्ट में बताया गया कि बैंकिंग कामकाज से संबंधित धोखाधड़ी के मामले आश्चर्यजनक रूप से बढ़ गए हैं.

सरकार और अमिताभ बच्चन

इस रिपोर्ट में आपको यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि बैंकिंग धोखा घड़ी को ले करके जहां सरकार भारतीय रिजर्व बैंक अलर्ट है और यह प्रयास लगातार जारी है कि लोगों में जागरूकता फैले.

यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को भी बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाव के लिए हायर  किया हुआ है.

देश और दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले -“कौन बनेगा करोड़पति” कार्यक्रम जिसके होस्ट स्वयं अमिताभ  हैं कार्यक्रम में लगातार  बीच-बीच में  बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाव के लिए लोगों को अपने अंदाज में जानकारियां देते जाते हैं.

मगर इस सब के बावजूद बैंक में रखे हुए धन में सोशल मीडिया के माध्यम से सेंध लगाए जाने का अपराध बदस्तूर जारी है. इसका यही बचाव है कि हम जागरूक हो और अपने बैंकों के दस्तावेजों आदि की जानकारी शेयर नहीं करें और गोपनीय रखें.

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आंकड़े है चौकानेवाले

हालांकि अप्रैल-सितंबर, 2021 के दौरान हुई धोखाधड़ी में शामिल रकम 36,342 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 64,261 करोड़ रुपए थी   चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 35,060

करोड़ रुपए मूल्य के अग्रिम भुगतान से संबंधित धोखाधड़ी के 1,802 मामले दर्ज किए गए. चिंता का सबब यह है कि इसके अलावा 1,532 मामले कार्ड भुगतान एवं इंटरनेट भुगतान से संबंधित थे, जिनकी कुल राशि 60 करोड़ रुपए थी.

पहली छमाही में जमाओं से संबंधित धोखाधड़ी के 208 मामले सामने आए, जिसमें 362 करोड़ रुपए की राशि का हेरफेर किया गया. बैंकिग धोखाधड़ी के

मामले में एक खास बात यह है कि इसमें आधे से भी अधिक हिस्सा निजी क्षेत्र के बैंकों का है लेकिन मूल्य के संदर्भ में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा इस धोखाधड़ी में अधिक रह है.

वहीं  वर्ष 2020-21 में 1,38, 42 करोड़ रुपए मूल्य के कुल 7,363 धोखाधड़ी मामले दर्ज किए गए थे.यह संख्या व 2019-20 में 8,703थी, जिनमें 1,85, 46: करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई थी. इस तरह 2020-21 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले एक साल पहले की तुलना में कम हो गए. रिपो कहती है कि वर्ष 2020-21 में सामने आ कई मामले असल में पहले के थे, लेकिन इस समय उन्हें दर्ज किया गया. इस अवधि में निज बैंकों का अंशदान धोखाधड़ी की मात्रा ए मूल्य दोनों में अधिक रहा. यह रिपोर्ट आंकड़े हमें सूचित करते हैं कि अगर हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो अभी भी बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.

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