ऐसा ही एक वायरस अटैक ऐप कुछ दिनों से स्मार्ट मोबाइल पर बार-बार आकर के आपके सामने प्रस्तुत हो जाता, लोगों को ऐसा महसूस होता कि हमारे बेशकीमती मोबाइल में कोई वायरस अटैक होने वाला है जिसे गूगल ने पकड़ कर हमें यह वायरस अटैक ऐप भेजा है ताकि हम अपने मोबाइल को सेफ कर ले.

ऐसा बारंबार होता है हमारे संवाददाता ने कुछ लोगों से बातचीत करने के पश्चात यह रिपोर्ट तैयार की है जो यह बताती है कि स्मार्ट मोबाइल में कुछ ऐसे ऐप अचानक ही ट्रेंड करने लगते हैं जो सीधे-सीधे आप को भारी क्षति पहुंचा सकते हैं.

सवाल लाख टके का यह भी है कि गूगल जैसी शक्तिशाली आखिर ऐसे ऐप को पहचानऔर उन्हें खत्म करने में इतना समय क्यों लगा देती हैं, जब तक वह लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.

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ऐसा ही एक ऐप लाल कलर में हो सकता है आपके मोबाइल पर भी पिछले कुछ दिनों से बार-बार आता होगा आप जब भी मोबाइल पर आए नहीं की वायरल अटैक का भय दिखा करके आपको यह संकेत देता रहा होगा कि आप तुरंत ही इस ऐप को अपलोड करके अपने मोबाइल को बचा लें.

एक शख्स एचडी महंत के मुताबिक जब बार-बार मेरे स्मार्टफोन पर एक ऐप आने लगा तो मुझे यह महसूस हुआ कि हो सकता है मेरे मोबाइल में कहीं वायरस  प्रवेश कर चुका है और मुझे यह संकेत आ रहा है सो मैंने उस ऐप को जैसे टच किया तो खुलने लगा लेकिन मैंने जैसे ही उसे बंद करने का प्रयास किया तो वह ना तो बंद हो रहा था और नहीं डिलीट.

अंततः मैंने अपने फोन को ही बंद किया तब जाकर के उस ऐप से मेरी रक्षा सुरक्षा हो पाई.

दरअसल, अगरचे आप एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर हैं तो आपको हर हमेशा सावधान रहने की दरकार है.हाल में “गूगल प्ले स्टोर” पर एक ऐसा ऐप मिला है, जो खतरनाक मैलवेयर से ग्रसित था. खास बात यह है कि इस ऐप को Google Play Store पर 5 लाख से ज्यादा डाउनलोड्स मिल चुके थे रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप में जोकर मैलवेयर  पाया गया है. आखिरकार गूगल ने चेतावनी जारी की कि सभी यूजर्स यह ऐप तुरंत डिलीट कर दें नहीं तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है. तब तक जाने कितनी देर हो चुकी थी और कितने ही लोग इस खतरनाक एक के शिकार हो चुके होंगे.

यह जानना भी आवश्यक है!

इसी तरह  लाखों की  संख्या में यूजर्स के लिए खतरा पैदा करने वाले एक ऐप का नाम कलर मैसेज  है.

दरअसल, यह ऐप SMS टेक्सिंग को इमोजी के जरिए ज्यादा मजेदार बनाने का दावा करता था. गूगल प्ले स्टोर पर यह ऐप पहली नजर में  बिल्कुल सेफ लगता है. लेकिन मोबाइल सिक्योरिटी सॉल्यूशंस फर्म Pradeo की टीम ने जांच में पाया कि “कलर मैसेज”  में जोकर मैलवेयर से संक्रमित है और  स्मार्टफोन यूजर्स के लिए खतरनाक है.

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सिक्यॉरिटी फर्म ने इस जोकर मैलवेयर को फ्लीसवियर (Fleecewear) की कैटेगरी में डाल दिया है. इस ऐप का मुख्य शातिर काम यूजर्स की परमिशन के बिना ही उन्हें प्रीमियम सर्विस के लिए सब्सक्राइब करना है.  यह मैलवेयर डिटेक्शन लगभग एक साल पुराना है लाखों लोगों के लिए घातक साबित हुआ है अब 16 दिसंबर के बाद इसे गूगल प्ले स्टोर में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

मगर सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आपको यह समझना होगा अपनी छठी इंद्री हमेशा जागृत रखनी होगी की कौन सा ऐप आपके लिए काम का है और कौन सा आपके लिए घातक.

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