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अगले दिन से ही मानसी ने अपने फ्लैट के सीसीटीवी की जांच कराई. घर में कोई नौकर तो रखा ही नहीं था, लिहाजा मानसी को कुछ पता नहीं चल सका.

एक दिन जब मानसी सब्जी ले कर अपने फ्लैट पर पहुंची, तो दूसरे कमरे में हितेश तेज आवाज में किसी से बहस कर रहा था,

‘‘आप मु झे चुनाव के लिए टिकट इसलिए नहीं देना चाहते कि मेरी पत्नी और मेरी वीडियो क्लिप की खबर मीडिया में चल रही है, पर  यह बात पूरी तरह से सच नहीं है.

‘‘असल में वे सैक्स वीडियो तो मैं ने ही नैतिक के मोबाइल में डाल कर सैक्स साइट पर अपलोड किए थे, क्योंकि मु झे उन दोनों पर शक था और मैं नैतिक और मानसी को अलग करना चाहता था...’’

हितेश के आगे के शब्द तो मानसी के लिए माने नहीं रखते थे, क्योंकि उस के पति की ये बातें उस के कानों में जहर के समान लग रही थीं. मानसी ने तुरंत ही अपने मोबाइल को निकाल कर हितेश की वीडियो रिकौर्डिंग शुरू कर दी, जिस में वह अनजाने में ही अपने जुर्म का इकरार करता हुआ नजर आ रहा था.

अपने मोबाइल के उस वीडियो को मानसी ने पुलिस के सामने सुबूत के तौर पर पेश कर दिया, जिसे आधार मानते हुए पुलिस ने हितेश को गिरफ्तार कर के सख्ती से पूछताछ की.

पहले तो हितेश अनजान बन कर नाटक करता रहा, पर पुलिस की सख्ती के आगे उस ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया, जिस में हितेश ने यह मान लिया कि वह छोटी जाति की मानसी को हमेशा से ही अपने पैर की जूती बना कर रखना चाहता था और उस की जाति का इस्तेमाल अपनी राजनीति में करना चाहता था, ताकि उसे दलित वर्ग उद्धारक के रूप में पहचान मिल सके और अपनी इस दलित और सवर्ण वर्ग की शादी की बातें वह अकसर सोशल मीडिया के द्वारा प्रचारित करवाता था.

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