ठाकुर लाल सिंह लोगों की बातें सुन कर बड़ी गुदगुदी और खी झ का अनुभव करते. आज उन के पास 10-20 लाख की नकदी होती, तो वह गांव वालों की आरजू को जरूर पूरा कर देते.