Social Story in Hindi: एक जवान लड़की का खूबसूरत होना उस के लिए इतना घातक भी हो सकता है... और अगर वह दलित हो, तो कोढ़ में खाज जैसी हालत हो जाती है. आज बेला इस बात को शिद्दत से महसूस कर रही थी. बौस के चैंबर से निकलतेनिकलते उस की आंखें भर गई थीं. भरी आंखों को स्टाफ से चुराती बेला सीधे वाशरूम में गई और फूटफूट कर रोने लगी. जीभर कर रो लेने के बाद वह अपनेआप को काफी हलका महसूस कर रही थी. उस ने अपने चेहरे को धोया और एक नकली मुसकान अपने होंठों पर चिपका कर अपनी सीट पर बैठ गई.
बेला टेबल पर रखी फाइलें उलटनेपलटने लगी, फिर उकता कर कंप्यूटर चालू कर ईमेल चैक करने लगी, मगर दिमाग था कि किसी एक जगह ठहरने का नाम ही नहीं ले रहा था. रहरह कर बौस के साथ कुछ देर पहले हुई बातचीत पर जा कर रुक रहा था.
तभी बेला का मोबाइल फोन बज उठा. देखा तो रमेश का मैसेज था. लिखा था, ‘क्या सोचा है तुम ने... आज रात के लिए?’
बेला तिलमिला उठी. सोचा, ‘हिम्मत कैसे हुई इस की... मुझे इस तरह का वाहियात प्रस्ताव देने की... कैसी नीच सोच है इस की... रसोईघर और पूजाघर में घुसने पर दलित होना आड़े आ जाता है, मगर बिस्तर पर ऐसा कोई नियम लागू नहीं होता...’
मगर यह कोई नई बात तो है नहीं... यह तो सदियों से होता आया है... और बेला के साथ भी बचपन से ही... बिस्तर पर आतेआते मर्दऔरत में सिर्फ एक ही रिश्ता बचता है... और वह है देह का...