झारखंड का एक बड़ा आदिवासी इलाका है अमानीपुर. जिले के नए कलक्टर ने ऐसे सभी मुलाजिमों की लिस्ट बनाई, जो आदिवासी लड़कियां रखे हुए थे. उन सब को मजबूर कर दिया गया कि वे उन से शादी करें और फिर एक बड़े शादी समारोह में उन सब का सामूहिक विवाह करा दिया गया. दरअसल, आदिवासी बहुल इलाकों के इन छोटेछोटे गांवों में यह रिवाज था कि वहां पर कोई भी सरकारी मुलाजिम जाता, तो किसी भी आदिवासी घर से एक लड़की उस की सेवा में लगा दी जाती. वह उस के घर के सारे काम करती और बदले में उसे खानाकपड़ा मिल जाता. बहुत से लोग तो उन में अपनी बेटी या बहन देखते, मगर उन्हीं में से कुछ अपने परिवार से दूर होने के चलते उन लड़कियों का हर तरह से शोषण भी करते थे.

वे आदिवासी लड़कियां मन और तन से उन की सेवा के लिए तैयार रहती थीं, क्योंकि वहां पर ज्यादातर कुंआरे ही रहते थे, जो इन्हें मौजमस्ती का सामान समझते और वापस आ कर शादी कर नई जिंदगी शुरू कर लेते. मगर शायद आधुनिक सोच को उन पर रहम आ गया था, तभी कलक्टर को वहां भेज दिया था. उन सब की जिंदगी मानो संवर गई थी.

मगर यह सब इतना आसान नहीं था. मुखिया और कलक्टर का दबदबा होने के चलते कुछ लोग मान गए, पर कुछ लोग इस के विरोध में भी थे. आखिरकार कुछ लोग शादी के बंधन में बंध गए और लड़कियां दासी जीवन से मुक्त हो कर पत्नी का जीवन जीने लगीं.

मगर 3 साल बाद जब कलक्टर का ट्रांसफर हो गया, तब शुरू हुआ उन लड़कियों की बदहाली का सिलसिला. उन सारे मुलाजिमों ने उन्हें फिर से छोड़ दिया और  शहर जा कर अपनी जाति की लड़कियों से शादी कर ली और वापस उसी गांव में आ कर शान से रहने लगे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...