अपने विधायक चाचा की दबंगई के चलते रोहित और उस के दोस्तों ने कालेज में कोहराम मचा रखा था. लड़कियों को छेड़ना उन का रोज का काम था. फिर कालेज में आई खूबसूरत पूर्णिमा. रोहित उसे पाने के लिए तिकड़म लड़ाने लगा. क्या पूर्णिमा रोहित के जाल में फंस पाई?

आ प के चाचा विधायक हैं, तो क्या आप कुछ भी कर देंगे? कानून को ही ताक पर रख देंगे? किसी लड़की की इज्जत धूल में मिला देंगे? हां, विधायक का भतीजा ऐसा भी कर सकता था, रोहित का तो कम से कम यही मानना था.

उस इलाके में नेताओं और विधायकों की गुंडागर्दी हद पर थी. कालेजों में रैगिंग और छात्राओं के साथ छेड़खानी बहुत ही आम घटनाएं होती थीं. सत्ता से जुड़े नेता लड़कियों की पढ़ाईलिखाई के खिलाफ हैं, क्योंकि उन के मन में तो संस्कृति और संस्कार भरे हैं, जिन की आड़ में कुछ भी किया जा सकता है.

झांसी यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिगरी हासिल करते हुए रोहित ने आधा दर्जन अमीर और बिगड़े हुए लड़कों का झंडाधारी गैंग बना रखा था. लड़कियों के पास से तेज रफ्तार बाइक निकाल कर उन्हें डरा देना, उन के सीने को गंदे तरीके से घूरना, उन पर फब्तियां कसना, उन के साथ फ्लर्ट करना और उन्हें गर्लफ्रैंड बनने के लिए मजबूर करना उस का रोज का काम था.

सीनियर क्लास में आने के बाद तो उन लोगों की बदमाशियां और ज्यादा बढ़ गई थीं. जूनियर लड़कियों को तो जैसे वे लोग अपना स्वादिष्ठ खाना ही सम?ाते थे. प्रोक्टर भी रोहित को सिर्फ चेतावनी दे कर छोड़ देते थे, क्योंकि रोहित के चाचा विधायक थे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...