डाक्टर के केबिन से बाहर निकल कर राहुल सिर पकड़ कर बैठ गया. उस की मम्मी आईं और उस से पूछने लगीं, ‘‘डाक्टर ने ऐसा क्या कह दिया कि तू अपना सिर पकड़ कर बैठ गया?’’
राहुल बोला, ‘‘मम्मी, अलका डाक्टर बन गई है.’’
‘‘कौन अलका?’’ मम्मी ने हैरान हो कर पूछा.
‘‘वही अलका, जिस से दहेज में 5 लाख रुपए न मिलने की वजह से हम फेरों के समय बरात वापस ले आए थे.’’
‘‘पर बेटा, शादी के लिए तो उस ने ही मना किया था,’’ मम्मी बोलीं.
‘‘और क्या करती वह? ताऊजी और पापा ने उस समय उस के पापा को इतना जलील किया था कि उस ने शादी करने से मना कर दिया,’’ राहुल बोला.
‘‘पर बेटा, तू इतना परेशान क्यों हो गया है?’’
‘‘मम्मी, मैं ने तो बस यही कहा था, ‘डाक्टर, हमें तो अलका की हाय खा गई. शादी को 12-13 साल हो गए, पर औलाद का मुंह देखने को तरस गए. हर बार किसी न किसी वजह से पेट गिर जाता है. इस बार खुश थे कि अब हम औलाद का मुंह देख लेंगे, पर यह समस्या आ गई.’
‘‘हमारी डाक्टर ने अलका का नाम लिया और कहा कि अब वे ही कुछ कर सकती हैं.’’
‘‘मम्मी, अलका रिपोर्ट देखतेदेखते बोली, ‘जिस लड़की की बरात फेरों के समय वापस लौट जाए, वह कभी दुआ तो नहीं देगी.’
‘‘फिर उस ने सिर उठा कर मेरी तरफ देखा. उस की शक्ल देख कर मेरी बोलती बंद हो गई.
‘‘आगे और कोई बात होती कि तभी नर्स ने आ कर तैयारी शुरू कर दी. अलका उठ कर चलने लगी, फिर मेरी पीठ को सहलाते हुए बोली, ‘डरो मत, मैं डाक्टर पहले हूं, अलका बाद में.’’’