‘‘सर, पिताजी को शहर जा कर हार्ट स्पैशलिस्ट को दिखाना है,’’ एक मुलाजिम ने अपने बड़े अफसर नारायणदास को अर्जी दे कर कहा.

‘‘ठीक है जाओ,’’ अर्जी पर मंजूरी देते हुए नारायणदास ने कहा.

‘‘थैंक्स सर,’’ उस मुलाजिम ने दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कहा.

‘‘सर, मेरी यह भविष्य निधि से पैसा निकालने की अर्जी है. बेटी का पहला बच्चा हुआ है,’’ चपरासी रामावतार ने नारायणदास से कहा.

‘‘कितने पैसे चाहिए?’’ नारायणदास ने रामावतार के भविष्य निधि अकाउंट में बैलेंस देखते हुए पूछा.

‘‘10,000 रुपए.’’

‘‘ठीक है, मैं पैसे वापस भरने की शर्त पर मंजूर करता हूं. मैं कैशियर से कह देता हूं, तुम्हें अगले हफ्ते पैसे मिल जाएंगे. हां, बेटी का प्रसूति प्रमाणपत्र दफ्तर में जमा करा देना,’’ नारायणदास ने अर्जी पर दस्तखत करते हुए कहा.

जिला कक्षा के अफसर नारायणदास के पास कोई भी मुलाजिम अपना काम ले कर आता तो वे कर देते या फिर भरोसा देते कि वे कोशिश करेंगे. सारे मुलाजिम उन के काम और बरताव से बहुत ही खुश थे और उन्हें गर्व होता था कि उन के ऐसे अफसर हैं. इस वजह से वे उन्हें दिल से मान देते थे.

पर इन्हीं नारायणदास को किसी ने एक साल पहले देखा होता तो किसी को भी यकीन नहीं होता कि कोई इनसान इस उम्र में भी इतना बदल सकता है.

नारायणदास के इस बदलाव की वजह सिर्फ 2 ही लोग जानते हैं. एक खुद नारायणदास और दूसरे उन के रिटायर्ड दोस्त मोहन राणा.

तकरीबन एक साल पहले की बात है. रिटायर्ड अफसर मोहन राणा अपने बेटे की शादी का कार्ड देने नारायणदास के औफिस आए थे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...