कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सब ने डिनर किया. उस के बाद जिस का जहां मन किया, सोने के लिए लेट गया. रेखा, रीता, सुमन दूसरे कमरे में जा कर सो गई थीं. इस फार्महाउस में 3 रूम थे. तीसरा रूम इस समय खाली था. शिवानी को कोई होश नहीं था. वह बिलकुल बेसुध थी. रात को 3 बजे संजय ने सब पर एक नजर डाली. सब गहरी नींद में सोए थे. संजय चुपचाप उठ कर सीधा शिवानी के रूम में गया. उस ने शिवानी पर कामुक नजरें डाली. शिवानी को वह पहले से ही पसंद करता था.

आज उस ने शिवानी के ड्रिंक्स में नशीला पदार्थ मिला दिया था. यह सब प्रोग्राम उस ने सोचसमझ कर बनाया था. दरवाजा अंदर से बंद कर के वह शिवानी की तरफ बढ़ गया.

शिवानी ने बेहोशी में ही हाथपांव मारे, अपने को बचाने की कोशिश भी की, लेकिन नशे के असर से उस की आंख ही नहीं खुल रही थी. हाथपांव भी निर्जीव ही लग रहे थे.

संजय अपने इरादे में सफल हो चुका था. शिवानी के साथ जबरदस्ती संबंध बना कर वह अपनी योजना के सफल होने पर मुसकराता हुआ कपड़े पहन कर रूम से निकल कर बाकी दोस्तों के बीच जा कर सो गया.

सुबह सब से पहले नशे का असर खत्म होते ही शिवानी की ही आंखें खुलीं.

जरा होश आया तो महसूस हुआ कि उस के साथ बीती रात क्याक्या हुआ है. वह कांप उठी. गुस्से के कारण उस का मन हुआ अभी जा कर बलात्कारी को जान से मार दे. आवेश में वह बिस्तर से उठी और कांपते कदमों से सिर पकड़ कर ड्राइंगरूम में जाते ही चौंक गई.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...